Love Crime : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की रहने वाली निशा सोनी चंडीगढ़ में रह कर एयर होस्टेस का कोर्स कर रही थी, उसी दौरान पंजाब पुलिस के कांस्टेबल युवराज से उसे प्यार हो गया. युवराज का यही प्यार इतना खूंखार हो गया कि…
युवराज सिंह उस दिन घर पर आया तो उस ने एक रेस्टोरेंट से खाना पैक करा लिया और जब वह घर पर पहुंचा तो उस ने सब से पहले घर का दरवाजा भीतर से बंद कर लिया फिर तसल्ली से अपने साथ में लाई व्हिस्की की बोतल खोल ली. वह पैग पीता रहा साथ में स्नैक्स के रूप में मछली के पकोड़े खाता रहा. जब उस ने देखा कि बोतल की व्हिस्की लगभग खाली हो चुकी थी तो उस ने फिर खाना खाने का विचार भी छोड़ दिया. बाथरूम में जा कर उस ने अपने हाथपैर धोए और सीधे बिस्तर में घुस गया. उस ने रजाई अपने चारों ओर लपेट ली. उसे कब नींद आई, उसे पता ही नहीं चला.
तभी अचानक रात को लगभग एक बजे युवराज की नींद टूट गई, उस ने एक बड़ा ही अजीब सपना देखा था, जिस से वह पसीनापसीना हो गया था. उस ने सपने में देखा था कि उस का घर पूरी तरह से टूट कर विखर चुका था. उस की पत्नी रेखा उसे बुरी तरह से गालियां दे रही थी और सभी लोगों के सामने उसे जलील कर रही थी.
सपने में युवराज ने साफसाफ देखा था कि इन सब का कारण उस की प्रेमिका निशा सोनी थी, जिस ने उस की पत्नी रेखा को सारा सच बता दिया था. उस ने रेखा को यह बता दिया था कि युवराज ने उस से प्रेम संबंध बनाए. अपने को अविवाहित बता कर उस का यौनशोषण करने के साथसाथ उसे ब्लैकमेकिंग की धमकी भी दी. यह सपना देखने के बाद युवराज का व्हिस्की का सारा नशा काफूर हो चुका था. वह सोचने लगा कि यदि मेरा यह सपना सच हो गया तो बीवी तो मुझे लात मारेगी ही, जब उस के पुलिस महकमे में यह बात फैलेगी तो वह अपनी नौकरी से तो हाथ धोएगा, साथ ही साथ किसी को भी मुंह दिखाने लायक भी नहीं रहेगा.
पंजाब पुलिस के कांस्टेबल युवराज सिंह का दिमाग अब एक नई प्लानिंग बनाने लगा था. वह कई दिनों से अपनी प्रेमिका निशा सोनी को फोन लगा रहा था, मगर वह उस का फोन रिसीव ही नहीं कर रही थी. युवराज ने अब अपनी प्रेमिका निशा सोनी को अपने रास्ते से हटाने की प्लानिंग बना ली थी. बस वह केवल निशा द्वारा उस की काल रिसीव करने के इंतजार में था कि वह कब उस का फोन उठाए और फिर वह उस को कैसे अपने राह में आए कांटे की तरह निकाल फेंके.
युवराज सिंह की तैनाती उस समय मोहाली की काउंटर इंटेलीजेंस (सीआई विंग) में थी. वह रोज शाम के समय अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद अपने गांव मानपुर फतेहगढ़ साहिब में अपनी क्रेटा कार से चला जाया करता था और सुबह वहां से अपनी कार से ही नियत समय पर अपनी ड्यूटी पहुंच जाता था.
उस दिन सोमवार था और तारीख थी 20 जनवरी, 2025. उस दिन 7 बजे शाम को युवराज मोहाली से अपनी ड्यूटी खत्म कर के वापस अपनी कार नंबर पीबी-23जेड 0086 में बैठ कर अपने घर फतेहगढ़ साहिब की ओर जा रहा था. कुछ दूर गाड़ी चलाने के बाद उस ने अपनी प्रेमिका निशा को फोन किया तो उस ने फोन रिसीव कर लिया. वह उस से बोला, ”क्या बात है जानेमन, आजकल तो तुम ने मेरा फोन उठाना ही बंद कर दिया है? क्या गलती हो गई हम से?’’
”देखो युवराज, अब मैं तुम से न तो कभी मिलना चाहती हूं और न ही अब बात करना चाहती हूं, क्योंकि तुम बड़े धोखेबाज हो.’’ निशा ने गुस्से से कहा.
”देखो निशा, मैं तुम से बस एक बार यानी कि आखिरी बार मिलना चाहता हूं. तुम अभी कहां पर हो?’’ युवराज ने पूछा.
”मैं अपनी बहन के साथ अपने घर जोगिंदर नगर से अपने पीजी जा रही हूं. अभी मैं रास्ते में हूं. वैसे मैं अब कभी नहीं मिलना चाहती, तुम फोन रखो,’’ निशा ने साफसाफ कह दिया.
”यह बात अच्छी तरह से समझ लो निशा सोनी कि तुम्हारी वह सीडी मैं ने अभी तक संभाल कर रखी हुई है. यदि तुम मुझ से नहीं मिली तो मैं सीडी तो वायरल करूंगा ही, तुम को भी जान से मार दूंगा.’’ युवराज ने पुलिस वाली धमकी देते हुए कहा.
युवराज का यह पैंतरा तुरंत काम कर गया था. निशा तुरंत बोली, ”ठीक है युवराज, मैं तुम से जरूर मिलूंगी और वह भी आखिरी बार तुम आ जाना.’’
”ठीक है, तुम घर पहुंचो, मैं भी अभी तुम्हारे घर पर आ रहा हूं.’’ कहते हुए युवराज ने काल डिसकनेक्ट कर दी. निशा अपनी बड़ी बहन रितु सोनी के साथ शाम को लगभग साढ़े 7 बजे अपने घर खरड़ पहुंच गई. घर पहुंचते ही दोनों बहनें घर के लाए हुए सामान को व्यवस्थित करने में जुट गईं. तभी रात को लगभग साढ़े 8 बजे युवराज ने एक बार फिर निशा को फोन कर दिया. काल रिसीव करते ही निशा बोली, ”हां बोलो, अब क्या काम है? मैं ने कहा था न कि एक बार तुम से मिल लूंगी. अब इस समय क्यों फोन किया तुम ने?’’
”जानेमन, तुम्हारे ही घर के नीचे खड़ा तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं. बस, अब नीचे आ जाओ. आखिरी बार तुम से बात करनी है.’’ युवराज ने कहा.
”दीदी, मैं जरा बाहर जा रही हूं, नीचे युवराज आया है. बस आधे घंटे में वापस आ जाऊंगी.’’ निशा ने अपनी बड़ी बहन रितू से कहा और अपना मोबाइल ले कर घर से निकल गई.
निशा जब अपने फ्लैट से बाहर आई तो युवराज अपनी सफेद रंग की क्रेटा कार में उस का ही इंतजार कर रहा था. निशा गाड़ी में बैठ गई तो युवराज गाड़ी को काफी दूर रोपड़ के पास पथरेड़ी जट्टा गांव के पास तक ले आया. तब तक काफी समय भी हो चुका था. सड़क के किनारे भाखड़ा नहर भी बह रही थी. यह युवराज सिंह का अपनी ओर से पहले से ही सोचासमझा एक प्लान था. लेकिन इतनी रात की इतनी दूर युवराज गाड़ी को क्यों ले कर आया है, यह बात निशा की समझ में नहीं आ पा रही थी.
”युवराज, तुम मुझ से आखिरी बार मिलना चाहते थे. मैं ने तुम्हारी ये ख्वाहिश भी पूरी कर दी. लेकिन इतनी दूर सुनसान जगह पर मुझे ले कर आने का मकसद मैं समझ नहीं पा रही हूं.’’ निशा ने आखिरकार पूछ ही डाला.
”माई स्वीट हार्ट, अब आज का आखिरी मिलन तो हमारा ग्रैंड होना चाहिए न!’’ युवराज ने गाड़ी रोक दी और निशा को अपने गले से लगा लिया था.
”छोड़ोछोड़ो मुझे तुम. मुझे तुम से अब बहुत नफरत हो चुकी थी. तुम ने एक बार मिलने को कहा तो मैं आ गई. अब मुझे मेरा वीडियो जो तुम्हारे पास है, वह दे दो. आज के बाद मैं अब तुम्हारी सूरत भी नहीं देखना चाहती,’’ निशा ने अपने आप को युवराज की बांहों से छुड़ाते हुए नफरत भरे स्वर में कहा.
”अच्छा तो अब तुम इतनी बदतमीजी पर भी उतर आई हो. कभी तो मुझ से इतना प्यार करती थी, अब इतनी नफरत क्यों?’’ युवराज बोला.
”युवराज, अपने गिरेबान में झांक कर देखो तुम पहले, फिर मुझ पर इलजाम लगाओ. तुम पहले से ही शादीशुदा थे, तुम्हारी उम्र 33 साल है. तुम ने मुझ से खुद को कुंवारा बताया था और अपनी उम्र 27 साल बताई थी. कुछ तो शरम करो, तुम एक बच्चे के पिता भी हो. अब जल्दी से मुझे मेरी वीडियो दे दो और मुझे मेरे घर पर छोड़ दो, वरना इस का अंजाम काफी बुरा होगा.’’ निशा ने बिफरते हुए कहा.
”अच्छा, एक बात बताओ, अगर मैं तुम्हें वीडियो नहीं दूंगा तो तुम मेरा क्या बिगाड़ लोगी? जाओ, मैं नहीं देता तुम्हें वीडियो.’’ युवराज बोला.
”युवराज, अब मैं क्या करूंगी, यह तुम अच्छी तरह से सुन लो. फरवरी में तुम्हारी बीवी रेखा तुम्हारे बेटे के साथ आस्ट्रेलिया से वापस इंडिया आ रही है न! मैं उस के पास जाऊंगी और उस को तुम्हारी सारी करतूत बताऊंगी कि कैसे तुम ने मुझे फंसाया था, यह कह कर कि मैं कुंवारा हूं, 27 साल का हूं. मैं तुम से जल्द शादी कर के तुम्हें अपनी दुलहन बनाऊंगा. फिर हम दोनों सुखचैन की जिंदगी बिताएंगे. तुम्हारी एकएक करतूत तुम्हारी बीवी को बताऊंगी. तुम ने मेरी जिंदगी बरबाद की है. अब तुम्हारी जिंदगी को नरक न बना दूं तो कहना.’’ निशा ने बिफरते हुए कहा.
यह सुनते ही युवराज सिंह के तनबदन में जैसे आग लग गई थी. उस ने पहले तो कई मुक्के सीधे उस के चेहरे पर जड़ दिए. उस के बाद लातघूंसों से उस की बेदर्दी से पिटाई करने लगा. निशा अपनी जान की भीख मांगती रह गई. रोती रही, गिड़गिड़ाती रही, परंतु फिर भी युवराज का दिल नहीं पसीजा. वह उस को लगातार घूसों और लातों से मारता रहा.
कानून का रखवाला ही कर बैठा क्राइम
थोड़ी देर के बाद जब निशा ने कोई हरकत नहीं की तो युवराज ने उस की नाक के आगे हाथ लगाया तो उस की सांस बंद थी. धड़कन भी बंद हो चुकी थी. युवराज के चेहरे पर अब विजयी मुसकान थी. उस की योजना कामयाब हो चुकी थी. उस ने निशा के गहने और उस का मोबाइल फोन निकाल लिया. तब तक चारों तरफ अंधेरा घिर आया था. उस सुनसान इलाके में दूरदूर तक पङ्क्षरदा भी नजर नहीं आ रहा था. उस ने निशा की डैडबौडी को अपने दोनों हाथों से उठाया और वह भाखड़ा नहर में फेंक दी. उस के बाद उस ने अपने मोबाइल फोन से पुलिस कंट्रोल रूम के 112 नंबर पर फोन कर दिया.
दूसरी ओर पुलिस के एक हैडकांस्टेबल ने फोन उठाया तो युवराज ने उसे बताया, ”मेरा नाम युवराज सिंह है. मैं पंजाब पुलिस में कांस्टेबल हूं और मोहाली की काउंटर इंटेलीजेंस की टीम में तैनात हूं. मैं अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद अपने घर फतेहगढ़ साहिब अपनी कार से जा रहा था तो मैं ने एक युवती को नहर में छलांग लगाते देखा.
”मैं ने उसे रोकने और बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन मैं अकेला होने के कारण उसे बचा नहीं पा रहा हूं. आप तुरंत पुलिस टीम को भेज कर उस युवती की जान बचा लीजिए. मैं अभी यहां मौके पर ही हूं.’’
कुछ देर में ही पुलिस की टीम वहां पहुंच गई. पुलिस टीम ने गोताखोर की टीम को भी घटनास्थल पर बुलवा लिया.
पुलिस के बुलावे पर थोड़ी देर में भोले शंकर डाइवर्स क्लब (गोताखोरों) की टीम भी वहां पर पहुंच गई. गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद नेहा की लाश को भाखड़ा नहर से बाहर निकाला. कांस्टेबल अपनी योजना में कामयाब हो कर चुपचाप अपनी गाड़ी स्टार्ट कर वहां से फतेहगढ़ साहिब की ओर निकल चुका था. सिंह भगवंतपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंसपेक्टर सुनील ने लाश का पंचनामा बनाया और मृतका की डैडबौडी पटियाला के राजिंद्र अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी. पुलिस ने आसपास में लाश की फोटो से मृतका की शिनाख्त कराई, लेकिन उस की शिनाख्त नहीं हो पाई.
तब पुलिस ने लाश की फोटो आसपास के जिलों के थानों में पहचान के लिए भिजवा दी. इस वीभत्स खबर को सुन कर रोपड़ जिले के सभी पुलिस अधिकारी सजग व सचेत हो उठे थे. सभी पुलिस अधिकारियों को यह मामला हत्या का दिखाई दे रहा था. युवराज सिंह और निशा सोनी की मुलाकात केवल 5 महीने पहले ही शुरू हुई थी. उस रोज युवराज सुबहसुबह अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए अपने घर फतेहगढ़ साहिब अपनी कार से निकला था. वह जब चंडीगढ़ के पास पहुंचा, तभी उस ने देखा कि सड़क के किनारे एक सुंदर सी युवती उसे कार रोकने के लिए हाथ से इशारा कर रही थी.
युवराज कार रोकना तो नहीं चाहता था, लेकिन वह उस की सुंदरता से पहली ही नजर में प्रभावित हो गया था, इसलिए उस ने उस के इशारे पर अपनी कार रोक दी थी, ”जी कहिए मैडमजी, क्या काम है?’’ युवराज ने कार का शीशा खोलते हुए पूछा.
”जी, मुझे सेक्टर- 34 चंडीगढ़ में अर्जेंट जाना था. आज मुझे यहां पर आने में थोड़ी देर गई, जिस से मेरी बस छूट गई. वैसे वहां तक पहुंचाने के कितने रुपए लेंगे आप?’’ युवती ने पूछा.
”अच्छा तो मैं आप को कोई प्राइवेट टैक्सी वाला दिखाई दे रहा हूं क्या? कम से कम गाड़ी की नंबर प्लेट देख कर तो बात कीजिए.’’ युवराज ने गुस्सा होते हुए कहा.
”अरे सर, आप तो लगता है कि बुरा मान गए. वैसे मेरा इरादा आप का दिल दुखाना बिलकुल भी नहीं था. मैं ने तो जल्दबाजी में गाड़ी का नंबर भी नहीं देखा और आप को टैक्सीवाला समझने की भूल कर दी. अपनी इस खता के लिए मैं आप से सौरी कहती हूं.’’ युवती ने अपने दोनों हाथ जोड़ते हुए कहा.
”देखिए मैडमजी, आप जो भी हैं, मैं न तो आप का नामपता और न ही मैं आप के बारे में जानता हूं, मुझे आप का यूं हाथ जोडऩा बिलकुल भी ठीक नहीं लग रहा है. अब आप बेफिक्र हो कर मेरी गाड़ी में बैठ सकती हैं.’’ युवराज ने गाड़ी से बाहर निकलते हुए कहा.
”जी, आप की दरियादिली के लिए बहुतबहुत शुक्रिया. लेकिन सर, आजकल किसी पर भी इतनी जल्दी विश्वास कर लेना ठीक नहीं होता. आप मुझे अपना समझ कर जब जबरदस्ती कर ही रहे हैं तो आप यदि मुझे अपना परिचय बता दें तो मैं भी निश्चिंत हो कर आप की गाड़ी में बैठ सकती हूं. देखिए, आप इस बात का तो बिलकुल भी बुरा न मानिएगा.’’ युवती ने सहज भाव से कहा.
”आप की यह बात मुझे सच में बहुत अच्छी लगी है. आजकल के जमाने में ऐसा होना भी चाहिए. किसी भी अजनबी पर एकदम से विश्वास कर लेना ठीक नहीं होता. वैसे मैं आप को बता दूं कि मैं पंजाब पुलिस में नौकरी करता हूं, मेरा घर फतेहगढ़ साहिब में है और मैं आजकल मोहाली में पोस्टेड हूं. यदि आप को फिर भी मुझ पर विश्वास नहीं हो पा रहा है तो मैं अपना आइडेंटिटी कार्ड भी दिखा सकता हूं.’’ युवराज ने अपनी जेब से अपना आडेंटिटी कार्ड निकालते हुए कहा.
”अरे सर, आप ये कैसी बात कर रहे हैं. आप ने कहा और मुझे पक्का यहीन भी हो गया.’’ युवती ने कार का गेट खोलते हुए कहा.
”अरे मैडम, गाड़ी में आप और मैं 2 ही तो लोग हैं. आप आइए मेरे साथ बैठिए, बातचीत भी होती रहेगी.’’ युवराज ने गाड़ी का आगे का गेट खोलते हुए कहा. गाड़ी आगे बढ़ी तो दोनों में परिचय की शुरुआत होने लगी थी. युवराज ने कहा, ”मैं ने तो आप को अपना परिचय दे दिया, लेकिन आप ने मुझे अपने बारे में नहीं बताया. क्या मैं आप के बारे में जान सकता हूं?’’
”जी, क्यों नहीं! आप पूछें और मैं न बताऊं. मेरा नाम निशा सोनी है. मैं तहसील जोगिंदर नगर जिला मंडी हिमाचल की रहने वाली हूं. मैं ने चंडीगढ़ के एसडी कालेज से बीएससी की पढ़ाई की है और अभी मैं चंडीगढ़ सेक्टर 34 में फ्रैंकफिन इंस्टीट्यूट से एयर होस्टेस का कोर्स कर रही हूं,’’ निशा ने अपना परिचय देते हुए कहा.
”बहुत दिलचस्प बातें करती हैं आप. आप का करिअर भी बहुत उज्जवल दिखाई दे रहा है. आप के परिवार में और कौनकौन हैं? युवराज ने पूछा.
”सर, मेरे घर में हम 3 बहनें हैं. 2 बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है. मैं घर में सब से छोटी हूं. मेरी उम्र अभी 22 वर्ष है.’’ निशा ने कहा.
”निशाजी, पहले तो आप मुझे सर कहना छोड़ दीजिए, आप मुझे युवराज कह सकती हैं. शादी के बारे में आप की क्या सोच है? फेमिली वाले तो अब आप की शादी के लिए लड़का भी ढूंढ रहे होंगे.’’ युवराज ने कहा.
”जी, कोई केअर करने वाला मिल गया तो सोचेंगे. वैसे मैं ने अपने फेमिली वालों से कह दिया है कि मेरी शादी के बारे में अभी से चिंता करने की जरूरत नहीं है. पहले एयर होस्टेस बनना है, बाद में शादी के बारे में सोचेंगे. युवराजजी, आप भी बताइए अपने बारे में, आप की शादी हुई या नहीं ?’’ निशा ने पूछा.
”अरे निशाजी, अपनी तकदीर में तो अभी तक कोई अच्छी लड़की मिली ही नहीं. वैसे मेरी उम्र 27 साल हो चुकी है और फेमिली वाले और मैं बेसब्री से तलाश में लगे हैं.’’ युवराज ने कहा.
”युवराजजी, आप की बातें भी आप की तरह जिंदादिल लगती हैं,’’ निशा उस की तारीफ करते हुए बोली.
तभी युवराज ने कार में ब्रेक लगाया तो वह झटके में रुक गई, ”निशाजी, देखिए आप की मंजिल आ गई.’’ युवराज बोला.
”युवराजजी, इतनी जल्दी फ्रैंकफिन इंस्टीट्यूट आ भी गया. आप की बातें तो इतनी दिलचस्प थीं कि इतने लंबे रास्ते का पता ही नहीं चला.’’ निशा कार से उतरते हुए बोली.
”निशाजी, आप भी मुझे अच्छी लगीं, अच्छा अब कम से कम अपना मोबाइल नंबर तो दे दीजिए.’’ युवराज ने कहा तो निशा ने युवराज का फोन नंबर पूछ कर उसे मिसकाल कर दी. दोनों ने एकदूसरे का मोबाइल नंबर सेव कर लिया. उस के बाद युवराज वहां से अपनी ड्यूटी पर चला गया.
उस समय युवराज वहां से चला तो गया पर निशा का रूपयौवन उस पर काफी प्रभाव जमा चुका था. दूसरी तरफ निशा भी युवराज से एक ही मुलाकात में काफी प्रभावित हो चुकी थी. उस के बाद दोनों के बीच बातचीत होने लगी. वाट्सऐप पर भी वे दोनों एकदूसरे से अपने दिल की बातें साझा करने लगे.
एक दिन युवराज उसे घुमाने एक गार्डन में ले गया और उस दिन युवराज ने उस से कह ही दिया, ”निशा, मैं तुम्हें दिलोजान से चाहने लगा हूं. देखो, हमारी मुलाकात हुए पूरे 10 दिन हो चुके हैं. इन 10 रातों में मैं ने केवल करवटें बदलेते हुए अपनी रातें गुजारी हैं. इस से पहले कि मैं तुम्हारी याद में, चाह में घुटघुट कर अपनी जान दे डालूं, इस से पहले तुम मेरा प्रणय निवेदन स्वीकार कर लो न प्लीज.’’ युवराज ने घुटने के बल झुकते हुए निशा से अपने प्रेम का इजहार कर डाला.
”युवराजजी, मेरे दिल में भी उसी तरह से आप के लिए प्यार उमड़ रहा है. मेरी भी यही फीलिंग है. मैं भी अब तुम्हारे बिना अधूरी हूं.’’ यह कहते हुए निशा ने युवराज का हाथ पकड़ कर ऊपर उठाया और उस की छाती से लग गई.
प्रेमिका को किस बात से लगा शौक
उस के बाद उन दोनों का प्रेम परवान चढ़ता चला गया. कब वे दोनों एकदूसरे के जिस्म में भी समाते चल गए, उन्हें पता ही नहीं चला. इस बीच अपने और निशा के अंतरंग क्षणों के वीडियो भी युवराज ने अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिए थे. एक बार युवराज ने 2 दिनों की छुट्टी ली और निशा के साथ एक पिकनिक स्पौट पर चला गया. वहां पर वे दोनों एक होटल में रुके, रात भर युवराज निशा के साथ मौजमस्ती करता रहा. सुबह निशा नहाधो कर तैयार हो कर कमरे में आ गई तो युवराज नहाने के लिए चल दिया. तभी युवराज का मोबाइल बजने लगा.
”आप कौन बोल रहे हैं?’’ निशा ने युवराज का फोन उठाते हुए पूछा.
”मैं आस्ट्रेलिया से रेखा बोल रही हूं. आप मोहाली थाने से बोल रही हैं न. प्लीज मेरी युवराज से बात करा दीजिए,’’ दूसरी ओर से एक युवती ने कहा.
”जी, आप युवराजजी की कोई रिश्तेदार हैं क्या?’’ निशा ने पूछा.
”अरे मैडम, आप पुलिस वाले भी वहुत जांचपड़ताल करते हैं. मैं तो हफ्ते में 2-3 बार युवराज से बात कर लेती हूं. इस बार ज्यादा व्यस्त हो गई तो 10 दिनों बाद फोन कर रही हूं. वैसे मैं युवराज सिंह की पत्नी रेखा बोल रही हूं. आप युवराज से जल्दी बात करा दीजिए.’’ रेखा ने कहा तो निशा के तो होश ही उड़ गए थे.
”जी रेखाजी, युवराजजी तो एकाएक एक विशेष ड्यूटी में यहां एकदम बाहर निकल गए. एक गोपनीय औपरेशन था. अपना फोन शायद वह जल्दबाजी में यहां पर भूल गए थे. जब फोन बजा तो मैं ने फोन उठा लिया. वैसे रेखाजी, आप के कितने बच्चे हैं?’’ निशा ने पूछा.
”जी, हमारा एक बेटा है. मैं यहां आस्ट्रेलिया में जौब करती हूं. मगर अब मैं यहां से इस्तीफा दे कर अपने बेटे के साथ हमेशा के लिए इंडिया आ रही हूं. वहां पर आ कर अपना कोई बिजनैस करूंगी. देखिए, मैं अभी अपने औफिस में हूं. मेरे पति युवराज आएं तो उन को जरूर बता दीजिएगा कि मेरा फोन आया था, वह मुझ से जरूर बात कर लें. अच्छा, अब मैं फोन रखती हूं.’’ यह कहते हुए रेखा ने काल डिसकनेक्ट कर दी.
यह सुन कर तो निशा के तनबदन में आग सी ही लग गई थी और उस ने तुरंत अपना सामान समेटा और जब युवराज बाथरूम से बाहर आया तो निशा उस पर बुरी तरह से भड़क गई थी.
”युवराज, मुझे तुम से ऐसी उम्मीद बिलकुल भी नहीं थी. तुम 33 साल के हो, तुम्हारी बीवी है, एक बेटा भी है. यह बात मुझ से छिपा कर तुम ने मुझे धोखा दिया. मेरे जज्बातों से खेला. मुझ से अब मिलने व बात करने की तुम कोशिश भी मत करना. मैं जा रही हूं.’’ यह कहते हुए निशा कमरे से निकल गई थी. उस के बाद से निशा ने युवराज से बात करना भी छोड़ दिया था.
निशा की बड़ी बहन रितु ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट
उधर जब 20 जनवरी की रात तक निशा सोनी घर नहीं लौटी तो उस की बड़ी बहन रितु परेशान हो कर रात भर अपने पति हितेश हंस के साथ उसे तलाश करती रही, परंतु निशा का फोन स्विच्ड औफ आ रहा था. उस के बाद सुबह 21 जनवरी को रितु ने अपने पति के साथ रोपड़ जिले के सिंह भगवंतपुर थाने पहुंच कर निशा सोनी की गुमशुदगी की सूचना दर्ज करा दी. निशा ने पुलिस को बताया कि वह अपने बौयफ्रेंड युवराज सिंह के साथ उस की कार में बैठ कर गई थी. उस के बाद वह नहीं लौटी. अब भी निशा का फोन स्विच्ड औफ आ रहा था. थाना सिंह भगवंतपुर पुलिस ने 20 जनवरी, 2025 को एक अज्ञात युवती की लाश भाखड़ा नहर से बरामद की थी.
उन्होंने उस लाश के फोटो रितु को दिखाए तो फोटो देखते ही वह चीख पड़ी और रोते हुए बोली, ”सर, यह लाश तो मेरी बहन निशा की है. उस की यह हालत किस ने की है?’’
लाश की शिनाख्त हो जाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली. फिर अगले दिन 22 जनवरी, 2025 की सुबह निशा सोनी के फेमिली वालों ने पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में जा कर शव की पहचान कर ली.
ऐसे पकड़ा गया कांस्टेबल युवराज सिंह
सिंह भगवंतपुर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद मृतका निशा सोनी का शव उस के फेमिली वालों को सौंप दिया. फेमिली वालों ने जोगिंदर नगर श्मशान घाट में निशा का अंतिम संस्कार कर दिया. अब पुलिस का अगला काम हत्यारे तक पहुंचना था. पुलिस ने जब 20 जनवरी, 2025 की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो उस में निशा युवराज के साथ जाते हुए दिखाई दी. पुलिस ने तेजी से काररवाई करते हुए आरोपी युवराज सिंह को 22 फरवरी, 2025 को बीएनएस की धारा 103बी के तहत गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उस ने निशा सोनी की हत्या की पूरी कहानी बयां कर दी.
मृतका निशा सोनी के पिता हंसराज सोनी ने मीडिया और पुलिस को बताया कि उन की बेटी निशा के दांत भी अंदर की ओर पिचके हुए थे. आरोपी कांस्टेबल युवराज सिंह ने उस के सभी गहने और मोबाइल फोन भी निकाल लिया था और मेरी बेटी की नृशंस हत्या करने के बाद उसे नहर में फेंक दिया. हंसराज सोनी ने हत्या आरोपी कांस्टेबल युवराज सिंह के खिलाफ फांसी की मांग की.
उस के बाद मृतका के परिजनों ने जोगिंदर नगर पहुंच कर प्रदेश सरकार और एसपी (मंडी), हिमाचल प्रदेश से बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग भी उठाई तो यह मर्डर केस सिंह भगवंतपुर थाने से हिमाचल प्रदेश के जोगिंदरनगर थाने में ट्रांसफर कर दिया गया. 22 वर्षीय ट्रेनी एयर होस्टेस निशा सोनी की हत्या की यह घटना अत्यंत दुखद व समाज को झकझोरने वाली है. इस घटना ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा और रिश्तों में विश्वास पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
यह मामला सिर्फ एक इंसान की जान के नुकसान का नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि हमारे समाज में अब किस प्रकार की मानसिकता पनपती जा रही है, जो प्रेम और विश्वास का गला घोंट कर हिंसा और अपराध को जन्म देती जा रही है. इस मामले में सब से चिंताजनक बात यह है कि आरोपी एक पुलिसकर्मी था, जिस का फर्ज लोगों और समाज की सुरक्षा करना है. लेकिन उसी ने अपने पद व वरदी का गलत इस्तेमाल करते हुए इस जघन्य वारदात को अंजाम दे डाला. इस से यह भी स्पष्ट होता है कि महिलाओं के प्रति हिंसा सिर्फ किसी विशेष वर्ग या समुदाय तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक समस्या बनती जा रही है.
यह घटना केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा, न्याय व्यवस्था और पुलिस की जिम्मेदारी पर बड़े सवाल पैदा करती है. निशा सोनी एक महत्त्वाकांक्षी युवती थी. मात्र 10 दिनों के बाद ही एयर होस्टेस बनने का सपना देख रही थी. उस मासूम युवती की इस तरह से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत न केवल उस के परिवार को गहरे दुख में डालती है, बल्कि हमारे पूरे समाज को भी आत्ममंथन के लिए मजबूर करती है.
(कथा में रेखा परिवर्तित नाम है)