UP News : आस्था से लबालब भरी भारी तादाद में औरतें और लड़कियों ने महाकुंभ में डुबकी लगाई, तब उन्हें इस बात का जरा भी एहसास नहीं था कि स्नान करते और कपड़े बदलते वक्त उन की अधखुली देह पर छिपे अनगिनत कैमरों की शातिर निगाहें टिकी हुई हैं. इन में उन के जानपहचान और नातेरिश्तेदारों से ले कर अनजान तक मोबाइल से वीडियो बना रहे थे. फिर ‘आस्था में अश्लीलताÓ न केवल वायरल हुई, बल्कि इसे इंटरनेट मीडिया में एक बाजार भी मिल गया.
मध्य प्रदेश में उज्जैन के निलेश (काल्पनिक नाम) को अचानक फेसबुक चलाते वक्त एक रील में उन की पत्नी और बहन दिख गई. पत्नी गीले कपड़ों में डुबकी लगा रही थी, जबकि बहन भी पूरी तरह भीगे कपड़ों में थरथर कांपती हुई अपने शरीर को ढंकने की कोशिश कर रही थी. अगली रील में दोनों कपड़े बदल रही थीं. इस दौरान उन के अंगों की आंशिक झलक दिख गई थी.
निलेश इस वीडियो को देख कर भौचक रह गए. वह समझ नहीं पाए कि उन की वीडियो किस ने बनाई? …और वह फेसबुक के रील्स में कैसे आ गई? जबकि वह महाकुंभ में गए ही नहीं थे. उन की पत्नी और बहन, मां के साथ महाकुंभ स्नान को गई थीं. इस बारे में और अधिक पता लगाने से पहले निलेश ने रील्स के साथ हैशटैग लगे शब्दों को क्लिक कर दिया, जो #mahakumbh2025, #gangasnan, #prayagrajkumbh का था. उस के बाद तो कई वैसी ही वीडियो के स्क्रीनशाट और तसवीरें मोबाइल स्क्रीन पर उभर आईं. उन के साथ मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम से जुडऩे का लिंक भी था.
इसे देखते ही निलेश का माथा ठनका. उन्हें समझते हुए देर नहीं लगी कि इस में जरूर कोई गड़बड़ है. उन्होंने तुरंत इस की शिकायत साइबर क्राइम को कर दी. मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज पुलिस तक जा पहुंचा और वहां की साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी. इस की जिम्मेदारी सब इंसपेक्टर (एसआई) पूजा रायकवार को दी गई. जांच में उन्होंने पाया कि नेहा नाम से बने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए इस तरह के वीडियो वायरल हुए हैं. पुलिस ने इंस्टाग्राम अकाउंट@nehavwwy}|w®wy के खिलाफ बीएनएस की धारा-79, 353, आईटी ऐक्ट की धारा- 67 में 17 फरवरी, 2025 को एफआईआर दर्ज करवा दी गई.
इस अकाउंट के माध्यम से महिला स्नानार्थियों के अश्लील वीडियो पोस्ट किए गए थे. अकाउंट के संबंध में इस की कंपनी मेटा कंपनी से जानकारी मांगी गई. इस की एफआईआर के अनुसार इस अकाउंट से कुंभ मेला में आई महिला स्नानार्थियों के स्नान करते और कपड़े बदलते हुए अशोभनीय वीडियो पोस्ट किए गए. इस से महिला स्नानार्थियों की निजता और गरिमा को ठेस पहुंची. साइबर थाना पुलिस ने इस मामले की जांच इंसपेक्टर अखिलेश कुमार मौर्या को सौंप दी.
जांच में पाया गया कि यह वही इंस्टाग्राम अकाउंट है, जिस पर महिलाओं के स्नान और कपड़े बदलने से संबंधित वीडियो पोस्ट किए गए. जब इस इंस्टा अकाउंट को खंगाला गया तब पाया गया कि इस पर पहली पोस्ट 4 जून, 2024 को की गई थी, जो एक लड़की की एक साधारण तसवीर थी. इस के बाद 11 फरवरी, 2025 से 16 फरवरी, 2025 तक 33 वीडियो अपलोड किए गए. इन सभी वीडियो में महिलाएं संगम में स्नान करते या फिर कपड़े बदलते हुए दिखाई दीं.
जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ी, तब पता चला कि ये वीडियो 1,900 रुपए से 4,000 रुपए तक में बेचे जा रहे हैं. बेचने वाला मैसेजिंग एप टेलीग्राम है. उस ने इस के लिए ग्रुप बना रखा है, जिस में शामिल होने वाले को एक रकम दे कर सदस्यता लेनी होती है. बदले में उन्हें अश्लील और पोर्न साइटों की वीडियो देखने को मिलते हैं. स्नान वीडियो तो महज उन के जरिए पोर्न साइटों तक पहुंचने का एक जरिया मात्र है. हालांकि इस बारे में कुछ टेलीग्राम ग्रुप पर ये दावा किया गया था कि महिलाओं के फोटो और वीडियो रिकौर्ड कर उन्हें डार्कवेब पर बेचा जाता है. इस तरह के वीडियो को फैलाने के लिए महाकुंभ से जुड़े ट्रेंडिंग हैशटैग के इस्तेमाल के साथ उन्हें अपलोड किया गया था.
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान स्नान करने गईं महिलाओं और लड़कियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करना उन का एक डिजिटल मार्केटिंग का तरीका रहा. ये वीडियो उस वक्त रिकौर्ड किए गए, जब ये महिलाएं त्रिवेणी संगम में स्नान कर रही थीं या स्नान कर के कपड़े बदल रही थीं, जिसे मेटा के प्लेटफार्म इंस्टाग्राम और फेसबुक पर महाकुंभ से जुड़े हैशटैग और कीवर्ड के साथ शेयर किया गया. इस के बाद ऐसे ही वीडियो टेलीग्राम के भी एक चैनल के जरिए वायरल किए गए. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में दोनों ही सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ अलगअलग केस दर्ज किए हैं.
सोशल मीडिया महाकुंभ से जुड़ी भ्रामक और आपत्तिजनक जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए बनाई गई मौनिटरिंग टीम ने इस पर त्वरित काररवाई की. सोशल मीडिया मौनिटरिंग टीम ने पाया कि महिलाओं के नहाते और कपड़े बदलते कई वीडियो इस हफ्ते अचानक सोशल मीडिया पर दिखने लगे. पुलिस ने इस मामले में मेटा से भी जानकारी मांगी, ताकि वीडियो अपलोड करने वालों का पता लगाया जा सके. साथ ही टेलीग्राम चैनल के खिलाफ भी काररवाई शुरू कर दी गई.
जांच रिपोट्र्स के अनुसार, इन में वीडियो का अलगअलग कलेक्शन तक बना दिया गया और यहां तक कि इन में से कुछ लिंक्स को ओपन करने पर पोर्न साइट्स की तरफ रिडायरेक्ट किया जा रहा है. सब से हैरान करने वाली बात तो यह है कि इन में से ज्यादातर वीडियोज कुंभ स्नान की हैं ही नहीं, बस इन्हें कुंभ स्नान और इस तरह के कीवर्ड के साथ शेयर किया जा रहा है. इन वीडियोज की वजह से टेलीग्राम पर ओपन बाथिंग यानी खुले में स्नान की सर्च अचानक से बढ़ गई. महाकुंभ से वायरल हुए महिलाओं के वीडियो का मुद्ïदा जहां चर्चा में है, वहीं गुजरात में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिस की चर्चा कहीं दब गई है. पिछले दिनों ही राजकोट के एक निजी अस्पताल में भरती गर्भवती महिलाओं के वीडियो टेलीग्राम और यूट्यूब पर पाए गए.
ये वीडियो सीसीटीवी फुटेज के थे, जो महिलाओं की जांच के दौरान रिकौर्ड हुए थे. इन्हें भी टेलीग्राम पर एक हजार से डेढ़ हजार रुपए की कीमत पर बेचा जा रहा था. इस मामले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राजकोट पुलिस और अहमदाबाद साइबर सेल के मुताबिक इन लोगों ने अंतरराष्ट्रीय हैकरों की मदद से ऐसा किया. टेलीग्राम का इस्तेमाल न सिर्फ महिलाओं के बल्कि बच्चों के भी ऐसे वीडियो बेचने के लिए किया जाता है. इस का अंदेशा केरल पुलिस को करीब 5 साल पहले ही हो गया था, तभी उस ने टेलीग्राम ऐप के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की थी.
पुलिस ने तब कहा था कि टेलीग्राम पर नाम छिपा कर लोग हर तरीके के अपराध को अंजाम दे रहे हैं. तब कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी जवाबतलब किया था. हालांकि, सरकार ने कहा था कि वह इस ऐप पर आईटी ऐक्ट के तहत प्रतिबंध नहीं लगा सकती. टेलीग्राम का दुनिया के कई देशों में महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल होता रहा है. साल 2024 में दक्षिण कोरिया में महिलाओं के पोर्नोग्राफिक डीपफेक बड़ी तादाद में शेयर किए गए थे. इन में ज्यादातर स्कूल और कालेज में पढऩे वाली छात्राओं की निजी तसवीरें और वीडियो थे. इन्हें टेलीग्राम पर बने ग्रुप के जरिए ही साझा किया गया था. कंपनी को वहां की सरकार से माफी तक मांगनी पड़ी थी यह कुबूलते हुए कि उन से इस मामले में लापरवाही हुई.
दिसंबर 2024 में जर्मनी में भी ऐसा ही एक टेलीग्राम चैनल सामने आया था, जिस में यह बताया गया था कि महिलाओं के साथ यौन हिंसा कैसे की जा सकती है. साथ ही इस में महिलाओं को बेहोश करने के भी टिप दिए जा रहे थे. इस में लोगों ने गिजेल पेलिको का उदाहरण भी साझा किया था. इस ग्रुप में करीब 70 हजार से अधिक लोग शामिल थे. ब्रिटेन की एक संस्था रिवेंज पोर्न हेल्पलाइन के हालिया रिसर्च के मुताबिक टेलीग्राम पर पुरुषों का एक अंडरग्राउंड नेटवर्क महिलाओं की निजी तसवीरें एकदूसरे से शेयर कर रहा है.
रिपोर्ट यह भी बताती है कि न सिर्फ टेलीग्राम के इन नेटवर्कों पर महिलाओं की तसवीरें साझा हो रही हैं, बल्कि ये पुरुष तसवीरों के कैप्शन में यह भी लिखते हैं कि वे महिलाओं के साथ क्या करना चाहते हैं. इन में ज्यादातर कैप्शन यौन हिंसा के बारे में ही होते हैं. टेलीग्राम को दुनिया के कई साइबर एक्सपर्ट इस ऐप को अपराधियों के लिए सब से सुरक्षित ऐप में से एक मानते हैं. इस ऐप पर अनगिनत महिला विरोधी, नस्लभेदी, ड्रग्स विक्रेताओं के समूह सक्रिय हैं. टेलीग्राम तो एक आम मैसेजिंग ऐप ही है, लेकिन इस में यूजर के पास अपनी पहचान छिपाने के विकल्प होते हैं. इस में सीक्रेट चैट भी होता है, जिस के जरिए लोग अपने फोन नंबर तक छिपा सकते हैं.
बढ़ते आपराधिक मामलों के कारण पिछले साल टेलीग्राम ने कहा था कि वैध वारंट होने पर वह जांच अधिकारियों से यूजर का आईपी अड्रेस और फोन नंबर साझा करने के लिए तैयार है. पिछले साल अगस्त में कंपनी के सीईओ पावेल दुरोव को फ्रांस की सरकार ने टेलीग्राम पर होने वाली आपराधिक गतिविधियों के कारण ही गिरफ्तार किया था. आरोप था कि उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए. इन में किशोर यौन हिंसा, ड्रग्स, तसकरी, मनी लांड्रिंग, आतंकवाद जैसे अपराध शामिल थे.