Love Crime : प्यार करने वालों का सदियों से जमाना दुश्मन रहा है. लेकिन नाजिया के तो उस के घर वाले ही दुश्मन बन बैठे. पिता मुजम्मिल और भाई मोहसिन ने उस की लौकडाउन की लवस्टोरी का इस तरह अंत किया कि…

कोरोना काल के चलते जहां एक तरफ पूरी दुनिया अस्तव्यस्त हुई, वहीं आम इंसान के जीवन पर  भी काफी असर पड़ा है. यही कारण है कि आज आम जनता अपनेअपने घरों में कैद रहने के लिए विवश है. 7 सितंबर, 2020 को रात के साढ़े 8 बजे काशीपुर शहर में सड़क पर सन्नाटा पसरा था. उस वक्त नाजिया अपने शौहर राशिद के साथ दवा लेने डाक्टर के पास गई हुई थी. तभी उस के मोबाइल पर उस के अब्बू की काल आई. अपने अब्बू की काल देखते ही उस के दिल की धड़कनें दोगुनी हो चली थीं. क्योंकि उस के अब्बू ने बहुत समय बाद उसे फोन किया था. अब्बू ने न जाने किस लिए फोन किया, उस की समझ में नहीं आ रहा था. यह उस के लिए जिज्ञासा के साथसाथ चिंता का विषय भी था.

नाजिया अपनी दवाई ले चुकी थी. राशिद ने अपनी बाइक स्टार्ट की और घर की ओर निकल पड़ा. उस के पीछे बैठी नाजिया अपने अब्बू से मोबाइल पर बात करने लगी. नाजिया को पता था कि उसे घर पहुंचने में केवल 3-4 मिनट ही लगेंगे. उस के बाद वह घर पर आराम से उन से बात कर लेगी. जैसे ही राशिद की बाइक उस के घर के मोड़ पर पहुंची. सामने से आ रहे कुछ लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस से पहले कि राशिद और नाजिया कुछ समझ पाते, दोनों ही बाइक से नीचे सड़क पर गिर कर तड़पने लगे. उन के कई गोलियां लगी थीं. देखते ही देखते सड़क उन के खून से तरबतर हो गई.

अधिक खून रिसाव के कारण दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना के घटते ही नाजिया के हाथ से मोबाइल छूट कर वहीं गिर गया था. खामोशी में डूबे मोहल्ले में अचानक 4-5 गोलियों के चलने की आवाज ने लोगों में दहशत पैदा कर दी थी. दोनों पर की ताबड़तोड़ फायरिंग घटनास्थल के आसपास बने मकानों की खिड़कियां खुलीं और लोगों ने सड़क का मंजर देखा तो देखते ही रह गए. सड़क पर एक साथ 2 लाशें पड़ी हुई थीं. एक युवक और एक युवती की. उन के पास में ही एक बाइक पड़ी हुई थी. मतलब साफ था कि कोई युवकयुवती का मर्डर कर फरार हो चुका था. यह मंजर देख कर आसपड़ोस वालों ने हिम्मत जुटाई और सड़क पर बाहर निकल आए थे. एक के बाद एक लोगों के घर से निकलने का सिलसिला शुरू हुआ, तो घटनास्थल पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

दोनों मृतक उसी मोहल्ले के रहने वाले थे, इसी कारण दोनों की शिनाख्त होने में भी कोई परेशानी नहीं आई. वहां पर मौजूद लोगों में से किसी ने मृतक युवक राशिद के भाई के मोबाइल पर फोन कर इस घटना की जानकारी दी. घटना की जानकारी मिलते ही उस के घर वालों के साथ उस के पड़ोसी भी तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंच गए. घटनास्थल पर पहुंचते ही राशिद के परिवार वालों ने उस के शरीर को छू कर देखा, जो पूरी तरह से ठंडा पड़ चुका था. उस की मौत हो चुकी थी. उस के पास पड़ी नाजिया भी मौत की नींद सो चुकी थी. घटनास्थल पर पड़े खून को देख कर सभी लोगों का मानना था कि उन्हें डाक्टर के पास ले जाने का भी कोई लाभ नहीं होगा.

जैसेजैसे लोगों को इस मामले की जानकारी मिलती गई, वैसेवैसे वहां पर लोगों का जमघट लगता गया. तुरंत ही इस सनसनीखेज मामले की सूचना किसी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को दे दी. चूंकि यह क्षेत्र काशीपुर कोतवाली के अंतर्गत आता है, इसलिए कोतवाली प्रभारी सतीशचंद्र कापड़ी पुलिस टीम के साथ घटनास्थल की तरफ रवाना हो गए. सूचना मिलने पर एएसपी राजेश भट्ट, सीओ मनोज ठाकुर भी मौके पर पहुंचे.  घटनास्थल पर पहुंच कर पुलिस ने जांचपड़ताल की. युवकयुवती दोनों की लाशें पासपास पड़ी हुई थीं. युवक राशिद का चेहरा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था. मृतक के चेहरे को देख कर लगता था कि हत्यारों ने उस के सिर से सटा कर गोली चलाई थी. जिस के कारण उस के चेहरे की पहचान ही खत्म हो गई थी.

इस मामले को ले कर पुलिस ने युवक युवती के परिवार वालों के बारे में जानकारी जुटाई. राशिद के परिवार वालों ने बताया कि दोनों का काफी लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिस के चलते दोनों घर से भाग गए थे. उसी दौरान जून, 2020 में दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था. फिर कुछ समय बाद दोनों काशीपुर वापस आ गए थे. तब से पास में ही दोनों किराए का कमरा ले कर रह रहे थे. नाजिया की तबीयत खराब होने के कारण उस शाम दोनों बाइक से दवाई लेने डाक्टर के पास गए थे. वहां से वापसी के दौरान किसी ने उन की गोली मार कर हत्या कर दी. औनर किलिंग का शक घटनास्थल की जांचपड़ताल के दौरान पुलिस ने मृतक राशिद और उस की बीवी नाजिया के मोबाइल अपने कब्जे में ले लिए थे.

पुलिस ने दोनों के मोबाइल चैक किए तो पता चला कि घटना के वक्त नाजिया अपने पिता के मोबाइल पर बात कर रही थी. यह बात सामने आते ही पुलिस समझ गई कि उन दोनों की हत्या में जरूर युवती के पिता मुजम्मिल का हाथ हो सकता है. पुलिस ने तुरंत ही युवती के घर पर जा कर उस के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि मुजम्मिल घर से फरार है. उस के घर पर ताला लटका हुआ था. उस के अन्य परिवार वाले भी घर से गायब थे. घर के सभी लोगों के अचानक फरार होने से इस हत्याकांड में उस की संलिप्तता साफ जाहिर हो गई थी. पुलिस ने युवती के घर वालों को सब जगह खोजा,लेकिन उन का कहीं भी अतापता न लग सका.

यह सब जानकारी जुटाने के बाद पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिए. इस केस में मृतक राशिद के भाई नईम की तहरीर के आधार पर पुलिस ने 4 आरोपियों मुजम्मिल, उस के बेटे मोहसिन के अलावा अफसर अली, जौहर अली पुत्र निसार अली निवासी अलीखां के खिलाफ भांदंवि की धारा 302/342/504/34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया. इस केस में नामजद मुकदमा दर्ज होते ही इस घटना की जांच एएसपी (काशीपुर) राजेश भट्ट व सीओ मनोज ठाकुर के नेतृत्व में अलगअलग 3 पुलिस टीमों का गठन किया गया. इन टीमों में काशीपुर कोतवाली प्रभारी सतीशचंद्र कापड़ी, एसआई अमित शर्मा, रविंद्र सिंह बिष्ट, दीपक जोशी, कैलाशचंद्र, कांस्टेबल वीरेंद्र यादव, राज पुरी, अनुज त्यागी, सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र प्रसाद, सुनील तोमर, दलीप बोनाल, संजीत प्रसाद, प्रियंका, रिचा आदि को शामिल किया गया.

पुलिस टीमों ने आरोपियों के शरीफ नगर, ठाकुरद्वारा, रामपुर और मुरादाबाद में कई संभावित स्थानों पर दबिश डाली. काफी प्रयास करने के बाद भी आरोपी पुलिस पकड़ में नहीं आए. पुलिस काररवाई के दौरान 9 सितंबर, 2020 को पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली कि मुजम्मिल और उस का बेटा मोहसिन दोनों ही दडि़याल रोड लोहिया पुल के पास कहीं जाने की फिराक में खड़े हैं. आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे सूचना पाते ही काशीपुर कोतवाली प्रभारी सतीश कुमार कापड़ी तुरंत पुलिस टीम ले कर लोहिया पुल पर पहुंचे. पुलिस ने चारों ओर से घेराबंदी करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों को हिरासत में ले कर पुलिस कोतवाली आ गई.

पुलिस ने दोनों से इस दोहरे हत्याकांड के बारे में कड़ी पूछताछ की. कुछ समय तक तो मुजम्मिल ने पुलिस को घुमाने की पूरी कोशिश की. फिर बाद में मुजम्मिल ने बताया कि जिस समय वह बेटे के साथ अपनी बेटी नाजिया से मिलने के लिए घर के नुक्कड़ पर पहुंचा, उस वक्त तक उन दोनों की हत्या हो चुकी थी. उस ने अपने बेटे के साथ दोनों को मृत पाया तो वह बुरी तरह से घबरा गया. उन के जाने से पहले ही उन दोनों को कोई मौत के घाट उतार चुका था. उन को उस हालत में देख कर बापबेटे दोनों बुरी तरह से घबरा गए थे. उन्हें डर था कि उन की हत्या का इलजाम उन पर न लग जाए. इसी कारण वे तुरंत ही मौके से फरार हो गए थे.

उस की बातें सुन कर कोतवालीप्रभारी सतीशचंद्र कापड़ी को उस पर शक हो रहा था कि यह झूठ बोल रहा है. उन्होंने मुजम्मिल और उस के बेटे मोहसिन पर थोड़ी सी सख्ती बरती तो दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उस के तुरंत बाद ही पुलिस ने उन की निशानदेही पर 315 बोर के 2 तमंचे बरामद कर लिए. पुलिस ने दोनों के खिलाफ 3/25 शस्त्र अधिनियम के 2 अलग मुकदमे भी दर्ज कर लिए. सरेआम ताबड़तोड़ फायरिंग कर दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपियों से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने पूछताछ करने पर जो जानकारी सामने आई, वह इस प्रकार थी. उत्तराखंड के शहर काशीपुर के मोहल्ला अली खां में रहता था कमरूद्दीन का परिवार. कमरुद्दीन का बड़ा परिवार था. लेकिन बच्चों के बड़े होते ही वह भी पैसे कमाने लगे, जिस से उस के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हो गई थी.

उस का एक बेटा काम करने दुबई चला गया और दूसरा सऊदी अरब. उन के और लड़के भी काशीपुर में ही अपना कामधंधा करते थे. कमरुद्दीन के घर के पास ही मुजम्मिल का मकान भी था. मुजम्मिल की आर्थिक स्थिति पहले से ही मजबूत थी. मुजम्मिल मूलत: शरीफनगर (ठाकुरद्वारा) का निवासी था. गांव में उस की काफी जमीनजायदाद थी. अब से लगभग 10 साल पहले मुजम्मिल ने अपनी गांव की कुछ जुतासे की जमीन बेची और काशीपुर के मोहल्ला अलीखां में आ कर बस गया. उस की ससुराल भी यहीं पर थी. काशीपुर आने के तुरंत बाद ही उस ने यहां पर कुछ जुतासे की जमीन खरीदी और उस पर खेती का काम करना शुरू किया. मुजम्मिल के परिवार में उस की बीवी सहित कुल 8 सदस्य थे.

जमीन के बाकी बचे पैसों से मुजम्मिल ने एक कैंटर खरीद लिया था. मुजम्मिल के 4 बेटे जवान थे, जो काफी समय पहले से ही अपना कामधंधा करने लगे थे. कैंटर मुजम्मिल स्वयं ही चलाता था, जिस से काफी आमदनी हो जाती थी. 2 बेटियों में वह एक की पहले ही शादी कर चुका था, उस के बाद सब से छोटी नाजिया बची थी. नाजिया और राशिद की लवस्टोरी कमरुद्दीन और मुजम्मिल दोनों ही पड़ोसी थे, इसी नाते दोनों परिवार एकदूसरे के घर आतेजाते थे. भले ही दोनों अलगअलग जाति से ताल्लुक रखते थे, लेकिन दोनों परिवारों में घर जैसे ही ताल्लुकात थे. मुजम्मिल के बेटे राशिद की मोहसिन से अच्छी दोस्ती भी थी. राशिद और मोहसिन का जब कभी भी कहीं काम होता तो दोनों साथसाथ ही घर से निकलते थे.

मोहसिन की एक बहन थी नाजिया. नाजिया देखनेभालने में जितनी सुंदर थी, उस से कहीं ज्यादा तेजतर्रार भी थी. भले ही नाजिया राशिद के दोस्त की बहन थी, लेकिन उस के दिल को वह भा गई थी. घर आनेजाने की कोई पाबंदी थी नहीं. इसी आनेजाने के दौरान नाजिया ने राशिद की आंखों में अपने प्रति प्यार देखा तो वह भी उस की अदाओं पर मर मिटी. प्यार का सुरूर आंखों के रास्ते उतरा तो दिल में जा कर समा गया. दोनों के बीच मोहब्बत का सफर चालू हुआ तो अमरबेल की तरह बढ़ने लगा. देखतेदेखते उन के प्यार के चर्चे घर की दीवारों को लांघ कर मोहल्ले में छाने लगे थे. यह बात नाजिया के घर वालों को पता चली तो आगबबूला हो उठे. मुजम्मिल ने अपनी बेटी को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह राशिद को छोड़ने को तैयार न थी.

उस के बाद मुजम्मिल ने राशिद के परिवार वालों को उन के बेटे की काली करतूतों का हवाला देते हुए उसे समझाने को कहा. लेकिन राशिद भी प्रेम डगर से पीछे हटने को तैयार न था. एक पड़ोसी होने के नाते जितना दोनों परिवारों में प्यार था, पल भर में वह नफरत में बदल गया. हालांकि दोनों ही परिवार वालों ने अपनेअपने बच्चों को समझाने का अथक प्रयास किया. लेकिन दोनों ही अपनी जिद पर अड़े थे. इस मामले को ले कर दोनों परिवारों के बीच विवाद बढ़ा तो मामला पंचायत तक जा पहुंचा. भरी पंचायत में फैसला हुआ कि राशिद काशीपुर छोड़ कर कहीं बाहर जा कर काम देखे. परिवार वालों के दबाव में राशिद रोजगार की तलाश में सऊदी चला गया. राशिद के काशीपुर छोड़ कर चले जाने के बाद नाजिया उस की याद में तड़पने लगी.

कुछ ही दिनों में उस ने राशिद से सऊदी में भी मोबाइल द्वारा संपर्क बना लिए. फिर दोनों ही मोबाइल पर प्रेम भरी बातें करते हुए साथसाथ जीनेमरने की कसमें खाने लगे. पूरी दुनिया में कोरोना का कहर बरपा तो राशिद अपने घर लौट आया. इस वक्त घर आना उस की मजबूरी बन गई थी. अपने घर काशीपुर आते ही उस ने शहर में एक टायर शोरूम में नौकरी कर ली. उसी दौरान मोहसिन अपनी पुरानी रंजिश को भूल कर राशिद से मिला. मोहसिन जानता था कि लौकडाउन खुलते ही राशिद दोबारा सऊदी चला जाएगा. दरअसल राशिद के सऊदी चले जाने के बाद से ही मोहसिन के दिल में भी सऊदी जाने की तमन्ना पैदा हो गई थी. मोहसिन जानता था कि वह राशिद के संपर्क में रह कर ही सऊदी तक पहुंच सकता है. मोहसिन के संपर्क में आने के बाद राशिद को मनचाही मंजिल और भी आसान लग रही थी.

उसी दोस्ती के कारण राशिद का नाजिया के घर आनाजाना बढ़ गया था. यही आनाजाना दोनों को उस मुकाम तक ले गया, जहां से दोनों का लौटना नामुमकिन हो गया था. यानी उन के प्रेम संबंध और ज्यादा मजबूत हो गए. फिर अब से लगभग 3 महीने पहले राशिद और नाजिया अचानक घर से फरार हो गए. नाजिया के घर से फरार होते ही उस के घर वालों को गहरा सदमा लगा. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उन की बेटी एक दिन उन की इज्जत को तारतार कर देगी. मुजम्मिल को पता था कि वह जरूर राशिद के साथ गई होगी. राशिद के बारे में जानकारी लेने पर पता चला वह भी घर से गायब था. मुजम्मिल को दुख इस बात का था कि उस की बेटी ने गैरबिरादरी के लड़के के साथ भाग कर समाज में उस की नाक कटवा दी थी.

मुजम्मिल के मानसम्मान को ठेस पहुंची तो उस ने दोनों से मोबाइल पर बात कर उन्हें जान से मारने की धमकी दे डाली थी. उस के बावजूद भी दोनों ने बाहर रहते ही चोरीछिपे एक मौलवी के सामने निकाह भी कर लिया. यह बात जब नाजिया के घर वालों को पता चली तो घर में मातम सा छा गया. बदनामी की वजह से साधी चुप्पी समाज में अपनी इज्जत को देख नाजिया के अब्बू मुजम्मिल ने इस राज को राज ही बने रहने दिया. मुजम्मिल ने इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साध ली और फिर नाजिया और राशिद के वापस आने का इंतजार करने लगा. राशिद ने नाजिया के साथ निकाह करते ही अपना मोबाइल नंबर भी बदल लिया था, जिस के बाद मुजम्मिल की उन से बात नहीं हो पाई थी. मुजम्मिल पेशे से ड्राइवर होने के नाते काफी तेजतर्रार था. वह किसी तरह से राशिद का नया मोबाइल नंबर हासिल करना चाहता था.

वह जानता था कि राशिद के घर वालों से ही उस का नंबर मिल सकता है. उस ने किसी तरह उस की अम्मी को विश्वास में लेते हुए उस का मोबाइल नंबर हासिल कर लिया. जब मुजम्मिल के सब्र का बांध टूट चुका तो उस ने दूसरी चाल चली. मुजम्मिल ने एक दिन अपनी बेटी को फोन कर कहा, ‘‘नाजिया बेटी, तुम ने जो भी किया ठीक ही किया. बेटा बहुत दिन हो गए. तुम्हारे बिना हम से रहा नहीं जाता. हमें अब तुम से कोई गिलाशिकवा नहीं है. तुम दोनों घर वापस आ जाओ. हम चाहते हैं कि तुम दोनों का धूमधाम से निकाह करा दें.’’

मुजम्मिल की बात सुन कर नाजिया को विश्वास नहीं हुआ. उस ने यह बात पति राशिद को बताई. साथ ही यह भी समझाया कि आप मेरे अब्बू की बातों में मत आना. मैं उन की नसनस से वाकिफ हूं. वह झूठा प्यार दिखा कर हमें काशीपुर बुलाने के बाद हमारे साथ क्या कर डालें, कुछ पता नहीं. इस के बावजूद राशिद मुजम्मिल की बातों में आ कर नाजिया को साथ ले कर काशीपुर चला आया. काशीपुर आने के बाद राशिद ने मोती मसजिद के पास अलीखां मोहल्ले में ही एक किराए का कमरा ले लिया और वहीं पर नाजिया के साथ रहने लगा. यह बात मुजम्मिल को भी पता लग गई थी. उस के बाद मुजम्मिल अपने दिल में राशिद और नाजिया के प्रति फैली नफरत को खत्म करने के लिए उचित समय का इंतजार करने लगा.

बापभाई ही बने प्यार के दुश्मन अपनी बेटी और राशिद के प्रति उस के दिल में इस कदर नफरत पैदा हो गई थी कि वह किसी भी सूरत में दोनों को मौत के घाट उतारने की योजना बना चुका था. उसी योजना के तहत मुजम्मिल ने उत्तर प्रदेश के एक गांव से 315 बोर के 2 तमंचे और 8 कारतूस खरीदे. उस के बाद मुजम्मिल अपने बेटे मोहसिन को साथ ले कर दोनों का साए की भांति पीछा करने लगा. राशिद और नाजिया कब, कहां और क्यों जाते हैं, यह जानना उस की दिनचर्या में शामिल हो गया. इस घटना से 15 दिन पहले मुजम्मिल को जानकारी मिली कि नाजिया राशिद के साथ जसपुर स्थित कालू सिद्ध की मजार पर गई हुई है.

कालू सिद्ध की मजार पतरामपुर के जंगलों में स्थित है. जहां पर दूरदूर तक झाड़झंखाड़ और वन फैला है. यह जानकारी मिलते ही मुजम्मिल अपने बेटे मोहसिन को साथ ले कर कालू सिद्ध के रास्ते में भी छिप कर बैठा. लेकिन उस दिन उन्हें नाजिया अकेले ही दिखाई दी थी. जबकि मुजम्मिल नाजिया के साथ राशिद को भी खत्म करने की फिराक में था. लेकिन उस दिन दोनों बापबेटे गम का घूंट निगल कर अपने घर वापस आ गए.  फिर दोनों के साथ मिलने की ताक में रहने लगे. 7 सितंबर 2020 की शाम को पता चला कि राशिद नाजिया को साथ ले कर बाइक से कहीं पर गया हुआ है. यह जानकारी मिलते ही उस ने अपनी योजना को अंजाम देने के लिए पूरी तैयारी कर ली. लेकिन उस वक्त उसे यह जानना भी जरूरी था कि वे दोनों शहर में गए हैं या फिर कहीं बाहर.

यह जानकारी लेने के लिए वह अपने घर के मोड़ पर एक चबूतरे पर जा बैठा. वहां पर पहले से ही कई लोग बैठे हुए थे. वहां पर भी उस का मन नहीं लगा. उस के मन में राशिद और नाजिया को ले कर जो खिचड़ी पक रही थी, वह उसे ले कर परेशान था. मुजम्मिल वहां से उठ कर अपने घर चला आया. जब राशिद और नाजिया को गए हुए काफी समय बीत गया तो उस के सब्र का बांध टूट गया. उस ने उसी समय नाजिया को फोन मिला दिया. अपने अब्बू का फोन आते ही वह भावुक हो उठी और उस ने बता दिया कि वह दवाई लेने आई हुई थी. अब वह कुछ ही देर में घर की ओर ही निकल रही है. यह जानकारी मिलते ही मुजम्मिल अपने बेटे मोहसिन को साथ ले कर अपने घर की ओर आने वाले मोड़ पर जा पहुंचा. उस वक्त तक वहां पर बैठे लोग भी अपनेअपने घर जा चुके थे.

जैसे ही राशिद नाजिया को साथ ले कर घर की ओर जाने वाले मोड़ पर पहुंचा, मुजम्मिल और उस के बेटे मोहसिन ने इस घटना को अंजाम दे डाला. पुलिस ने मुजम्मिल और उस के बेटे मोहसिन से विस्तार से पूछताछ के बाद उन्हें 10 सितंबर, 2020 को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया था. इस केस का खुलासा करने वाली पुलिस टीम की सराहना करते हुए एएसपी राजेश भट्ट ने ढाई हजार रुपए देने की घोषणा की.

 

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