Social Crime : 33 वर्षीय कन्नड़ अभिनेत्री और कर्नाटक के सीनियर आईपीएस अफसर रामचंद्र राव की सौतेली बेटी रान्या राव दुबई से सोने की तस्करी के आरोप में बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर ली गई. उस के कब्जे से लगभग 15 किलोग्राम सोने के बिसकुट बरामद हुए. हाईप्रोफाइल रान्या राव आखिर क्यों और कब से कर रही थी यह धंधा?
बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 3 मार्च, 2025 को एमिरेट्स की फ्लाइट ईके566 शाम के लगभग साढ़े 6 बजे समय से लैंड कर चुकी थी. सभी यात्री लगेज बेल्ट से सामान ले कर ग्रीन चैनल की तरफ बढऩे लगे थे. उन में 33 साल की एक कन्नड़ एक्ट्रैस भी थी. वह खास किस्म की जैकेट पहने हुई थी. उस ने बेल्ट भी लगा रखा था. वह तेज कदमों से चल रही थी, किंतु चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा था. हालांकि वह पूरी तरह से पुलिस के प्रोटोकाल में थी. उस के साथ चलने वाला सिपाही बसवराजू उसे पहचानता था.
तभी एयरपोर्ट पर पहले से मौजूद डायरेक्टरेट औफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) टीम की नजर उस पर पड़ी. जैसे ही टीम ने कन्नड़ एक्ट्रैस को रुकने का इशारा किया, तभी बतौर प्रोटोकाल चल रहे जवान बसवराजू ने कहा, ”मैडम डीजीपी रामचंद्र राव की बेटी रान्या राव हैं. कन्नड़ फिल्मों को मशहूर ऐक्ट्रैस हैं.’’ इस पर डीआरआई की टीम चौंक गई, फिर भी उन्हें मैटल डिटेक्टर के दरवाजे डीएफएमडी से गुजरने को कहा. टीम का एक अधिकारी बोला, ”कोई भी हो, उन्हें जांच तो करवानी ही होगी. ग्रीन चैनल से जाने वाले हर पैसेंजर को मैटल डिटेक्टर से हो कर ही जाना होता है.’’
यह सुनते ही रान्या राव के चेहरे पर घबराहट साफ दिखने लगी. उस के चेहरे की भावभंगिमा बता रही थी वह उधर से हो कर नहीं गुजरना चाहती थी. उस ने साथ के सिपाही की ओर देखा. मुंह बिचकाती हुई खुद को वीवीआईपी बताना चाहा. सिपाही ने जांच टीम के सीनियर अधिकारी से बात की और उन्हें बगैर मैटल डिटेक्टर से जाने देने के लिए रिक्वेस्ट किया.
नहीं चाहते हुए भी रान्या राव को मैटल डिटेक्टर मशीन से हो कर गुजरना पड़ा. जैसे ही वह उस से हो कर गुजरी, वहां मौजूद तमाम अधिकारी हैरान रह गए. रान्या राव की खास बेल्ट और माडरेट किए गए जैकेट में सोने के टुकड़े छिपे पाए गए. उन की तलाशी ली गई. इस जांच में उन के शरीर पर बैंडेज और टिशू की मदद से लपेटे गए सोने के बिसकुट, जूतों और जैकेट की जेबों में छिपाए गए सोने के टुकड़े बरामद हुए. उन की कीमत करीब साढ़े 12 करोड़ रुपए आंकी गई. उन को तुरंत आगे की पूछताछ के लिए डीआरआई मुख्यालय ले जाया गया.
पूछताछ के बाद पता चला कि वह सोने की स्मगलिंग कर रही थी. पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया.
ऐक्ट्रैस रान्या यूं बनी गोल्ड स्मगलर
जेल में बंद रान्या राव की जमानत 27 मार्च, 2025 को तीसरी बार भी नामंजूर कर दी गई थी. उस पर आरोप लगा कि उस ने सोना तस्करी के लिए अपने आईपीएस पिता के ओहदे का बखूबी इस्तेमाल किया. इस के लिए तरहतरह के हथकंडे अपनाए और दूसरों की भी मदद ली. पकड़े जाने से पहले महज 15 दिनों के भीतर ही उस ने 4 बार तस्करी की. अनुमान लगाया गया कि वह प्रति किलोग्राम सोने पर एक लाख रुपए कमाती थी. आशंका जताई गई कि इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं. उन की गोल्ड स्मगलिंग का तरीका भी कुछ कम अनोखा नहीं था.
डीआरआई की जांच टीम इस की कड़ी से कड़ी जोड़ कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर इस खेल में एक्ट्रैस का किसकिस ने साथ दिया और किस तरह से इसे अंजाम दिया जाता था. कहने को तो रान्या राव कन्नड़ फिल्मों की एक एक्ट्रैस थी, लेकिन उन की खास पहचान आईपीएस रामचंद्र राव की बेटी के तौर पर भी थी. वैसे राव उस के सौतेले पिता थे. रान्या ने बेंगलुरु के दयानंद सागर कालेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और साल 2014 में पहली बार एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. उन की पहली फिल्म ‘माणिक्य’ थी. इस के बाद साल 2016 में ‘वाघा’ और ‘पटकी’ जैसी फिल्मों में काम करने के बाद अचानक फिल्म इंडस्ट्री से गायब हो गई.
इस के बाद रान्या ने अपना नया ठिकाना दुबई बना लिया था. वहां का रेजिडेंस आइडेंटिटी कार्ड भी हासिल कर लिया था. कम समय में अधिक पैसा कमाने की चाहत में वह जुर्म के धंधे में जा धंसी. उस ने गोल्ड स्मगलिंग के इंडिविजुअल गैंग को जौइन कर लिया था. सोने की तस्करी पर उसे गैंग से रुपए मिलते थे. वह अपने आईपीएस पिता के ओहदे का इस्तेमाल कर जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक देती थी. कारण उसे एयरपोर्ट पर ग्रीन चैनल क्रौस करने के लिए आसानी से प्रोटोकाल मिल जाता था. इसी प्रोटोकाल का फायदा उठा कर रान्या राव महज 15 दिनों में ही 4 बार दुबई से गोल्ड स्मगलिंग को अंजाम दे चुकी थी.
उल्लेखनीय है कि उस की गिरफ्तारी के समय भारत में एक किलोग्राम सोने की कीमत करीब 86.4 लाख रुपए थी, जबकि दुबई में सोने की कीमत करीब 83 लाख रुपए. इस तरह से यानी बिना कस्टम ड्यूटी चुकाए भारत में सोना लाने पर 3.4 लाख रुपए का मुनाफा हो रहा था. रान्या एक ट्रिप में करीब 15 किलो सोना भारत लाती थी, जिस से सीधेसीधे करीब 50 लाख रुपए का फायदा होता था. इस फायदे की रकम में रान्या का 15 लाख रुपए का हिस्सा होता था.
रान्या राव ने कुछ महीने पहले ही बेंगलुरु के रहने वाले एक आर्किटेक्ट से शादी की थी. बताते हैं कि पति भी उसे स्मगलिंग के धंधे में मदद करता था. जब डीआरआई ने रान्या को हिरासत में लिया था, तब उस ने धमकियां दी थीं. गिरफ्तारी से बचने के लिए रान्या ने कई मंत्री और विधायकों तक को फोन किए थे, लेकिन डीआरआई के पास पुख्ता सबूत मिल चुके थे और वह सोने के साथ पकड़ी गई थी. इस कारण रान्या बच नहीं सकी. उस के सौतेले पिता ने भी उस की मदद करने से इनकार करते हुए कह दिया था कि रान्या की व्यक्तिगत जिंदगी से उन का कोई लेनादेना नहीं है. उस की गिरफ्तारी से सोने की तस्करी नेटवर्क खुल कर सामने आ गया.
तस्करी में रान्या को किस ने की थी मदद
सोना तस्करी में साथ देने वाला उस का एक बेहद करीबी अभिनेता विराट कोंडुरु भी रहा है. वह 3 मार्च, 2025 को दुबई में रान्या के साथ था, लेकिन उस का भारत लौटना अलग हुआ था. विराट कोंडुरु ने दुबई हवाई अड्डे पर स्मगलिंग औपरेशन को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने अमेरिकी पासपोर्ट का उपयोग किया था और रान्या राव को लगभग करोड़ रुपए के सोने की तस्करी में सहायता की थी. इस बारे में डीआरआई के वकील ने अदालत को बताया कि कोंडुरु को 3 मार्च को दुबई टिकट बुक करने के लिए रान्या राव से पैसे मिले थे. उसी दिन रान्या ने भी टिकट बुक किया था. तरुण कोंडुरु राजू उर्फ विराट कोंडुरु भी कन्नड़ फिल्मों का अभिनेता है. वह तस्करी के सिलसिले में ही रान्या के साथ यूएई शहर गया था, लेकिन कर्नाटक की राजधानी के बजाय हैदराबाद लौट आया था.
कोंडुरु ने अपने अमेरिकी पासपोर्ट का इस्तेमाल यह जताने के लिए किया था कि जिनेवा जा रहा गया था, जबकि वास्तव में उस ने ही दुबई हवाई अड्डे पर रान्या राव को भारत में तस्करी करने के लिए सोना दिया था. दोनों कलाकारों के बीच इस संबंध का खुलासा तब हुआ, जब बेंगलुरु में आर्थिक अपराधों के लिए एक विशेष अदालत में जमानत पर बहस हो रही थी. रान्या पर नया आरोप लग गया था कि उस ने तस्करी को सुविधाजनक बनाने के लिए कोंडुरु की अमेरिकी नागरिकता का उपयोग किया था.
डीआरआई वकील मधु एन. राव ने जांच के आधार पर अदालत को बताया कि कोंडरु एक अमेरिकी नागरिक होने के नाते रान्या को तस्करी की गतिविधियों में मदद करता था. उस के उकसावे और सहयोग से ही दुबई के सीमा शुल्क को लांघने के बाद भारत में सोने की तस्करी की गई. ऐसा करने के बाद दोनों अलगअलग उड़ानों से भारत लौटे थे. कोंडुरु द्वारा उस के जिनेवा जाने की जानकारी का उद्देश्य स्मगलिंग का एक हिस्सा था. डीआरआई के वकील ने बताया कि रान्या और कोंडुरु 3 मार्च को दुबई एयरपोर्ट पर दाखिल हुए. कोंडुरु ने जिनेवा जाने का दावा कर कस्टम्स के जरिए सोना पास करवा लिया था. इस के बाद उस ने सोना राव को सौंप दिया.
राव ने इसे अपने जैकेट, बेल्ट, जूते आदि में छिपा लिया था. उस वक्त कोंडुरु के पास जिनेवा का टिकट था, जबकि राव के पास बेंगलुरु की फ्लाइट की टिकट थी. कोंडुरु और रान्या की यात्रा की योजना अलगअलग थी. इस की पुष्टि डीआरआई द्वारा रान्या के मोबाइल फोन और लैपटाप की जांच के बाद हुई. जांच में तकनीकी कोडवर्ड के तथ्यों की जानकारी सामने आई. इस बारे में डीआरआई के वकील ने अदालत को बताया कि ‘दुबई में ए2 की मौजूदगी का उद्देश्य सोना ए1 को सौंपना था.’ इस के बाद ही कोंडुरु की पहचान हो पाई और एक लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया.
जैसे ही कोंडुरु ने देश छोडऩे का प्रयास किया, उसे हैदराबाद में इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया. इस तरह वह 8 मार्च, 2025 को एक समन के आधार पर बेंगलुरु में डीआरआई के समक्ष पेश हुआ. पूछताछ के बाद 9 मार्च को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इस आधार पर ही वकील मधु राव ने अदालत में बहस के दौरान कोंडुरु पर आरोप लगाया कि उस ने भारत में तस्करी की गतिविधि को बढ़ावा दिया है, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जाए. डीआरआई ने तर्क दिया कि रान्या ने दुबई में कोंडुरु की सेवाओं का उपयोग यह घोषित करने के लिए किया था कि सोना जिनेवा/बैंकाक ले जाया जा रहा था.
यही कारण था कि कोंडुरु ने दुबई से जिनेवा और बैंकाक की यात्रा के लिए टिकट बनवाए थे, जबकि उस ने वहां की यात्रा नहीं की थी. उस ने टिकटों का उपयोग केवल सोने की तस्करी के संचालन के लिए किया था. इस आधार पर डीआरआई ने माना कि दोनों कलाकार सोने की तस्करी करने वाले सिंडिकेट का हिस्सा हैं और कथित तौर पर एक ही तरीके का उपयोग कर कई बार दुबई से भारत में सोने की तस्करी कर चुके हैं. ऐसा वे कम से कम 25 बार कर चुके हैं. दोनों एक साथ दुबई गए, लेकिन साथ नहीं लौटे.
3 मार्च, 2025 को गिरफ्तारी के बाद बेंगलुरु में रान्या राव के आवास पर तलाशी ली गई. इस तलाशी में डीआरआई को 2024 में दुबई सीमा शुल्क को जिनेवा में सोने की खेप ले जाने के लिए दी गई 2 घोषणाओं के दस्तावेज मिले. इसे डीआरआई के वकील ने अदालत में एक सबूत की तरह पेश किया और तर्क दिया कि उन का दुबई में कारोबार था.
प्रोटोकाल का ले रही थी नाजायज फायदा
प्राप्त दस्तावेजों में उन के द्वारा दुबई में धन हस्तांतरण, सोने की खरीद और उसे भारत लाने के तरीके से संबंधित विवरण था. डीआरआई के वकील ने यह भी बताया कि वह इस आधार पर अंतरराष्ट्रीय संबंधों का पता लगा रहे हैं. इस कारण आरोपी को रिहा करना नुकसानदेह होगा. हालांकि कोंडुरु के वकील एम.एम. देवराज ने अपने मुवक्किल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए तर्क दिया कि उन के कब्जे में कोई सोना नहीं मिला और रान्या ने गिरफ्तारी के बाद अपने बयानों में उन का नाम भी नहीं लिया. इस अपराध के लिए उन के मुवक्किल को अधिकतम 7 साल की जेल की सजा हो सकती है, जो प्रथमदृष्टया मामला नहीं बनता है. इस बात पर जोर दिया कि कोंडुरु ने देश से भागने का प्रयास नहीं किया था, बल्कि सम्मन मिलने पर डीआरआई के साथ सहयोग किया.
जन्म से अमेरिकी नागरिक कोंडुरु अपने पिता की मृत्यु के बाद अपने परिवार के साथ भारत लौट आया था. उस के बाद से वह अपने परिवार के पास रहता है. उस के पास ओवरसीज सिटिजन औफ इंडिया कार्ड है. इस तर्क पर हुई सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने कोंडुरु की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जबकि अदालत ने 14 मार्च को रान्या की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिस में उस के पास ‘यूएई का निवासी पहचान पत्र’ और उन के दुबई की लंबी यात्रा का हवाला दिया गया था.
डीआरआई ने रान्या राव पर आरोप लगाया है कि उस ने लगभग 12 करोड़ रुपए मूल्य के करीब 15 किलोग्राम सोने की तस्करी कर के बेंगलुरु लाने का प्रयास करते हुए 4.83 करोड़ रुपए के सीमा शुल्क की चोरी की है. उस की गिरफ्तारी के बाद तलाशी के दौरान उस के घर से 2.67 करोड़ रुपए नकद और 2.07 करोड़ रुपए के आभूषण भी जब्त किए जा चुके हैं. इस पर रान्या ने डीआरआई को दिए गए बयानों में बताया कि उसे दुबई एयरपोर्ट के बाहर एक अजनबी से सोने की खेप मिली थी. जब उस के दावे की जांच की गई, तब पता चला कि उस ने तस्करी के काम में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जो एक जानबूझ कर की गई हरकत से कम नहीं थी.
इस तरह रान्या राव पर जनवरी से अब तक 27 बार दुबई जाने का आरोप लग चुका था. वह 3 मार्च, 2025 को बेंगलुरु से दुबई के लिए सुबह 4 बजे की फ्लाइट से गई थी. उसी दिन शाम 6.20 बजे सोने के साथ वापसी की उड़ान से उतरी. यही नहीं, उस की कोंडुरु के साथ दुबई की 25 बार एक दिवसीय यात्राएं संपन्न हुईं. इस पर रान्या ने दावा किया कि वह दुबई में एक ‘रियल एस्टेट फ्रीलांसर’ थी, जिस कारण उसे यूएई की लगातार यात्राएं करनी पड़ीं. फिल्मी करिअर में ज्यादा सफल नहीं होने वाली रान्या राव 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी के. रामचंद्र राव की सौतेली बेटी है. वह कर्नाटक में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर नियुक्त हैं. इस कारण उस पर आरोप लगा कि उस ने गोल्ड स्मगलिंग के दरम्यान बेंगलुरु एयरपोर्ट पर अपने सौतेले पिता को मिली वीआईपी सेवाओं का इस्तेमाल किया.
रामचंद्र राव कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर के करीबी माने जाते हैं. सोने की तस्करी के रैकेट में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही कई जांचों के बीच सरकार ने उन्हें 15 मार्च को ‘अनिवार्य छुट्टी’ पर भेज दिया था. रान्या और कोंडुरु एकदूसरे को एक दशक से अधिक समय से जानते हैं. उन्होंने यूएई में एक हीरा व्यापार कंपनी में भागीदार बता रखा था, जिस में सोने की खेप के लिए दुबई के अधिकांश दस्तावेज का काम कथित तौर पर फर्म का उपयोग कर के किया गया था. अब केंद्रीय एजेंसियां उन दावों की जांच कर रही हैं कि वे थाईलैंड, स्विट्जरलैंड और अफ्रीका से दुबई में सोना आयात करने और बेचने में शामिल थे.
डीआरआई ने अदालत में यह भी संकेत दिया है कि तस्करी को सुविधाजनक बनाने के लिए सोने की खेपों के लिए भुगतान भारत से हवाला चैनल के माध्यम से किया गया था. रान्या और कोंडुरु का फिल्मी करिअर सफल नहीं रहा है. कोंडुरु एक प्रमुख आंध्र मूल बेंगलुरु व्यवसायी परिवार का सदस्य है. उस की रुचि आतिथ्य, शिक्षा, बिजली और केबल टीवी के कारोबार में है. उस ने 2018 की फिल्म ‘परिचयम’ में हीरो की भूमिका निभाई थी. वही उन की इकलौती फिल्म है. रान्या की सोना तस्करी के तार एक व्यवसायी से भी जुड़े थे. वह बेल्लारी का रहने वाला साहिल सकारिया जैन है.
सकारिया पर भी आरोप है कि उस ने रान्या राव की कई मौकों पर मदद की. रान्या राव के साथ तेलुगु अभिनेता विराट कोंडुरु से जुड़े सोने की तस्करी मामले में तीसरी गिरफ्तारी साहिल सकारिया जैन की हुई. उस पर भारत में तस्करी कर लाए गए सोने को बेचने में कथित तौर पर मदद करने का आरोप लगाया गया. दरअसल, डीआरआई द्वारा सीसीटीवी फुटेज चैक करने पर पता चला कि वह 15 दिनों के दरम्यान दुबई से भारत आई है. एयरपोर्ट से हर बार बाहर निकलने के लिए एक ही तरह का प्रोटोकाल फालो किया गया, लेकिन सब से बड़ी बात यह कि चारों बार रान्या राव ने एक ही तरह ही खास जैकेट और बेल्ट पहनी हुई थी, जोकि संयोग नहीं था. बस, यहीं से डीआरआई को रान्या पर शक हुआ. जैसे ही रान्या की जांच की गई, तब सच यकीन में बदल गया.
भारत में 1962 के सीमा शुल्क अधिनियम के तहत सोने, नकद सीमा, जुरमाना और सजा पर सीमा शुल्क नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ता है. रान्या राव का बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगभग 15 किलोग्राम सोने के साथ पकड़ा जाना एक विवाद बन चुका है. यह हाल के दिनों में सोने की सब से बड़ी जब्ती में से एक है. इस का खुलासा डीआरआई ने एयरपोर्ट सुरक्षा जांच के सिलसिले में किया है. राव को एक आर्थिक अपराध अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उस पर आरोप लगा कि पिछले एक साल में उस ने कथित तौर पर सोने की तस्करी करते हुए हर बार एक ही पोशाक पहन कर सऊदी अरब की 30 यात्राएं कीं.
गोल्ड स्मगलिंग के तरीके
दुबई से भारत तक फैले गोल्ड स्मगलिंग के नेटवर्क में रान्या अकेली खिलाड़ी नहीं है. पिछले एक साल में दुबई से भारत लाया गया करोड़ों रुपए का सोना पकड़ा जा चुका है. भले ही सोने की इस तस्करी का रूट एक हो, लेकिन तरीके अलगअलग रहे हैं. सोने की तस्करी में ऐसे दरजनों तरीके हैं, जिन्हें कस्टम और अन्य एजेंसियां अभी तक पकड़ चुकी हैं, लेकिन यह गोल्ड तस्कर एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए स्मगलिंग के नए तौरतरीके ईजाद कर लेते हैं.
खजूर में सोना: इसी साल 26 फरवरी को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग की टीम ने जेद्दा से आ रहे एक यात्री को रोका था. जब उस के सामान की जांच की गई, तब उस के बैग से खजूर का एक पैकेट मिला. खजूर के साइज पर कस्टम टीम को शक हुआ. टीम ने उस की जांच की, तब खजूर में सोना छिपे होने का पता चला. कस्टम अधिकारियों ने खजूर से 172 ग्राम सोना बरामद किया. बैग की बेल्ट में सोना: इस के ठीक 2 दिन पहले 24 फरवरी को जेद्दा से कुवैत होते हुए आईजीआई एयरपोर्ट पहुंची फ्लाइट में एक यात्री गले में स्लिंग बैग डाल कर उतरा था. वह बेहद परेशान दिख रहा था. उस के चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा था.
कस्टम की टीम ने ग्रीन चैनल के पास शक के आधार पर उसे रोका. जैसे ही उस का बैग स्कैनिंग मशीन में डाला तो सोना तस्करी का एक और तरीका सामने आ गया. यात्री के स्लिंग बैग और ब्रीफकेस की बेल्ट से 1585 ग्राम सोने का पेस्ट बरामद हुआ. बरामद सोने के पेस्ट की भारत में कीमत करीब एक करोड़ 30 लाख रुपए आंकी गई. हैंड ग्राइंडर में सोना: इसी तरह 8 फरवरी, 2025 को एक पैसेंजर रियाद से दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था. उस के बैग में एक हैंड ग्राइंडर और मिक्सर मशीन थी. कस्टम ने उस की जांच की तो हैंड ग्राइंडर और मिक्सर से 466 और 427 ग्राम सोना बरामद हुआ.
टूल बौक्स में सोना: इसी साल 28 जनवरी को रियाद से दिल्ली आने वाले एक पैसेंजर को कस्टम विभाग ने आईजीआई एयरपोर्ट के ग्रीन चैनल पर रोका था. उस के बैग में रखे टूल बौक्स को चैक किया. कस्टम विभाग को टूल बौक्स का लाना आश्चर्यजनक था, क्योंकि वह भारत में आसानी से मिल जाता है. टूल बौक्स में औजारों को जब खोला गया, तब उस में से करीब 13 लाख रुपए का सोना बरामद हुआ. अचार और क्रीम के डिब्बे में सोना: सोने की तस्करी करने वालों द्वारा अपनाया गया यह तरीका भी कुछ कम अनोखा नहीं था.
जेद्दा से आने वाले यात्री के पास से अचार के डिब्बे से 100 ग्राम के 2 सोने के बिस्कुट बरामद हुए, जबकि रियाद से आने वाले यात्री के पास से बेहद चालाकी से क्रीम और बाम के डिब्बे में छिपा कर लगे गए वाइट गोल्ड के 18 बिसकुट बरामद हुए.
विदेश से कौन व्यक्ति कितना ला सकता है सामान
भारत में प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों को सीमा शुल्क जांच के दौर से गुजरना होता है. उन्हें सीमा शुल्क घोषणा फार्म भरने की आवश्यकता हो सकती है. यदि आप 5 हजार डालर से अधिक मूल्य के विदेशी मुद्रा नोट या 10 हजार डालर से अधिक की कुल विदेशी मुद्रा राशि ले जा रहे हैं तो यह घोषणा अनिवार्य है.
- उपयोग की गई व्यक्तिगत वस्तुएं और यात्रा स्मृति चिह्न को शुल्कमुक्त रखा गया है.
- 15 हजार रुपए तक की वस्तुओं पर वैसे यात्रियों को छूट है जो नेपाल, भूटान या म्यांमार से आते हैं.
- अंतरराष्ट्रीय यात्री 50 हजार रुपए तक का सामान शुल्क मुक्त ला सकते हैं, बशर्ते कि वे प्रतिबंधित वस्तुएं न ले जा रहे हों.
- लैपटाप, कंप्यूटर आदि के संबंध में कोई 18 वर्ष या उस से अधिक आयु के प्रत्येक यात्री को एक लैपटाप शुल्क मुक्त लाने की अनुमति है.
- एक यात्री को 2 लीटर तक शराब शुल्क मुक्त लाने की अनुमति है.
- तंबाकू के पदार्थों में 100 सिगरेट या 25 सिगार या फिर 125 ग्राम तंबाकू शुल्क मुक्त लाने की अनुमति है.
- एनआरआई को हर 6 महीने में एक बार 10 हजार ग्राम सोना भारत लाने की अनुमति है, बशर्ते कि वे कम से कम 6 महीने तक विदेश में रहे हों. हालांकि इस भत्ते का केवल एक हिस्सा शुल्क से मुक्त है, जबकि बाकी सीमा शुल्क के अधीन है.
- पुरुष यात्री 50 हजार रुपए तक की कीमत के साथ 20 ग्राम सोना ला सकता है.
- महिला यात्री एक लाख रुपए तक की कीमत के साथ 40 ग्राम सोना ला सकती है.
- बच्चे 20/40 ग्राम सोना ला सकते हैं. लड़का और लड़की के आधार पर क्रमश: 50 हजार रुपए या एक लाख रुपए की मूल्य सीमा का सोना होना चाहिए.
नकदी ले जाने की सीमा
कोई यात्री बिना घोषणा के 25 हजार रुपए तक की भारतीय मुद्रा ला सकते हैं. हालांकि 5 हजार डालर या इस के बराबर की विदेशी मुद्रा की घोषणा करनी होती है.
तस्करी के लिए सजा
सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत तस्करी एक गंभीर अपराध है. तस्करी के लिए इस तरह के दंड होते हैं—
कारावास: अपराध की गंभीरता के आधार पर तस्करों को 3 से 7 साल तक की कैद हो सकती है.
जुरमाना: कारावास के अलावा, तस्करों पर जुरमाना भी लगाया जा सकता है, जिस की राशि अकसर शामिल माल के मूल्य से 3 गुना होती है.
माल की जब्ती: तस्करी किए गए सामान को सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जब्त किया जा सकता है.