Extramarital Affair : पतिपत्नी के बीच सब से बड़ी डोर विश्वास होती है, जिस के सहारे घरगृहस्थी चलती है. इसी विश्वास के नाते लाखों लोग घर से सैकड़ोंहजारों किलोमीटर दूर नौकरियां करते हैं. लेकिन जब किसी तीसरे की वजह से विश्वास की डोर कमजोर पड़ती है तो कई जिंदगियों में जलजला सा…
जिला मुरादाबाद से करीब 19 किलोमीटर दूर है थाना मूंढापांडे. इसी थाना क्षेत्र का एक गांव है जैतपुर विशाहट. रोहित सिंह इसी गांव का मूल निवासी था. वैसे वह अपनी पत्नी अन्नू के साथ मुरादाबाद शहर में रहता था. मुरादाबाद की पीतल बस्ती के कमल विहार में उस ने 400 वर्गगज में अपना मकान बनवा रखा था. रोहित पेशे से ट्रक ड्राइवर था और बरेली की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी करता था. रोहित हफ्ते में कम से कम एक बार अपने गांव जैतपुर जरूर जाता था. गांव में उस के पिता सत्यभान सिंह परिवार के साथ रहते थे. रोहित का गांव मूंढापांडे कस्बे से करीब 6 किलोमीटर दूर था, इसलिए वह गांव से बाइक से मूंढापांडे तक आता था और वहां पर भारतीय स्टेट बैंक के पास एक मोटर मैकेनिक की दुकान पर बाइक खड़ी कर के बस से बरेली चला जाता था.
23 अगस्त, 2020 को रोहित बरेली जाने के लिए अपने गांव जैतपुर विशाहट से दोपहर करीब 12 बजे बाइक ले कर निकला. रात करीब 8 बजे रोहित के पिता सत्यभान सिंह ने रोहित को फोन किया तो उस का फोन बंद मिला. पिता ने उसे कई बार फोन मिलाया लेकिन हर बार फोन बंद मिला. ऐसा कभी नहीं होता था, इसलिए फोन न मिलने से सत्यभान सिंह चिंतित हुए. उन्होंने बरेली की उस ट्रांसपोर्ट कंपनी में फोन किया, जहां रोहित नौकरी करता था. पता चला रोहित उस दिन अपनी ड्यूटी पर पहुंचा ही नहीं था. सत्यभान परेशान हो गए. उन्होंने मुरादाबाद में रह रही रोहित की पत्नी अन्नू से पूछा तो उस ने बताया कि वह मुरादाबाद नहीं आए, अपनी ड्यूटी पर ही होंगे. जबकि रोहित ड्यूटी पर नहीं पहुंचा था.
बेटे की चिंता में सत्यभान और उन के घर वालों को रात भर नींद नहीं आई. सुबह होने पर वह उस मोटर मैकेनिक की दुकान पर पहुंचे, जहां रोहित अपनी बाइक खड़ी किया करता था. मैकेनिक ने बताया कि रोहित ने उस के यहां बाइक खड़ी नहीं की थी और न ही आया था. उधर अन्नू भी पति का फोन बंद मिनने से परेशान थी. अपनी चिंता वह ससुर से व्यक्त कर रही थी. सत्यभान ने अपने तमाम रिश्तेदारों के यहां भी फोन कर के रोहित के बारे में पता किया, लेकिन उस का कहीं पता नहीं चला. अंतत: सत्यभान ने 24 अगस्त, 2020 को थाना मूंढापांडे में बेटे रोहित की गुमशुदगी दर्ज करा दी. थानाप्रभारी नवाब सिंह ने गुमशुदगी दर्ज होने के बाद जरूरी काररवाई शुरू कर दी.
2 दिन हो गए, रोहित का कहीं पता नहीं चला. घरवाले उस की चिंता में परेशान थे. उन की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. 25 अगस्त, 2020 मंगलवार के अखबारों में अमरोहा देहात थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की लाश मिलने की खबर छपी. लाश गांव कंकरसराय के गन्ने के एक खेत से मिली थी. उस का सिर कुचला हुआ था. सत्यभान के एक रिश्तेदार अमरोहा में रहते थे. रिश्तेदार ने सत्यभान को गन्ने के खेत में लाश मिली होने की जानकारी दी. साथ ही यह भी बताया कि मृतक के हाथ पर रोहित लिखा हुआ है, इसलिए आप अमरोहा देहात थाने आ कर लाश देख लें.
खबर मिलते ही सत्यभान सिंह 26 अगस्त को परिवार के लोगों के साथ अमरोहा देहात थाने पहुंच गए. थानाप्रभारी ने सत्यभान को बरामद लाश के फोटो व कपड़े दिखाए. कपड़ों से सत्यभान ने पहचान लिया कि कपड़े उन के बेटे रोहित के हैं. थानाप्रभारी लाश की शिनाख्त के लिए उन्हें जिला अस्पताल ले गए. मोर्चरी में रखी लाश देखते ही सत्यभान फूटफूट कर रोने लगे. वह लाश उन के बेटे रोहित की ही थी. लाश की शिनाख्त हो जाने के बाद थानाप्रभारी ने राहत की सांस ली. पोस्टमार्टम हो जाने के बाद लाश उसी दिन मृतक के घर वालों को सौंप दी गई. पोस्टमार्टम में पता चला कि रोहित की मौत गला दबाने से हुई थी. इस के अलावा उस के सिर और लिंग को ईंट से बुरी तरह कुचला गया था. चूंकि गुमशुदगी का मामला थाना मूंढापांडे में दर्ज हुआ था, इसलिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट थाना मूंढापांडे पुलिस के पास आ गई.
थानाप्रभारी नवाब सिंह मामले को सुलझाने में जुट गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचे कि हत्यारे की मृतक रोहित से कोई गहरी दुश्मनी थी, इसलिए उस ने इतनी क्रूरता दिखाई. उन्होंने मृतक के पिता से पूछा कि उन की किसी से कोई रंजिश वगैरह तो नहीं है? अगर उन्हें किसी पर कोई शक हो तो बता दें. सत्यभान सिंह ने मुरादाबाद की पीतल बस्ती के कमल विहार निवासी अजय पाल व 2 अन्य लोगों पर शक जताया. इस के बाद थानाप्रभारी ने एक टीम गठित की और 28 अगस्त को नामजद आरोपी अजय पाल और उस के साथी कुलदीप सैनी को मुरादाबाद स्थित उन के घरों से गिरफ्तार कर लिया. उन दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने मान लिया कि रोहित की हत्या उन्होंने ही की थी और यह सब कुछ मृतक की पत्नी अन्नू के इशारे पर किया था.
पुलिस ने अन्नू और अजय पाल के फोन नंबरों की काल डिटेल्स निकलवाई तो पता चला कि घटना के दिन दोनों ने आपस में कई बार बात की थी और एकदूसरे को मैसेज भी भेजे थे. दोनों से पूछताछ के बाद रोहित की हत्या की जो कहानी सामने आई, वह काफी दिलचस्प थी. करीब 10 साल पहले रोहित सिंह की शादी संभल जिले के गांव भोजपुर की अन्नू के साथ हुई थी. उस समय रोहित मुरादाबाद में आटोरिक्शा चलाया करता था. रोहित का गांव मुरादाबाद शहर से करीब 19 किलोमीटर दूर था, इसलिए उसे रोजाना आनेजाने में परेशानी होती थी. इस परेशानी से बचने के लिए उस ने मुरादाबाद की पीतल बस्ती में 400 वर्गगज का एक प्लौट खरीद लिया.
5 साल पहले उस ने प्लौट पर अपना मकान बनवा लिया. उस की गृहस्थी हंसीखुशी से चल रही थी. उस के 2 बच्चे थे, एक बेटा और एक बेटी. रोहित का एक दोस्त था अजय पाल. वह भी मुरादाबाद में आटोरिक्शा चलाता था. इसलिए दोनों की दोस्ती हो गई थी. शाम को दोनों अकसर साथ बैठ कर शराब पीते थे. अजय पाल का रोहित के घर आनाजाना लगा रहता था. बाद में रोहित सिंह की बरेली की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी लग गई. वह ट्रांसपोर्ट कंपनी का ट्रक चलाता था, जिस की वजह से वह कईकई दिन बाद घर लौटता था. उसी दौरान अजय पाल के रोहित की पत्नी अन्नू से अवैध संबंध बन गए. पति की गैरमौजूदगी में अन्नू अपने प्रेमी के साथ खूब मौजमस्ती करती थी. उसे रोकनेटोकने वाला कोई नहीं था, इसलिए किसी का डर भी नहीं था.
रोहित जब बरेली से घर लौटता तो पत्नी को फोन कर के सूचना दे देता था. अन्नू सतर्क हो जाती और प्रेमी से भी सतर्क रहने के लिए कह देती थी. घर लौटने के बाद रोहित की अपने दोस्त अजय पाल के साथ महफिल सजती थी. रोहित दोस्त पर विश्वास करता था, यह अलग बात थी कि वही दोस्त विश्वास की आड़ में उस के घर में सेंध लगा चुका था. 2-3 दिन घर रुकने के बाद रोहित मातापिता से मिलने अपने गांव जैतपुर वशाहट जाता और फिर अगले दिन वहीं से ड्यूटी पर बरेली चला जाता था. उधर अन्नू और अजय पाल के संबंध गहरे होते जा रहे थे. उन्होंने जीवन भर साथ रहने की कसम खा ली थी. अजय अन्नू पर घर से भाग चलने का दबाव डालता था, लेकिन अन्नू घर से भागने को मना कर देती. वह कहती थी कि घर से भागने की जरूरत क्या है, यदि रोहित का काम तमाम कर दो तो रास्ता अपने आप साफ हो जाएगा.
अन्नू के प्यार में अंधे हो चुके अजय पाल को प्रेमिका की यह सलाह बहुत अच्छी लगी. उस ने अन्नू से वादा कर दिया कि वह रोहित का काम तमाम करा देगा. इस के बाद अन्नू और अजय पाल ने रोहित को ठिकाने लगाने की योजना बनानी शुरू कर दी. अजय ने इस बारे में अपने दोस्त कुलदीप सैनी से बात की. वह भी अजय का साथ देने को तैयार हो गया. फिर वे उचित मौके का इंतजार करने लगे. 23 अगस्त, 2020 को उन्हें यह मौका मिल गया. क्योंकि उस दिन रोहित ड्यूटी से अपने घर मुरादाबाद आया हुआ था और उसी दिन उसे मुरादाबाद से अपने गांव जैतपुर वशाहट जाना था. सुबह 9 बजे नाश्ता करने के बाद वह बाइक से गांव जाने के लिए निकल गया.
अन्नू ने यह जानकारी फोन से अजय को दे दी. योजना के अनुसार अजय पाल अपने साथी कुलदीप सैनी को ले कर पीतल बस्ती के आगे गुलाबबाड़ी में सड़क किनारे खड़े हो कर रोहित के आने का इंतजार करने लगा. रोहित वहां पहुंचा तो अजय ने हाथ दे कर उस की बाइक रुकवाई. अजय ने कुलदीप का परिचय रोहित से कराते हुए कहा कि इस की बहन मूंढापांडे में रहती है. हम लोग वहीं जा रहे हैं. तुम हमें मूंढापांडे छोड़ कर अपने गांव निकल जाना. रोहित दोस्त की बात नहीं टाल सका. वह दोनों को अपनी बाइक पर बैठा कर चल दिया. अजय पाल और कुलदीप को मूंढापांडे छोड़ने के बाद रोहित अपने गांव जैतपुर विशाहट चला गया. उस ने अजय को बता दिया कि वह मातापिता से मिलने के बाद आज ही ड्यूटी पर बरेली चला जाएगा. उस का गांव मूंढापांडे से करीब 6 किलोमीटर दूर था.
अजय पाल को अपनी योजना को अंजाम देना था, इसलिए वह मूंढापांडे में ही रोहित के लौटने का इंतजार करने लगा. अजय को यह बात पता थी कि रोहित अपनी बाइक मूंढापांडे में एक मैकेनिक के पास खड़ी कर के बस से बरेली जाता है, इसलिए अजय और कुलदीप उस के आने का इंतजार करने लगे. मातापिता से मिलने के बाद रोहित ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकल गया. उसे अपनी बाइक मैकेनिक के पास खड़ी करनी थी, लेकिन उस से पहले ही रास्ते में उसे अजय पाल और कुलदीप खड़े मिले. उन्हें देखते ही रोहित ने बाइक रोक दी. उस ने पूछा, ‘‘तुम लोग अभी तक यहीं हो.’’
‘‘हां, हम तुम्हारे आने का इंतजार कर रहे थे.’’ अजय बोला.
‘‘क्यों, क्या कोई खास बात है?’’ रोहित ने पूछा.
‘‘हां भाई, बात खास है तभी तो तुम्हारा इंतजार कर रहे थे.’’ अजय ने कहा.
‘‘बताओ क्या बात है?’’
‘‘रोहित बात यह है कि यहां पर कुलदीप के किसी के पास मोटे पैसे फंसे हुए थे. आज सारे पैसे मिल गए. इसलिए हम लोग बहुत खुश हैं और इसी खुशी में आज पार्टी करना चाहते हैं.’’ अजय बोला.
‘‘नहीं यार, अभी तो मैं ड्यूटी पर जा रहा हूं. फिर कभी पार्टी कर लेंगे.’’
‘‘अरे यार, एकएक पेग लेने में क्या बुराई है.’’ अजय ने जोर डाला.
रोहित अपने दोस्त की बात को टाल नहीं सका. तभी अजय का दोस्त कुलदीप सैनी एक बोतल और पकौड़े ले आया. तीनों ने पकौड़े के ठेले पर ही शराब पीनी शुरू कर दी. रोहित पर नशा ज्यादा चढ़ गया तो वह बोला, ‘‘आज मैं ड्यूटी नहीं जाऊंगा.’’ वे तीनों बाइक से दलपतपुर जीरो पौइंट हाइवे पर आ गए. हाइवे से सटा हुआ एक गांव है मछरिया. वहीं पर कुलदीप ने रोहित का मोबाइल ले कर उस की बैटरी निकाल दी, ताकि उस का किसी से संपर्क न हो सके.
इस के बाद तीनों हाइवे से होते हुए कस्बा पाकवड़ा पहुंचे. पाकवड़ा में तीनों ने फिर शराब पी और खाना खाया. खाना खाने के बाद रोहित ने घर चलने को कहा तो अजय बोला, ‘‘अभी चलते हैं. हमें अमरोहा में कुछ जरूरी काम है. अमरोहा यहां से थोड़ी ही दूर है. बस, काम निपटा कर आ जाएंगे.’’
अजय और कुलदीप अपनी योजना के अनुसार रोहित को अमरोहा ले गए. रात करीब 10 बजे तीनों अमरोहा देहात के गांव कंकरसराय पहुंचे. उस समय तक रोहित को ज्यादा नशा चढ़ चुका था. नशे की हालत में दोनों उसे गन्ने के खेत में ले गए और गला दबा कर उस की हत्या कर दी. रोहित की हत्या करने के बाद उन्होंने उस का सिर ईंट से कुचल दिया, जिस से उस का चेहरा पहचान में न आ सके. इस के अलावा उन्होंने उस के लिंग को भी ईंट से कुचल दिया. हत्या से पहले अजय के मोबाइल पर रोहित की पत्नी अन्नू का फोन आया था. अंजू ने उस से कहा था कि किसी भी हालत में रोहित को जिंदा मत छोड़ना.
मरने से पहले रोहित दोनों के सामने गिड़गिड़ाया था कि यार मुझ से क्या गलती हो गई, मुझे क्यों मार रहे हो लेकिन उन का दिल नहीं पसीजा. कुलदीप ने रोहित की टांगें पकड़ लीं और अजय ने गला दबा कर उस की हत्या कर दी थी. अजय ने हत्या की जानकारी अन्नू को दे दी थी. हत्यारों को विश्वास था कि यहां रोहित की लाश कुछ दिनों में सड़गल जाएगी और पुलिस उन तक कभी नहीं पहुंचेगी लेकिन उन की यह सोच गलत साबित हुई. वे पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए. अभियुक्त अजय पाल और कुलदीप सैनी से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें रोहित की हत्या कर शव छिपाने के आरोप में गिरफ्तार कर 28 अगस्त, 2020 को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जिला जेल भेज दिया.
इस मामले में मृतक रोहित की पत्नी अन्नू का भी हाथ था, इसलिए पुलिस ने 29 अगस्त को अन्नू को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में अन्नू ने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया. पुलिस ने उसे भी न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित