देवयानी की हत्या के संबंध में पुलिस ने उस की मां से ही नहीं बल्कि उस के प्रेमी से भी पूछताछ की थी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. आखिर घटनास्थल पर पुलिस को जो लाल कंघी मिली थी, वही उसे हत्यारे तक इस तरह ले गई कि…
सर्दी की रात थी. साढ़े 9 बजे kahan के थाने में औसानगंज रोड पर एक लड़की की गोली मार कर हत्या किए जाने की सूचना मिली. पुलिस दल ने मौके पर पहुंच कर सुनसान हो चुके इलाके का मुआयना किया. फिर लाश की शिनाख्त में जुट गए.
गोरीचिट्टी, इकहरे बदन की खूबसूरत नाकनक्श वाली करीब 25 वर्षीय युवती को किसी ने पीछे से गोली मारी थी.
जांच के दौरान मौके से एक लाल रंग की कंघी मिली. युवती के पास एक बैग भी था. युवती के बैग से एक मोबाइल फोन मिला. उसी से उस के घर का पता चला. उस के घर सूचना दे दी गई. वह देवयानी थी. इसी मोहल्ले की रहने वाली.
उस की मौत घटनास्थल पर ही हो चुकी थी, फिर भी उसे डाक्टर की पुष्टि के लिए अस्पताल भेज दिया गया. वहीं से लाश को पोस्टमार्टम के लिए भी भेजा गया, ताकि कुछ और जानकारियां मिल सकें.
सूचना पा कर मृतका की मां भागीभागी अस्पताल आईं. उन्होंने बताया कि उस के पति की हाल में ही हार्ट की बाइपास सर्जरी हुई थी. परिवार के लोग पहले से ही परेशान चल रहे थे. उस पर ये हादसा.
2 छोटे भाईबहनों और पूरे परिवार के देखभाल की जिम्मेदारी अकेली देवयानी पर ही थी. उस की मां ने बताया कि औफिस के काम की वजह से वह घर अकसर लेट आती थी.
पुलिस ने देवयानी की मां से उस के औफिस का पता ले कर देवयानी के बारे में कुछ और सवाल पूछे. किसी पर शक, उस के प्रेम प्रसंग, किसी से दोस्ती या दुश्मनी, चालचलन, फेसबुक फ्रैंड आदि के बारे में सवाल किए गए.
कई सवालों पर देवयानी की मां नाराज हो गई. उस ने सख्ती से बताया कि उन की बेटी के चालचलन पर किसी भी तरह का शक नहीं किया जा सकता.
पुलिस ने देवयानी की मां की भावनाओं की कद्र करते हुए जांच आगे बढ़ाई. आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए, हालांकि वे खराब थे. कोई सुराग हाथ नहीं लगा. अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच के लिए अगले ही रोज पुलिस देवयानी के औफिस पहुंच गई.
औफिस में जिस ने भी देवयानी की आकस्मिक मौत की खबर सुनी, सन्न रह गया. वहीं सुपरवाइजर से मालूम हुआ कि मौत के दिन देवयानी समय पर औफिस से निकली थी. इस की पुष्टि अटेंडेंस की बायोमैट्रिक जांच से भी हो गई.
इस आधार पर उस की मां का यह कहना गलत हो गया कि वह उस रोज काम निपटा कर देर से लौटती थी.
इसी बीच पुलिस को कमल नामक युवक के बारे में जानकारी मिली. उस वक्त कमल दिल्ली में था. बुलाने पर उस के 2 दिन बाद थाने आते ही पुलिस ने उस से सीधा सवाल दागा, ‘‘तुम देवयानी को कब से जानते हो?’’
‘‘जी, पिछले एक साल से,’’ कमल डरते हुए बोला.
‘‘तुम्हारा उस के साथ क्या रिश्ता था?’’ पुलिस ने अगला सवाल किया.
‘‘सर, हम दोस्त थे,’’ कमल बोला.
‘‘सिर्फ दोस्त या कुछ और भी..?’’
यह सुन कर कमल थोड़ा सहमा. फिर झिझकते हुए पूछा, ‘‘जी, मैं कुछ समझा नहीं.’’
‘‘साफसाफ बताओ, वरना ठीक नहीं होगा.’’ पुलिसिया घुड़की से कमल कुछ और सहम गया.
‘‘मुझे पता है मर्डर के दिन तुम्हारी उस से एक बार बात हुई थी. झूठ नहीं बोलना, क्या तुम्हारे उस के साथ जिस्मानी संबंध थे?’’ पुलिस ने पूछा.
‘‘यह क्या कह रहे हैं सर! बिना शादी के यह कैसे? हां, उस ने मुझ से एक बार बात जरूर की थी.’’
‘‘क्या बात हुई थी?’’
‘‘वह नौकरी से खुश नहीं थी. कहती थी वहां का माहौल ठीक नहीं है. कर्मचारी ठीक नहीं हैं.’’ कमल ने बताया.
पुलिस ने उस से और अधिक कुछ नहीं पूछा. एक हिदायत के साथ जाने दिया कि देवयानी के बारे में जो भी जानकारी मिले, तुरंत हमें बताए.
जांच अधिकारी ने एक बार फिर देवयानी की मां से पूछताछ शुरू की. उस से सवाल किया, ‘‘आप ने बताया था कि देवयानी के कोई बौयफ्रैंड नहीं है, तब कमल कहां से आ टपका? कुछ और बात जानती हैं तो बताइए, वरना हत्यारा नहीं पकड़ा जाएगा.’’
देवयानी की मां अब यह झेंपती हुई बोली, ‘‘मुझे सिर्फ इतना ही पता था कि उस रोज वह देर से घर आएगी.’’
‘‘देवयानी की और भी किसी से दोस्ती थी?कोई और बौयफ्रैंड भी था?’’
यह सुन कर देवयानी की मां बिफर पड़ी, ‘‘आप ने समझ क्या रखा है मेरी बेटी को? बदचलन बनाने पर तुले हुए हैं?’’
इस तरह की कुछ और पूछताछ महज बहस बन कर रह गई. कोई नतीजा नहीं निकला.
पुलिस यह मान कर चल रही थी कि देवयानी घर की एकमात्र कमाऊ सदस्या होने का फायदा भी जरूर उठाती होगी. उस ने परिवार के लोगों की नजरें बचा कर जरूर किसी के साथ गहरे संबंध बना रखे होंगे.
खैर, कुछ दिनों में ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई. उस से कुछ सवालों के जवाब मिल गए. इस के बाद पुलिस को जांच में फ्रैंडशिप और लव अफेयर से ले कर सैक्स रिलेशन तक का खुलासा हो गया.
रिपोर्ट के अनुसार, उसे गोली तमंचे से मारी गई थी और वह गर्भवती भी थी. चौंकाने वाली इस जानकारी के आधार पर पुलिस अब सीधे हत्यारे तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई.
सादे कपड़ों में कुछ पुलिसकर्मियों को देवयानी के घर के आसपास लगा दिया गया. जांच की सुई एक बार फिर कमल की ओर घूम गई. हालांकि उस से पहले पुलिस उस के खिलाफ कुछ सबूत जुटाना चाहती थी.
एक हफ्ते तक पुलिस इधरउधर हाथ मारती रही, परंतु कोई सुराग हाथ नहीं लगा. सिर्फ इतना पता चल पाया कि देवयानी का औफिस के किसी पूर्व कर्मचारी विशाल के साथ अफेयर था. वह विवाहित था. उम्र भी उस से 10 साल अधिक 35 के करीब थी. यह जानकारी पुलिस के लिए अहम थी.
इस दिशा में जांच से पता चला कि विशाल इन दिनों बाराबंकी स्थित एक कंपनी में नौकरी कर रहा है. बाराबंकी लखनऊ के करीब होने के कारण विशाल का देवयानी से मिलनाजुलना आसानी से संभव था.
विशाल को थाने बुला कर पूछताछ की गई. उस ने देवयानी के साथ काम करने की बात स्वीकार ली. किंतु उस की हत्या की सूचना से एकदम से चौंक गया.
सख्ती से पूछताछ के बावजूद वह बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दे पाया. उस ने बताया कि उसे नौकरी छोड़े 6 महीने बीत गए हैं. इस बीच देवयानी के साथ क्या हुआ, उसे कुछ भी नहीं मालूम.
बातचीत के सिलसिले में पुलिस ने विशाल का मोबाइल फोन ले लिया. उस की गैलरी देखी. उस में विशाल और देवयानी के अंतरंग संबंध की एक तसवीर दिख गई. मौल में ली गई एक सेल्फी में देवयानी के साथ एक और महिला भी थी. विशाल से पूछने पर उस ने उसे अपनी पत्नी बताया.
विशाल को कुरेदने के लिए ये तसवीरें काफी थीं. पुलिस ने विशाल पर सख्ती दिखाते हुए कहा, ‘‘देवयानी गर्भ से थी. तुम ने ही उस की जिंदगी बरबाद की और उस की हत्या भी कर डाली…’’
यह सुनते ही विशाल के चेहरे का रंग फीका पड़ गया. किंतु बारबार कहता रहा कि ऐसी घिनौनी हरकत वह नहीं कर सकता. उस का देवयानी के साथ पारिवारिक संबंध थे. पत्नी भी देवयानी की अच्छी सहेली थी.
इस पर जांच अधिकारी ने विशाल को देवयानी के बारे में वे सारी बातें बताने को कहा, जो अभी तक छिपाए हुए था. सर्विलांस से पुलिस को विशाल और देवयानी की मां के बीच फोन पर हुई बातचीत की जानकारी मिल चुकी थी.
अब विशाल के साथसाथ देवयानी की मां से भी एक ही लाइन में पूछताछ होने लगी. देवयानी की मां और विशाल दोनों ने इस की पुष्टि कर दी.
देवयानी की मां ने जो बताया, वह भी कुछ कम राज की बात नहीं थी. उन्होंने कहा कि विशाल के साथ उस के पारिवारिक संबंध थे. वह कई बार अपनी पत्नी के साथ उस के घर आ चुका था. यहां तक कि विशाल की बहन की शादी में वह सपरिवार शामिल भी हो चुकी थी.
पूछताछ में ही देवयानी की मां ने कह डाला कि उस की मौत के 2 दिन बाद भी विशाल से बात हुई थी. यह सुन कर जांच अधिकारी चौंक पड़े, क्योंकि विशाल खुद को देवयानी की मौत से अनजान बता चुका था.
पूछताछ में देवयानी की मां ने विशाल से बातचीत के मुद्दे के बारे में बताया कि उन्होंने उस से कुछ रुपए की मदद मांगी थी. उस के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी.
पहले भी विशाल उस के पति की बाईपास सर्जरी के लिए 3 लाख रुपए दे चुका था. फिर भी उसी दिन विशाल ने एक बार फिर 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए थे.
जांच अधिकारी सोच में पड़ गए कि देवयानी की मौत के बारे में जानने के बावजूद उस ने पैसे क्यों दिए? आखिर उस की मदद के पीछे क्या राज हो सकता है? इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए विशाल को थाने बुला कर फिर से पूछताछ की गई.
जांच अधिकारी ने डांटते हुए उस से पूछा, ‘‘तुम ने देवयानी की मौत के बाद उस की मां से फोन पर बातचीत और उसी दिन पैसे ट्रांसफर की बात क्यों छिपाई, जबकि मैं ने सारी बातें तुम से बताने को कहा था. पैसा देने के पीछे तुम्हारा क्या मकसद था?’’
‘‘हांहां, कुछ बातें मैं ने नहीं बताईं. बताना जरूरी नहीं समझा… देवयानी की मौत के बाद भी मैं ने उस की मां को पैसे की मदद की, क्योंकि वह मुसीबत में थी.’’ विशाल ने बौखलाहट के साथ जवाब दिया.
पुलिस समझ चुकी थी कि उस के पास कोई ठोस जवाब नहीं है. उन्होंने डपटते हुए पूछा, ‘‘सचसच बताओ, पूरा माजरा क्या है?’’
जवाब में उस ने चुप्पी साध ली. इसी बीच जांच अधिकारी ने अपनी जेब से एक लाल कंघी निकाली. उसे देखते ही विशाल तपाक से बोल उठा, ‘‘अरे, यह तो मेरी कंघी है, आप को कहां मिली?’’
‘‘देवयानी की लाश के पास से.’’
यह सुनना था कि विशाल के चेहरे का रंग फीका पड़ गया. उस के बाद विशाल खुद को काबू में नहीं रख पाया. उस ने जो कुछ बताया उस से न केवल हत्या का राज खुल गया, बल्कि उस के पीछे के कारणों में अनैतिक प्रेम, अवैध संबंध और ब्लैकमेल भी उजागर हो गया. विशाल ने देवयानी के साथ संबंधों का खुलासा कुछ इस प्रकार किया—
देवयानी पहली बार औफिस में काम करने आई थी. उसे देखते ही मैं उस के रूपरंग और मदमस्त यौवन का दीवाना बन गया था. वह बहुत जल्द मेरे जाल में फंस गई थी, क्योंकि उसे काम सिखाना मेरे ही जिम्मे था.
बहुत जल्द ही वह मेरे काफी करीब आ गई थी. हम ने सीमा रेखा लांघ ली थी. उस पर परदा डालने के लिए मैं ने अपनी बीवी से उस की दोस्ती करवा दी. इस तरह सब की नजरों में देवयानी के साथ मेरा पारिवारिक संबंध था. बीवी को भी मेरे और देवयानी के साथ गहरे संबंधों की भनक नहीं थी.
कुछ दिनों बाद मैं बाराबंकी चला आया, लेकिन देवयानी से मिलनाजुलना जारी रहा. संयोग से वहां भी मेरे एक महिला से संबंध बन गए. इस की जानकारी देवयानी को हो गई. इस पर उस ने जबरदस्त आपत्ति की. एक बार तो बाराबंकी आ कर उस ने मुझ से खूब झगड़ा किया. तभी मालूम हुआ कि वह गर्भ से है.
उस ने मुझ से शादी की जिद भी की. जब मैं ने इनकार किया, तब उस ने हमारी अंतरंग तसवीरें और बातचीत के औडियो जगजाहिर करने की धमकी दी.
मैं इसी डर से उस का मुंह बंद रखने के लिए उस की आर्थिक मदद करता रहा. पहले उस के पिता के इलाज के लिए पैसे दिए. इस बीच उस पर गर्भ गिराने के लिए दबाव भी डाला, लेकिन वह नहीं मानी.
उस ने मेरी बीवी को सारी बात बता दी. तमाम तसवीरें दिखा दीं. नाराज बीवी ने मुझ से डाइवोर्स की मांग कर दी. बीवी की डाइवोर्स की बात पर मैं ने एक बार फिर देवयानी को गर्भ गिराने और संबंध हमेशा के लिए खत्म करने की मिन्नत की, लेकिन वह शादी की रट लगाए रही. अंतत: मैं ने उसे हमेशा के लिए खत्म करने का निर्णय ले लिया.
घटना के बारे में विशाल ने बताया कि मैं ने उसे एक रेस्टोरेंट में उसे बुलाया था. उस ने समझा कि शायद मैं उस की बात मानने के लिए तैयार हो गया हूं. इसलिए वह रेस्टोरेंट में पहुंच गई. मैं ने उसे एक बार फिर समझाने की कोशिश की कि वह गर्भ गिरा दे.
इस पर वह कहने लगी कि वह मुझे भूल नहीं सकती. अगर मैं ने बात नहीं मानी तो वह मुझे कोर्ट तक घसीटेगी.
कोर्ट की बात पर ही मुझे काफी गुस्सा आ गया. मैं उठ खड़ा हुआ. उस ने भी कुरसी छोड़ दी और मोबाइल बैग में रखते हुए रेस्टोरेंट से तेजी से बाहर निकल गई.
मैं ने उस का पीछा किया. सुनसान जगह पर जब वह पहुंची तो तमंचे से उसे पीछे से गोली मार दी. मैं पूरी तैयारी के साथ आया था. उस के बाद तमंचा छिपाने की हड़बड़ी में मेरी जेब से मेरी कंघी गिर गई.
इस तरह से विशाल ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया था.