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‘मनोहर कहानियां’ और ‘सत्यकथा’ केवल पत्रिकाएं ही नहीं बल्कि समाज को अपराध और अपराधियों के प्रति जागरूक करने का एक आंदोलन हैं. इनके द्वारा समाज को सजग और सचेत रहने के लिए जागरूक किया जाता है. यह समाज को अपराधियों से चौकन्ना रहने के लिए सचेत करती हैं.

1944 में जब ‘मनोहर कहानियां’ पत्रिका की शुरुआत हुई तो उस समय इसमें केवल रहस्य-रोमांस और सस्पेंस-थ्रिलर से भरी काल्पनिक कहानियां ही छापी जाती थीं. इसके बाद सन् 1972 में सत्य घटनाओं पर आधारित कहानियां प्रकाशित करने के लिए ‘सत्यकथा’ पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया. पाठकों ने अपराध पर आधारित कथाएं पढ़ने में ज्यादा रुचि दिखाई तो वर्ष 1973 से ‘मनोहर कहानियां’ को भी सत्य घटनाओं पर केंद्रित कर दिया.

देश के बड़े और जानेमाने संस्थान दिल्ली प्रैस ग्रुप की 9 भाषाओं में 30 पत्रिकाओं के जरिए देश के करोड़ों पाठकों तक सीधी पहुंच है. ग्रुप की पत्रिकाएं हर घर में पढ़ी जाती हैं.

‘मनोहर कहानियां’ और ‘सत्यकथा’ पत्रिकाओं में आम आदमी से ले कर हाईप्रोफाइल व्यक्ति की अपराध कथाओं को स्थान दिया जाता है. इन दोनों पत्रिकाओं में साइबर क्राइम, पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक क्षेत्र की सच्ची घटनाओं के अलावा प्रेम अपराध की सच्ची घटनाओं को कहानियों का रूप दे कर, उन्हें इस मकसद के साथ प्रकाशित किया जाता है कि पाठक इन घटनाओं से कुछ सबक ले सकें.

देश में आम आदमी से ले कर हाईप्रोफाइल समाज में घटी किसी भी तरह की कोई भी चर्चित घटना ‘मनोहर कहानियां’ या ‘सत्यकथा’ से नहीं बच पाती. दोनों ही पत्रिकाएं घटना के पीछे सच्चाई कहानी के रूप में, पात्रों के फोटो के साथ प्रकाशित कर पाठकों को सच्चाई से रूबरू कराती हैं.

अब वास्तविक जीवन की सच्ची कहानियों को सरल और आम बोलचाल की भाषा में इस तरह से लिखा जाता है ताकि पाठक उन्हें बड़ी आसानी से समझने के बाद कहानी से कुछ सीख ले सकें.

इस बदलाव को पाठकों ने बहुत सराहा और पसंद किया. जिस की वजह से ‘मनोहर कहानियां’ और ‘सत्यकथा’ पत्रिकाएं भारत की टौप हिंदी पत्रिकाओं में स्थान बनाए हुए हैं. पाठकों के लिए खुशी की बात यह है कि यह दोनों पत्रिकाएं अब डिजिटल प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध हैं.

About Delhi Press:

Delhi Press is one of the most diversified magazine publishing houses in India.  Its portfolio of publications includes family-oriented, political and general-interest magazines along with magazines for women, children and rural folk. With 30 magazines in 9 languages, the group enjoys a strong reach in all regions of the country. Delhi Press commands the most highly integrated distribution network in India amongst magazine publishers. The group maintains contact with more than 3000 distributors and agents. There are 14 distribution offices in various state capitals pan India. The distribution of magazines is done through our associated company ‘Delhi Prakashan Vitran Private Limited’.

 

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