Love Crime : शादी के वादे पर 2 साल रिलेशनशिप, रोजाना के शारीरिक संबंध, कई बार गर्भपात. आखिर कितना सह सकती है एक युवती. जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो…

हमेशा की तरह साहिल दोपहर का खाना खा कर काम पर जाने के लिए घर से निकला था. लेकिन अगले दिन सुबह 9 बजे तक घर वापस नहीं लौटा तो उस की अम्मी नसीम खान का दिल एक अनजानी आशंका में घबराने लगा. घबराहट इसलिए भी थी कि साहिल का फोन लगातार स्विच्ड औफ था. मां की घबराहट वाजिब भी थी क्योंकि साहिल उन का एकलौता बेटा था. 7 साल पहले नसीम के पति सहीम खान की मौत के बाद नसीम ने एकलौते बेटे साहिल और 3 बेटियों को कड़ी मेहनत और कष्ट उठा कर पाला था.

नसीम के पति सहीम का लेडीज टेलरिंग का काम था. उन का इंतकाल होने के बाद नसीम ने बच्चों की परवरिश के साथ पति के काम को संभालने की जिम्मेदारी भी उठा ली. दिल्ली के वजीराबाद स्थित गली नंबर- 9 में प्लौट नंबर एच-9 पर बने अपने घर में ही उस ने बुटीक का काम शुरू कर दिया. बड़ी बेटी आयशा ने भी मां का हाथ बंटाना शुरू कर दिया. साहिल (23 साल) बड़ी बहन आयशा से 1 साल छोटा था. साहिल से छोटी उस की 2 बहनें नाजिमा और फातिमा हैं. 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद साहिल ने भी अपनी मां नसीम का हाथ बंटाना शुरू कर दिया था. नसीम और उन की तीनों बेटियां साहिल को प्यार से राजा पुकारते थे, इसलिए जवान होने तक उस का उपनाम राजा ही पड़़ गया.

साहिल उर्फ राजा प्रिंटिंग प्रैस में मशीनमैन के रूप में काम करता था. राजा के पिता सहीम खान के एक दोस्त हैं अब्दुल सत्तार. शास्त्री पार्क दिल्ली में उन की प्रिंटिंग प्रैस है. कोरोना वायरस महामारी के बाद लौकडाउन के कारण प्रिंटिंग प्रैस का काम बहुत अच्छा नहीं चल रहा था. फिर भी छोटामोटा काम आता रहता था. इसीलिए राजा कुछ घंटों के लिए प्रिंटिंग प्रैस जरूर जाता था. जब काम अधिक होता था तो वह रात में वहीं रुक जाता था. 10 सितंबर, 2020 को शाम करीब 4 बजे राजा अपने घर से मोटरसाइकिल ले कर प्रिंटिंग प्रैस जाने के लिए निकला था.

रात को करीब 10 बजे उस ने फोन कर के अपनी मां से बताया था कि वह रात को घर नहीं आएगा. लेकिन आमतौर पर राजा जब रात को घर से बाहर होता था तो सुबह 8 से 9 तक घर जरूर लौट आता था. 11 सितंबर को ऐसा नहीं हुआ तो मां नसीम और बहन आयशा ज्यादा परेशान हो गईं. इस दौरान आयशा प्रिंटिंग प्रैस के मालिक अब्दुल सत्तार के अलावा राजा के सभी दोस्तों और जानकारों से फोन कर के उस के बारे में पूछताछ कर चुकी थी. किसी से कुछ पता नहीं चला. मनहूस खबर इसी बीच सुबह साढे़ 11 बजे के करीब मोबाइल देखते हुए अचानक आयशा की नजर अपनी ही कालोनी के एक वाट्सऐप ग्रुप पर पड़ी.

वाट्सऐप ग्रुप में एक लाश की फोटो थी, जिस में लाश की शिनाख्त करने की अपील करते हुए जानकारी दी गई थी कि यह लाश आज सुबह पुलिस ने गली नंबर 9 में अमीना मसजिद के पास से बरामद की थी. लाश के चेहरे और कपड़ों पर नजर पड़ते ही आयशा के मुंह से चीख निकल गई, ‘हाय अल्लाह यह क्या हुआ? अम्मी… अम्मी, जल्दी आओ… देखो भाईजान के साथ यह क्या हो गया.’

रसोईघर से निकल कर नसीम बाहर आई तो देखा बेटी आयशा बदहवास हालत में जमीन पर बैठी मोबाइल की स्क्रीन को देख कर छाती पीटते हुए रो रही थी. इस के बाद आयशा ने नसीम को जो कुछ बताया, उसे जान कर उन्हें भी धरतीआसमान घूमते नजर आने लगे. इस दौरान नसीम और आयशा की चीख और करुण रुदन सुन कर बाकी दोनों बहनें भी अपने कमरों से बाहर निकल आईं. दरअसल, वाट्सऐप का यह मैसेज नसीम के परिवार पर कहर बन कर टूटा था. जिस बेटे के लौटने का वह सुबह से बेसब्री के साथ इंतजार कर रही थीं, उस की मौत हो चुकी थी.

दरअसल उसी सुबह करीब साढ़े 7 बजे वजीराबाद इलाके की अमीना मसजिद की सीढि़यों के पास राहगीरों ने सड़क पर एक युवक को अचेत अवस्था में पड़ा देखा, जिस के बाद लोगों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना दी. पुलिस कंट्रोल रूम की गाड़ी कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गई. पुलिस कंट्रोल रूम ने आगे की काररवाई के लिए वजीराबाद थाने को सूचना दे दी. क्योंकि यह इलाका इसी थाना क्षेत्र में आता था. सूचना मिलने के बाद एसएचओ पी.सी. यादव अमीना मसजिद इलाके के बीट औफिसर तथा एडिशनल एसएचओ गुलशन कुमार को साथ ले कर घटनास्थल पर पहुंच गए.

जांचपड़ताल के बाद पता चला कि युवक की मौत हो चुकी है. मृतक की उम्र तकरीबन 20 से 25 साल रही होगी, जिस के शरीर पर गेहुंए रंग की टी शर्ट और ब्लैक कलर की जींस थी. लाश को मसजिद की सीढि़यों पर घसीट कर ला कर डाला गया था. क्योंकि मृतक के पांव में चप्पल या जूते नहीं थे, इसलिए साफ समझा जा सकता था कि उस की मौत यहां नहीं हुई थी. युवक के शरीर पर किसी चोट या घाव इत्यादि के निशान नहीं थे. न ही शरीर के किसी हिस्से से खून बह रहा था. हां, उस के गले पर कुछ निशान जरूर थे. जांच करने पर लाश के मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी, इसलिए ज्यादा शराब पीने के कारण अथवा हार्ट अटैक की आशंका भी लग रही थी. पुलिस को उम्मीद थी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत की वजह साफ हो जाएगी.

पुलिस की पहली प्राथमिकता लाश की जल्द शिनाख्त करना था. एएसआई प्रदीप कुमार इलाके के बीट आफिसर थे. वजीराबाद की गली नंबर 9 एक ऐसा इलाका है, जिस से करीब 50 गलियां आपस में जुड़ती हैं. एसएचओ पी.सी. यादव के कहने पर एएसआई प्रदीप ने आसपास के लोगों को बुला कर लाश की शिनाख्त कराने का प्रयास किया. सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने लाश के फोटो खींच कर इलाके में रहने वाले अधिकांश जिम्मेदार लोगों को वाट्सऐप पर भेजे. उन्होंने इलाके के जानकार लोगों से लाश की फोटो अन्य वाट्सऐप ग्रुपों को भेजने के लिए भी कहा.

पुलिस की ये तरकीब काम आई. यही फोटो करीब साढ़े 11 बजे आयशा ने अपने मोबाइल पर कालोनी के एक वाट्सऐप ग्रुप में देखी. मरने वाला उस का छोटा भाई साहिल उर्फ राजा था. लाश के साथ जो मैसेज लिखा था, उस में स्पष्ट किया गया था कि लाश की पहचान करने वाले तत्काल वजीराबाद थाना पुलिस से संपर्क करें. वाट्सऐप मैसेज में राजा की लाश का फोटो देखने के बाद उस के घर में मातम शुरू हो गया था. तीनों बहनें और मां छाती पीटने लगीं. कुछ देर में जानकारी मिलने पर लोग उन के घर पहुंच गए. लोगों का मजमा लग गया. उस के बाद घर वाले रिश्तेदारों के साथ वजीराबाद थाने पहुंचे. वजीराबाद पुलिस तब तक गली नंबर 9 में मिले शव को पोस्टमार्टम के लिए सब्जीमंडी मोर्चरी भेज चुकी थी. इस से पहले जांचपड़ताल के लिए फोरैंसिक टीम ने घटना की सभी औपचारिकता पूरी कर ली थी.

एसएचओ पी.सी. यादव ने इलाके के एसीपी सुरेशचंद्र और डीसीपी एंटो अल्फांसो को भी इलाके में मिली लाश की सूचना दे दी थी. एसएचओ पी.सी. यादव ने घटनास्थल से लौटने के बाद वजीराबाद थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में अज्ञात व्यक्ति की हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था. जांच का काम अतिरिक्त थानाप्रभारी और इंसपेक्टर इनवैस्टिगेशन का काम देख रहे गुलशन कुमार गुप्ता के सुपुर्द कर दिया. जांच का काम हाथ में लेते ही इंसपेक्टर गुलशन ने सबइंस्पेक्टर देवेंद्र, एएसआई प्रदीप और राजीव कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की. इस टीम में हैडकांस्टेबल कैलाश, कांस्टेबल रितेश, अजय और महिला हैडकांस्टेबल सुजाता को शामिल किया गया.

घर वाले पहुंचे थाने पुलिस ने जब तक ये कवायद की, तब तक साहिल उर्फ राजा के घर वाले वाट्सऐप ग्रुप पर उस का फोटो देख कर वजीराबाद थाने पहुंच गए. एसएचओ पी.सी. यादव से मिलने के बाद राजा के परिवार वालों ने सब्जीमंडी मोर्चरी पहुंच कर इस बात की पुष्टि कर दी कि शव साहिल उर्फ राजा का ही है. शिनाख्त की काररवाई होने के बाद इंसपेक्टर गुलशन ने राजा के घर वालों को सांत्वना दे कर उन से राजा की किसी से रंजिश, लेनदेन के विवाद और तमाम शंकाओं के बारे में जानकारी हासिल की. घर वालों ने इंसपेक्टर गुलशन को ऐसे किसी भी पहलू पर कोई संदेहजनक बात नहीं बताई. उन्होंने पुलिस को 10 तारीख को राजा के घर से जाने से ले कर रात को आखिरी बार फोन पर हुई बातचीत की जानकारी दे दी.

राजा घर से अब्दुल सत्तार की प्रिंटिंग प्रैस पर गया था. इंसपेक्टर गुलशन ने अब्दुल सत्तार का एड्रेस और फोन नंबर ले कर उसी समय एक टीम भेज कर उसे थाने बुलवा लिया. इंसपेक्टर गुलशन ने अपनी टीम को 3 हिस्सों में बांट कर उन्हें अलगअलग काम सौंप दिए. एक टीम गली नंबर 9 में अमीना मसजिद के पास आने वाले रास्तों पर लगे सभी सीसीटीवी फुटेज की जांचपड़ताल का काम करने लगी. दूसरी टीम शास्त्री पार्क से प्रिंटिंग प्रैस चलाने वाले अब्दुल सत्तार को थाने ले आई. अब्दुल सत्तार ने इंसपेक्टर गुलशन को बताया कि राजा शाम 5 बजे जब प्रिंटिंग प्रैस पर आया था तो उस के साथ वजीराबाद में रहने वाला उस का दोस्त शाहजेब भी था. उस रात प्रिंटिंग प्रैस पर कोई जौब वर्क नहीं था.

रात को करीब 8 बजे उस ने राजा और शाहजेब के साथ खाना खाया. इस के कुछ देर बाद पहले शाहजेब वहां से गया, उस के बाद करीब 9 बजे वह अपनी बाइक ले कर चला गया. राजा के दोस्त शाहजेब से राजा के बारे में कोई जानकारी मिल सकती थी. इसलिए इंसपेक्टर गुलशन ने शाहजेब का पता हासिल कर उसे थाने बुलवा लिया. शाहजेब ने पूछताछ में बताया कि शाम साढ़े 4 बजे राजा उसे गली नंबर 9 में मिला था. उस के पास कोई काम नहीं था, इसलिए उस के कहने पर वह राजा के साथ प्रिंटिंग प्रैस पर चला गया. रात 8 बजे खाना खाने के बाद जब उस ने राजा से घर चलने के बारे में पूछा तो राजा ने उस से कहा कि उसे वर्षा से मिलना है, इसलिए उसे देर हो सकती है लिहाजा वह आटो पकड़ कर घर चला जाए.

कहानी में महिला का जिक्र आया तो इंसपेक्टर गुलशन ने शाहजेब से वर्षा के बारे में पूछताछ की. उस ने बताया कि वर्षा राजा की गर्लफ्रैंड है और वजीराबाद की गली नंबर 8 में अपने भाई आकाश और विशाल के साथ रहती है. शाहजेब ने बताया कि राजा और वर्षा की दोस्ती पांच 6 साल पुरानी है. एक तरह से दोनों के बीच लिवइन रिलेशनशिप थी और राजा ही वर्षा के सारे निजी खर्चे उठाता था. इंसपेक्टर गुलशन को अचानक मामले में प्रेम प्रसंग की बू आने लगी. शाहजेब से राजा की गर्लफ्रैंड के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद पुलिस की एक टीम तत्काल वर्षा के मकान पर पहुंच गई.

वह चार मंजिला मकान था, वर्षा चौथी मंजिल पर अपने भाई आकाश और विशाल के साथ रहती थी. पुलिस को वहां ताला लटका मिला. मकान मालिक से पूछताछ करने पर पता चला कि 11 तारीख की सुबह से वर्षा और उस के भाई को किसी ने नहीं देखा. वर्षा आई संदेह के दायरे में वर्षा और उस के भाइयों का घर पर नहीं मिलना पुलिस के लिए शक का आधार बन गया. इंसपेक्टर गुलशन को राजा हत्याकांड की कडि़यां वर्षा से जुड़ती नजर आने लगीं. जांच अधिकारी गुलशन ने वर्षा और उस के भाइयों पर जांच केंद्रित कर दी. वर्षा के मकान की मालकिन वंदना सक्सेना से पुलिस को वर्षा के भाई आकाश का नंबर मिल गया. उस नंबर को मिलाया गया तो वह स्विच्ड औफ मिला.

जांच अधिकारी ने आकाश के मोबाइल की काल डिटेल्स निकलवा ली. काल डिटेल्स में ज्यादा बातचीत होने वाले नंबरों की पड़ताल की गई, तो उन में एक नंबर वर्षा का निकला. जांच अधिकारी गुलशन ने अपनी टीम को लगा कर एक साथ 2 काम किए. उन्होंने सब से पहले वर्षा और राजा के लगातार स्विच्ड औफ आ रहे मोबाइल की काल डिटेल्स निकलवाई. इस के अलावा गली नंबर 8 में, जहां वर्षा अपने भाइयों के साथ रहती थी, उस के मकान के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हासिल की गई. तब तक इंसपेक्टर गुलशन को गली नंबर 9 में अमीना मसजिद के आसपास की तरफ आने वाले रास्तों की फुटेज मिल चुकी थी.

इस फुटेज की जांच में पता चला कि राजा को 2 लड़कियां एक आटो से उतार कर अपने कंधों का सहारा दे कर लगभग घसीटते हुए अमीना मसजिद की तरफ ले जा रही थीं. सीसीटीवी फुटेज से यह तो साफ हो गया कि जिस युवक को दोनों लड़कियां ले जा रही थीं, उस का पहनावा और हुलिया राजा से मिलताजुलता था. लेकिन एक दिक्कत यह थी कि सीसीटीवी फुटेज में उस आटो का नंबर स्पष्ट नहीं था, जिस में दोनों लड़कियां राजा को ले कर आई थीं. लेकिन काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने करीब 8 ऐसे नंबर की लिस्ट तैयार की, जो आटो के धुंधले नजर आ रहे नंबर से मिलतेजुलते थे. उन सभी आटो के पंजीकृत पते हासिल किए गए.

जांच टीम को इन में डीएल1आर वी8434 नंबर का एक ही आटो ऐसा मिला, जो घटनास्थल से सब से करीब त्रिलोकपुरी के पते पर पंजीकृत था. यह आटो रविंद्र पाल के नाम पर दर्ज था. पुलिस की एक टीम तत्काल पंजीकृत पते पर भेजी गई . रविंद्र पाल ने पूछताछ करने पर बताया कि उस का आटो 2 शिफ्ट में चलता है. दिन की शिफ्ट में वह खुद आटो चलाता है जबकि रात की शिफ्ट में उस का आटो गोकुलपुरी निवासी मुकेश चलाता है. रविंद्र पाल से आटो ड्राइवर मुकेश का पता मिल गया. मुकेश को पुलिस वजीराबाद थाने ले आई. मुकेश ने पूछताछ में बताया कि रात के समय वह कश्मीरी गेट बसअड्डे से आटो चलाता है.

10 सितंबर की आधी रात के बाद वह कश्मीरी गेट बसअड्डे से सोनिया विहार में एक सवारी छोड़ने आया था. सुबह वह जगप्रवेश चंद्र हौस्पिटल के पास खड़ा किसी सवारी का इंतजार कर रहा था कि सुबह करीब साढ़े 5 पौने 6 बजे 2 किन्नर उस के पास आए और बोले उन के एक रिश्तेदार की तबीयत खराब है, उसे वजीराबाद में उस के घर छोड़ना है. मुकेश ने बताया कि इसी बीच अस्पताल के भीतर से एक लड़का और लड़की स्टे्रचर पर किसी युवक को डाल कर बाहर लाए जो मूर्छित था. दोनों किन्नर और लड़कालड़की ने मिल कर स्टेचर पर मूर्छित पड़े युवक को उतार कर आटो की पिछली सीट पर बैठा दिया.

लड़का और लड़की मूर्छित युवक को पकड़ कर पिछली सीट पर बैठ गए जबकि एक किन्नर यह कह कर अस्पताल के अंदर चला गया कि वह डाक्टर से डिस्चार्ज के पेपर ले कर बाद में घर आ जाएगा. दूसरा किन्नर आटो चालक के साथ ही सीट पर बैठ गया. इस के बाद वे उसे वजीराबाद की तरफ ले गए. लेकिन वजीराबाद में गली नंबर 9 के पास जा कर वे शायद घर का रास्ता भूल गए और उसे इधरउधर घुमाने लगे. इस पर मुकेश ने गुस्से में आ कर लड़के और लड़की से बहस के बाद उन्हें मूर्छित युवक के साथ गली नंबर 8 के बाहर उतार दिया और चला गया.

मुकेश ने जो कुछ बताया, उस से जांच की कडि़यां आपस में जुड़ रही थीं. पुलिस ने जब अब्दुल सत्तार, शाहजेब को अमीना मसजिद के पास मिली सीसीटीवी फुटेज दिखाई तो उन्होंने भी स्पष्ट कर दिया कि फुटेज में जो 2 लड़कियां दिखाई दे रही हैं, उन में से एक वर्षा ही है. आधाअधूरा रहस्य दूसरी तरफ जांच अधिकारी गुलशन के निर्देश पर पुलिस की एक टीम ने जगप्रवेश चंद्र हौस्पिटल पहुंच कर वहां से भी सीसीटीवी फुटेज हासिल कर ली. सीसीटीवी की फुटेज में स्ट्रेचर पर मूर्छित युवक को अस्पताल से बाहर जो लड़कालड़की ले कर आए थे, उन में से एक लड़की वर्षा ही थी. वर्षा की मकान मालकिन वंदना सक्सेना को बुलवा कर जब फुटेज दिखाई गई तो उस ने बताया सीसीटीवी फुटेज में वर्षा के साथ जो युवक स्ट्रेचर ले कर बाहर आ रहा है वह उस का भाई विशाल है.

अमीना मसजिद के पास जो सीसीटीवी फुटेज मिली थी, उस में आटो से उतार कर एक युवक को ले जाती जो 2 लड़कियां दिख रही थीं, वंदना सक्सेना ने उन की भी पहचान कर दी. इस फुटेज में एक लड़की वर्षा थी और दूसरी लड़की कोई और नहीं, बल्कि उस का किन्नर भाई आकाश था जिसे लोग आकांक्षा के नाम से पुकारते थे. जांच अधिकारी गुलशन को मृतक साहिल उर्फ राजा और वर्षा के मोबाइल की काल डिटेल्स की जांच से यह भी पता चल गया कि उस रात राजा के मोबाइल की लोकेशन साढ़े 9 बजे के बाद से सुबह 4 बजे तक वर्षा के घर के आसपास थी.

वर्षा और उस के भाइयों के खिलाफ सबूत और पुख्ता करने के लिए पुलिस ने जब गली नंबर 8 में वर्षा के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की तो उस के हाथ कुछ ऐसी फुटेज लगी, जिस से यह पता चल गया कि उस रात राजा करीब साढे़ 9 बजे वर्षा के घर पर आया था. सीसीटीवी फुटेज में साफ था उस रात राजा 4 बार वर्षा के घर में थोड़ेथोड़े अंतराल से नीचे आया और गया था. उसी सुबह करीब सवा 5 बजे 2 लड़कियां मकान से बाहर निकलीं, जो कुछ देर में एक आटो को ले कर वहां आईं. बाद में उस फोटो में एक युवक को लादा गया जो मूर्छित था. सीसीटीवी फुटेज में कुल 4 लोग दिखाई पड़ रहे थे.

वर्षा की मकान मालकिन वंदना सक्सेना को जब यह फुटेज दिखाई गई तो उस ने बताया कि उन चारों में से एक वर्षा है बाकी 2 उस के भाई विशाल और दूसरा भाई किन्नर आकाश उर्फ आकांक्षा है. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे चौथे शख्स की वह पहचान नहीं कर पाई. लेकिन इतना जरूर बताया कि यह एक किन्नर है जो वर्षा के भाई आकाश उर्फ आकांक्षा के साथ अकसर उन के फ्लैट पर आताजाता था. अब तक की जांच में साहिल उर्फ राजा की हत्या से वर्षा और उस के भाइयों के सीधे संबंध की बात प्रमाणित हो रही थी. इसलिए पुलिस ने अब अपना ध्यान उन की गिरफ्तारी पर केंद्रित कर दिया.

जांच अधिकारी इंसपेक्टर गुलशन ने उन के फोन ट्रैकिंग पर लगवा दिए, जिस से पता चला कि उन के फोन बीचबीच में खुलते, 1- 2 लोगों से बातचीत के बाद फिर बंद हो जाते. लेकिन इस से पुलिस को उन दोनों की लोकेशन मिलती रही, जिस के मुताबिक वे उस वक्त उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में थे. पुलिस की एक टीम शाहजहांपुर पहुंच गई. दिल्ली में बैठी साइबर टीम उन्हें लगातार वर्षा और आकाश के फोन की ताजा लोकेशन से अवगत कराती रही. आखिरकार कड़ी मशक्कत और कई जगहों पर दबिश देने के बाद 13 सितंबर की रात मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से वर्षा और उस के एक भाई आकाश को गिरफ्तार कर लिया.

उन के साथ आकाश का किन्नर दोस्त अली हसन उर्फ अलका भी था, जो हत्याकांड में उन के साथ शामिल था. वर्षा, आकाश और अली हसन को पुलिस टीम 14 सितंबर को दिल्ली ले आई. दिल्ली ला कर जांच अधिकारी गुलशन व एसएचओ पी.सी. यादव के सामने कड़ी पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों ने सच उगल दिया, जिस के बाद साहिल हत्याकांड की कहानी कुछ इस तरह सामने आई. वर्षा, विशाल और आकाश 3 भाईबहन हैं. मूलरूप से उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के हसनापुर गांव के रहने वाले. वर्षा की मां की 21 साल पहले मौत हो गई थी. पिता पप्पू बेरोजगार और नशे का आदी था. छोटा भाई आकाश बचपन से ही किन्नरों के प्रति आकर्षित था, जिस कारण किशोरावस्था तक आतेआते वह पूरी तरह किन्नर बन गया.

पिता नाकारा था, इसलिए तीनों बहनभाई पेट पालने के लिए 7 साल पहले दिल्ली आ गए. दिल्ली आने के बाद आकाश नंदनगरी में किन्नरों की टोली में शामिल हो गया, जहां उस का नाम आकांक्षा पड़ गया. आकाश किन्नरों की टोली में रह कर जो कुछ कमाता, उसी से तीनों बहनोंभाइयों का गुजारा होता था. कुछ समय बाद वर्षा के दूसरे भाई विशाल ने भी छोटेमोटे काम कर के कमाई शुरू कर दी. करीब 5 साल पहले की बात है, तब आकाश, विशाल और वर्षा शास्त्री पार्क इलाके में किराए के फ्लैट में रहते थे. यहीं पर अब्दुल सत्तार की प्रिंटिंग प्रैस में काम करने वाले साहिल उर्फ राजा से वर्षा की आंखें चार हुईं और दोनों के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया.

वर्षा गांव और गरीबी में पली जरूर थी, लेकिन तीखे नाकनक्श होने के कारण वह काफी आकर्षक और सुंदर लगती थी. राजा पहली ही नजर में वर्षा को देख कर उस पर फिदा हो गया. मांबाप का साया सिर पर नहीं होने के कारण वर्षा को अच्छेबुरे की सीख देने वाला कोई नहीं था. इसलिए राजा से आंखें मिलने के बाद वर्षा का किशोर मन बहक गया. दोनों के प्रेम की कहानी आगे बढ़ने लगी. धीरेधीरे राजा का वर्षा के घर में आनाजाना शुरू हो गया. आकाश और विशाल ज्यादातर घर से बाहर ही रहते थे, इसलिए उन की अनुपस्थिति में घर आनेजाने के दौरान राजा और वर्षा के बीच जिस्मानी संबंध भी कायम होने लगे.

कुछ समय बाद आकाश और विशाल को इस बात का पता चल गया कि वर्षा और राजा एकदूसरे से प्यार करते हैं. दोनों भाइयों ने राजा से इस बारे में बात की तो राजा ने कहा वह वर्षा से सच्चा प्यार करता है और उस से निकाह करना चाहता है. जब विशाल और आकाश ने पूछा कि वह कब शादी करेगा तो राजा ने कहा जैसे ही उस की बड़ी बहन आयशा की शादी हो जाएगी, वह वर्षा से शादी कर लेगा. वक्त तेजी से गुजरने लगा, राजा और वर्षा एक तरह से लिवइन रिलेशनशिप में रहने लगे. वर्षा के तमाम खर्चे राजा ही उठाता था. राजा ने वर्षा को अपने परिवार वालों से भी मिलवा दिया था. घर वालों को दोनों के रिश्ते पर कोई ऐतराज नहीं था.

डेढ़ साल पहले वर्षा और उस के भाइयों को जब शास्त्री पार्क वाला फ्लैट खाली करना पड़ा तो राजा ने ही उन्हें वजीराबाद की गली नंबर 8 में वंदना सक्सेना के मकान की चौथी मंजिल का फ्लैट किराए पर दिलवाया था. राजा अक्सर रात को प्रिंटिंग प्रैस में काम करने बाद खाली हो कर वर्षा के पास उस के फ्लैट पर चला आता था. यह बात राजा के घर वालों के साथ अब्दुल सत्तार व उस के दोस्त शाहजेब को भी मालूम थी. पिछले कुछ सालों से राजा के साथ लगातार जिस्मानी संबंध बनाने के कारण वर्षा कई बार प्रेग्नेंट भी हो चुकी थी. प्रेग्नेंट होने के बाद वह राजा पर शादी का दबाव बनाती तो वह ये कह कर टाल जाता कि बड़ी बहन आयशा की शादी से पहले वह शादी नहीं कर सकता.

इस कारण कुंआरी मां बनने की जगह वर्षा को अबौर्शन कराना पड़ता था. यही कारण था कि वर्षा अब राजा के साथ जिस्मानी संबंध बनाने पर ऐतराज करने लगी थी ताकि वह उस से जल्द शादी कर सके. 10 सितंबर की शाम को राजा ने वर्षा से फोन कर के कहा था कि वह 9 या 10 बजे तक फ्लैट पर पहुंचेगा. वह साढ़े 9 बजे बाइक ले कर वर्षा के फ्लैट पर पहुंचा. वहां पहले से ही वर्षा का भाई विशाल, उस का छोटा भाई किन्नर आकाश उर्फ आकांक्षा और आकाश का किन्नर शिष्य अली हसन उर्फ अलका मौजूद थे. रात 11 बजे से राजा ने उन चारों के साथ शराब पीनी शुरू कर दी. इस दौरान राजा 1-2 बार नीचे उतर कर आया और सिगरेट पी फिर दुकान से सोडा खरीद कर ऊपर ले गया.

रात में करीब डेढ़ बजे शराब खत्म होने पर वह उस गली से थोड़ी दूर रहने वाले अपने एक जानकार से शराब की बोतल भी ले कर आया. शराब लाने के बाद राजा, वर्षा, विशाल, आकाश और अली हसन ने चौथी मंजिल के ऊपर बनी छत पर पहुंचकर फिर से 2-2  पैग शराब पी. इस के बाद विशाल, आकाश और अली हसन तो नीचे उतर कर चौथी मंजिल पर आ गए. लेकिन राजा और वर्षा ऊपर ही रह गए और आपस में अपनी निजी बातें करने लगे. पांचवी मंजिल पर एक स्टोररूम नुमा कमरा बना था जो खाली था. राजा और वर्षा घर में वर्षा के भाइयों के होने पर इसी कमरे में अपनी रातें गुलजार करते थे.

राजा को शराब काफी चढ़ चुकी थी. आकाश, विशाल और अली हसन के नीचे जाने के कुछ देर बाद राजा ने सिगरेट पीते हुए वर्षा के शरीर से खेलना शुरू किया तो वर्षा ने राजा को झिड़क दिया और कहा जब तक शादी नहीं करोगे, अपने शरीर को हाथ नहीं लगाने दूंगी. एक तो शराब का नशा ऊपर से वह जिस लड़की को अपनी बपौती समझता था, उस ने झिड़क दिया लिहाजा राजा को गुस्सा आ गया. उस ने जलती सिगरेट वर्षा के सीने पर दाग दी. तेज जलन से वर्षा के मुंह से चीख निकल गई. चीख इतनी तेज थी कि चौथी मंजिल पर पर बैठे विशाल, आकाश और अली हसन चौंक गए. तीनों किसी अनिष्ट की आशंका में तेजी से 5वीं मंजिल पर पहुंचे. उन्होंने देखा राजा वर्षा को थप्पड़ मार रहा है.

विशाल और आकाश ने राजा को पकड़ कर वर्षा से दूर किया और मारपीट का कारण पूछा तो वर्षा ने भाइयों को सारी बात बता दी. जिसे सुन कर दोनों भाइयों का गुस्सा आसमान पर जा पहुंचा. शराब का नशा सभी के सिर पर हावी था, भाइयों की भावनाएं हिलोरे मारने लगीं. आकाश, विशाल और अली हसन गुस्से में राजा पर टूट पड़े. गुस्सा इतना तेज था कि विशाल ने जींस की बेल्ट निकाल कर उस का फंदा राजा के गले में डाल दिया और जोर से दबाने लगा. आकाश और अली हसन ने उसे दबोच लिया था. आकाश ने इसी अवस्था में राजा के शरीर पर 2-3 जगह जलती सिगरेट से दाग कर पूछा, ‘देखा तूने जलती सिगरेट शरीर पर लगने से कितना दर्द होता है.

अरे हरामी, मेरी बहन ने तुझे अपनी जिंदगी के 5 साल दिए और तू उसे ये सिला दे रहा है, आज तू इस का अंजाम भुगतेगा.’

इस के बाद दोनों भाइयों के गुस्से का पारावार नहीं रहा. उन्होंने जोश और गुस्से में उस की गरदन को इतना दबाया कि राजा की सांसें रुक गईं और उस की मौत हो गई. वर्षा और उस के भाइयों ने पानी के छींटे मार कर उसे होश में लाने का प्रयास किया, लेकिन जब राजा को होश नहीं आया तो चारों के होश उड़ गए, शराब का नशा काफूर हो गया. थोड़ी देर सोचने के बाद वे राजा को खींचते हुए चौथी मंजिल पर लाए और सोचने लगे कि अब क्या किया जाए. वे समझ रहे थे कि किसी अंदरूनी चोट के कारण वह बेहोश हुआ है. इसलिए चारों ने मिल कर फैसला किया कि उसे हौस्पिटल ले चलते हैं.  सलाहमशविरे के बाद सुबह करीब सवा 5 बजे चारों आटोरिक्शा से उसे जगप्रवेश चंद्र हौस्पिटल ले गए.

लगा मरा नहीं है राजा वहां डाक्टर ने नब्ज देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया. शराब की बदबू के कारण डाक्टर को लगा कि शायद वह ज्यादा शराब पीने के कारण मर गया है. तब तक उन्होंने न तो पर्चा बनवाया था, न ही कोई लिखतपढ़त करवाई थी. वर्षा और विशाल राजा को जैसे लाए थे, वैसे ही स्ट्रेचर पर ले कर अस्पताल से बाहर आ गए. इस दौरान आकाश और अली हसन ने एक दूसरा आटो किया, जिसे ड्राइवर मुकेश चला रहा था. उन्होंने तय कर लिया था कि राजा का शव उसी के घर के आसपास कहीं सड़क पर छोड़ देंगे ताकि लोगों को लगे कि शराब पी कर गिरने से उस की मौत हो गई है. लेकिन शव को मुकेश के आटो में रख कर गली नंबर 9 पहुंचे तो वे उस के घर की लोकेशन भूल गए.

ड्राइवर मुकेश जल्दी कर रहा था, इसलिए उन्होंने शव को अमीना मसजिद के पास आटो से उतार कर मसजिद की सीढि़यों के पास छोड़ दिया. राजा का शव लावारिस अवस्था में छोड़ने के बाद पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से विशाल और अली हसन उर्फ अलका तो वहीं से कहीं और चले गए, जबकि आकाश उर्फ आकांक्षा अपनी बहन वर्षा के साथ फ्लैट पर पहुंचे. राजा की चप्पलें, उस का मोबाइल फोन और पर्स वर्षा के कमरे में ही छूट गए थे, उन्होंने हसन को फोन कर के बुलाया और उस का सामान यमुना नदी में फिंकवा दिया. फ्लैट के नीचे खड़ी राजा की मोटरसाइकिल को उन्होंने गली नंबर 9 के बाहर एक जगह लावारिस खड़ी कर के लौक कर दिया.

सुबह करीब 7 बजे वर्षा, आकाश और अली हसन अपने पहनने के कुछ जरूरी कपड़े और सामान ले कर कश्मीरी गेट बसअड्डे पहुंचे. बस से तीनों पहले शाहजहांपुर गए और फिर हरदोई, जहां वे लगातार ठिकाने बदलते रहे. वर्षा ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि वह राजा के द्वारा शादी न किए जाने और लगातार अपने शरीर से खिलवाड़ करते रहने के कारण उस से नाराज तो थी, लेकिन उस ने कभी भी उस की हत्या करने के बारे में नहीं सोचा था. पुलिस पूछताछ के बाद उन की शिनाख्त पर यमुना में राजा की चप्पलें, पर्स और मोबाइल की तलाश की गई, लेकिन वे बरामद नहीं हुए. अलबत्ता गली नंबर 9 के पास लावारिस हालत में खड़ी राजा की बाइक जरूर बरामद कर ली गई.

पूछताछ के बाद जांच अधिकारी गुलशन कुमार गुप्ता ने मुकदमे में हत्या की धारा 302 के साथ सबूत मिटाने की धारा 201 तथा दफा 34 जोड़ कर आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया. कथा लिखे जाने तक चौथा आरोपी विशाल फरार था.

—कथा पुलिस की जांच और आरोपियों से हुई पूछताछ पर आधारित

 

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