MP Crime : थोड़े से स्वार्थ में इंसान अपनी मानमर्यादाएं लांघ जाता है. मायाबाई इस बात को समझ पाती तो उस की घरगृहस्थी सलामत रहती और शायद पति की हत्या के आरोप में उसे जेल भी नहीं जाना पड़ता…
9 मार्च, 2020 की शाम की बात है. पचमढ़ी के जकात नाका पर रहने वाली लगभग 35 वर्षीय मायाबाई थाना पचमढ़ी पहुंची. पचमढ़ी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है. मायाबाई ने टीआई महेश तांडेकर को अपने पति उत्तम श्रीवास के लापता होने की सूचना दी. मायाबाई ने उन्हें बताया कि उस का पति उत्तम छावनी में दैनिक वेतन पर नौकरी करता है. रोज की तरह वह कल भी अपने काम पर गया था. लेकिन फिर लौट कर नहीं आया. मायाबाई ने बताया कि पति को शराब की लत थी. कई बार वह शराब के चक्कर में दोस्तों के घर पर सो जाता था, इसलिए कल घर नहीं आने पर उस ने गंभीरता से नहीं लिया.
लेकिन जब आज सुबह भी वह घर नहीं आया और न ही काम पर गया तो उसे चिंता हुई. मायाबाई ने बताया कि पति का मोबाइल भी बंद आ रहा है. सब जगह ढूंढने के बाद भी जब वह नहीं मिला तो उस की गुमशुदगी दर्ज करवाने यहां आई हूं. टीआई महेश तांडेकर को घटना का ब्यौरा सुना रही मायाबाई के हावभाव मामले की गंभीरता से मेल खाते नजर नहीं आ रहे थे. क्योंकि कोई भी औरत इतनी सफाई से अपने पति के लापता होने की कहानी बिंदुवार तरीके से बखान नहीं कर सकती, जैसे मायाबाई कर रही थी.
लेकिन मौके की नजाकत को देखते हुए उन्होंने अपने मन की बात मायाबाई पर जाहिर नहीं होने दी और उस की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करते हुए इस की जानकारी एसपी संतोष कुमार गौर, एडीशनल एसपी घनश्याम मालवीय एवं एसडीपीओ शिवेंदु जोशी को दे दी. उच्चाधिकारियों के निर्देश पर टीआई महेश तांडेकर ने केस की जांच शुरू कर दी. उन्होंने उत्तम श्रीवास के संगीसाथियों के अलावा नाका मोहल्ले में रहने वाले उस के पड़ोसियों से भी पूछताछ की. इस पूछताछ में उत्तम के शराबी होने की बात सामने आने के अलावा जो महत्त्वपूर्ण बात सामने आई, वह यह थी कि उत्तम अकसर पचमढ़ी स्थित होटल फाइव आची के मैनेजर कमलेश के साथ बैठ कर शराब पीता था.
जानकारी चौंका देने वाली थी, क्योंकि एक होटल मैनेजर कमलेश दैनिक वेतनभोगी उत्तम के साथ भला दोस्ती क्यों करेगा. दोस्ती की यह बात आसानी से गले उतरने वाली नहीं थी. इसलिए टीआई ने अपना पूरा ध्यान इस अजूबी दोस्ती की जड़ का पता लगाने में झोंक दिया. इस से जल्द ही यह बात समने आ गई कि लापता उत्तम और होटल मैनेजर कमलेश की दोस्ती के पीछे की मूल वजह उत्तम की पत्नी मायाबाई की खूबसूरती और दूसरे मायाबाई का उस होटल में काम करना था, जिस में कमलेश मैनेजर था.
यह जानकारी सामने आने के बाद टीआई तांडेकर समझ गए कि उत्तम के लापता होने की कहानी में कहीं न कहीं कमलेश का हाथ हो सकता है. इसलिए उन्होंने उत्तम के अंतिम बार देखे जाने की थ्यौरी पर काम शुरू कर दिया, जिस में पता चला कि 8 मार्च को जिस रोज उत्तम लापता हुआ था उस रोज वह कमलेश और कमलेश के एक दोस्त नीलेश के साथ देखा गया था. यह महत्त्वपूर्ण सूचना थी, जिस के बाद टीआई ने जांच परिणाम से उच्चाधिकारियों को अवगत करा कर संदिग्ध कमलेश, नीलेश और मायाबाई के मोबाइल फोन नंबरों की काल डिटेल्स निकलवा कर उस का बारीकी से अध्ययन किया.
इस से पता चला कि 8 मार्च को कमलेश ने सुबहसुबह उत्तम और नीलेश को कई बार फोन किए किए. जिस के बाद इन तीनों के मोबाइल फोनों की लोकेशन एक साथ पिपरिया रोड पर पाई गई थी. इस के कुछ समय बाद उत्तम का फोन बंद हो गया था, जबकि इस के बाद उसी रोज कमलेश ने उत्तम का मोबाइल बंद होने के बाद मायाबाई से कई बार फोन पर लंबीलंबी बातें की थीं. इतना ही नहीं, जब दूसरे दिन मायाबाई पचमढ़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने आई थी, तो उस के पहले उस की कमलेश के साथ लंबी बात हुई थी. थाने से वापस लौटने के ठीक बाद भी उस ने कमलेश से बात की थी.
इतना सब जानने के बाद टीआई महेश तांडेकर समझ गए कि उत्तम के लापता होने का राज उस की पत्नी के पेट में छिपा है. इसलिए उन्होंने अपनी टीम के साथ पहले तो इस राज की गहराई तक पड़ताल की, उस के बाद जब उन्हें भरोसा हो गया कि उन की जांच सही दिशा में है, तब उन्होंने कमलेश, नीलेश और मायाबाई को पूछताछ के लिए थाने बुला लिया. कहना नहीं होगा कि जब पचमढ़ी थाने में तीनों का एकदूसरे से सामना हुआ तो उन के चेहरों की रंगत उड़ गई. मामले में तीनों की संलिप्तता का पूरा भरोसा हो जाने पर टीआई ने उन से पहले अलगअलग फिर एक साथ पूछताछ की, जिस से कुछ ही देर में तीनों टूट गए. कमलेश ने स्वीकार कर लिया कि उस ने मायाबाई के कहने पर अपने दोस्त नीलेश के साथ मिल कर उत्तम की हत्या कर दी है.
इस के बाद पुलिस ने 14 अप्रैल को तीनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उन की निशानदेही पर देनवा की करीब 200 मीटर गहरी घाटी से उत्तम का शव बरामद कर लिया. चूंकि शव घाटी में एक महीने से ज्यादा अवधि तक पड़ा रहा, इसलिए सड़ चुका था. औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. तीनों आरोपियों से पूछताछ करने के बाद उत्तम की हत्या के पीछे की पूरी कहानी इस प्रकार से सामने आई—
कमलेश और नीलेश दोनों मूलरूप से छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले थे. दोनों काम की तलाश में कई साल पहले पचमढ़ी आ कर यहां के होटलों में ग्राहक लाने के लिए लपका (कमीशन एजेंट) का काम करने लगे. इस काम में कमलेश नीलेश से अधिक माहिर था, जिस के चलते कई होटलों के मालिकों से उस के अच्छे संबंध बन गए थे. यही कारण था कि कुछ साल पहले जब यहां होटल फाइव आर्ची के मालिक को अपने होटल के लिए मैनेजर की जरूरत महसूस हुई तो उन्होंने लपका का काम करने वाले कमलेश को अपने होटल में मैनेजर की नौकरी पर रख लिया. जिस के बाद नीलेश कमलेश के साथ अपनी दोस्ती निभाने के लिए अधिक से अधिक पर्यटकों को लपक कर उस के होटल मे ले कर आने लगा.
कमलेश आशिकमिमाज आदमी था. जिस के चलते उस की नजर अपने होटल में काम करने वाली मायाबाई पर थी. लगभग 30-32 साल की मायाबाई न केवल खूबसूरत थी, बल्कि उस की काया कुछ ऐसी थी कि उसे देख कर यह भ्रम होता था मानो खजुराहो के मंदिर से उतर कर कोई अप्सरा मायाबाई का रूप रख कर सामने आ गई हो. मायाबाई का पति उत्तम भी छावनी में दैनिक वेतनभोगी के रूप में नौकरी करता था. लेकिन उसे शराब पीने की बुरी लत थी, जिस के चलते मायाबाई अपनी कमाई से किसी तरह घर चला रही थी.
यह बात कमलेष जानता था, इसलिए वह मायाबाई को अपने जाल में फंसाने के लिए उस के सामने आर्थिक लोभ का जाल बुनने लगा. मायाबाई को पैसों की जरूरत भी थी, इसलिए कमलेश की मेहरबानी के चलते वह उस के जाल में फंसती चली गई. एक रोज जब मायाबाई होटल के एक सूने कमरे में काम कर रही थी, तब पीछे से पहुंच कर कमलेश ने उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया. मायाबाई कमलेश के अहसानों तले दबी थी, इसलिए उस ने कमलेश की पहल का विरोध करने के बजाए उस के सामने खुशीखुशी समर्पण कर दिया.
इस के बाद तो कमलेश रोजरोज उस के साथ संबंध बनाने के मौके खोजने लगा. होटल के सूने पड़े कमरे रोज कमलेश और मायाबाई की गर्म सांसों से भरने लगे. कमलेश ने मायाबाई के साथ संबंध बना लिया है, यह बात नीलेश को पता थी. इसलिए कुछ दिनों में ही यह बात धीरेधीरे दूसरे लपकों को भी पता चल गई. फिर एक से दूसरे कान में होते हुए यह खबर एक दिन उत्तम तक भी पहुंच गई. उत्तम एक नंबर का शराबी है, यह बात कमलेश जानता था सो उस ने उत्तम को अपने सांचे में ढालने के लिए उस से दोस्ती कर ली और उसे रोज शराब की पार्टी में शामिल करने लगा.
उत्तम शराब देख कर सारी बातें भूल कर कमलेश की पार्टी में शामिल तो होता, लेकिन जब सुबह उस का नशा उतरता तो वह अपनी पत्नी मायाबाई को कमलेश का नाम ले कर ताने देने लगता. जब दोनों में तकरार बढ़ जाती तो वह कभीकभी मायाबाई की पिटाई भी कर देता था. पति से मार खा कर मायाबाई होटल पहुंचती तो कमलेश उस की चोटों के दर्द को अपने होठों से खींचने के बहाने फिर एक बार वासना की नींद में साथ उतार लेता. लेकिन घटना से कोई एक महीने पहले से उत्तम मायाबाई पर कमलेश के होटल से नौकरी छोड़ने का दबाव बनाने लगा.
वास्तव में कमलेश और मायाबाई दोनों ही जानते थे कि एक बार मायाबाई ने होटल की नौकरी छोड़ दी तो फिर उन दोनों के अकेले में मिलने के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे. दूसरे मायाबाई भी अब तक कमलेश की दीवानी हो चुकी थी, सो पति की रोजरोज की पिटाई से तंग आ कर उस ने कमलेश के सामने पति की हत्या करने का प्रस्ताव रखा, जिसे कमलेश ने स्वीकार कर लिया. लेकिन उत्तम की हत्या करना कमलेश के अकेले के वश में नहीं था, इसलिए उस ने अपने दोस्त नीलेश से इस काम में मदद मांगी. लेकिन नीलेश ने मना कर दिया.
इस के पीछे वजह यह थी कि नीलेश कई साल से कमलेश को दोस्ती का वास्ता दे कर उसे मायाबाई के साथ एक बार अकेले में मिलवा देने के लिए कह रहा था. लेकिन कमलेश इस पर ध्यान नहीं दे रहा था. एकदो बार नीलेश ने मायाबाई पर डोरे डालने की कोशिश की, पर मायाबाई ने झिड़क दिया था. नीलेश के मना करने पर कमलेश ने उस से बारबार मदद करने को कहा तो नीलेश इस शर्त पर राजी हो गया कि उत्तम की हत्या के बाद कमलेश उस के संबंध भी मायाबाई से बनवा देगा.
मायाबाई भी उत्तम की हत्या के बदले में केवल एक बार नीलेश को खुश करने को राजी हो गई. कमलेश ने बताया कि घटना वाले दिन से एक रोज पहले उत्तम ने मायाबाई के साथ नौकरी छोड़ने को ले कर मारपीट की, जिस से मायाबाई ने कमलेश से साफ कह दिया कि या तो वह उसे उत्तम से छुटकारा दिला दे या फिर आगे कभी उस से मिलने की बात भूल जाए. कमलेश ने तय कर लिया कि अब वह उत्तम का काम तमाम कर के रहेगा. लिहाजा वह 8 मार्च, 2020 को नीलेश को ले कर छावनी काम पर जा रहे उत्तम से मिला और उसे साथ चल कर शराब पीने को कहा.
उत्तम को शराब के आगे कुछ सूझता नहीं था, सो वह उन दोनों के साथ हो गया. वह उसे देवना घाटी के पास ले कर पहुंचे. जहां उन्होंने पहले तो उसे जी भर कर शराब पिलाई फिर नशे में धुत उत्तम को मौका देख कर 200 मीटर गहरी घाटी में धक्का दे दिया और वापस अपने काम पर आ गए. गहरी खाई में गिरने से उस की मौत हो गई. घटना को एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद कमलेश को विश्वास हो गया कि पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाएगी. लेकिन टीआई महेश तांडेकर ने इस ब्लाइंड मर्डर के रहस्य पर से परदा उठा ही दिया.