Social Crime : भारत में पोर्नोग्राफी अब नई बात नहीं है. आजकल ज्यादातर फोनों में इंटरनेट होता है. युवा और अधेड़ लोग काम की चीजों, फिल्मों या सीरियल्स की जगह पोर्नोग्राफी देखना पसंद करते हैं. रामभवन ने तो देखने के बजाए…

‘‘तुम्हा रा नाम रामभवन है?’’ रामभवन के बांदा स्थित घर पर आने वाले आदमी ने पूछा. ‘‘जी,

आप सही जगह आए हैं. हम से किस सिलसिले में मिलना है.’’ रामभवन ने उसे देखते हुए कहा.

‘‘मैं सीबीआई की टीम में हूं. हमारी टीम के लोग बांदा के सरकारी गेस्टहाउस में रुके हैं. आप को वहां बयान दर्ज कराने आना है.’’ सीबीआई सदस्य के बताने वाले आदमी ने जब यह कहा तो रामभवन के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं.

‘‘बयान…किस तरह का बयान दर्ज कराना है.’’

‘‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी को ले कर एक मुकदमे के सिलसिले में जांच चल रही है. जिस में आप पर भी आरोप है.’’

‘‘मेरे ऊपर आरोप है? पर मैं ने तो कुछ किया नहीं.’’

‘‘रामभवन, बहुत नासमझ मत बनो. तुम्हारी पेन ड्राइव में बहुत सारी वीडियो क्लिप और फोटो मिली हैं.’’

बांदा के सिंचाई विभाग में कार्यरत जूनियर इंजीनियर रामभवन को इस बात का अंदाजा लग चुका था कि सीबीआई उस के चारों तरफ मकड़जाल बुन चुकी है. वह सीबीआई से आए अफसर के साथ चलने के लिए खड़ा हुआ. घर के बाहर खड़ी गाड़ी में बैठ गया. वहां से ये लोग सरकारी गेस्टहाउस पहुंच गए. वहां पर अपने ड्राइवर अभय को देख कर रामभवन के दिल की धड़कनें बढ़ गई थीं.

‘‘यह पेन ड्राइव तुम्हारी ही है?’’ सीबीआई के एक अफसर ने रामभवन से पूछा तो उस ने देखा पर कोई जवाब नहीं दिया.

‘‘…रामभवन, चुप रहने का कोई लाभ नहीं है. एक महीने से अधिक का समय हो गया है. सीबीआई की टीम सारे सबूत एकत्र कर चुकी है. कई विदेशी वेबसाइटों पर वह फोटो और वीडियो हमें दिखीं जो तुम्हारी पेन ड्राइव में मौजूद हैं.

‘‘तुम जिस तरह से बच्चों को मोबाइल खेलने के लिए देते हो, उपहार और पैसे देते हो, वह जानकारी भी हमारे पास है. तुम्हारे ड्राइवर अभय से हम ने पूछताछ कर ली है.

‘‘यही नहीं, सोनभद्र के इंजीनियर नीरज यादव की वेबसाइट पर भी तुम्हारे द्वारा भेजी गई फोटो और वीडियो मिल गई हैं. तुम्हें पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया जाता है.’’

45 साल के रामभवन को सीबीआई ने अपनी हिरासत में ले लिया. सीबीआई रामभवन को बांदा से आगे की तहकीकात के लिए चित्रकूट ले कर गई. बाद में रामभवन को बांदा की अदालत में पेश किया गया. वहां उस की पत्नी भी पहुंच गई थी. रामभवन तो अपने को बेकसूर बता ही रहा था, उस की पत्नी प्रियावती भी पति को निर्दोष बता रही थी. सीबीआई ने इस की पड़ताल अगस्त, सितंबर माह से शुरू की थी. सीबीआई टीम को बेल्जियम की एक साइट पर भारतीय बच्चों के पोर्नोग्राफी वीडियो देखने को मिले. इस की जांच करते करते सीबीआई उत्तर प्रदेश के सोनभद्र और बांदा जिलों तक पहुंच गई.

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के इस इलाके में बहुत गरीबी है. गरीबी को दूर करने के लिए सरकार ने यहां तमाम योजनाएं चला रखी है. इन में कई विदेशियों की मदद से भी चलती हैं. यहां कई एनजीओ का भी आनाजाना होता है. पूरे उत्तर प्रदेश में मदद के नाम पर सब से अधिक पैसा यहीं आता है. यहां गरीबों की हालत का लाभ उठा कर उन से मनचाहा काम भी करवाया जाता है. कई बार ऐसी खबरें यहां के अखबारों में सुर्खियां बनती रही हैं. सीबीआई ने एक महीने तक यहां गहरी विवेचना की. इस जांच में सीबीआई को सोनभद्र में रहने वाले इंजीनियर नीरज यादव का पता चला. सब से पहले सीबीआई ने नीरज यादव को पकड़ा. बांदा में रहने वाले सिंचाई विभाग के इंजीनियर रामभवन का भी यहीं पता लगा.

सीबीआई ने रामभवन के करीब रहने वाले दिनेश को अपने भरोसे में लिया. दिनेश की पहचान छिपा कर सीबीआई ने रामभवन के बारे में पूछताछ की. इस मामले में सीबीआई की सब से बड़ी परेशानी यह थी कि यहां कोई वादी मुकदमा दर्ज कराना नहीं चाहता था. सीबीआई ने अपनी पहल पर ही मुकदमा दर्ज किया था. रामभवन के करीबी दिनेश की आजकल उस से बनती नहीं थी. सीबीआई को इस का लाभ मिला और दिनेश से कई राज उगलवा लिए गए. रामभवन के 3 मोबाइल नंबर, एक पेन ड्राइव सीबीआई को मिल गए. जिस में रामभवन के खिलाफ सारा काला चिट्ठा था.

रामभवन के सभी फोन नंबर उस के अपने पते पर लिए गए थे. उस के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा करने के बाद सीबीआई ने रामभवन को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने रामभवन को अपर जिला और सत्र न्यायाधीश (पंचम) की अदालत में पेश किया. शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार ने बताया कि रामभवन को रिमांड पर ले कर पूरी जांच की जाएगी. आरोप है कि वह कमजोर वर्ग के बच्चों को अपना निशाना बनाता था. इस में मजदूरी करने वाले, फुटपाथ पर सामान बेचने वाले और ठेके पर काम करने वाले बच्चे शामिल होते थे. वह उन बच्चों को कुछ लाभ दे कर आसानी से फंसा लेता था. लड़कियों को बुलाने पर लोगों के संदेह का खतरा ज्यादा होता है, इस कारण इस धंधे में लड़कों का ही ज्यादा प्रयोग किया जा रहा था.

देश में बच्चों का यौनशोषण कोई नई बात नहीं है. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि साल 2020 में हर रोज 100 से अधिक बच्चों के यौनशोषण के मामलों की शिकायतें आती हैं. बच्चों के यौन शोषण में तमाम सख्ती के बाद भी इस में 22 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. कई बार पुलिस को इस बात का पता भी नहीं चलता था कि यह धंधा किस जगह से पनप रहा है. इस में शामिल बच्चे बेहद गरीब और दूरदराज की जगहों के होते थे जिस से उन की पहचान नहीं हो पाती थी. ऐसे में अपराधियों की जड़ तक पहुंच पाना मुश्किल काम होता था.

इस अपराध की जड़ तक पहुंचने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने ‘औनलाइन चाइल्ड सैक्सुअल एब्यूज एंड एक्सप्लायटेशन प्रीवेंशन इनवेस्टीगेशन’ इकाई का गठन किया. इस का काम चाइल्ड पोर्नोग्राफी के पूरे धंधे को बेनकाब करना था. विदेशों में भारतीय पोर्न की डिमांड ज्यादा होती है. असल में विदेशों की पोर्न इंडस्ट्री फिल्मी दुनिया की तरह है. जबकि भारत में ऐसे वीडियो चोरीचुपके और लोगों को बहका कर बनाए जाते हैं. जो फिल्मी कहानी से नहीं दिखते. ऐसे में ये वीडियो मान कर सब से ज्यादा पसंद किए जाते हैं. सीबीआई ने जिस रामभवन को पकड़ा, उसे देख कर कोई नहीं कह सकता कि इतना भोला और सरल दिखने वाला इंसान ऐसी घिनौनी हरकतें भी कर सकता है.

रामभवन को उस के आसपास रहने वाले बच्चे ‘जेई अंकल’ के नाम से जानते हैं. जेई का मतलब जूनियर इंजीनियर होता है. रामभवन बच्चों को अपने घर पर बुलाता था. वह बच्चों को खेलने के लिए मोबाइल फोन दे देता था. बच्चे घंटोंघंटों उस के घर पर मोबाइल पर वीडियो गेम्स खेलते थे. ‘जेई अंकल’ का अपना कोई बच्चा नहीं था. पड़ोसियों को लगता था कि अपना बच्चा न होने के कारण वह दूसरे बच्चों को लाड़प्यार करता था. रामभवन अपने घर आने वाले बच्चों को उपहार और नकद पैसे भी देता था. बच्चों के परिजनों को रामभवन बताता था ‘बच्चे औनलाइन गेम्स खेलते हैं, इस में जो पैसा मिलता है वह आप सब को दे देता हूं.’

ये बच्चे गरीब परिवारों के होते थे. उन के लिए यह छोटीछोटी मदद भी बड़ी होती थी. ‘जेई अंकल’ का राज सीबीआई ने खोला और बताया कि वह बच्चों की अश्लील फोटो यानी चाइल्ड पोर्नोग्राफी का औनलाइन बिजनैस करता था. इस के बाद भी बच्चों के परिवार यह बात मानने को तैयार नहीं हैं. बच्चों से जब इस तरह के ‘गंदे काम’ के बारे में पूछा गया तो उन सब ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. सीबीआई कहती है कि बच्चे और उन के परिवार के लोग पैसे पाने की वजह से खामोश हैं. इस के अलावा उन को लगता है कि बयान देने के बाद कानूनी दांवपेंच में फंसने से अच्छा है कि पूरे मामले से दूर रहा जाए.

रामभवन के आसपास रहने वाले लोग मानते हैं कि वह सीधा आदमी है, उसे फंसाया जा रहा है. रामभवन भी खुद को निर्दोष बताता है. वह कहता है हमें सीबीआई जांच से कोई डर नहीं. सच्चाई सामने आ जाएगी. रामभवन मूलरूप से खरौंच गांव के देविना का पुरवा का रहने वाला है. उस के पिता चुन्ना कारीगर थे. घर बनाने का काम करते थे. उन्होंने अपनी मेहनत ने अपने 3 बेटों का पालनपोषण कर के बड़ा किया और उन को अपने पैरों पर खड़ा किया. रामभवन होनहार था तो उस की सरकारी नौकरी लग गई. 2004 में रामभवन की शादी प्रियावती से हुई थी. रामभवन की अपनी कोई औलाद नहीं है. 3 साल पहले हार्ट अटैक से रामभवन के पिता चुन्ना कारीगर की मौत हो गई थी.

इस के बाद से रामभवन अपनी पत्नी को साथ रखने लगा. तब से गांव में रहना छूट गया. रामभवन के दोनों भाई राजा और रामप्रकाश बांदा जिले के ही नरैनी-अतर्रा रोड पर अपने परिवारों के साथ रहते हैं. रामभवन का काम सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के रूप में अर्जुन सहायक परियोजना महोबा और रसिन बांध परियोजना चित्रकूट की देखभाल करने का था. उस की नौकरी का ज्यादातर समय बांदा, महोबा और हमीरपुर जिलों में बीता था. इस कारण पूरे इलाके में उस की मजबूत पकड़ थी. 2009-10 में रामभवन की तैनाती कर्वी में हुई थी. रामभवन काफी मिलनसार और सरल स्वभाव का था. उस का अपने साथ काम करने वालों और पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार था. रामभवन करीब 10 साल से चित्रकूट में तैनात था.

सिंचाई विभाग कार्यालय के सामने ही कपसेठी गांव में वह किराए का मकान ले कर रहता था. रामभवन को नौकरी के शुरुआती दिनों में सिंचाई विभाग कालोनी में ही रहने के लिए सरकारी आवास मिल गया था. इस के बाद भी वह कभी कालोनी के मकान में नहीं रहा. चित्रकूट में नौकरी के दिनों में वह सिकरी गांव के रहने वाले कुक्कू सिंह के यहां किराए का मकान ले कर रहता था. कुछ ही दिनों के बाद पड़ोसियों ने कुक्कू सिंह से शिकायत की थी कि रामभवन के घर में अनजान लोगों को आनाजाना होता है. रामभवन ने खाना बनाने के लिए एक महिला को नौकरानी की तरह से रखा था. उस की 2 बेटियां भी यहां आतीजाती थीं. इस शिकायत के कुछ दिन बाद रामभवन ने यह मकान खाली कर दिया था.

उस के खिलाफ 2012 में दोबारा शिकायत हुई थी, जब उस के पास रहने वाली एक किशोर उम्र की लड़की ने आत्महत्या कर ली थी. आरोप था कि रामभवन ने लड़की का यौनशोषण किया था, जिस के कारण लड़की ने आत्महत्या कर ली थी. चित्रकूट के लोग बताते हैं कि रामभवन उस मामले में बच गया क्योंकि लड़की के घरपरिवार वाले गरीब थे. रामभवन ने अपने को बचाने में पानी की तरह से पैसा बहा कर बचने में सफलता हासिल कर ली थी. रामभवन के कारनामों पर परदा पड़ा रहा. 2 नवंबर, 2020 को रामभवन का नाम चर्चा में आया. सीबीआई ने अनपरा, सोनभद्र निवासी इंजीनियर नीरज यादव को पकड़ा. नीरज बीटेक करने के बाद दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी करता था. लौकडाउन के दौरान नीरज की नौकरी छूट गई थी. तब वह सोनभद्र आ कर रहने लगा था.

सोशल मीडिया पर उस ने पोर्नोग्राफी के कुछ वीडियो अपलोड किए थे. वहां से सीबीआई को रामभवन का नाम मिला. सीबीआई ने 25 सितंबर, 2020 को सब से पहले नीरज यादव को पकड़ा. उस के बाद 15 नवंबर, 2020 को रामभवन को पकड़ा. सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर का नाम यौनशोषण मामले में आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई और जल मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने उसे निलंबित कर कठोरतम कारवाई करने के निर्देश दिए. सीबीआई को रामभवन के पास से बच्चों के साथ यौनशोषण के 66 वीडियो, 600 से अधिक फोटो, सैक्स टौय, बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री और 8 लाख रुपए नकद बरामद हुए.

इस में 50 बच्चों का शामिल होना बताया जाता है. इन बच्चों की उम्र 5 से 15 साल के आसपास मानी जा रही है. ये सभी बच्चे हमीरपुर, चित्रकूट और बांदा के आसपास के रहने वाले हैं. रामभवन इन के साथ अश्लील वीडियो बना कर विदेशों मेें रहने वालों को बेच देता था. सीबीआई ने पाया कि रामभवन यह काम ‘डार्कवेब’ नामक वेबसाइट के जरिए करता था.

‘डार्कवेब’ इंटरनेट का बेहद जटिल स्वरूप है. इस की जड़ें डेनमार्क, कनाडा, स्वीडन और आयरलैंड जैसे देशों में हैं. ‘डार्कवेब’ का संचालन यहां के इंटरनेट सर्वर के जरिए होता है. यहां के आईपी एड्रेस का पता भी जल्दी नहीं लग पाता. ‘डार्कवेब’ के जरिए केवल पोर्नोग्राफी ही नहीं, मादक पदार्थों और अवैध असलहों की भी खरीदफरोख्त होती है. ‘डार्कवेब’ का सर्चइंजन कहीं नजर नहीं आता. इस कारण ही इस को डीपनेट भी कहा जाता है. रामभवन को इस के संचालन की जानकारी कैसे हुई, यह बड़ा सवाल है?

सीबीआई के सूत्र मानते हैं कि रामभवन को यह जानकारी अनपरा के रहने वाले इंजीनियर नीरज यादव से मिली होगी. वीडियो बनाने का काम रामभवन करता होगा और इसे  ‘डार्कवेब’ तक ले जाने का काम नीरज यादव करता होगा. नीरज यादव दिल्ली में रहने के दौरान किसी ऐसे चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट के संपर्क में आया होगा, जिस के बाद वह और रामभवन मिल कर यह काम करने लगे होंगे. सीबीआई रामभवन को रिमांड पर ले कर इन सवालों के जबाव तलाशने का काम कर रही है. सीबीआई की जांच में यह पता चला कि रामभवन 5 साल से 15 साल आयु वर्ग के बच्चों को अपने जाल में फंसा उन की अश्लील वीडियो बना लेता था. इस के आधार पर वह बच्चों का यौनशोषण करता था.

‘डार्कवेब’ नामक वेबसाइट के संपर्क में आने के बाद रामभवन इन वीडियो को विदेशों में बेचने का काम भी करने लगा था. उस को जो पैसे मिलते थे, उन में से वह बच्चों को भी देता था. रामभवन को पता नहीं था कि बुरे काम का बुरा नतीजा होता है. कभी न कभी अपराध खुल कर सामने आ ही जाता है. भारत में इंटरनेट पर अश्लील और आपत्तिजनक तसवीर या कोई अश्लील फिल्म देखना और बनाना दोनों ही अपराध माने जाते हैं. इस के बाद भी यहां पर बड़ी संख्या में अवैध तरीके से ऐसे फोटो और वीडियो तैयार होते हैं. विदेशों में इन की डिमांड ज्यादा है. साइबर क्राइम में सब से अधिक मामले अश्लीलता के दर्ज हो रहे हैं.

कई अपराधिक मामलों में ऐसे वीडियो अपराधियों के गले की फांस भी बन जाते हैं. भारत में देशी और विदेशी दोनों ही तरह के सैक्सी वीडियो सब से अधिक देखे जाते हैं. भारत में 49 प्रतिशत लोग चोरी से पोर्न देखते हैं. 17 प्रतिशत लोग इस तरह की विडियो नियमित देखते हैं. भारत में 70 प्रतिशत पोर्न इंटरनेट मीडिया से आता है. भारत में सब से ज्यादा पोर्न मोबाइल फोन पर देखी जाती है. भारत में अब तेजी से ऐसे वीडियो बनने लगे हैं. कुछ दिन पहले दिल्ली के स्कूल में पढ़ने वाली लड़की का लगभग 2 मिनट की अश्लील वीडियो चर्चा में आया था. दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन पर एलसीडी में अचानक इस तरह की सैक्स विडियो दिखने लगी थी.

बहुत सारे ऐसे मामले भी आए, जिस में लड़के अपने साथियों के वीडियो और फोटो लेते पकड़े गए थे. कई बार परेशान लड़के लड़कियों ने आत्महत्या जैसे कदम भी उठाए थे. कई मशहूर हस्तियों के वीडियो एडिट कर के भी बनाने की घटनाएं भी सामने आईं. इंटरनेट कुछ ही सालों में पोर्नसाइट देखने का सब से बड़ा साधन बन गया. इस का व्यापार दिनबदिन बढ़ रहा है. सैक्स से जुड़ी तमाम तरह की देशी और विदेशी वीडियो इंटरनेट पर मिलने लगी हैं. ऐसे में वीडियो बनाने का धंधा भी तेजी से फैल रहा है. देह का धंधा करने वाले गिरोह इंटरनेट पर अश्लील चैटिंग और सैक्स वीडियो का कारोबार कर रहे हैं. इन के जरिए देह धंधे के ग्राहक भी तलाशे जाते हैं. कई वेबसाइट इस काम में लगी हैं. इस की आड़ में तमाम तरह के फ्रौड भी होते हैं.

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