8 अगस्त, 2021 की बात है. दक्षिणपूर्वी दिल्ली के न्यू फ्रैंड्स कालोनी पुलिस को क्षेत्र के नाले में एक बड़ा सूटकेस मिला. उस सूटकेस में से हाथ निकला हुआ था. इस से यह बात समझने में देर नहीं लगी कि जरूर इस में किसी की लाश है. लिहाजा तुरंत ही मौके पर क्राइम इनवैस्टीगेशन टीम को बुला लिया.
जब बैग खोला गया तो उस में 35-37 साल के एक व्यक्ति की लाश निकली जो फूली हुई थी. उस के दाढ़ी थी. उस की गरदन पर घाव था, जिस पर तौलिया लपेटा हुआ था. लाश के नीचे एक चादर भी थी. उस के दाहिने हाथ पर अंगरेजी में ‘नवीन’ नाम का टैटू गुदा था. पुलिस ने मौके की काररवाई कर के लाश एम्स की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दी और इस की सूचना दिल्ली के सभी थानों को दे दी.
इस के 5 दिन बाद खानपुर की रहने वाली मुसकान नाम की 22 वर्षीय युवती ने थाना नेब सराय में अपने पति नवीन के गायब होने की सूचना दर्ज कराई. उस ने बताया कि उस का पति 8 अगस्त से घर से लापता है. गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद वह अपने घर चली गई. इस की जांच एएसआई सुरेंद्र को सौंपी गई.
मुसकान के थाने से चले जाने के बाद एएसआई सुरेंद्र को न्यू फ्रैंड्स कालोनी क्षेत्र में 5 दिन पहले मिली अज्ञात युवक की लाश का ध्यान आया. एम्स में रखी उस लाश को दिखाने के मकसद से उन्होंने मुसकान को फोन किया, लेकिन उस ने कौंटैक्ट के लिए जो फोन नंबर दिए थे, वह नाट रिचेबल मिले.
वह कांस्टेबल नितिन और रोहित के साथ लाश के बारे में सूचना देने के लिए मुसकान के पते पर ही खानपुर चले गए. घनी आबादी वाले इलाके में मकान तलाशने में पुलिस को ज्यादा दिक्कत नहीं आई, लेकिन वहां कमरे के दरवाजे पर ताला लगा देख कर झटका जरूर लगा.
मुसकान ने कमरा किराए पर ले रखा था. पुलिस ने उस के बारे में मकान के दूसरे किराएदारों और आसपास के लोगों से पूछताछ की. मालूम हुआ कि मुसकान कुछ दिन पहले ही कमरे को छोड़ कर कहीं और जा चुकी है. मुसकान क्या करती थी, कहां आतीजाती थी, इस बारे में किसी को भी विशेष जानकारी नहीं थी.
उस के बाद मकान मालिक प्रदीप से पूछताछ करने पर मालूम हुआ कि मुसकान डेढ़ महीने पहले ही यहां रहने आई थी और अचानक कहीं दूसरी जगह शिफ्ट हो गई. उस के साथ एक 2 साल की बच्ची भी रहती थी. बीचबीच में खानपुर के ही दूसरे मोहल्ले में रहने वाली उस की मां मीनू भी उस के पास आती थी, लेकिन वह साथ में नहीं रहती थी.
आखिर मुसकान के पास पहुंच गई पुलिस
48 वर्षीय मीनू को मोहल्ले के कई लोग जानते थे. आजीविका के लिए वह घरेलू नर्स का काम करती थी. बताते हैं कि उस की अपने पति विजय से नहीं बनती थी.
अब पुलिस के सामने नई समस्या आ गई कि अपने लापता पति की शिकायत करने वाली ही लापता हो चुकी थी. मुसकान को तलाशने के लिए पुलिस टीम ने तसवीरें दिखा कर और हुलिया बता कर डोरटूडोर पूछताछ शुरू कर दी.
थोड़े प्रयास के बाद पुलिस को सफलता मिल गई. उस का ठौरठिकाना तो नहीं मालूम हुआ, लेकिन एक नई बात की जानकारी जरूर मिल गई. वह यह कि उस के पास एक फैशनपरस्त जमालुद्दीन नाम का एक लड़का आताजाता है. पुलिस को पता चला कि वह 18-19 साल का लड़का है. स्टाइलिश फटी जींसटीशर्ट पहनता है और स्पाइकी हेयर कट रखता है. पड़ोसियों को उस की गतिविधियां संदिग्ध लगी थीं.
वैसे तो जमालुद्दीन के बारे में पड़ोसियों से और अधिक जानकारी नहीं मिल पाई. सिर्फ इतना मालूम हुआ कि उस की बोली में बिहारी टोन था और मुसकान के कमरा छोड़ने से एक दिन पहले आधी रात को उस के कमरे से झगड़ने की काफी तेज आवाजें आई थीं.
इसी दौरान पुलिस को मुसकान का दूसरा मोबाइल नंबर 9540833333 मिल गया. उस पर काल करने पर लोकेशन खानपुर गांव की मिली. पुलिस टीम तुरंत वहां जा पहुंची. वहीं मुसकान अपनी मां मीनू और 2 साल की बच्ची तृषा के साथ मिल गई.
पुलिस टीम को घर की चौखट पर देख कर पहले तो मुसकान सकपकाई, फिर जल्द ही सहमती हुई तन कर खड़ी हो गई. पुलिस ने मुसकान से सीधा सवाल किया, ‘‘क्या तुम्हारे पति के दाएं हाथ पर नवीन नाम का टैटू गुदा हुआ था?’’
जवाब में मुसकान कुछ नहीं बोली. पुलिस ने दोबारा पूछा, ‘‘क्या तुम्हारे लापता पति के दाएं हाथ पर उस के नाम का कोई टैटू था?’’
‘‘क्यों, क्या बात है?’’ मुसकान धीमे से बोली.
‘‘बात यह है कि हमें एक युवक की लाश मिली है, जिस के दाहिने हाथ पर ‘नवीन’ गुदा हुआ है. और तुम ने भी पति का नाम नवीन ही लिखवाया है.’’ पुलिस ने बताया.
‘‘मैं उस बारे में कुछ नहीं जानती.’’ मुसकान बोली और इधरउधर झांकने लगी.
पुलिस टीम ने महसूस किया कि मुसकान कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है. तभी एक कांस्टेबल ने मुसकान के हाथ से उस का मोबाइल फोन ले लिया.
गैलरी खोल कर उस में डाउनलोड तसवीरें खंगालने पर नवीन की हाथ उठाए हुए तसवीर मिल गई. उस से लाश की तसवीर पूरी तरह मेल खा रही थी. उस तसवीर में भी नवीन के दाएं हाथ पर ‘नवीन’ नाम का टैटू दिख रहा था. बाद में उस की पुष्टि नवीन के भाई संदीप ने भी कर दी.
पुलिस टीम ने मुसकान से पूछा, ‘‘तुम्हारे लापता पति की लाश मिली है और तुम्हें जरा भी दुख नहीं हो रहा है? आखिर बात क्या है?’’
‘‘क्या करूंगी दुखी हो कर, वह लौट तो नहीं आएगा न!’’ मुसकान बोली.
‘‘फिर भी, तुम्हारी बहुत सारी यादें जुड़ी होंगी उस के साथ? 2-4 बूंद आंसू ही बहा लो उस के नाम के.’’
‘‘फिर भी क्या सर, कैसी यादें, कैसे आंसू. कुछ भी तो नहीं. उस ने जीते जी मुझे कम दुख दिए थे, जो उस की मौत के बाद गम मनाऊं?’’ वह बोली.
‘‘मैं समझ सकता हूं तुम्हारी अभी की स्थिति. लेकिन तुम्हें नवीन के बारे में जो भी बातें मालूम हैं बता दो, ताकि उस की मौत का कारण मालूम हो सके. उस की किसी के साथ दुश्मनी या दोस्ती के बारे में… जो भी हो साफसाफ बताओ,’’ एएसआई सुरेंद्र ने पूछा.
‘‘मैं कुछ और नहीं जानती हूं सिवाय इस के कि वह मेरा पति था. और मैं ने एक गलत आदमी के साथ प्रेम किया, मम्मी के मना करने के बावजूद उस से शादी की. आज वह हमें और बच्ची को अनाथ छोड़ गया.’’ कहती हुई मुसकान रोने लगी. उस वक्त तो एसआई ने मुसकान से कुछ और नहीं पूछा, लेकिन उन्हें नवीन की हत्या के सिलसिले में एक संदिग्ध जरूर मान लिया. उन्होंने उस के बारे में जल्द ही कुछ और जानकारियां हासिल कर लीं.
एक महत्त्वपूर्ण जानकारी घटना की तारीख को रात के समय नवीन से झगड़ने वाले लड़के जमालुद्दीन के बारे में भी थी. वह भी खानपुर गांव में रहता था. पढ़ालिखा नहीं था. उस के पास कोई कामधंधा भी नहीं था. लौकडाउन खत्म होने के बाद 2 महीने पहले ही वह बिहार से आया था.
एएसआई सुरेंद्र ने सारी जानकारी थानाप्रभारी सुमन कुमार को दे दी. मामला गंभीर लग रहा था, इसलिए डीसीपी आर.पी. मीणा ने एसीपी अविनाश कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी.
ऐसे खुली मर्डर मिस्ट्री
टीम में थानाप्रभारी सुमन कुमार, इंसपेक्टर जितेंद्र कश्यप, अनिल प्रकाश, एसआई विष्णुदत्त, महावीर, कांस्टेबल सुरेंद्र, रामकिशन, नितिन, रोहित, जानी, अनिल, विक्रम आदि को शामिल किया.
पुलिस टीम गंभीरता से इस केस को खोलने में जुट गई. इस का परिणाम यह निकला कि पुलिस ने कुछ सबूतों के आधार पर 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. उन से हुई पूछताछ से कई राज परत दर परत खुलते चले गए.
घटना की रात 7 अगस्त, 2021 को जमालुद्दीन मुसकान के घर पर ही था. उन दिनों नवीन कहीं और रहता था. जबकि मुसकान उस से झगड़ कर अपनी बच्ची को ले कर खानपुर में अपनी मां के घर से थोड़ी दूरी पर अलग कमरा ले कर रहती थी. वहीं पास में ही जमालुद्दीन भी रहता था.
अकेली लड़की को देख कर पहले तो वह उस के इर्दगिर्द मंडराता रहा, फिर जल्द ही मुसकान ने ही उस से जानपहचान कर ली. उसे कोई काम तलाशने के लिए कहा. हालांकि जमालुद्दीन भी काम की तलाश में था. आठवीं पास मुसकान डिलीवरी गर्ल का काम कर चुकी थी.
मर्डर मिस्ट्री का राज खुल जाने के बाद पहली गिरफ्तारी मुसकान की हुई थी. उस ने अपने पति की हत्या के बारे में विस्तार से बताया कि किस तरह से नवीन की गरदन में चाकू घोंप कर हत्या की गई.
उस की मौत के बाद कैसे जमालुद्दीन ने बाथरूम में उस की लाश को नहलाधुला कर खून के दागधब्बे साफ किए थे और उस ने खुद कमरे में फैले खून को साफ किया.
मुसकान ने बताया कि यह सब करते हुए सुबह होने वाली थी. जमाल ने अपने एक दोस्त राजपाल को नवीन की लाश वहां से हटाने में मदद के लिए बुलाया.
नवीन और जमाल ने खून सने कपड़े चिराग दिल्ली के नाले में फेंक दिए थे. तब तक दिन निकल आया था. जमाल उसी दिन अपने घर से एक ट्रौली बैग लाया. उस में नवीन की लाश ठूंसठूंस कर पैक कर दी. उस बैग को जमाल अपने दोस्त के साथ आटो से ले जा कर सुखदेव विहार के नाले में फेंक आया.
मुसकान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम को मोबाइल नंबरों की काल डिटेल्स मिल गई, जिस में जमाल का साथ देने वालों में विवेक उर्फ बागड़ी और कौशलेंद्र का भी नाम आ गया.
विवेक (20 वर्ष) को देवली की नई बस्ती से गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिल गई. उस ने नवीन की हत्या में शामिल होने का जुर्म कुबूल कर लिया.
तीसरी गिरफ्तारी जमाल की मुरादाबाद शहर से हुई. लाश को नाले में फेंकने के बाद वह दिल्ली से फरार हो गया था. उस ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया था. वह मोबाइल नंबर बिहार का था. उस नंबर को पुलिस सर्विलांस में लगा दिया गया.
पता चला कि वह सप्तक्रांति ट्रेन से अपने घर जा रहा है. सफर के दौरान उस का नंबर तब ट्रैक हो गया, जब उस ने टीटीई को अपना कन्फर्म टिकट का मैसेज दिखाने के लिए कुछ समय के लिए मोबाइल औन किया. उस समय उस की लोकेशन मुरादाबाद की थी. वह सप्तक्रांति एक्सप्रैस से बिहार जा रहा था. दिल्ली पुलिस ने उसी समय मुरादाबाद की जीआरपी से संपर्क किया तो जीआरपी ने ट्रेन रुकवा कर तलाशा और उसे वहीं हिरासत में ले लिया. फिर दिल्ली पुलिस उसे मुरादाबाद से दिल्ली ले आई.
प्यारमोहब्बत ने जरूरतों को लगा दिए पंख
इसी तरह से विशाल की गिरफ्तारी देवली खानपुर से और कौशलेंद्र की बरेली से करने में पुलिस को सफलता मिली. छठे और सातवें अभियुक्त के रूप में राजकुमार और मुसकान की मां मीनू को भी खानपुर से हिरासत में ले लिया गया. मीनू ने बताया कि नवीन की हत्या के समय वह कमरे में ही मौजूद थी. उस की हत्या के बाद वह अपने कमरे पर वापस आ गई थी. अभियुक्तों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल सबूत भी बरामद कर लिए.
नवीन की हत्या का राज तो खुल गया था, लेकिन मुसकान और नवीन के संबंध में आई कड़वाहट का राज खुलना अभी बाकी था. आखिर क्या वजह थी कि जिसे मुसकान ने दिलोजान से चाहा, उस की हत्या करवा दी? यह बदलते हुए महानगरिया सामाजिक परिवेश की काली सच्चाई को भी उजागर करता है.
आठवीं पास मुसकान ने जब अपने पैरों पर खड़ी होने की कोशिश शुरू की, तब उसे जोमैटो के फूड सेक्शन में एक काम मिल गया. थोड़ी सी तनख्वाह में खर्च चलाना मुश्किल हो गया. ऊपर से उम्र की नजाकत और प्यारमोहब्बत ने उस की जरूरतों को पंख लगा दिए.
वहीं उस की मुलाकात नवीन से हुई. उस ने बेहतर जिंदगी जीने के सपने दिखाए और जल्द ही उस के रूपसौंदर्य की तारीफों के पुल बांधने शुरू कर दिए. यह सब करीब साढ़े 4 साल पहले की बातें हैं. उन दिनों नवीन दक्षिणपुरी में रहता था.
मुसकान अपने प्रेम की खातिर नवीन के साथ रहने लगी. अपनी अलग दुनिया बसा ली. 2 साल बाद एक बच्ची की मां भी बन गई. संयोग से उस के एकडेढ़ साल बाद ही कोरोना महामारी का कहर उस पर भी टूटा, जिस से उस की आमदनी बंद हो गई.
दांपत्य जीवन में तनाव ही तनाव आ गया. हर रोज नवीन से उस का झगड़ा होने लगा. नवीन भी कामधंघा छूटने के चलते काफी डिप्रेशन में आ गया था. अपना गम दूर करने के लिए जो कमाता था, उसे शराब में उड़ाने लगा था. मुसकान इस का विरोध करती, तब वह मारपीट पर उतारू हो जाता था.
करीब 7 महीने पहले जनवरी में एक दिन मुसकान अपनी बच्ची को ले कर मां मीनू के पास देवली खानपुर आ गई. वहां भी नवीन बारबार आने लगा. लेकिन जब भी आता था, नशे में धुत रहता था और मुसकान को गालियां बकता था.
एक दिन ऊब कर मीनू ने उसे अपने घर से अलग कमरा दिलवा दिया ताकि नवीन की नजरों से वह दूर रहे. वहीं मुसकान की मुलाकात जमालुद्दीन से हुई. मुसकान को वह मन ही मन चाहने लगा था. मुसकान भी उसे अपनी घरेलू मदद के लिए कमरे पर आने से नहीं रोकती थी. हालांकि मुसकान के दिल में उस के प्रति अधिक जगह नहीं थी.
एक बार नवीन खानपुर के उस कमरे पर भी आ गया. मुसकान को आश्चर्य हुआ कि उसे उस के कमरे का पता कैसे चला. इस पर जमाल ने बताया कि एक बार उस ने बच्ची के साथ उसे दूध की दुकान पर देख लिया था. वहां भी उस के साथ झगड़ने लगा था. वह बारबार पूछ रहा था कि बच्ची उस के पास कैसे है? वह तो उस की बेटी है. उसी समय वह पीछा करता हुआ गली के कोने तक आया था.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. 7 अगस्त की रात को नवीन नशे ही हालत में सीधा मुसकान के कमरे पर आ धमका. उस वक्त कमरे पर जमालुद्दीन भी था. उसे देखते ही नवीन आगबबूला हो गया और झगड़ने लगा.
इसी बीच मीनू भी आ गई. मीनू ने नवीन को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ भी सुनने को राजी नहीं था.
मुसकान ने भी उसे समझाने की कोशिश की तो नवीन ने मुसकान के मुंह पर घूंसा मारा. उस के मुंह से खून निकलने लगा. तभी जमालुद्दीन ने नवीन को रोकने की कोशिश की. फिर कमरे में नवीन और जमाल के बीच तूतूमैंमैं हाथापाई में बदल गई. नवीन ने जमाल को भद्दीभद्दी गालियां तक देनी शुरू कर दी. यहां तक कि उस के मांबाप और कौम को ले कर भी भलाबुरा कहना शुरू किया.
कौम और मांबाप पर बात आते ही जमाल ने भी झट कमरे में छिपा कर रखा चाकू निकाला और नवीन की गरदन पर वार कर दिया. नशे की हालत में नवीन संभल नहीं पाया. जख्म भी काफी गहरा था. उस की मौत कुछ समय में ही हो गई.
जमाल लाश को देख कर पसीनेपसीने हो गया. तभी मुसकान वहां आई. पहले तो वह भी घबराई फिर जल्द ही खुद को संभाला. अपनी बच्ची को मां के हवाले किया और उसे अपने घर ले जाने के लिए कहा. उस के बाद दोनों ने लाश को ठिकाने लगाने और सबूत मिटाने के काम किए. पुलिस ने सभी आरोपियों से पूछताछ करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.