उत्तर प्रदेश का एक जिला है मैनपुरी. इसी जिले के गांव भहलोई में रहते थे सौरभ और मूर्ति देवी. दोनों जवानी की दहलीज पर कदम रख चुके थे. इस उम्र में युवकयुवतियों का एकदूसरे के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है. ये दोनों भी एकदूसरे के आकर्षण में बंधते चले गए.
दोनों को एकदूसरे से कब प्यार हो गया, इस का उन्हें एहसास ही नहीं हुआ. बाद में उन की स्थिति ऐसी हो गई कि जब तक वह एकदूसरे को देख नहीं लेते थे, चैन नहीं मिलता था.
मूर्ति के पिता जीतपाल सिंह किसान थे. उन के 4 बच्चों में ऋषि, मूर्ति, सुषमा व सब से छोटा बेटा सोनू था. मूर्ति और सौरभ का प्यार परवान चढ़ रहा था. धीरेधीरे उन के प्यार के चर्चे गांव में होने लगे. यह खबर जब मूर्ति के पिता जीतपाल के कानों तक पहुंची तो वे बदनामी को ले कर वह परेशान रहने लगे.
इस से बचने के लिए उन्होंने मूर्ति की शादी करने का फैसला कर लिया. वह उस के लिए लड़का ढूंढने लगे. कोशिश रंग लाई और उन्होंने 19 वर्षीय बेटी मूर्ति की शादी 30 अप्रैल, 2018 को फिरोजाबाद जिले के कस्बा शिकोहाबाद के गांव मोहिनीपुर के रहने वाले श्याम सिंह के बेटे अर्जुन सिंह के साथ कर दी. श्याम सिंह भी खेतीकिसानी करते थे.
प्रेमिका की शादी हो जाने के बाद सौरभ मायूस हो गया. अब मूर्ति के बिना उसे गांव में अच्छा नहीं लगता था. वह मूर्ति से मिलने के लिए बेचैन हो उठा. उस ने मूर्ति से मिलने की खातिर किसी तरह अर्जुन के भाई उदयवीर से दोस्ती कर ली.
अब सौरभ कभीकभी मूर्ति की ससुराल मोहिनीपुर आने लगा. ससुराल वालों के सामने वह मूर्ति से बातचीत भी कर लेता था. धीरेधीरे सौरभ का आनाजाना बढ़ गया. वह बेहिचक घर आता और मूर्ति से घंटों हंसीठिठोली करता.ससुराल वालों को यह पता नहीं था कि सौरभ और मूर्ति का पहले से कोई चक्कर है. लिहाजा उन्होंने उन के मिलने की बात को गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन बाद में अर्जुन को सौरभ का बारबार उस के घर के चक्कर लगाना अच्छा नहीं लगा तो अर्जुन ने सौरभ को अपने घर आने से साफ मना कर दिया.
सौरभ बेशरम था. वह नहीं माना और मना करने के बावजूद मूर्ति से मिलने पहुंच जाता. तब अर्जुन और उस के घर वाले उसे बेइज्जत कर के भगा देते थे. 7 सितंबर, 2019 को सौरभ फिर अर्जुन के घर पहुंच गया. घर वालों के विरोध पर गांव के लोगों ने उसे पकड़ लिया और उस की पिटाई कर दी. इस के बाद उसे गांव में दोबारा न आने की नसीहत देते हुए भगा दिया.
इस पूरे मामले की जानकारी अर्जुन ने अपनी सास मोहरश्री व बड़े साले ऋषि कुमार को दी. सूचना मिलने पर दोनों 9 सितंबर को मोहिनीपुर आ गए. ससुराल वालों ने शिकायत करते हुए सौरभ के घर आने और मूर्ति से बात करने पर विरोध जताया. मोहरश्री और उस के बेटे ने मूर्ति को समझाया कि वह सौरभ से बात न करा करे. मूर्ति को समझा कर वे दोनों रात को वहीं रुके.
मूर्ति ने मां और अपने भाई से वादा तो कर लिया था कि वह आइंदा सौरभ से बात नहीं करेगी लेकिन उस के मन में अलग ही खिचड़ी पक रही थी. वह सौरभ को हरगिज छोड़ना नहीं चाहती थी. और उसी रात वह ससुराल से रहस्यमय ढंग से गायब हो गई.
10 सितंबर की सुबह जब घर वालों की अांखें खुलीं तो इस घटना का पता चला. घर वालों ने मूर्ति की तलाश भी की, लेकिन वह नहीं मिली.अर्जुन सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर अपनी पत्नी के भाग जाने की खबर दी. कुछ ही देर में शिकोहाबाद थाने की पुलिस गांव पहुंच गई. पुलिस ने इस संबंध में अर्जुन सिंह की तरफ से सौरभ के खिलाफ पत्नी मूर्ति को आभूषण व 50 हजार की नकदी सहित बहलाफुसला कर भगा ले जाने की रिपोर्ट दर्ज करा दी.
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने सौरभ और मूर्ति को ढूंढने में दिलचस्पी नहीं दिखाई बल्कि उस ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. मूर्ति के घर वाले ही उसे तलाश करते रहे लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं मिला.
फिरोजाबाद जिले का एक थाना है सिरसागंज. इस थाने के गांव भदेसरा निवासी चौकीदार रमेशचंद्र ने 20 सितंबर, 2019 की सुबह थाने में आ कर सूचना दी कि गांव में बचान सिंह के खेत में खड़ी बाजरे की फसल के बीच एक अधजली लाश पड़ी है. जो देखने में महिला की लग रही है.
तत्कालीन थानाप्रभारी सुनील कुमार तोमर ने चौकीदार से विस्तार से पूछताछ की. चौकीदार ने बताया कि वह सुबह खेतों की तरफ गया था. वहां बचान सिंह के बाजरे के खेत से एक कुत्ता एक व्यक्ति की टांग का कुछ हिस्सा ले कर बाहर निकला. इस पर जिज्ञासावश वह खेत में कुछ अंदर की तरफ गया. उस ने वहां जो दृश्य देखा तो परेशान हो गया.
वहां एक महिला के सिर के टुकड़े, बाल, दांत व एक पैर गली हुई अवस्था में पड़ा थे. इस के साथ ही पसलियों की हड्डियां व कंकाल भी खेत में पड़ा था.
इस सूचना पर थानाप्रभारी पुलिस टीम के साथ भदेसरा गांव स्थित बाजरे के खेत में पहुंच गए. यह गांव थाने से लगभग 6 किलोमीटर दूर था.
पुलिस जब वहां पहुंची तो बाजरे के खेत के बीचोंबीच एक जली हुई लाश क्षतविक्षत कंकाल के रूप में पड़ी थी. कुछ अधजले कपड़े आदि भी पुलिस ने खेत से बरामद किए. थानाप्रभारी ने यह सूचना अपने उच्चाधिकारियों को भी दे दी. बिना किसी देरी के अवशेषों को एकत्र कर उन्हें मोर्चरी भेज कर अज्ञात के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 201 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया.
पुलिस को घटनास्थल के निरीक्षण से पता चला कि लाश को कई दिन पूर्व रात के समय खेत के बीचोंबीच ले जा कर जलाया गया था. इस से यह बात साफ हो गई थी कि हत्यारों ने महिला की हत्या के बाद उस के शव को यहां चोरीछिपे ला कर किसी ज्वलनशील पदार्थ से जलाया था.
लाश किस महिला की है, इस का पता लगाया जाना बहुत जरूरी था, लिहाजा पुलिस ने लाश के अस्थिपंजरों के फोटो सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से खूब प्रसारित किए. लेकिन पुलिस को इस में कोई सफलता नहीं मिली.
मृतका की पहचान न हो पाने तथा हत्यारे का भी पता न चलने के कारण इस मामले के विवेचक ने सुरागरसी जारी रखते हुए 8 मार्च, 2020 को मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी.इस बीच 14 महीने बीत गए. सितंबर, 2020 में एसएसपी (फिरोजाबाद) सचिंद्र पटेल थाना शिकोहाबाद में निरीक्षण कर रहे थे.
इस दौरान उन की जानकारी में एक मामला आया.मामला यह था कि मोहिनीपुर के रहने वाले अर्जुन सिंह ने शिकोहाबाद में 10 सितंबर, 2019 को एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस में कहा गया था कि उस की पत्नी मूर्ति देवी सौरभ नाम के अपने प्रेमी के साथ घर से कुछ नकदी व आभूषण ले कर भाग गई है.
मामले के विवेचक ने इस संबंध में कोई काररवाई नहीं की थी. एसएसपी ने इस केस को खोलने के लिए एएसपी (ग्रामीण) राजेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई. उन्होंने इस काम में एसओजी व सर्विलांस सैल को भी लगा दिया.
जिम्मेदारी मिलने के तुरंत बाद एसओजी प्रभारी कुलदीप सिंह चौहान की टीम ने अपना काम शुरू कर दिया.टीम ने जिले के विभिन्न थानों से इस संबंध में लापता महिलाओं की जानकारी जुटानी शुरू कर दी. जांच में पता चला कि अर्जुन सिंह द्वारा शिकोहाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के 10 दिन बाद ही सिरसागंज थाना पुलिस ने बाजरे के खेत से एक महिला का कंकाल बरामद किया था.
इस जानकारी के बाद पुलिस टीम थाना सिरसागंज पहुंची. टीम ने महिला के कंकाल के साथ मिले अन्य सामान को देखा. इस सामान में कंकाल से प्राप्त ताबीज, एक रुपए का छेद वाला सिक्का व अन्य सामान भी था. पुलिस ने लापता मूर्ति देवी के पिता जीतपाल सिंह निवासी मैनपुरी को बुला कर वह सारा सामान दिखाया.
जीतपाल ने ताबीज व सिक्के को देखते ही बता दिया कि यह सारा सामान उन की बेटी मूर्ति का है. वह अपने गले में काले धागे में बंधा यह ताबीज व एक रुपए का सिक्का पहनती थी. इसी के आधार पर उन्होंने बताया कि खेत में मिला कंकाल उन की बेटी मूर्ति का ही था.
मृतका की शिनाख्त होने पर एसओजी प्रभारी कुलदीप सिंह चौहान व थाना सिरसागंज के थानाप्रभारी गिरीशचंद्र गौतम को लगा कि दाल में जरूर कुछ काला है. उन्होंने जीतपाल से मूर्ति का मोबाइल नंबर ले लिया.
टीम ने इस मामले में संदिग्ध लग रहे लोगों से पूछताछ शुरू कर दी. चूंकि अर्जुन ने सौरभ के खिलाफ पत्नी को भगा कर ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, इसलिए पुलिस भहलोई गांव स्थित उस के घर गई. सौरभ घर से गायब मिला. पुलिस ने उस के घर वालों के फोन नंबर ले लिए. इस के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए मृतका के ससुराल वालों को कई बार बुलाया.
कई बार बुलाए जाने के बाद भी मृतका के ससुरालीजन यहां तक कि मृतका का पति अर्जुन भी पुलिस के सामने नहीं आया. इस से पुलिस का संदेह और मजबूत हो गया. उधर सर्विलांस टीम ने बताया कि पता चला कि जिस जगह पर कीर्ति के अस्थिपंजर मिले थे, वहां पर घटना वाले दिन कीर्ति के पति अर्जुन और जेठ उदयवीर के फोन की लोकेशन वहीं की थी.
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 30 नवंबर,2020 को सुबह करीब सवा 8 बजे सोथरा चौराहा फ्लाईओवर से मृतका मूर्ति देवी के पति अर्जुन व जेठ उदयवीर को हिरासत में ले लिया. पुलिस दोनों को थाना सिरसागंज ले आई. दोनों से गहनता से पूछताछ की गई.
दोनों भाइयों ने स्वीकार कर लिया कि मूर्ति की हत्या उन्होंने ही की थी. इस के बाद उन्होंने उस की लाश ठिकाने लगा दी थी.केस का खुलासा होने के बाद एसएसपी सचिंद्र पटेल ने पुलिस लाइन सभागार में प्रैस कौन्फ्रैंस कर के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी दी. इस हत्याकांड के पीछे प्रेम संबंधों की चौंकाने वाली कहानी सामने आई.
मूर्ति देवी की शादी के कुछ महीने बाद ही उस के पति अर्जुन को पता चल गया था कि शादी से पहले से ही मूर्ति के संबंध गांव के ही सौरभ से हैं. उस ने यह बात अपने बड़े भाई उदयवीर को बताई. दूसरे युवक से प्यार करने की बात ने अर्जुन के कलेजे को चीर कर रख दिया था. यह बात उसे अंदर ही अंदर खाए जा रही थी. उस के सीने में नफरत की आग सुलग रही थी. उस ने भाई उदयवीर के साथ मिल कर मूर्ति देवी को रास्ते से हटाने और बाद में दूसरी शादी करने का निर्णय लिया.
अर्जुन के बड़े भाई उदयवीर की दोस्ती मूर्ति के प्रेमी सौरभ से थी. योजना के अनुसार उन्होंने 9 सितंबर, 2019 को मूर्ति को सौरभ के साथ जाने दिया. सौरभ प्रेमिका मूर्ति को इटावा ले गया. सुबह होने पर अर्जुन ने यह बात फैला दी कि मूर्ति घर से भाग गई है. चूंकि उस के संबंध सौरभ से थे, इसलिए अर्जुन ने सौरभ के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी.
कुछ दिनों बाद अर्जुन व उदयवीर ने षडयंत्र के तहत मूर्ति को सौरभ के पास से ले आए और रात में उस के गले में गमछा (अंगौछा) डाल कर उस का गला दबा दिया. जिस से उस की मौत हो गई.
हत्या करने के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए अर्जुन और उस के भाई उदयवीर ने पड़ोसी से मांगी गई मोटरसाइकिल पर लाश को बीच में इस प्रकार बैठाया मानो वह किसी बीमार को ले जा रहे हों.
हत्या के बाद शव को करीब 6 किलोमीटर दूर गांव भदेसरा में बाजरे के एक खेत में ले जा कर पैट्रोल छिड़क कर जला दिया था.पूछताछ के दौरान आरोपी उदयवीर ने बताया था कि मूर्ति की हत्या में सौरभ भी शामिल था.लेकिन पुलिस का मानना है कि वह ऐसा केवल सौरभ को फंसाने के लिए कह रहा है. हत्या दोनों भाइयों ने ही प्रेमी सौरभ से चलते प्रेम संबंधों को ले कर की थी.
मृतका के पिता जीतपाल के अनुसार उन की बेटी मूर्ति गर्भवती थी. हत्यारों ने उस पर जरा भी रहम नहीं किया और उस की गर्भवती बेटी को मार डाला.
घटना को अंजाम देने के बाद दोनों भाई वापस अपने गांव आ गए थे. पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त गमछा तथा मोटरसाइकिल बरामद कर ली.
पूछताछ के बाद गिरफ्तार दोनों हत्यारोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया.
घटना का परदाफाश करने वाली टीम में थानाप्रभारी गिरीशचंद्र गौतम, एसओजी प्रभारी कुलदीप सिंह चौहान, एसआई रनवीर सिंह के अलावा कांस्टेबल (एसओजी) राहुल यादव, रविंद्र कुमार, भगत सिंह, नदीम खान व थाना सिरसागंज के कांस्टेबल विजय कुमार व कुलदीप सिंह आशीष शुक्ला व मुकेश कुमार शामिल थे.
एसएसपी सचिंद्र पटेल ने इस घटना का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपए का ईनाम दिया.
हत्यारे निश्चिंत थे कि वह अपनी योजना में पूरी तरह सफल हो गए हैं लेकिन 14 महीने बाद पुलिस ने ताबीज के जरिए इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा कर आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित