अगस्त माह के अंतिम हफ्ते में एक दिन दिल्ली के राजगढ़ एक्सटेंशन के रहने वाले मनु अग्निहोत्री के मोबाइल फोन की घंटी बजी. फोन रश्मि का था. उस ने अपनी खनकती आवाज में पूछा, ‘‘सर जी, काम कब से शुरू करवा रहे हो?’’

‘‘उम्मीद है अगले हफ्ते से… और सुन तुम्हें कितनी बार कहा है इस नंबर पर फोन मत किया कर.’’ मनु डपटते हुए बोला.

‘‘क्या करूं, मजबूरी में करना पड़ा. कोई काम नहीं है. कर्ज भी बहुत हो गया है.’’ रश्मि बोली.

‘‘ठीक है, ठीक है. तुम्हारे संपर्क में कितनी और लड़कियां हैं?’’ मनु ने पूछा.

‘‘10-12 तो हो ही जाएंगी.’’

‘‘सब को तैयार कर लो. अगले हफ्ते से रेस्टोरेंट और बार खुलने वाले हैं. मैं ने पता कर लिया है.’’ मनु बोला.

‘‘वही पहले वाला काम करना है?’’ रश्मि ने पूछा.

‘‘हांहां, वही. डांसिंग का है, साथ में थोड़ी शराब भी परोस देना. नशेडि़यों का दिल बहला देना.’’

‘‘उस से अधिक कुछ और नहीं न! कितने पैसे मिल जाएंगे?’’ रश्मि तपाक से पूछ बैठी.

‘‘तुम सवाल बहुत करती हो. अभी तो मैं इंतजाम में लगा हुआ हूं.’’ मनु ने समझाया.

‘‘फिर भी कुछ तो बताओ, तभी तो लड़कियों को तैयार रखूंगी.’’

‘‘सभी फ्रैश होनी चाहिए. एकदम से झकास. लेटेस्ट मौडल की. पढ़ीलिखी दिखने वाली. समझ गई न.’’ मनु बोला.

‘‘मेरे पास अभी एक से बढ़ कर  एक मौडल हैं, उन के सामने हीरोइनें और प्रोफैशनल मौडल फेल हो जाएंगी.’’ रश्मि चहकती हुई बोली.

‘‘चल, चल. अब फोन बंद कर, लगता है किसी क्लाइंट का फोन आ रहा है. बाद में बात करता हूं.’’ यह कहते हुए मनु ने आने वाले काल का फोन रिसीव कर लिया.

‘‘हैलो कौन?… अरे तुम. मैं तुम्हारे फोन का ही इंतजार कर रहा था. तुम ने नया नंबर ले लिया क्या? बताओ कुछ इंतजाम हुआ.’’ मनु ने जिज्ञासा से पूछा.

‘‘हां, हो गया है, लेकिन सौरी यार पहाड़गंज या कनाट प्लेस में नहीं हो पाया.’’ फोन करने वाला मनु का खास दोस्त था. उस के भरोसे मनु के कई कामधंधे चलते थे. वह जिस काम में लगता था, उसे पूरा कर के ही दम लेता था. उसे मनु ने एक ऐसा रेस्टोरेंट रेंट पर लेने का काम सौंपा था, जहां वह पार्टियां आर्गनाइज कर सके. उसी बारे में उस के दोस्त ने फोन किया था.

मनु ने उस से उत्सुकता से पूछा, ‘‘तो कहां इंतजाम किया है?’’

‘‘शाहदरा के पास कृष्णा नगर में. अच्छा रेस्टोरेंट है… और हम लोगों के काम के हिसाब से सेफ भी.’’ मनु को बताया.

‘‘नाम क्या है? लोकेशन कैसी है? …आसपास का माहौल किस तरह का है? ‘‘द टाउंस कैफे नाम का रेस्टोरेंट मंदिर मार्ग पर लाल क्वार्टर में स्थित है. वहीं पर फर्स्ट फ्लोर पर अपना काम चलेगा. वहां सब कुछ सही है. लेकिन एक ही समस्या है कि उस के पास अभी पूरे कागज नहीं है.’’

‘‘तो कैसे होगा?’’ मनु ने पूछा.

‘‘अरे वह सब तो उस के मालिक का मसला है, हमें क्या? हमें रेंट देना है.’’ दोस्त के कहने पर मनु ने आगे के अपने इंतजाम के बारे में जानकारी दी. बातोंबातों में लड़कियों के बारे में भी थोड़ी बातें बता दीं.

‘‘तू तो इस का बड़ा खिलाड़ी है. तो फिर बुकिंग शुरू कर दूं?’’ कहते हुए मनु का दोस्त हंसने लगा.

मनु के धंधे में जितने भी लोग जुड़े हुए थे, उन से मनु के दोस्त की तरह ही संबंध रहते थे. मुन्ना भी उस के खास दोस्तों में से एक था.

एक दिन मुन्ना दिल्ली के कनाट प्लेस में स्थित एक छोटे से रेस्टोरेंट में अपने दोस्त अमित के साथ डिनर कर रहा था. अमित केरल का रहने वाला था. वह किसी काम से दिल्ली आया था. उसी दौरान अमित ने उस से कहा, ‘‘यार, मुझे मिनिस्ट्री से एक प्रोजैक्ट पास कराना है.’’

मुन्ना ने उसे आश्वासन दिया था, ‘‘तू चिंता क्यों कर रहा है, हो जाएगा. क्योंकि मिनिस्ट्री में मेरी अच्छी जानपहचान है. मैं तेरा काम करा दूंगा.’’ मुन्ना ने भरोसा दिया.

‘‘जितनी जल्द हो सके, करा दे. वैसे एक बात बताऊं, जिस अधिकारी के हाथ में मेरा काम है, वह अय्याश किस्म का है. इसलिए उस के लिए शराब के साथसाथ कुछ और शबाब का इंतजाम भी करना होगा.’’

‘‘अभी तेरे सामने बात करता हूं.’’ यह कहते हुए मुन्ना ने बाएं हाथ से टेबल पर रखे अपने मोबाइल से एक नंबर पर काल लगाई. वह नंबर मनु का था.

काल रिसीव होने के बाद तुरंत स्पीकर औन कर दिया.  बोला, ‘‘हैलो मुन्ना भाई, कैसे हो?’’

उधर से आवाज आई, ‘‘अरे भाई तुम्हें मैं ने कितनी बार समझाया है स्पीकर औन कर बातें मत किया करो.’’

‘‘सौरी यार, दरअसल खाना खा रहा था.’’ इसी के साथ मुन्ना ने स्पीकर बंद किया और बाएं हाथ से ही फोन को कान से लगा लिया.

‘‘अरे मैं पूछ रहा था कि तुम्हारा बार में पार्टी वाला काम शुरू हुआ या नहीं?’’

‘‘बस, एक दिन और इंतजार कर लो.’’

‘‘एक क्लाइंट से एडवांस ले लूं. हम 3 लोग रहेंगे. बाकी सब ठीक है न.’’ मुन्ना बोला.

‘‘उसे रेडी कर ले. बाकी बाद में बात करता हूं.’’ मनु ने कहा.

मनु की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद मुन्ना अमित को देख कर बोला, ‘‘लीजिए, मैं ने आधे मिनट में इंतजाम कर दिया, और बोलो.’’

सब कुछ सही चलने लगा. उस ने बर्थडे पार्टी के नाम पर ग्राहकों को हुक्का, शराब और डांस के नाम पर बुलाना शुरू कर दिया था. बार में कुछ लड़कियों को देह दिखाने वाली ड्रैस पहना कर शराब परोसने के लिए लगा दिया गया था, जबकि कुछ लड़कियां म्यूजिक की धुन पर डांस करती थीं.

इस के लिए बाकायदा डांसिंग फ्लोर बनाई थी. चारों तरफ से डांसर पर रंगीन रोशनियां बरस रही थीं, उस में लड़कियों के उभार, सुडौल जांघें, चिकनी कमर, अधखुली पीठ,

सपाट पेट की नाभि की झलक दिख जाती थी. एकदो लड़कियों ने नाभि पर झुमकेनुमा जेवर लटका रखे थे. लड़कियां बीचबीच में उस की ओर अंगुली से अश्लील इशारे कर शराब पी रहे ग्राहकों को बुला लेती थीं.

2 सितंबर, 2021 को भी सामने की दीवार पर बड़ेबड़े उभरे सुनहरे अक्षरों में ‘हैप्पी बर्थडे’ लिखा हुआ था, लेकिन जन्मदिन किस का था, पता नहीं. कहीं किसी भी टेबल पर केक काटे जाने का नामोनिशान भी नहीं था. उस की जगह हुक्के जरूर रखे थे. टेबल के चारों ओर 2-3 की संख्या मे बैठे ग्राहक हुक्के की पाइप एकदूसरे के साथ शेयर कर रहे थे.

बीचबीच में शराब परोसने वाली लड़कियां वहां से गुजर जाती थीं. कुछ समय बाद कुछ ग्राहक भी डांसिंग फ्लोर पर पहुंच चुके थे. उन के आते ही एक लड़की ने अपनी मादक अदा से नाचना शुरू कर दिया था.

एक ग्राहक उस की कमर में हाथ डालने वाला ही था कि दूसरी लड़की ने उस का हाथ पकड़ कर प्यार से अपने चारों ओर घुमा लिया. कुल मिला कर पूरा दृश्य किसी 80-90 के दशक की फिल्मों जैसा ही दिख रहा था.

इस पार्टी की बात यहीं खत्म नहीं हुई. इस की भनक कृष्णानगर थाने के ड्यूटी औफिसर एसआई इमरोज को भी लग गई थी. उन्हें पता चला कि लाल क्वार्टर मार्केट में कुछ लड़के और लड़कियां शराब की पार्टी कर रहे हैं.

ड्यूटी औफिसर ने यह जानकारी थानाप्रभारी रजनीश कुमार को दी. चूंकि मामला गंभीर था, इसलिए थानाप्रभारी ने एसीपी डा. चंद्रप्रकाश को भी इस से अवगत करा दिया.

इस के बाद थानाप्रभारी रजनीश कुमार एसआई नरेश कुमार, जयदीप, अरुण भाटी आदि के साथ रेस्टोरेंट पहुंच गए. उन्होंने देखा कि रेस्टारेंट के फर्स्ट फ्लोर पर कुछ लड़केलड़कियां एक साथ बैठे थे. एक बार काउंटर लगा था. कुछ लोग शराब पी रहे थे. टेबलों पर हुक्के भी रखे हुए थे. और लोग उस की पाईप से कश लगा रहे थे.

कुछ लोगों से पूछने पर उन्होंने बताया कि वे पार्टी सेलिब्रेट करने आए थे. वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे. लेकिन डांस करती लड़कियां, हुक्के और शराब कुछ और ही कहानी बयां कर रही थीं.

इस के बाद रेस्टोरेंट में पुलिस टीम ने छापेमारी कर दी. छापेमारी में अवैध रूप से शराब व हुक्के की पार्टी का गंभीर मामला सामने आया. पुलिस ने मौके से हुक्के और शराब की बोतलें बरामद कीं.

साथ ही संचालक और कर्मचारियों के साथ ही मौके पर मौजूद कुल 32 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिन में 8 लड़कियां थीं. पुलिस सभी को थाने ले आई. उन से की गई पूछताछ में पता चला कि संचालक मनु अग्निहोत्री ने पार्टी दी थी, जिस में कर्मचारी और उस के जानकार शामिल हुए थे.

पुलिस ने वहां से भारी मात्रा में शराब की बोतलें, हुक्के आदि बरामद किए. इस की सूचना पुलिस को रात के 2 बजे मिली थी. इन में से कोई भी कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहा था. किसी के चेहरे पर मास्क नहीं था. पुलिस के अनुसार, संचालक मनु से शराब परोसने, हुक्का बार चलाने का लाइसैंस और देर रात तक पार्टी का अनुमति पत्र दिखाने को कहा गया तो उस के पास ये दस्तावेज नहीं थे.

इस के बाद पुलिस ने रेस्तरां में मौजूद सभी लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 188, 269, 270, 285 के तहत गिरफ्तार कर सभी 32 लोगों के कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. बताया जाता है कि मनु अग्निहोत्री के दिल्ली के पहाड़गंज और कनाट प्लेस में कई रेस्तरां हैं.

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