कोरोना कर्फ्यू का वीकेंड यानी शनिवार का दिन था. चेतगंज की थानाप्रभारी इंसपेक्टर संध्या सिंह लौकडाउन के दौरान सुबहसुबह साढ़े 6 बजे के करीब चाय की चुस्कियों के साथ इलाके का एक बार मुआयना करने की योजना बना रही थीं. तभी अचानक 4 लोग थाने में आए.
उन्हें देख कर वह बोलीं, ‘‘जी, बताइए मैं आप लोगों की क्या मदद कर सकती हूं?’’
एक आगंतुक दाएंबाएं देखता हुआ हाथ जोड़ कर बोला, ‘‘साहब, हम लोग पिशाचमोचन क्षेत्र के रहने वाले हैं. हमारे मोहल्ले के एक मकान में इन दिनों तरहतरह के लोगों का आनाजाना होने लगा है.’’
‘‘तरहतरह के लोगों से आप का क्या मतलब है?’’ संध्या सिंह ने पूछा.
‘‘हमें संदेह है कि मकान में कोई गलत काम होता है. क्योंकि वहां हमेशा नएनए लोग आतेजाते देखे गए हैं. प्लीज, आप वहां की जांच कीजिए, अपने आप पता चल जाएगा कि बात क्या है.’’
उस व्यक्ति की बात पूरी होते ही साथ में आया दूसरा व्यक्ति बोल पड़ा, ‘‘जी मैडम, वहां की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा हो जाएगा.’’
‘‘वे किस तरह के लोग होते हैं?’’ संध्या को अधिक जानने की जिज्ञासा हुई.
‘‘मैडमजी, आनेजाने वाले लोग दिखने में संभ्रांत लगते हैं, वे 40-45 की उम्र के दिखते हैं. उन के हाथों में रैपर में लिपटा कोई न कोई गिफ्ट पैकेट भी होता है.’’ एक अन्य व्यक्ति बोला.
मोहल्ले के लोगों की बातों को गौर से सुनने के बाद संध्या सिंह ने शिकायत करने वालों के नाम और कौन्टैक्ट के लिए मोबाइल नंबर के साथ कुछ पौइंट नोट कर लिए और छानबीन करने का आश्वासन दे कर उन्हें जाने को कहा.
पिशाचमोचन मोहल्ले के नागरिकों द्वारा बताई गई बातों पर गौर करते हुए उन्होंने तुरंत एसीपी (चेतगंज) नितेश प्रताप सिंह को भी अवगत करवा दिया. उन्हें शिकायत संबंधी पूरी जानकारी दी.
मामला उत्तर प्रदेश के पौराणिक शहर वाराणसी का था. ऊपर से यह देश के प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है. इसे देखते हुए पुलिस ने संदिग्ध मकान में छापेमारी की योजना बना ली. संध्या सिंह सहित पुलिस टीम में कुछ और महिला पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया.
सूचना के आधार पर एक पुलिसकर्मी ने पिशाचमोचन स्थित मकान नंबर सी 21/24 के मुख्य गेट पर दस्तक दी. उस की कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. कई बार आवाज लगाने और गेट पीटने के बाद तो एक उम्रदराज व्यक्ति ने मुख्य गेट का चैनल खोल कर बाहर की ओर झांकते हुए तेज आवाज में पूछा, ‘‘कौन है?’’
बाहर पुलिस टीम को देख कर उस की आवाज धीमी पड़ गई. वह धीमे से बोला, ‘‘क्या बात है भई, आप लोग यहां?’’
उस का कोई जवाब दिए बगैर पुलिस टीम गेट को एक झटके में बाहर की ओर खोलते हुए मकान के भीतर धड़धड़ाती हुई घुस गई.
कुछ पल में ही पूरी पुलिस टीम एक कमरे में थी. सभी पुलिसकर्मी संदिग्ध निगाहों से कमरे में इधरउधर देखने लगे. संध्या सिंह की पैनी निगाहें कुछ तलाशने की स्थिति में थीं.
पुलिस की निगाह कमरे से जुड़े एक दरवाजे की तरफ गई. वहां का परदा हटाते ही एक महिला पुलिसकर्मी अनायास बोल पड़ी, ‘‘मैडमजी, इधर देखिए… ये दुष्ट लोग.’’
जब संध्या ने उस कमरे में जा कर देखा तो उन की आंखें भी फटी की फटी रह गईं. अंदर का नजारा देख कर महिला पुलिसकर्मी शर्म से आंखें झुकाए तुरंत बाहर आ गई. जबकि एसीपी चेतगंज ने फौरन कड़क आवाज में सभी को कपड़े पहन कर बाहर आने को कहा.
एसीपी ने कमरे से बाहर आ कर पूछा, ‘‘मकान का मालिक कौन है?’’
वहीं पास खड़े व्यक्ति ने कहा, ‘‘जी मैं हूं.’’
‘‘क्या नाम है तुम्हारा?’’ एसीपी बोले.
‘‘सुरेश कुमार,’’ वह व्यक्ति बोला.
‘‘ये सब यहां क्या है? कौन हैं ये लोग?’’
तब तक कई लड़कियां और लड़के अंदर के कमरे से बाहर आ चुके थे. उन की ओर ऊंगली उठाते हुए एसपी ने पूछा.
अब सुरेश को काटो तो खून नहीं. वह हक्काबक्का डरी जुबान में बोला, ‘‘साहब, मैं इन लोगों के बारे में कुछ नहीं जानता, केवल इतना जानता हूं कि ये लोग किसी कंपनी में काम करते हैं.’’
मकान मालिक की बात पूरी होने वाली ही थी कि तभी इंसपेक्टर संध्या सिंह एक जोरदार तमाचा जड़ते हुए बोलीं, ‘‘तुम्हारे मकान में कोई इस प्रकार से रह रहा है और तुम्हें कोई जानकारी नहीं. वह भी एकदो नहीं कई लोग.’’
‘‘…जी…जी साहब, मैं सच कह रहा हूं, मुझे कुछ नहीं पता.’’
इतना कहने पर उस के गाल पर दूसरा जोरदार तमाचा पड़ा. लेडी पुलिस से कई लोगों के सामने तमाचा खा कर वह शर्मसार हो गया.
संध्या सिंह बोलीं, ‘‘जब तुम्हें इन लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी तो फिर उन्हें कमरा किराए पर कैसे दे दिया था?’’ इस का जवाब देने के बजाय वह सिर झुकाए खड़ा रहा.
पुलिस सभी को थाने ले आई. उन से अलगअलग गहन पूछताछ की जाने लगी. इस दौरान कालोनी के कई लोग भी काफी संख्या में जमा हो गए. हर कोई जिज्ञासा भरी नजरों से देख रहा था.
पूछताछ में कई बातें खुल कर सामने आईं. पुलिस टीम को मौके पर 2 युवतियां व 3 युवक बिलकुल आपत्तिजनक स्थिति में मिले थे. कमरे की तलाशी लेने के दौरान आपत्तिजनक सामग्रियों में कंडोम के पैकेट, 4 मोबाइल फोन व नशीली दवाएं बरामद हुईं.
इस तरह से शहर की पौश कालोनी में सैक्स रैकेट गिरोह का परदाफाश हो चुका था. थोड़े समय में इस की खबर पूरे शहर में फैल गई थी. जिस का असर यह हुआ था कि मीडिया के लोग और कुछ समाजसेवी संगठन भी थाने पहुंच गए.
कुछ मानवाधिकार संगठन के लोगों ने चेतगंज थाने जा कर मामले की तह में जाने का दबाव बनाया. इस की सूचना काशी जोन के डीसीपी अमित कुमार को भी दी गई. वे भी चेतगंज थाने पहुंच गए.
पूछताछ के दौरान पकड़ी गई 20 से 25 साल के बीच की उम्र वाली दोनों लड़कियों ने बताया, ‘‘उन्होंने नौकरी करने वाली बता कर कमरा किराए पर
लिया था.’’
वह जानबूझ कर ऐशोआराम और मौजमस्ती की जिंदगी के लिए इस धंधे में उतरी थी. उसे अपनी शानोशौकत वाली जिंदगी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्यधिक पैसे की लालसा थी. पुलिस के अनुसार पढ़ाई के साथसाथ वे अन्य कामों के बहाने देह व्यापार के धंधे में उतर आई थीं.
पूछताछ के दौरान 25 वर्षीय पारो (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह इस धंधे में पिछले 2 सालों से है.
मोबाइल फोन की मदद से वह अपने इस धंधे को अंजाम देती है. इस के लिए उस ने अपना कोडवर्ड बना रखा है. उस के कोडवर्ड को ग्राहक ही समझ पाते हैं.
पारो ने अपने धंधे के बारे में आगे बताया कि उन के इस धंधे में कई लोगों का हिस्सा होता है. उन का वह नाम नहीं जानती है. हां, चेहरा देखने पर जरूर पहचान लेगी.
पकड़े गए युवकों में एक रमेश 28 वर्ष, सुमित कुमार 29 वर्ष एवं राठौर 30 वर्ष ने बताया कि वे सभी वाराणसी शहर के ही निवासी हैं. पुलिस हिरासत में आने के बाद वे बारबार अपने बयानों को पलटते हुए अपना सही पताठिकाना बताने से कतराते रहे.
उन का कहना था कि उन्हें वहां धोखे से लाया गया था, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तब उन्होंने इस धंधे में शामिल होना स्वीकार कर लिया.
इसी प्रकार पुलिस टीम ने पकड़ी गई दूसरी लड़कियों और लड़कों से अलगअलग कमरों में पूछताछ के बाद पांचों के खिलाफ 29 मई, 2021 को देह व्यापार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया. उन की डाक्टरी जांच करवाई गई.
बाद में उन्हें न्यायालय में पेश कर न्यायिकहिरासत में भेज दिया गया. कथा के लिखे जाने तक किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिल पाई थी.
सैक्स कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है मड़ुआडीह
वाराणसी में सैक्स अपराध का धंधा कोई नया नहीं है. दिल्ली के जीबी रोड, इलाहाबाद, मेरठ इत्यादि शहरों की तरह वाराणसी का मड़ुआडीह इलाका सैक्स बाजार के रूप में कुख्यात बताया गया है.
जानकारों की मानें तो वाराणसी में पड़ोसी देश नेपाल से ले कर देश के कई राज्यों मसलन असम, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र इत्यादि से कम उम्र की लड़कियां बुलाई जाती हैं. उन से सैक्स के लिए मोबाइल फोन से संपर्क साधा जाता है. उन का अपना नेटवर्क बना हुआ है.
हाल के महीनों में जिस तेजी के साथ वाराणसी में एक पर एक कई जगहों पर सैक्स रैकेट का पुलिस ने खुलासा किया है, उसे देख कर इस बात को बल मिलने लगा है कि इस गिरोह की जड़ें वाराणसी में काफी गहरी हो चुकी हैं.
वाराणसी के पौश इलाकों में से जगतगंज के कैलगढ़ कालोनी में 31 मई, 2021 को एक सैक्स रैकेट का खुलासा हुआ था. तब पुलिस ने एक मकान के फर्स्ट फ्लोर पर चल रहे रैकेट का खुलासा करते हुए 3 युवतियों समेत 6 लोगों को पकड़ा था. पुलिस के अनुसार सैक्स रैकेट के लिए लड़कियां फोन द्वारा बुलाई जाती थीं. फोन पर ही ग्राहकों से सौदा तय हो जाता था.
गिरफ्तार युवतियों में एक प्रयागराज की और 2 वाराणसी की थीं. गिरफ्तार युवकों में शिवपुर के लक्ष्मणपुर निवासी सोनू पटेल, चोलापुर के अतुल सिंह और रोहनिया के राजेश सिंह शामिल थे.
सैक्स रैकेट की सूचना मिलने पर रात में छापेमारी की गई थी. इस मामले में मकान मालिक ने बगैर पुलिस सत्यापन के मकान किराए पर उठा लिया गया था.
एक अन्य मामला वाराणसी के नाटी इमली मोहल्ले के नई बस्ती का भी सामने आया. वहां के रिहायशी इलाके के एक मकान में जब 30 मई, 2021 को छापेमारी की गई तब सैक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ. मौके से मकान मालकिन और 2 युवतियों की गिरफ्तारी हुई. पुलिस की काररवाई के दौरान 2 युवक चकमा दे कर भाग गए.
पुलिस ने मकान से छापे के दौरान कई आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए. महिला और दोनों युवतियों के खिलाफ जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. मौके से भागे खोजवां निवासी राकेश गुप्ता सहित 2 युवकों की तलाश में पुलिस की टीमें लगाई गईं.
नाटी इमली क्षेत्र की नई बस्ती स्थित इस मकान में सैक्स रैकेट चलाए जाने की सूचना पा कर जैतपुरा थाने की पुलिस ने एसीपी (चेतगंज) नितेश प्रताप सिंह के निर्देशानुसार इंसपेक्टर (जैतपुरा) शशिभूषण राय के साथ चिह्नित मकान में छापा मारा था.
मकान मालकिन और दोनों युवतियों के खिलाफ देह व्यापार अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए.
इस तरह से एक सप्ताह के भीतर ही वाराणसी पुलिस ने कई सैक्स ठिकानों पर की छापेमारी की. इस में वाराणसी के चेतगंज थाना की पुलिस ने 29 मई को पिशाचमोचन स्थित कालोनी में किराए के मकान में छापेमारी के अलावा 31 मई को चेतगंज थाने की पुलिस ने लहुराबीर क्षेत्र के कैलगढ़ कालोनी स्थित अपार्टमेंट में किराए के फ्लैट में छापेमारी कर 3 युवतियों और 3 युवकों को गिरफ्तार कर लिया.
इस के पहले भी वाराणसी की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में देह व्यापार का धंधा बीते कुछ महीनों में काफी फलफूल गया था.
जैतपुरा, लालपुर, पांडेयपुर, और चेतगंज थाना क्षेत्रों में जो भी सैक्स रैकेट पकड़े गए, वह घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों में स्थित किराए के मकानों में संचालित हो रहे थे. इस संबंध में डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने सभी थानाप्रभारियों को किराएदारों के सत्यापन करवाने का निर्देश दिया है.
—कथा में कुछ पात्रों के नाम काल्पनिक एवं पुलिस सूत्रों व समाचार पत्रों पर आधारित है