26 दिसंबर, 2021 की सुबह का वक्त था. उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के थाना खागा के थानाप्रभारी आनंद प्रकाश शुक्ला क्षेत्र के एक कुख्यात अपराधी की फाइल पलट रहे थे. तभी एक युवक ने उन के कक्ष में प्रवेश किया.
वह बेहद घबराया हुआ था. उन्होंने एक नजर उस पर डाली फिर पूछा, ‘‘सुबहसुबह कैसे आना हुआ? क्या कोई खास बात है? तुम इतने घबराए हुए क्यों हो?’’
‘‘सर, मेरा नाम इंद्रमोहन सिंह राजपूत है. मैं गुलरिहनपुर मजरे के कूरा गांव का रहने वाला हूं. बीती रात मेरी पत्नी योगमाया ने हंसिया से गला रेत कर आत्महत्या कर ली. उस की लाश घर के अंदर पड़ी है. रात में सूचना देने नहीं आ सका. इसलिए सुबह आया हूं.’’
थानाप्रभारी आनंद शुक्ला के सामने कई ऐसे सवाल थे, जिन के जवाब इंद्रमोहन सिंह दे सकता था. लेकिन पहली जरूरत मौके पर पहुंचने की थी. इसलिए उन्होंने सब से पहले एसपी (फतेहपुर) राजेश कुमार सिंह और डीएसपी ज्ञान दत्त मिश्रा को घटना की जानकारी दी. फिर वह पुलिस टीम ले कर मौके पर पहुंच गए.
उस समय इंद्रमोहन सिंह के घर के बाहर लोगों की भीड़ थी. भीड़ को हटाते हुए थानाप्रभारी आनंद प्रकाश शुक्ला ने सहकर्मियों के साथ घर के अंदर प्रवेश किया और उस कमरे में पहुंचे, जहां मृतका की लाश पड़ी थी.
कमरे का दृश्य बड़ा ही वीभत्स था. कमरे के अंदर पड़े पलंग पर योगमाया नाम की युवती की लाश खून से तरबतर पड़ी थी. उस के गले पर 3 गहरे घाव थे, जिन से खून रिस रहा था. खून से बिस्तर तरबतर था. पलंग के पास ही खून सना हंसिया पड़ा था, जिसे श्री शुक्ला ने जांच हेतु सुरक्षित कर लिया.
मृतका योगमाया का रंग गोरा, शरीर स्वस्थ और उम्र 25 वर्ष के आसपास थी. मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ. शव निरीक्षण के बाद थानाप्रभारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह मामला आत्महत्या का नहीं है, बल्कि रणनीति के तहत हत्या का है. पुलिस को गुमराह करने के लिए आत्महत्या की सूचना दी गई है.
सच्चाई का पता लगाने के लिए वह वहां पर मौजूद मृतका के मायके वालों से जानकारी के लिए बड़े तभी एसपी राजेश कुमार सिंह तथा डीएसपी ज्ञान दत्त मिश्रा वहां आ गए.
पुलिस को दिखा हत्या का मामला
पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया फिर इंसपेक्टर आनंद प्रकाश शुक्ला से बातचीत की. इंसपेक्टर शुक्ला ने शक जाहिर किया कि मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का है और इस का रहस्य मृतका के पति इंद्रमोहन सिंह के पेट में ही छिपा है.
मौके पर मृतका का पति इंद्रमोहन सिंह मौजूद था. अत: एसपी राजेश कुमार सिंह ने उस से पूछताछ की. इंद्रमोहन सिंह ने बताया कि वह रंगकर्मी है. भोजपुरी फिल्मों में कहानी लेखन का काम करता है. इस के अलावा वह भोजपुरी गानों पर एलबम बनाता है.
कल सुबह वह पहले अपनी ससुराल गया, फिर वहां से लखनऊ चला गया था. घर पर उस की पत्नी योगमाया, एक वर्षीय बेटा अनमोल तथा भोजपुरी फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री नेहा वर्मा थी.
देर रात जब वह घर वापस आया तो नेहा वर्मा ने बताया कि योगमाया ने आत्महत्या कर ली. रात अधिक हो जाने के कारण वह थाने नहीं गया. सुबह सूचना देने गया. भोजपुरी फिल्म नायिका नेहा वर्मा डरीसहमी घर पर ही मौजूद थी.
राजेश कुमार सिंह ने नेहा वर्मा से पूछताछ की तो उस ने बताया कि रात 8 बजे उस ने और योगमाया ने साथ बैठ कर खाना खाया था. उस के बाद योगमाया अपने बेटे के साथ कमरे में जा कर लेट गई और वह दूसरे कमरे में जा कर सो गई.
रात 10 बजे के लगभग उसे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी तो वह कमरे में गई. वहां पलंग पर योगमाया मृत पड़ी थी. उस ने हंसिया से गला रेत कर आत्महत्या कर ली थी. कुछ देर बाद इंद्रमोहन सिंह आ गए.
तब वह बच्चे को गोद में ले कर चीखते हुए बाहर निकले. उस के बाद इंद्रमोहन सिंह के मातापिता व भाई आ गए, जो पड़ोस में रहते हैं.
नेहा वर्मा ने यह भी बताया कि वह 2 साल से इंद्रमोहन सिंह के संपर्क में है. वह भोजपुरी फिल्मों में साइड रोल करती है. अभी कुछ माह पहले ही उस की ‘पश्चाताप’ फिल्म बनी है, जो जल्द ही रिलीज होने वाली है. इस भोजपुरी फिल्म में उस का साइड रोल है.
फिल्म की कहानी इंद्रमोहन सिंह ने लिखी थी. उस ने बताया कि वह 4 दिन पहले ही अपने पिता के साथ गोरखपुर से कूरा गांव आई थी. पहले भी वह कई बार इंद्रमोहन सिंह के साथ गांव आई थी.
पूछताछ के दौरान राजेश सिंह की नजर नेहा वर्मा के कपड़ों पर पड़ी. वह सलवार सूट पहने थी. सलवार खून से सनी थी और हाथों पर भी खून के दाग थे. गले पर खरोंच का निशान था. श्री सिंह ने वहां पर लगे खून के बाबत उस से पूछा, तो वह सकपका गई और कोई सही जवाब न दे सकी. वह कभी इंद्रमोहन सिंह की तरफ देखती तो कभी आंखें नीची कर लेती.
राजेश कुमार सिंह समझ गए कि नेहा वर्मा कुछ गहरा राज छिपा रही है. यह मामला आत्महत्या का नहीं है. हत्या के इस मामले में नेहा का हाथ हो सकता है.
योगमाया के शव के पास उस की सास कृष्णा व ससुर चंद्रमोहन सुबक रहे थे. डीएसपी ज्ञान दत्त मिश्रा ने उन से पूछताछ की तो कृष्णा देवी ने बताया, ‘‘साहब, हमारी बहू योगमाया आत्महत्या नहीं कर सकती, उस की हत्या की गई है. नेहा और इंद्रमोहन के बीच नाजायज रिश्ता है, जिस का विरोध योगमाया करती थी. इसी विरोध के चलते नेहा ने उस को रास्ते से हटा दिया साहब, उस को तुरंत गिरफ्तार करो.’’
मृतका के भाई सत्यप्रकाश ने डीएसपी ज्ञान दत्त मिश्रा को बताया कि बहनोई इंद्रमोहन व नेहा वर्मा के बीच पिछले 2 सालों से अवैध संबंध है. इस नाजायज रिश्ते का बहन विरोध करती थी. इस पर इंद्रमोहन उसे प्रताडि़त
करता था.
कई बार उसे समझाने की कोशिश की गई लेकिन वह नहीं माना. इन्हीं नाजायज रिश्तों का विरोध करने पर इंद्रमोहन और नेहा वर्मा ने उस की हत्या कर दी और आत्महत्या करने की झूठी सूचना थाने जा कर दी.
आसपड़ोस के लोगों ने भी नाजायज रिश्ता पनपने और हत्या का शक जताया. शक के आधार पर पुलिस अधिकारियों ने इंद्रमोहन सिंह राजपूत और उस की प्रेमिका नेहा वर्मा को हिरासत में ले लिया और मृतका योगमाया के शव को पोस्टमार्टम हेतु फतेहपुर के जिला अस्पताल भिजवा दिया.
इंद्रमोहन सिंह राजपूत और नेहा वर्मा को थाना खागा लाया गया. यहां पुलिस कप्तान राजेश कुमार सिंह व डीएसपी ज्ञान दत्त मिश्रा ने दोनों से सख्त रुख अपना कर पूछताछ की तो उन को सच्चाई उगलने में ज्यादा देर नहीं लगी.
नेहा ने बताया कि वह इंद्रमोहन राजपूत से प्यार करने लगी थी. दोनों के बीच अवैध रिश्ता भी बन गया था. वह इंद्रमोहन से शादी रचाना चाहती थी. लेकिन उस की पत्नी योगमाया बाधक थी. इस बाधा को दूर करने के लिए उन दोनों ने साजिश रची और योगमाया की हत्या कर दी. वह अपना जुर्म कुबूल करती है.
इंद्रमोहन सिंह राजपूत ने बताया कि वह खूबसूरत नेहा वर्मा के प्यार में अंधा हो गया था. वह उस से शादी कर खुशियां पाना चाहता था. नेहा के कहने पर उस ने पत्नी की मौत का षडयंत्र रचा और उसे मौत की नींद सुला दिया.
चूंकि इंद्रमोहन और नेहा ने हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया था और आलाकत्ल हंसिया भी बरामद हो गया था. अत: थानाप्रभारी आनंद प्रकाश शुक्ला ने मृतका के भाई सत्यप्रकाश को वादी बना कर धारा 302 आईपीसी के तहत इंद्रमोहन सिंह राजपूत तथा नेहा वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली और दोनों को विधिसम्मत गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस जांच में इश्क में डूबी एक ऐसी नायिका की कहानी सामने आई, जो खुद ही नायिका से खलनायिका बन गई.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के थरियांव थाना अंतर्गत एक गांव है अब्दुल्लापुर घूरी. इसी गांव में विदित कुमार राजपूत अपने परिवार के साथ रहते थे. उस के परिवार में पत्नी आरती के अलावा एक बेटा सत्यप्रकाश तथा 2 बेटियां दिव्या व योगमाया थीं.
विदित कुमार किसान थे. कृषि उपज से ही वह अपने परिवार का भरणपोषण करते थे. बड़ी बेटी दिव्या का विवाह वह कर
चुके थे.
ममेरी बहन से की थी लवमैरिज
दिव्या से छोटी योगमाया थी. वह छरहरी काया और तीखे नाकनक्श वाली लड़की थी. उस की मुसकान सामने वाले पर गहरा असर डालती थी. योगमाया जितनी खूबसूरत थी, पढ़ने में भी उतनी ही तेज थी.
उस ने हाईस्कूल की परीक्षा सरस्वती बालिका इंटर कालेज से पास कर ली थी और आगे भी पढ़ना चाहती थी. लेकिन मांबाप ने उस की पढ़ाई बंद करा दी और घरेलू काम में लगा दिया.
योगमाया के घर इंद्रमोहन सिंह का आनाजाना लगा रहता था. वह फतेहपुर जिले के ही थाना खागा के गांव कूरा के रहने वाले चंद्रमोहन राजपूत का बेटा था. रिश्ते में दोनों सगे ममेरे भाईबहन थे. घर आतेजाते योगमाया की खूबसूरती और मुसकान इंद्रमोहन के दिल में बस गई थी.
एक दिन इंद्रमोहन ने उस से अपने मन की बात भी कह दी, ‘‘योगमाया, मैं तुम से प्यार करता हूं. यदि तुम मेरा प्यार कुबूल कर लोगी, तो मैं खुद को दुनिया का सब से खुशनसीब इंसान समझूंगा.’’
योगमाया उम्र के जिस पायदान पर थी, उस उम्र में लड़कियों को ऐसी बातें गुदगुदा देती हैं. योगमाया का दिलोदिमाग भी सनसनी से भर गया. उस ने इंद्रमोहन की आंखों में देखा. उन आंखों में प्यार का सागर ठाठें मार रहा था. उस की आंखों में देखते हुए कुछ देर तक वह सोच में डूबी रही, उस के बाद बोली, ‘‘अगर मैं तुम्हारा प्यार कुबूल कर लूं तो तुम्हारा अगला कदम क्या होगा?’’
‘‘शादी?’’ इंद्रमोहन ने तपाक से जवाब दिया.
‘‘लेकिन हमारातुम्हारा रिश्ता तो बहनभाई का है. हम दोनों के घर वाले राजी नहीं हुए तो…?’’ योगमाया ने पूछा.
‘‘…तो हम भाग कर प्रेम विवाह कर लेंगे.’’
योगमाया मुसकराई फिर नजरें झुका कर स्वीकृति में सिर हिला दिया.
इंद्रमोहन और योगमाया के घर वालों को दोनों के प्यार व शादी रचाने की बात पता चली तो उन के पैरों तले जमीन खिसक गई. घर वालों ने दोनों को बहुत समझाया, लेकिन जब वह नहीं माने तो विदित कुमार ने 20 वर्षीय बेटी योगमाया की शादी 12 फरवरी, 2015 को इंद्रमोहन राजपूत के साथ कर दी.
फिल्म कहानी लेखक बन गया इंद्रमोहन
शादी के बाद योगमाया इंद्रमोहन की दुलहन बन कर ससुराल आ गई. चूंकि इंद्रमोहन की मां कृष्णा इस शादी से नाराज थी, अत: वह पति चंद्रमोहन व छोटे बेटे जंगबहादुर के साथ अलग मकान में रहने लगी. वह इंद्रमोहन व योगमाया से बहुत कम बातचीत करती थी.
इंद्रमोहन सिंह बीए पास था. उस का रुझान भोजपुरी फिल्मों की तरफ था. वह फिल्म लेखन में अपनी किस्मत आजमाना चाहता था. उस ने भोजपुरी फिल्म के लिए कई कहानियां लिखीं, कुछ कहानी भोजपुरी फिल्म निर्माताओं को पसंद आईं तो कुछ कूड़ेदान में चली गईं.
लेकिन इंद्रमोहन सिंह हताश नहीं हुआ और लेखन कार्य तथा निर्माताआें के संपर्क में बना रहा. इंद्रमोहन सिंह अपनी पत्नी योगमाया से खूब प्यार करता था और उसे किसी प्रकार की कमी महसूस नहीं होने देता था.
योगमाया भी इंद्रमोहन की सेवा करती थी. आर्थिक संकट में भी वह पति का साथ देती थी. आर्थिक संकट के दौरान एक बार तो उस ने अपने आभूषण तक बेच दिए थे.
इंद्रमोहन और योगमाया का जीवन सुखमय बीत ही रहा था कि इसी बीच नेहा वर्मा नाम की बला आ गई, जिस ने योगमाया की जिंदगी में जहर घोल दिया. उस ने योगमाया के जीवन की खुशियां तो छीनी ही फिर आखिर में जिंदगी भी छीन ली.
नेहा वर्मा मूलरूप से मुंडेरा कस्बे के महराजगंज की रहने वाली थी. उस के पिता काशीनाथ वर्मा गोरखपुर के सुभाष नगर मोहल्ले में रहते थे. वह प्राइवेट फर्म में नौकरी करते थे. काशीनाथ साधारण पढ़ेलिखे व्यक्ति थे. आमदनी भी सीमित थी. लेकिन वह सीमित आमदनी में भी खुश थे. मुंडेरा कस्बे में उन का आनाजाना लगा रहता था.
नेहा वर्मा से हुई मुलाकात
20 वर्षीय नेहा वर्मा गोरीचिट्टी छरहरी काया की युवती थी. नैननक्श भी तीखे थे. सब से खूबसूरत थीं उस की आंखें. खुमार भरी गहरी आंखें. उस की आंखों में ऐसी कशिश थी कि जो उस में देखे, खो सा जाए.
नेहा ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर ली थी और आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहती थी. वह फैशनेबल थी. अकसर मौडर्न कपड़े पहनती थी और खुद को सजासंवरा बनाए रखती थी.
सुंदर चेहरे वाली नेहा की आकर्षक देह पर मौडर्न कपड़े खूब फबते थे. जिस से देखने में वह फिल्मी हीरोइन सरीखी लगती थी. वह स्वभाव से चंचल और समय के हिसाब से काफी तेज थी. नेहा भोजपुरी फिल्में खूब देखती थी. उस का भी सपना था कि वह फिल्मों में काम करे.
वह फिल्म अभिनेत्री बनने का सपना संजोए बैठी थी. नेहा वर्मा और इंद्रमोहन सिंह की पहली मुलाकात 25 नवंबर, 2019 को मुंडेरा (महराजगंज) में एक पारिवारिक शादी समारोह में हुई. इस शादी समारोह में नेहा वर्मा अपने पिता काशीनाथ के साथ आई थी, जबकि इंद्रमोहन अपनी पत्नी योगमाया के साथ आया था. सजीसंवरी नेहा पर जब इंद्रमोहन की नजर पड़ी तो पहली ही नजर में वह उस के दिल में रचबस गई. मौका मिला तो दोनों में हायहैलो हुई और फिर परिचय हुआ.
इंद्रमोहन ने बताया कि वह फतेहपुर जिले के कूरा गांव का रहने वाला है और भोजपुरी फिल्मों में फिल्म की कहानी लेखन का कार्य करता है. नेहा वर्मा ने बताया कि वह गोरखपुर से पिता के साथ आई है. उसे भोजपुरी फिल्में पसंद है. वह भी फिल्मों में काम करना चाहती है. नेहा ने इंद्रमोहन का परिचय अपने पिता काशीनाथ से भी कराया. इंद्रमोहन ने भी अपनी पत्नी योगमाया का परिचय नेहा से कराया.
उस शादी समारोह में नेहा वर्मा और इंद्रमोहन ने एकदूसरे से खूब बातचीत की तथा एकदूसरे को अपने मोबाइल नंबर दे दिए. इस के बाद दोनोें के बीच मोबाइल फोन पर बातचीत होने लगी.
इंद्रमोहन नेहा से मिलने गोरखपुर भी जाने लगा. नेहा और इंद्रमोहन के बीच पहले दोस्ती हुई फिर प्यार पनपने लगा. इसी बीच इंद्रमोहन और नेहा भोजपुरी फिल्म के गाने पर एलबम भी बनाने लगे. इंद्रमोहन ने नेहा को कई भोजपुरी फिल्म निर्माताओं से भी मिलवाया और फिल्म में रोल देने का अनुरोध किया.
साथसाथ काम करते दोनों के बीच प्यार पनपा तो तन मिलन की भी इच्छा प्रबल हो उठी. एक दिन प्यार के क्षणों में दोनों के तन सटे तो दोनों ने एकदूसरे को बांहों में भर
लिया. फिर तो उन्हें एकाकार होने में ज्यादा देर नहीं लगी. अवैध संबंधों का सिलसिला अनवरत चलने लगा. नेहा इंद्रमोहन के प्यार में ऐसी पड़ी कि हमेशा के लिए उस के साथ रहने के बारे में सोचने लगी.
फिल्म में नेहा को दिलाया रोल
फरवरी, 2020 में इंद्रमोहन सिंह राजपूत ने फिल्म ‘पश्चाताप’ की कहानी लिखी. यह कहानी भोजपुरी फिल्म निर्मातानिर्देशक सन्नी प्रकाश को पसंद आ गई. सन्नी प्रकाश ने फिल्म के कलाकारों का चयन किया और इंसपायरर फिल्म ऐंड एंटरटेनमेंट प्रा.लि. के बैनर तले फिल्म बनाने का निर्णय लिया.
इस फिल्म में नायकनायिका के रूप में राकेश गुप्ता तथा स्मिता सना का चयन हुआ. साथ ही सहनायिका के रूप में नेहा वर्मा का चयन हुआ. ग्रामीण परिवेश की इस ‘पश्चाताप’ फिल्म की शूटिंग 21 सितंबर, 2020 से फतेहपुर के आसपास के क्षेत्र से शुरू हुई. शूटिंग के लिए नेहा वर्मा गोरखपुर से फतेहपुर आती थी और इंद्रमोहन सिंह राजपूत के गांव कूरा में उसी के घर में रुकती थी.
इंद्रमोहन की पत्नी योगमाया पति पर आंखें मूंद कर विश्वास करती थी और उस के कहने पर नेहा की सेवा में लगी रहती थी. लेकिन उस के विश्वास को ठेस तब लगी, जब उस ने एक रात नेहा को पति के साथ रंगेहाथों पकड़ लिया. कोई भी औरत भूख और पति की प्रताड़ना तो सह सकती है, लेकिन पति का बंटवारा कभी नहीं.
योगमाया को भी पति का बंटवारा मंजूर नहीं था. सो उस ने विरोध शुरू कर दिया. नेहा को ले कर वह पति से लड़नेझगड़ने लगी.
नेहा वर्मा को योगमाया का विरोध खटकने लगा. वह इंद्रमोहन को योगमाया के खिलाफ भड़काने लगी. इस का नतीजा यह हुआ कि इंद्रमोहन पत्नी को अधिक प्रताडि़त करने लगा. तब योगमाया ने पति और नेहा के बीच पनप रहे रिश्तों की जानकारी सास कृष्णा तथा अपने मायके वालों को दे दी. सब ने इंद्रमोहन को समझाया भी, लेकिन वह नहीं माना.
फिल्म ‘पश्चाताप’ की शूटिंग 6 महीने तक चली. इस बीच नेहा वर्मा कई बार कूरा गांव आई. वह जब भी आती, घर में कलह होती. नेहा वर्मा इंद्रमोहन के प्यार में इतनी डूब गई थी कि वह उस के साथ शादी कर घर बसाने की सोचने लगी थी. लेकिन वह यह भी जानती थी कि योगमाया के रहते घर बसाना संभव नहीं है.
उस के प्यार में योगमाया बाधा बनी तो उस ने उसे मिटाने का निश्चय कर लिया. इंद्रमोहन पहले ही नेहा की खूबसूरती का कायल था, सो वह उस की जायजनाजायज बातों को मान लेता था. इंद्रमोहन अब तक एक बच्चे का बाप बन चुका था, लेकिन उसे बच्चे से ज्यादा लगाव न था. योगमाया से भी वह नफरत करने लगा था.
पे्रमिका नेहा के साथ किया पत्नी का कत्ल
21 दिसंबर, 2021 को नेहा वर्मा अपने पिता काशीनाथ वर्मा के साथ गोरखपुर से इंद्रमोहन के घर कूरा गांव आई. उसे पता चला था कि फिल्म ‘पश्चाताप’ जल्दी ही रिलीज होने वाली है. सिनेमाघरों में पोस्टर भी चस्पा हो गए थे.
एक दिन रुक कर काशीनाथ वर्मा तो वापस चले गए लेकिन नेहा इंद्रमोहन के घर ठहर गई. 23 दिसंबर, 2021 की रात योगमाया ने नेहा और इंद्रमोहन को फिर से रंगेहाथों पकड़ लिया. इस पर उस ने जम कर हंगामा किया और पति तथा नेहा को खूब खरीखोटी सुनाई. अपमानित नेहा ने इंद्रमोहन को योगमाया के खिलाफ भड़काया और रास्ते से हटाने को कहा.
इंद्रमोहन पहले तो राजी नहीं हुआ, लेकिन बाद में मान गया. इस के बाद नेहा और इंद्रमोहन ने योगमाया की हत्या का षडयंत्र रचा.
25 दिसंबर, 2021 को योजना के तहत इंद्रमोहन अपने भाई जंगबहादुर के साथ लखनऊ जाने की बात कह कर घर से निकला. लेकिन लखनऊ न जा कर वह अपनी ससुराल घुरू गया और अपने साले सत्यप्रकाश से मिला. उस ने साले को भी बताया कि वह किसी काम से लखनऊ जा रहा है. भाई जंगबहादुर को उस ने फतेहपुर भेज दिया.
इधर घर में योगमाया, उस का एक वर्षीय बेटा अनमोल तथा नेहा वर्मा थी. रात 8 बजे योगमाया ने नेहा वर्मा के साथ खाना खाया फिर बच्चे के साथ कमरे में पड़े पलंग पर जा कर लेट गई. कुछ देर बाद योगमाया सो गई.
लेकिन नेहा वर्मा की आंखों से नींद कोसों दूर थी. योजना के तहत उसने इंद्रमोहन से मोबाइल फोन पर बात की और घर बुला लिया. रात 10 बजे नेहा वर्मा और इंद्रमोहन, योगमाया के कमरे में पहुंचे. नेहा के हाथ में हंसिया था. कमरे में योगमाया रजाई से मुंह ढंके सो रही थी. नेहा उस की छाती पर सवार हो गई और रजाई मुंह से हटा कर उस की गरदन पर हंसिया से वार कर दिया.
योगमाया चीखी और उठने का प्रयास किया लेकिन उठ न सकी. बचाव में उस ने नेहा की गरदन पकड़ ली. इसी बीच नेहा ने हंसिया से वार पर वार योगमाया की गरदन पर किए. जिस से उस की गरदन पर 3 गहरे जख्म बने और खून की धार बहने लगी.
फिर भी उस ने उठने का प्रयास किया और पैर पटकने लगी. तभी इंद्रमोहन ने उस के पैर दबोच लिए और नेहा ने फिर गरदन पर हंसिया से वार किए. कुछ देर तड़पने के बाद योगमाया ने दम तोड़ दिया.
इसी बीच मां की बगल में लेटा मासूम अनमोल तेज आवाज में रोने लगा तो इंद्रमोहन ने उसे गोद में उठा लिया. फिर वह चीखता हुआ घर के बाहर आया.
उस की चीखने की आवाज सुन कर उस के मातापिता व पड़ोसी आ गए. उन सब को इंद्रमोहन ने बताया कि योगमाया ने आत्महत्या कर ली है. लेकिन मातापिता व पड़ोसियों ने उस की बात का यकीन नहीं किया.
नेहा वर्मा के हाथों में लगा खून तथा खून से सराबोर सलवार देख कर सब समझ गए कि मामला हत्या का है. रात अधिक हो जाने के कारण इंद्रमोहन थाने नहीं गया. सुबह 7 बजे वह थाना खागा पहुंचा और पत्नी योगमाया द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना दी. सूचना पाते ही थानाप्रभारी आनंद प्रकाश शुक्ला पुलिस टीम के साथ इंद्रमोहन के घर पहुंचे.
27 दिसंबर, 2021 को थानाप्रभारी आनंद प्रकाश शुक्ला ने आरोपी इंद्रमोहन सिंह राजपूत तथा नेहा वर्मा से विस्तार से पूछताछ करने के बाद उन्हें फतेहपुर कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जिला जेल भेज दिया गया.
—कथा पुलिस सूत्रोंं पर आधारित