सुशांत केस में भारत की 3 सर्वोच्च एजेंसियों सीबीआई, ईडी और एनसीबी ने अपनेअपने ढंग से जांच की. सच को समझने और सामने लाने के लिए देश के सर्वोच्च मैडिकल इंस्टीट्यूट के 3 सीनियर डाक्टरों को भी जांच में शामिल किया गया. जांच के दौरान ईडी को रिया के मोबाइल से ड्रग्स से जुड़ी कुछ चैट मिली तो एनसीबी को आना पड़ा. इस के बाद तो बौलीवुड पर…

मायानगरी मुंबई, वह महानगर जहां आदर्शवाद और संवेदनशील भावनाओं के बेहद महीन धागों से
इंद्रधनुषी सपने रचे जाते हैं, गढ़े जाते हैं. जब ये सपने तैयार हो कर सेल्युलाइड पर उतरते हैं तो दर्शकों को कुछ समय के लिए वास्तविकता से दूर उस दुनिया में ले जाते हैं, जहां सब कुछ इंद्रधनुषी रंगों और मखमली रोशनियों में लिपटा महसूस होता है, खूबसूरत, मनलुभावन. रजतपट पर दिखाए जाने वाले सपने बुनने और बेचने वाली मुंबई पिछले 6 दशकों से युवा दिलों की धड़कन बनी हुई है.

लेकिन जब कभी सपनों के रेशमी जाल बुनने वाला कोई धागा न खुलने वाली गिरह बन जाता है तो मायानगरी की इंद्रधनुषी छवि के पीछे छिपी विद्रूपता खुल कर खुदबखुद उजागर हो जाती है. इस बार स्वप्न के इंद्रधनुषी वितान में छेद करने का जरिया बनी सुशांत सिंह राजपूत की कथित हत्या या आत्महत्या, जिस में रिया चक्रवर्ती के नाम ने सपनों की दुनिया में ऐसी उथलपुथल मचाई कि अंदर की वास्तविक कुरुपता फूटफूट कर बाहर आने लगी.

पहले मुंबइया फिल्म इंडस्ट्री का नेपोटिज्म मीडिया के निशाने पर रहा, फिर सुशांत की गर्लफ्रैंड रही रिया चक्रवर्ती सवालों के घेरे में आ गई. रोज नई खबरें, रोज नए अनुमान. सुशांत की आकस्मिक मृत्यु ने उन के प्रशंसकों को झकझोर कर रख दिया था, इसलिए वे दिन में कईकई बार बदलती खबरों में सच्चाई ढूंढते रहे.
यही वजह थी कि जब यह खबर आई कि सुशांत बौलीवुड के नेपोटिज्म का शिकार बने, साइन करने के बावजूद उन की कई फिल्मों को बंद कर दिया गया. बौलीवुड लौबी उन्हें आउटसाइडर मान कर आगे नहीं बढ़ने दे रही थी. और भी न जाने क्याक्या कारण उन की मौत के जिम्मेदार मान लिए गए.

यह सब न्यूज चैनल्स पर देखसुन कर सुशांत के फैंस का गुस्सा इस कदर फूटा कि उन्होंने बौलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर प्रोड्यूसरों को निशाने पर ले कर सोशल मीडिया पर उन की आलोचना शुरू कर दी. अपनी प्रशंसा सुनने के आदी दिग्गज फिल्म निर्माता और निर्देशक इस कड़वाहट को पचा नहीं पाए.
उन्होंने सोशल मीडिया के अपने एकाउंट धड़ाधड़ बंद करने शुरू कर दिए. लेकिन सुशांत के फैंस यहीं नहीं रुके, उन्होंने सुशांत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’, जो ओटीटी पर रिलीज होने जा रही थी, की सोशल मीडिया के साथसाथ इतनी माउथ पब्लिसिटी की कि यह फिल्म सुपरडुपर हिट रही, फिर लोगों की डिमांड पर इसे जल्दी ही टेलीविजन पर भी दिखा दिया गया.

इस सब के बीच मुंबई पुलिस जो सुशांत की मौत को पहले ही आत्महत्या करार दे चुकी थी, ने नेपोटिज्म वाले ऐंगल से इनवैस्टीगेशन के नाम पर बड़ेबड़े निर्मातानिर्देशकों को थाने बुला कर पूछताछ की प्रक्रिया शुरू कर दी. दूसरी तरफ इलैक्ट्रौनिक मीडिया सुशांत की गर्लफ्रैंड रही रिया की कुंडली खंगालने पर लगा था.

रिया का नाम सुशांत की मौत के बाद ही सुर्खियों में आया था. सुशांत के मामले में यह नाम बारबार लिए जाने की वजह कुछ संदेहास्पद स्थितियां थीं, जैसे सुशांत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान ने भी 8 जून को ही आत्महत्या की थी. सुशांत के साथ लिवइन में रह रही रिया भी उसी दिन अपने पेरैंट्स के घर गई थी. आखिर 8 तारीख में ऐसा क्या था?इसी बीच सुशांत के पिता के.के.

सिंह ने हत्या का आरोप लगाते हुए पटना में रिपोर्ट लिखाई, जिस में रिया और उस के भाई शौविक का नाम शामिल था. रिपोर्ट में यह आरोप भी लगाया गया कि सुशांत के बैंक एकाउंट में 15 करोड़ रुपए थे. लेकिन रिया और उस के भाई शौविक ने यह रकम हथिया ली. इस मामले की जांच करने बिहार पुलिस मुंबई गई थी, लेकिन वहां की पुलिस ने सहयोग नहीं किया. बाद में जब पटना के एसपी विनय तिवारी मुंबई पहुंचे तो कोरोना की आड़ ले कर उन्हें क्वारेंटाइन कर दिया गया.

न्यूज चैनल्स की नायाब कवरेज

सुशांत की मौत का मामला शायद ऐसा पहला मामला है, जिसे सब से ज्यादा कवरेज मिली. यूं तो मुंबई में सभी चैनलों के संवाददाता हैं, लेकिन इस मामले की कवरेज के लिए चैनलों ने अपने कई संवाददाताओं को भेजा. एक चैनल के तो एक दरजन संवाददाता मुंबई गए, जिन में कई सीनियर भी थे.

न्यूज चैनल्स ने कवरेज के लिए रिया का घर, सुशांत की सोसायटी, एक्सचेंज बिल्डिंग जहां रिया और ड्रग्स पेडलर से पूछताछ की जा रही थी, डीआरडीओ गेस्टहाउस और कोर्ट पर अपने रिपोर्टर और कैमरापरसन तैनात कर रखे थे ताकि पलपल की खबर दी जा सके. महीने भर से मुंबई की कवरेज देख कर आमिर खान की फिल्म ‘पीपली लाइव’ की याद ताजा हो जाती थी.

फिर सुशांत के पिता के.के. सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल कर सुशांत केस की सीबीआई जांच की संस्तुति करने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने उसी दिन सीबीआई को सुशांत केस की जांच के आदेश दे दिए.इस पर रिया चक्रवर्ती अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. उस का कहना था कि जांच सीबीआई की जगह मुंबई पुलिस से ही कराई जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

हालांकि शुरुआती दौर में रिया ने खुद सुशांत मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही थी.21 अगस्त से सीबीआई ने मुंबई जा कर अपनी जांच शुरू कर दी. सीबीआई की एक टीम ने बांद्रा थाने की पुलिस से अब तक की जांच के सबूत और रिपोर्ट मांगी. बांद्रा जोन के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने इस मामले में दर्ज 56 बयान, फोरैंसिक रिपोर्ट, आटोप्सी रिपोर्ट, सुशांत के तीनों मोबाइल, लैपटौप आदि चीजें सीबीआई को सौंप दीं.

सीबीआई की दूसरी टीम ने सुशांत के कुक नीरज और हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा  से पूछताछ की. वहीं सीबीआई की एसपी नूपुर प्रसाद रिया चक्रवर्ती से उन के यूरोप टुअर, सुशांत सिंह से उन के रिलेशन और पैसों से संबंधित जानकारी जुटाने में जुट गईं.

बढ़ती जांच फंसते पेंच

जैसे-जैसे जांच का दायरा आगे बढ़ा, सुशांत के फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी और दीपेश सावंत ने सीबीआई से सरकारी गवाह बनने की गुजारिश कर डाली. अब तक अलगअलग बयान दे कर मीडिया को गुमराह करने वाला पिठानी जब सरकारी गवाह बनने को तैयार हुआ तो सीबीआई को अंदेशा हो गया कि सुशांत की आत्महत्या का मामला उतना सीधासरल नहीं है, जितना लग रहा है.

सीबीआई की तीनों टीमें दिल्ली से साथ लाए गए फोरैंसिक एक्सपर्ट्स के साथ मिल कर सुशांत की हत्या या आत्महत्या की गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में अपनी जांच का दायरा बढ़ाती जा रही थीं.

इसी के चलते सीबीआई ने सुशांत के फ्लैट पर सुशांत की सुसाइड वाली थ्योरी को समझने के लिए 2 बार सुसाइड सीन रिक्रिएट किया. उस समय सब से पहले सुशांत को फंदे में लटका देखने वाले सिद्धार्थ पिठानी और दीपेश सावंत मौजूद थे. जब सुशांत की बहन मीतू सिंह वहां पहुंचीं, तब सुशांत का शव बैड पर था. बाद में सीबीआई ने सुशांत और दीपेश को गिरफ्तार कर लिया था.

सुशांत के घर वालों ने उन के एकाउंट में 15 करोड़ रुपए होने की बात कही थी. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी जब सीबीआई सुशांत के एकाउंट से गायब 15 करोड़ रुपए की रकम का कोई पता नहीं लगा सकी तो छानबीन के लिए ईडी आगे आई. ईडी ने रिया के 2 मोबाइल फोन कब्जे में ले कर जांच शुरू की.
रिया चूंकि इन फोनों के मैसेज डिलीट कर चुकी थी, इसलिए ईडी ने उस के दोनों फोन क्लोन कर लिए ताकि उन का डाटा रिकवर हो सके.

दूसरी तरफ पूछताछ में रिया ने कहा कि उस का सुशांत के खातों से कोई लेनादेना नहीं था. हालांकि सुशांत अपनी मरजी से उस पर पैसा जरूर खर्च करता था.बहरहाल, ईडी की जांच के दौरान रिया पिछले 5 साल में अपने बैंक स्टेटमेंट में आए पैसों का कोई जवाब नहीं दे सकी. दूसरी तरफ उस का एकाउंट मैनेज करने वाले उस के पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती ने भी गलतबयानी की. इस जांच में 52 लाख का गलत ट्रांजैक्शन सामने आया.

रिया चक्रवर्ती और उस के परिवार से पूछताछ में सुशांत के एकाउंट से गायब 15 करोड़ रुपए के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी, फलस्वरूप सुशांत के परिवार द्वारा रिया पर लगाया गया 15 करोड़ रुपए गायब करने का आरोप साबित नहीं हुआ.इस के बावजूद रिया निर्दोष नहीं निकली, क्योंकि ईडी की जांच में पूरे मामले ने नाटकीय घटनाक्रम से गुजरते हुए एक नया ही रुख अपना लिया.

बात नेपोटिज्म, प्यार में बेवफाई, 15 करोड़ और गृहक्लेश जैसे उन सभी कारणों, जो सुशांत की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराए गए थे, को लांघती हुई उस नशीली आबोहवा तक जा पहुंची, जिसे ड्रग्स, मारिजुआना और कोकीन जैसे मादक पदार्थ गुलजार करते हैं.

ईडी ने इस संबंध में एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को पत्र लिख कर यह बात बता दी. ईडी के बुलावे पर मुंबई आई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने जांच संभाल ली. एनसीबी की जांच जैसेजैसे आगे बढ़ी तो नशे के व्यापार का कड़वा कसैला धुआं बौलीवुड के इंद्रधनुषी आसमान को अपनी गिरफ्त में लेने लगा.एक के बाद एक खुलासा फिल्म इंडस्ट्री के अंदर की गंदगी को उलीचउलीच कर बाहर फेंकने लगा, जिस से सपनों का तिलिस्म टूटने लगा. परदे पर दिखने वाली आदर्शवादिता कहीं अंधेरे में दुबक कर बैठ गई.

फोन का डाटा हुआ रिकवर

दरअसल, एनसीबी ने जब रिया के मोबाइल की रिकवर हुई चैट पढ़नी शुरू की तो पूरे मामले का रुख ही बदल गया. इस चैट में हाई ड्रग्स और एमडीएमए का जिक्र था, जिस में टैलेंट मैनेजर जया शाह ने रिया से कहा, ‘चाय, कौफी या पानी में 4 बूंदें डालो और उसे पिला दो. असर देखने के लिए 30-40 मिनट इंतजार करो.’ मैसेज की ये लाइनें बहुत कुछ कहती थीं.

इस के बाद एनसीबी ने रिवर्स इनवैस्टीगेशन किया. सब से पहले उन एक्टिव पेडलर्स को गिरफ्त में लिया गया, जो ड्रग्स का कारोबार करते हैं. एनसीबी द्वारा गिरफ्तार आरोपी कैजान इब्राहिम ने पूछताछ के दौरान अनुज केशवानी का नाम लिया था. हालांकि कैजान को मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट से 24 घंटे से भी पहले जमानत मिल गई. कैजान के बयान के आधार पर एनसीबी ने जब अनुज केशवानी के ठिकानों पर छापा मारा तो कथित रूप से हशीश, एलएसडी, मारिजुआना जैसी ड्रग्स बरामद हुईं.

सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा ने एनसीबी को बताया कि मार्च में रिया चक्रवर्ती को ड्रग्स सप्लाई की गई थी, जिसे पहली बार जैद ने और दूसरी बार अब्दुल बासित परिहार ने शौविक को दिया था. अब्दुल बासित ने अपने बयान में कहा कि वह शौविक चक्रवर्ती के कहने पर जैद विलात्रा और कैजान इब्राहिम से ड्रग्स खरीदता था.

जैद विलात्रा को एनसीबी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी. उस पर कई ड्रग डीलिंग में शामिल रहने का आरोप था. सैमुअल मिरांडा के अनुसार रिया ने उस से 3 बार ड्रग्स देने को कहा था, जिन्हें पेडलर से शौविक ने लिया था.

रिया और शौविक चक्रवर्ती की 17 मार्च को हुई वाट्सऐप चैट सामने आई तो उस में भी ड्रग्स का जिक्र था. इन सारे सबूतों के बाद एनसीबी का शिकंजा रिया के इर्दगिर्द कसता गया. जब पूछताछ के दौरान रिया संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई तो अगले दिन एनसीबी ने रिया और शौविक को आमनेसामने बैठा कर सवाल करने शुरू कर दिए.

आखिर फंस ही गई रिया

सूत्रों के अनुसार रिया टालने वाले जवाब देती रही. तब एनसीबी ने रिया को उस के वाट्सऐप चैट दिखा कर पूछा कि वह ड्रग्स लेती थी या नहीं, इस पर रिया ने इनकार कर दिया.अंतत: 3 तीन दिन चली 20 घंटों की लंबी पूछताछ के बाद 8 सितंबर को रिया चक्रवर्ती गिरफ्तार कर ली गई.

उस पर ड्रग सिंडीकेट का हिस्सा होने का आरोप लगाते हुए एनसीबी ने कहा कि केस से जुड़ी जो भी ड्रग डील हुई, उन्हें रिया ने फाइनैंस किया था.एनसीबी ने इस केस में रिया, शौविक चक्रवर्ती, सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा और सुशांत के घरेलू नौकर दीपेश सावंत सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया. ड्र्रग्स केस में दीपेश पर सैमुअल ने आरोप लगाया था.

रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के बाद उस के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि 3 एजेंसियां अभिनेत्री (रिया) के पीछे इसलिए पड़ी हैं क्योंकि उन्होंने ऐसे शख्स से प्यार किया जो नशे का आदी था और जिसे मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं थीं. वह ड्रग एडिक्ट से प्यार करने की सजा भुगत रही हैं, जो कई सालों से मानसिक रूप से बीमार था.ज्ञातव्य हो कि ड्रग्स केस में नाम आने के बाद रिया चक्रवर्ती ने कहा था कि सुशांत उस से मिलने से पहले ही मारिजुआना लेते थे.

साथ ही यह भी बताया कि सुशांत दिन भर में मारिजुआना भरी 3-4 सिगरेट पी जाते थे. वह उन्हें रोकने की कोशिश भी करती थी लेकिन एडिक्शन के चलते सुशांत के लिए मारिजुआना का इंतजाम उसी को करना पड़ता था. रिया की इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो नहीं पता, लेकिन इतना जरूर है कि सुशांत ड्रग्स की चपेट में आ चुके थे. एनसीबी के अनुसार सुशांत जो सिगरेट पीते थे, उस में ड्रग्स होती थी, जिस की वजह से उन की मानसिक हालत खराब हो रही थी. एनसीबी ने यह बात सीबीआई को बताई तो सीबीआई ने अपनी जांच को गति देनी शुरू कर दी.

जबकि सुशांत के डिप्रेशन का इलाज करने वाले 2 डाक्टरों ने पूछताछ के दौरान मुंबई पुलिस को बयान दिया था कि सुशांत डिप्रेशन, तनाव, चिंता और पायपोलर डिसऔर्डर के शिकार थे.

डाक्टरों के अनुसार सुशांत ने दवाइयां लेनी बंद कर दी थीं, जिस से उन की हालत बिगड़ती चली गई और उन्हें खुद को संभालना मुश्किल हो गया.

सीबीआई ने बुलाए एम्स के डाक्टर

इतना ही नहीं, मुंबई पुलिस ने सुशांत की जिस मौत को देखते ही आत्महत्या बता दिया था, सीबीआई ने उसे अपने तरीके से इनवैस्टीगेट किया, यहां तक कि देश के सर्वोच्च मैडिकल इंस्टीट्यूट एम्स के 3 फोरैंसिक एक्सपर्ट्स की टीम मुंबई बुलाई गई. इस टीम ने मुंबई पहुंच कर इस केस की जांच शुरू कर दी. इस जांच में कूपर अस्पताल के डाक्टरों से पूछताछ भी शामिल थी, जिन्होंने सुशांत की आटोप्सी की थी. एम्स की टीम ने सुशांत के गले में मौजूद जख्म के निशान को ले कर आटोप्सी करने वाले डाक्टरों से लंबी पूछताछ की.

साथ ही एम्स ने सुशांत के विसरा सैंपल की दोबारा जांच का निर्णय लिया ताकि यह पता चल सके कि सुशांत को कोई जहर या कोई ऐसा ड्रग तो नहीं दिया गया था, जो घातक हो. हालांकि सुशांत का विसरा मात्र 20 परसेंट ही बचा था, बाकी मुंबई पुलिस जांच के दौरान इस्तेमाल कर चुकी थी. ऐसे में एम्स के फोरैंसिक डिपार्टमेंट के लिए यह चुनौती और भी मुश्किल थी.

वैसे भी सुशांत केस में इतना झूठ, इतनी बयानबाजी और न्यूज चैनलों द्वारा इतना इनवैस्टीगेशन किया जा चुका है कि सच अपने मुद्दे से भटक कर बहुत पीछे रह गया. जिसतिस के बयानों और झूठ पर आधारित मनगढ़ंत किस्से न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर तैरतेगूंजते रहे, जिस में सब से ज्यादा झूठ सुशांत की गर्लफ्रैंड रही रिया चक्रवर्ती ने और उन के फ्लैटमेट रहे सिद्धार्थ पिठानी ने ही बोला, जबकि ये दोनों ही उन के सब से ज्यादा करीबी थे.

यहां तक कि सिद्धार्थ ने सीबीआई को गुमराह करने में भी कसर नहीं छोड़ी. सिद्धार्थ को इस बात की जानकारी जनवरी से ही थी कि सुशांत को सिगरेट में ड्रग्स दी जाती है. इस के अलावा सिद्धार्थ ने अपने बयान में कहा था कि सुशांत की बौडी को फंदे से मीतू सिंह के कहने पर उतारा था, लेकिन जब सुशांत की बहन मीतू को सिद्धार्थ के सामने लाया गया तो उस ने मीतू सिंह के सामने कहा कि सुशांत का शव जब बैड पर रखा गया तब मीतू वहां पहुंची थीं.

जहां सुशांत ने कथित आत्महत्या की थी, उस घर की जांचपड़ताल करने के बाद एम्स की फोरैंसिक टीम ने इस संदर्भ में कहा था कि सुशांत की मौत के पीछे कोई बड़ा कारण है, क्योंकि सिद्धार्थ पिठानी सुशांत को फांसी के फंदे से उतारने का जो बयान दे रहे हैं, वह संदेह के दायरे में है.साथ ही टीम ने यह आशंका भी जाहिर की कि सुशांत की बौडी को जल्द डिस्पोजल करने के पीछे ड्रग्स भी बड़ी वजह हो सकती है, क्योंकि उन का पीएम (पोस्टमार्टम) सही तरीके से किया होता तो इस का खुलासा हो सकता था.

सुशांत केस में मुंबई पुलिस द्वारा कराए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और पोस्टमार्टम के दौरान की गई वीडियोग्राफी के फुटेज व अन्य फोटोग्राफ के आधार पर एम्स की टीम ने सुशांत की बौडी पर चोट के पैटर्न का भी विश्लेषण किया. फोरैंसिक एक्सपर्ट्स को रिपोर्ट में छोटीछोटी कई कमियां नजर आईं, उस से कई सवाल उठते थे.

एम्स की टीम हर पहलू से उन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने में जुटी थी, जिस में एक ऐंगल सुशांत की हत्या से भी संबंधित था, क्योंकि एम्स के मैडिकल बोर्ड ने शुरुआत में ही यह आशंका जाहिर की थी कि हत्या के ऐंगल को इग्नोर नहीं किया जा सकता.बहरहाल, 17 सितंबर को एम्स के फोरैंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष और सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद मौत की जांच के लिए बनाए गए बोर्ड के चेयरमैन डा. सुधीर गुप्ता ने बयान जारी करते हुए कहा कि अगले हफ्ते मैडिकल बोर्ड अपनी राय सीबीआई को सौंप देगा और बोर्ड की राय निर्णायक होगी.

यानी सुशांत सिंह राजपूत के घरवालों और उन के चाहने वालों को अपने प्रिय स्टार की मौत का सच जानने के लिए कुछ और इंतजार करना होगा. उस स्टार की, जो चांद के ख्वाब देखता था, सितारों की दुनिया में जीता था और खुद स्टार बन कर रुपहले परदे पर चमकता था. यह सब के लिए अकल्पनीय था कि सुशांत इतनी जल्दी और इतना अचानक हमेशा के लिए अपनी सितारों की दुनिया में चला जाएगा और उसी का हिस्सा बन जाएगा.

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