आतंक का पर्याय और 1993 में मुंबई में हुए धमाके का मुख्य आरोपी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत के मोस्ट वांटेट आतंकवादियों की सूची में पहले नंबर पर है और विश्व के सबसे खूंखार आतंकवादियों की सूची में तीसरे नंबर पर है. कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने में भी दाऊद की सक्रियता मानी जाती है. दाऊद आज भी पाकिस्तान में रहकर भारत में अपने नापाक इरादों को अंजाम दे रहा है.
डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची में है. इस बार यह दावा इंडिया टुडे ने डॉन की नई फोटो छापकर अपनी खबर में किया है. 1993 के मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के बाद यह दाऊद की पहली फुल लैंथ फोटो है. रिपोर्ट की माने तो ये फोटो भारतीय पत्रकार विवेक अग्रवाल ने खींची थी, जो कुछ साल पहले कराची गए थे.
दाऊद वह नाम है जिसे भारत में आतंक के रुप में पहचाना जाता है. आपको बता दें कि दाऊद वहीं शख्स है जिसने मुंबई को 90 के दशक की शुरुआत में सीरियल बम धमाकों से हिला दिया था. उस दर्द को आज भी मुंबई के लोग नहीं भूल सके हैं.
फोटो में दाऊद का पूरा चेहरा
जिस फोटो को इंडिया टुडे ने खबर में जगह दी है वह 1985 के बाद दाऊद इब्राहिम की पहली ऐसी तस्वीर है जिसमें वह पूरा दिखाई दे रहा है. इस फोटो में दाऊद बिना मूछ के नजर आ रहा है. उसने अपना चेहरा छुपाने के लिए किसी भी तरह की कोई प्लास्टिक सर्जरी नहीं करवाई है. उसने तस्वीर में काला और सफेद रंग का कुर्ता पायजामा पहन रखा है.
खुली पोल की पाकिस्तान
जिस अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद को भारत की सरकार खोज रही है. जिसकी तलाश में इंटरपोल की पुलिस बेचैन है. वह दाऊद इब्राहिम और कहीं नहीं पाकिस्तान की गोद में बैठा हुआ है. ‘जी हां’ वह पाकिस्तान में ही है. इंडिया टुडे ने जो दाऊद इब्राहिम की तस्वीर छापी है वह कराची की है, यानी वह कराची में है. इस तस्वीर के जारी होने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया है, हालांकि पाकिस्तान हमेशा से यह कहता रहा है कि दाऊद पाकिस्तान में नहीं है.
पिछले साल रॉ को मिली थी एक फोटो
भारत की खुफिया एजेंसी रॉ को पिछले साल 22 अगस्त को दाऊद की एक फोटो मिली थी. फोटो के साथ ही उसके पाकिस्तानी पासपोर्ट की कॉपी भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) ने जुटाई थी ये डॉक्युमेंट्स भारत ने दाऊद के खिलाफ पाकिस्तान को अपने डोजियर में सौंपे थे.
दाऊद को दो पासपोर्ट कराची से जारी किए गए थे, जबकि बाकी दो रावलपिंडी से. एक टीवी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कराची के ही क्लिफ्टन इलाके में दाऊद ने एक और बंगला खरीदा है. यह बंगला यहां के मशहूर जियाउद्दीन हॉस्पिटल के पास है.
उस समय रिपोर्ट आई थी कि दाऊद और उसकी पत्नी मेहजबीन, दोनों ही बीमार रहते हैं और इमरजेंसी के लिए यह बंगला लिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर जल्द हॉस्पिटल पहुंचा जा सके. 59 साल के हो चुके दाऊद की फैमिली से जुड़े ट्रैवल डॉक्युमेंट्स रॉ और दूसरी एजेंसियों ने हासिल किए थे.
दाऊद कब भारत से भागा था?
दाऊद कानून से बचने के लिए 1986 में ही दुबई चला गया था. वह शारजाह में होने वाले क्रिकेट मैच के दौरान भी स्टेडियम में दिखाई देता था. लेकिन 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद उसकी कोई फोटो सामने नहीं आई. वह पब्लिक फंक्शन्स में भी जाने से बचने लगा. पाकिस्तान ने बाद में उसे अपने मुल्क में रहने की इजाजत दी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उसे आईएसआई से भी सिक्युरिटी मिली. पाकिस्तान 23 साल से इस आतंकी को अपने यहां पनाह देने की बात नकारता रहा है. उसकी पहली पासपोर्ट साइज फोटो पिछले साल अगस्त में और पहली फुल लेंथ फोटो शुक्रवार को सामने आई.
कैसा दिखता है दाऊद?
पिछले साल सामने आई एक फोटो में दाऊद क्लीन शेव्ड नजर आ रहा है. उसके चेहरे पर झुर्रियां हैं. फोटो से यह भी पता चलता है कि दाऊद ने प्लास्टिक सर्जरी नहीं कराई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि दाऊद ने सर्जरी से अपना चेहरा बदल लिया है. भारत की खुफिया एजेंसियों के पास दाऊद के दुबई जाने की टिकट और फैमिली फोटोज भी हैं.
पुख्ता सबूतों में क्या-क्या मिला था? दाऊद के किस ऐड्रेस का है जिक्र?
भारत की खुफिया एजेंसी रॉ को दाऊद की 2012 की एक फोटो मिली थी. दाऊद के 3 पाकिस्तानी पासपोर्ट मिले हैं. लेकिन तीनों में दाऊद ने अलग-अलग ऐड्रेस लिखवाया है.
दाऊद की पत्नी मेहजबीन शेख के नाम पर बिजली का बिल मिला है. बिल अप्रैल 2015 का है. इस बिल पर D-13, ब्लॉक-4, कराची डेवलपमेंट अथॉरिटी, सेक्टर- 5, क्लिफ्टन का पता दर्ज है.
दाऊद की फैमिली के ट्रैवल डॉक्युमेंट्स में क्या मिला?
रा के अलावा भारत की बाकी खुफिया एजेंसियों के हाथ जो सबूत लगे हैं, उनके मुताबिक दाऊद का परिवार पाकिस्तान से दुबई के बीच कई बार ट्रैवल कर चुका है. डॉक्युमेंट्स के मुताबिक, दाऊद की पत्नी मेहजबीन और बेटी माजिया 4 जनवरी 2015 को एमिरेट्स एयरलाइन्स की फ्लाइट से कराची से दुबई गए थे.
वहां से वे दाऊद की दूसरी बेटी माहरुख और दामाद जुनैद मियांदाद (पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद का बेटा) के साथ 11 जनवरी को वापस लौटे. इसके बाद, दाऊद की पत्नी एक बार फिर 19 फरवरी 2015 को दुबई गई और 26 फरवरी 2015 को वापस लौटी.
दाऊद का बेटा मोइन, उसकी बीवी सानिया और उसके बच्चों ने भी मार्च से मई 2015 के बीच कई बार कराची से दुबई के बीच ट्रैवल किया. मोइन पत्नी सानिया और बच्चों के साथ 30 मई 2015 को दुबई से फिर कराची आया. भारतीय एजेंसियों के पास दाऊद की फैमिली के सभी लोगों के पासपोर्ट नंबर और एयर टिकट के डिटेल्स हैं.
कैसे बना अंडरवर्ल्ड डॉन
दाऊद इब्राहिम का जन्म 27 दिसंबर 1955, महाराष्ट्र में रत्नागिरी जिले के मुमका में एक पुलिस कांस्टेबल के यहां हुआ. दाऊद और पाकिस्तानी सरकार दोनों एक-दूसरे के सहयोगी थे. एक तरफ आईएसआई ड्रग्स तथा अन्य मादक पदार्थों की तस्करी का कारोबार करता था, उसके बदले में दाऊद पाकिस्तान सरकार की तरफ से उस पाकिस्तानी कोर ग्रुप का हिस्सा था जो विदेशों में आंतकवाद के खिलाफ जंग करता था.
दाऊद इब्राहिम अंडरवर्ल्ड में 1984 में आया. इससे पहले वो डोंगरी इलाके में चोरी, डकैती, लूटपाट इत्यादी करता था. उसी दौरान पठान बासु दादा के गैंग ने उसके बड़े भाई की गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद वह पठान के पीछे पड़ गया और हाज़ी मस्तान की गैंग में शामिल हो गया.
दाऊद का असली नाम
दाऊद इब्राहिम का पूरा नाम दाऊद इब्राहिम कासकर है. उसने 1985 में डोंगरी पुलिस के इशारे पर पठान को मारा. उस समय पठान पूरे इलाके में होटलों, व्यवसाइयों, पत्रकारों के साथ-साथ पुलिस को भी परेशान कर रखा था. पठान के आदमियों ने दाऊद के दोस्त एवं पत्रकार मोहम्मद इकबाल नातिक को रिपोर्टिंग करते समय धमकाया और मारा था जिससे दाऊद गुस्से में था.
दाऊद के पसंदीदा हथियार
1985 में मुंबई में हाज़ी मस्तान के बाद दाऊद का प्रभाव बढ़ा और उसने हथियारों को विदेशों से खरीदने का काम शुरू किया. उस समय उसका पसंदीदा हथियार तलवारें, चाकू तथा देशी रिवॉल्वर तमंचा शामिल है, जो रामपुर में बनाया जाता था. इसके बाद उसने एके 56ए तथा एके 47 का प्रयोग शुरू कर दिया.
अमेरिकी आतंकवादी रोधी दस्ते का हिस्सा
दाऊद अमेरिका के नेतृत्व वाली आंतकवाद रोधी दस्ते का पाकिस्तान सरकार की तरफ से हिस्सा रह चुका है. इसके लिए अमेरिका, पाकिस्तान में फंड मुहैया कराती थी. दाऊद इब्राहिम का नाम पाकिस्तानी मिसाइल वैज्ञानिक अयूब खान के साथ भी जोड़ा गया था. माना जाता है कि नॉर्थ कोरिया से मिसाइल मंगाने में दाऊद ने अयूब खान का साथ दिया था.
भारत में नेता बनना चाहता है दाऊद
दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान सेंट्रल बैंक द्वारा दिए गए डॉलर में लोन को नहीं चुका पाया था, जिसके कारण बैंक ने उसका नाम डिफॉल्टर की लिस्ट में डाल दिया. दाऊद की इच्छा है कि वह भारत में आकर राजनीति में अपना भाग्य आजमाए तथा अबु सलेम के वकील की पार्टी को अपने साथ शामिल करना चाहता है. दाऊद भारतीय ससंद में हथियारों के दम पर सभी तरह के बिल पास कराना चाहता है.
बॉलीवुड में दाऊद का पैसा
2001 में बनी बॉलीवुड की फिल्म ‘चोरी-चोरी चुपके-चुपके’ में दाऊद ने शकील की मदद से पैसे लगाए थे. जांच के बाद सीबीआई ने फिल्म के प्वांइट कम कर दिए थे. इस पूरे प्रकरण को ‘द भरत शाह केस’ के नाम से जाना जाता है.
और दाऊद इब्राहिम को कपिल ने डांटकर भगा दिया
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने चौंकाने वाला खुलासा किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने 1986 में भारतीय टीम के शाहरजाह दौरे पर खिलाड़ियों को मैच फिक्स करने के लिए कार देने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन उस समय टीम के कप्तान रहे कपिल देव ने न सिर्फ दाऊद की इस पेशकश को ठुकरा दिया था बल्कि दाऊद को डांट कर भगा भी दिया था.
वेंगसरकर ने कहा कि कपिल देव ने दाऊद से पूछा कि तुम कौन हो? जब कपिल देव ने दाऊद को डांटकर प्रेस कॉन्फ्रेंस से भगा दिया उसके बाद मजबूर होकर दाऊद को अपने उस प्रस्ताव को रद्द करना पड़ा जिसमें उसने टीम इंडिया को कार देने की पेशकश की थी. कपिल ने दाऊद को डांटकर भगाया और कहा- चल निकल बाहर.
दिलीप वेंगसरकर के अनुसार यह पूरा मामला 1986 में भारतीय टीम के शारजाह दौरे का है. वेंगसरकर ने कहा, ‘प्री-मैच प्रेस कांफ्रेंस के बाद दाऊद ड्रेसिंग रूम में घुसा. उस वक्त महमूद भी उसके साथ था. महमूद ने भारतीय टीम के खिलाडि़यों से दाऊद का परिचय एक बिजनेसमैन के तौर पर कराया. दाऊद ने कहा कि अगर टीम इंडिया फाइनल मैच में पाकिस्तान को हरा देती है तो कप्तान सहित भारतीय टीम के सभी खिलाडि़यों को एक-एक कार दी जाएगी.’ वेंगसरकर के अनुसार, इसके बाद कपिल ने दाऊद को डांटकर भगा दिया.