Top 10 Social crime story of 2022 : इन सामाजिक क्राइम स्टोरी को पढ़कर आप जान पाएंगे कि समाज में क्या क्या हो रहा है और किस तरह के बदलाव से समाज प्रभावित हो रहा है और समाज में हो रहे अपराध और धोखाधड़ी से आप स्वयं को और अपने आस पास के लोगों को कैसे जागरूक कर सकते हो तो ये सब जानने के लिए पढ़े ये मनोहर कहानियां Top 10 Social crime story in Hindi          

    1. सोने की तस्करी: स्वप्न सुंदरी ने दूतावास को बनाया मोहरा

    भारतीय बाजार में इस सोने की कीमत करीब 15 करोड़ रुपए आंकी गई. यूएई के वाणिज्य दूतावास ने बैग में मिला सोना अपना होने से इनकार कर दिया. इस पर सोने को सीज कर सीमा शुल्क विभाग ने मामले की जांच शुरू की.

    प्रारंभिक जांच में अधिकारियों को यह मामला सोने की तस्करी से जुड़ा होने का संदेह हुआ. अधिकारियों को शक हुआ कि इस संदिग्ध मामले में राजनयिक को मिलने वाली छूट का दुरुपयोग किया गया है.

    दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा सम्मेलन में लिए गए फैसलों के तहत भारत सरकार की ओर से दूसरे देशों के राजनयिकों को कई तरह की छूट दी गई थीं. इस में उन की और उन के सामान की जांच पड़ताल की छूट भी शामिल है.

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  1. 2 पत्नियों वाले हिंदूवादी नेता की हत्या

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अमिताभ बच्चन की नकल करने से कोई उन के जैसा नहीं बन जाता, यह बात रणजीत की समझ में आ गई. तब उस ने गांव की अपनी जमीन पर टीन शेड के नीचे नए लोगों को अभिनय का प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया. रंगमंच से जुड़े होने के बाद भी जब वह सफल नहीं हो पाया तो उस ने राजनीति और समाजसेवा को अपना रास्ता बनाया.

रणजीत को सुर्खियों में रहने का शौक था. इस के लिए उस ने कई सामाजिक संस्थाएं बनाईं. सुर्खियों में रहने के लिए उस ने पत्रकार संगठन और जातीय संगठन भी बनाए.

इस बहाने वह खुद को राजनीति से जोड़े रखना चाहता था. ऐसे में उस ने गोरखपुर से दूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपना काम शुरू करने का फैसला किया. रणजीत के तमाम लड़कियों से संबंध थे. उन्हें ले कर वह चर्चा में रहता था.

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  1. कुंवारी लड़कियों का कामुक कथावाचक

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पंडित नारायण स्वरूप के लिए यह बिल्ली के भाग्य से छींका टूटने जैसा था. क्योंकि यजमान टीकाराम के घर में आने के बाद से ही पंडितजी की नजर उस की तीनों बेटियों पर खराब हो चुकी थी. पूजा के दौरान भी वह लोगों से नजर बचा कर तीनों बहनों को बुरी नजर से घूरता रहा. जब यजमान ने बेटियों से परेशान रहने की समस्या सामने रखी, तो उस की बाछें खिल गईं.

वह समझ गया कि वक्त ने उसे मौका दिया है, जिस से वह यजमान की तीनों नादान बेटियों को अपना शिकार बना सकता है. इसलिए उस ने टीकाराम से कहा, ‘‘चिंता मत करो, मैं देखता हूं समस्या की जड़ कहां है. केवल समस्या का पता ही नहीं लगाऊंगा, बल्कि उसे जड़ से खत्म भी कर दूंगा. लाओ, तीनों की जन्मपत्रिकाएं दिखाओ, देखता हूं आखिर इन की आपस में बनती क्यों नहीं है.’’

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  1. तंत्र मंत्र के नाम पर हैवानियत

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अरशद तंत्रमंत्र का काम करता था. अतीत कटारिया ने उन्हें बताया कि यह पहुंचे हुए तांत्रिक हैं. उस ने बताया कि यह तंत्रमंत्र द्वारा रकम को कई गुना बना सकते हैं. लालची स्वभाव के सुभाषचंद को इस बात पर विश्वास हो गया तो उन्होंने अरशद को साढ़े 3 लाख रुपए दिए थे और इस रकम को एक करोड़ रुपयों में बदलने को कहा था.

2 महीनों तक सुभाषचंद की रकम नहीं बढ़ी तो उन्होंने तांत्रिक अरशद से अपने पैसे मांगे. अरशद पैसे दैने में आनाकानी करने लगा तो ठेकेदार ने उस पर दबाव बनाया. इतना ही नहीं, उस ने उस तांत्रिक को पैसे देने के लिए धमका भी दिया. इस से तांत्रिक अरशद बहुत चिंतित रहने लगा.

इसलिए तांत्रिक अरशद ने अपने दोस्तों टीलू और वकील उर्फ सोनू के साथ मिल कर सुभाष ठेकेदार को ठिकाने लगाने की योजना बना ली.

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  1. असंभव के पार झांकने की भूल

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यतीश तिवारी शिवप्रसाद का ही बेटा था. यतीश 2 भाई थे. मनीष बड़ा था और यतीश छोटा. मनीष होमगार्ड की नौकरी करता है. उस की ड्यूटी लखनऊ सचिवालय में लगी थी. मनीष अपने परिवार के साथ लखनऊ के पास ही तेलीबाग में रहता था. यतीश की एक बहन है प्रीति, जिस की शादी हो चुकी है. यतीश अकेला अपने मातापिता के साथ रहता था. मां सरला देवी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है.

यतीश भारतीय सेना में शामिल हो कर देश की सेवा करना चाहता था. इस के लिए वह अपनी तैयारी भी कर रहा था. वह रोजाना गांव के बाहर दौड़ लगाता था और एक्सरसाइज भी करता था. शारीरिक रूप से फिट 24 साल के यतीश ने कई प्रतियोगी परीक्षाएं पास की थीं. लेकिन फिजिकल टेस्ट में वह रह जाता था.

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  1. भविष्य की नींव में दफन दो लाशें

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विजय की पत्नी शीला ने उन्हें बताया कि उन के पति भी सुबह बाइक ले कर धीरज से मिलने की बात कह कर निकले थे, लेकिन उन का मोबाइल भी स्विच्ड औफ है. उन से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है. शीला ने यह भी बताया कि धीरज को फोन किया था, घंटी जाने के बाद भी उस ने काल रिसीव नहीं की.

दोनों के घर वालों को चिंता हुई. उन्होंने अपने परिचितों को भी फोन कर के उन के बारे में पूछा. फिर उन्हें संभावित जगहों पर तलाश करने लगे. लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं लगा. तलाश में भटक रहे परिजन दूसरे दिन शनिवार 29 जून को ताजगंज थाने पहुंचे.

स्कूल मालिक सुरेंद्र लवानिया व प्रधानाचार्य विजय कुमार के परिजनों ने सुरेंद्र लवानिया के गायब होने की बात सुन कर थानाप्रभारी भी हैरान रह गए, क्योंकि शिक्षा जगत में सुरेंद्र लवानिया बड़ा नाम था.

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  1. आशिक बन गया ब्लैकमेलर

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रंजना को नेहा की बातों से आशा की एक किरण दिखी, लेकिन संदेह का धुंधलका अभी भी बरकरार था कि पुलिस वालों पर कितना भरोसा किया जा सकता है और बात ढकीमुंदी रह पाएगी या नहीं. इस से भी ज्यादा अहम बात यह थी कि वे तसवीरें और वीडियो वायरल नहीं होंगे, इस की क्या गारंटी है.

इन सब सवालों का जवाब नेहा ने यह कह कर दिया कि एक बार भरोसा तो करना पड़ेगा, क्योंकि इस के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. मयंक दरअसल उस की बेबसी, लाचारगी और डर का फायदा उठा रहा है.

एक बार पुलिस के लपेटे में आएगा तो सारी धमाचौकड़ी भूल जाएगा और शराफत से फोटो और वीडियो डिलीट कर देगा, जिन की धौंस दिखा कर वह न केवल रंजना की जवानी से मनमाना खिलवाड़ कर रहा था, बल्कि उस से पैसे भी ऐंठ रहा था.

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  1. षड्यंत्र का कमजोर मोहरा

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बड़ेबड़े ठेकेदारों के साथ ठेकेदारी करने वाले आकाश ने अपनी मौत की ही नहीं, बल्कि अपने क्रियाकर्म तक की स्क्रिप्ट खुद लिखी थी. इस स्क्रिप्ट के अनुसार उस के घर वालों ने बाकायदा उस के अंतिम संस्कार से ले कर उस की तेरहवीं पर क्रियाकर्म का खाना खिलाने तक बखूबी भूमिका निभाई थी. पुलिस अब इस बात की भी जांच करेगी कि इस मामले में उस के घर वालों का भी हाथ था या नहीं?

बीमा राशि डकारने के लिए आकाश ने पहले अपने नौकर राजू को जम कर शराब पिलाई थी. इस के बाद जब वह नशे में बेसुध हो गया तो रवि और आकाश ने मिल कर आकाश के कपड़े राजू को पहना दिए. साथ ही अपनी अंगूठी और ब्रैसलेट भी राजू के हाथ में पहना दिया, ताकि पुलिस उसे आकाश समझे.

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  1. क्रिप्टो करेंसी: गुमनामी में अरबपति की मौत

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क्रिप्टो करेंसी के जानकारों का कहना है कि यह अपनी तरह का पहला मामला है, जहां कोल्ड वौलेट में इतने यूजर्स की करेंसी को लौक किया गया. वैसे कंपनियां यूजर्स के खाते में ही करेंसी अपलोड करती हैं.

रोक के बावजूद क्रिप्टो करेंसी में भारतीयों ने करीब 13 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है. रिजर्व बैंक के अनुसार क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन को भारत में मान्यता नहीं दी गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में रोजाना करीब ढाई हजार लोग इस में निवेश करते हैं.

क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल या आभासी मुद्रा होती है, जिस का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता. इस मुद्रा को कई देशों ने मान्यता दे रखी है.

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  1. बालिका सेवा के नाम पर

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रचना और उस के पति की राजनीति में अच्छी पकड़ थी जिस के चलते जल्द ही इस बालिका गृह को शासन से मोटा अनुदान मिलने लगा. जानकारी के अनुसार पिछले 3 साल में ही शासन की तरफ इस बालिका गृह को करीब 38 लाख रुपए की अनुदान राशि मिली थी. सूत्रों की मानें तो इस अनुदान राशि के अलावा रचना प्रदेश भर से काफी बड़ी रकम दान के रूप में बेटोर रही थी.

जो 5 लड़कियां बालिका गृह से भागी थीं, उन्होंने बताया कि हम सभी रचना को मम्मा कहते थे और उस के पति को पापा. लेकिन उन की नीयत लड़कियों के प्रति अच्छी नहीं थी.

पापा रोज शराब पीते थे और रचना मम्मा इस दौरान हम में से किसी एक लड़की को शराब के पैग तैयार करने का काम सौंप देती थी. मम्मा खुद भी शराब पीती थी और दूसरे लोग भी रोज आश्रम में आ कर उन दोनों के साथ शराब पीते थे.

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