—विकास पालीवाल
उत्तर प्रदेश के जिला मैनपुरी के थाना एलाऊ क्षेत्र में एक गांव है नगला लालमन. उसी गांव के 2 भाई यशपाल और शेषपाल सुबह 10 बजे किसी काम से जा रहे थे. गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित जल्लापुर निवासी दिनेश यादव के खेत के पास से गुजर रहे थे. तभी उन की नजर खेत में झाड़ी की ओर गई तो वहां का दृश्य देख कर दोनों भाइयों के पैर थम गए.
झाड़ी के पीछे 21-22 साल की युवती की लाश पड़ी थी. पास जा कर देखा तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. वह लाश गांव के ही फेरू सिंह की 22 वर्षीय बेटी कल्पना की थी. उस के चारों ओर खून फैला हुआ था. किसी ने गोली मार कर उस की हत्या कर दी थी.
उसी समय दोनों भाइयों ने कल्पना के भाई अवधपाल सिंह को इस बात की जानकारी फोन से दे दी. यह बात अवधपाल ने अपने घर बताने के साथ ही पड़ोसियों को भी बताई. खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया. घरवालों के साथ ही लालमन गांव के लोग खेत की ओर दौड़े.
गांव की युवती को दिनदहाड़े खेतों पर गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया गया था. इस से गांव में सनसनी फैल गई. कुछ ही देर में वहां भीड़ जुट गई.
यह 17 मार्च, 2021 की सुबह की बात है. भाई अवधपाल व ग्रामीणों ने पास जा कर देखा तो कल्पना की कनपटी पर गोली मारी गई थी. इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी थी.
सूचना मिलते ही थाना एलाऊ के थानाप्रभारी सुरेशचंद्र शर्मा पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. युवती की हत्या की खबर आसपास के गांवों में भी फैल चुकी थी, जिस से वहां देखने वालों की भीड़ जमा हो गई.
लाश देख कर लोग आक्रोशित थे और हंगामा कर रहे थे. थानाप्रभारी ने बिना देर किए अपने उच्चधिकारियों को भी घटना से अवगत करा दिया.
सूचना मिलने पर एसपी अविनाश पांडेय, एएसपी मधुबन सिंह, सीओ (सिटी) अभय नारायण राव के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो गए. एसपी के आदेश पर फोरैंसिक टीम, डौग स्क्वायड की टीम भी वहां पहुंच गई.
उच्चाधिकारियों ने युवती के शव का निरीक्षण किया. शव की दशा इस बात की ओर इशारा कर रही थी कि गोली मारने से पहले उस के साथ मारपीट भी की गई थी.
क्योंकि उस के दाएं हाथ पर चोट के निशान थे, जिन्हें देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वह टूटा हुआ है. गोली बाएं कान के नीचे सटा कर मारी गई थी. इस से लग रहा था कि हत्यारे जानपहचान वाले ही होंगे. चेहरे के चारों ओर खून फैला हुआ था.
पुलिस ने मृतका के घरवालों से बात की. उन्होंने बताया कि कल्पना आज तड़के साढ़े 5 बजे अपने घर से दिशामैदान के लिए निकली थी. लेकिन जब वह 2 घंटे तक वापस नहीं आई तो घर वाले उस की तलाश में जुट गए.
जब उस की तलाश की जा रही थी, तभी उन्हें उस की हत्या की खबर मिली. घर वालों ने बताया कि कल्पना अपने पास मोबाइल रखती थी, लेकिन वह अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ गई थी.
पुलिस अधिकारियों ने जब उन से पूछा कि उन की किसी से दुश्मनी या रंजिश तो नहीं है तो कल्पना के भाई अवधपाल सिंह ने बताया कि गांव में उन की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. फिर सवाल यह था कि हत्या किस ने और क्यों की है?
फोरैंसिक टीम ने घटनास्थल से जरूरी सबूत जुटाए. मृतका के कपड़ों से कुछ भी नहीं मिला. हां, उस का दुपट्टा वहीं खेत की मेड़ पर तह बना कर हुआ रखा मिला.
पुलिस का खोजी कुत्ता भी घटनास्थल से कुछ दूरी तक खेतों में गया. इस पर पुलिस ने खेतों की तलाशी की. लेकिन ऐसा कोई सुराग नहीं मिल सका, जिस से हत्यारे का सुराग मिलता. पानी का डिब्बा गायब था.
कई घंटे तक जांच करने के बाद जब पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को उठाना चाहा तो ग्रामीणों ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि गुत्थी सुलझने के बाद ही कल्पना का शव उठने दिया जाएगा.
एसपी अविनाश पांडेय ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझाया कि मृतका के मोबाइल की काल डिटेल्स निकाल कर हत्यारों का पता लगाया जाएगा. उन्होंने आक्रोशित लोगों को आश्वासन दिया कि पुलिस शीघ्र ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लेगी. उन के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हो गए. तब पुलिस ने काररवाई कर शव को मोर्चरी भेज दिया.
मृतका के भाई अवधपाल ने इस संबंध में गांव के ही 2 सगे भाइयों दिनेश और विक्रम के खिलाफ कल्पना की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई. आरोपित दिनेश शिक्षक है और कुरावली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत है. वहीं उस का भाई विक्रम गांव में रोजगार सेवक है.
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई. पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए उन के घर पर दबिश दी, लेकिन वे घर पर नहीं मिले.
मृतका के घर वालों से पुलिस ने पूछताछ की. लेकिन परिवार के लोग कल्पना की हत्या का कारण नहीं बता सके. जबकि भाई अवधपाल ने गांव के ही 2 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अवधपाल ने बताया कि दोनों आरोपित घटना के समय से फरार हैं, इसलिए उन पर शक है.
घर वालों की ओर से बताए गए घटनाक्रम पर पुलिस पूरे तौर पर विश्वास नहीं कर रही थी. युवती की हत्या के मामले में पुलिस की नजर में परिवार के लोग भी शक के दायरे में थे. पुलिस किसी भी तथ्य को नजरंदाज नहीं कर रही थी.
जांच शुरू हुई तो नामजद आरोपियों के खिलाफ कोई भी साक्ष्य नहीं मिला. इस के चलते अन्य पहलुओं पर पुलिस ने जांच शुरू की. घटना का राजफाश करने के लिए सीओ (सिटी) अभय नारायण राय के नेतृत्व में स्वाट और सर्विलांस सहित 4 टीमों को लगाया गया.
शाम तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई. इस में गोली से मौत होने के साथ ही मृतका की बांह पर चोट के निशान थे लेकिन बांह की हड्डी नहीं टूटी थी. इस बात से यह स्पष्ट हो गया कि युवती का हत्यारे के साथ संघर्ष हुआ था. इसी के चलते उस की बांह में चोट लगी थी.
पुलिस ने ग्रामीणों से भी इस संबंध में पूछताछ की. पुलिस की जानकारी में आया कि मृतका के गांव के ही एक युवक से प्रेम संबंध थे. पुलिस ने इस बीच कल्पना का मोबाइल फोन कब्जे में ले लिया. काल डिटेल्स की जांच की गई. मोबाइल में एक नंबर ऐसा था, जिस पर सब से ज्यादा बातें होती थीं.
पुलिस ने जब इस संबंध में जानकारी की तो पता चला कि यह नंबर गांव के ही अजब सिंह का है. अजब सिंह की तलाश हुई तो वह गायब था. इस से पुलिस के शक की सुई उस की तरफ घूम गई.
जांच के दौरान पता चला कि अजब सिंह अपनी ससुराल फर्रुखाबाद में है. सर्विलांस के जरिए पुलिस को उस के बारे में अहम सुराग मिलने शुरू हो गए.
दूसरे दिन गुरुवार की रात इंसपेक्टर एलाऊ सुरेशचंद्र शर्मा पूछताछ के लिए उसे ससुराल से थाने ले आए. पुलिस ने जब उस से पूछताछ शुरू की उस ने युवती के घर वालों पर ही हत्या करने का आरोप लगाते हुए बताया कि जब उस के बुलावे पर कल्पना खेत पर आ गई तो हम लोग झाड़ी की आड़ में बातचीत करने लगे. इसी बीच कल्पना के घर वाले आ गए.
हम लोगों को बातचीत करते देख उन लोगों ने कल्पना के साथ मारपीट शुरू कर दी. जब मैं ने उन्हें रोका तो मेरे साथ भी मारपीट की. कल्पना को गोली मारने के बाद उस के परिवार वाले उसे भी गाड़ी में डाल कर ले गए थे.
एक स्थान पर उसे मुंह बंद करने की हिदायत दे कर वे लोग गाड़ी से उतार कर चले गए थे. राहगीरों ने उसे अस्पताल में भरती कराया. इस के बाद वह अपनी ससुराल चला गया.
इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस को घटना की सूचना क्यों नहीं दी? पुलिस के सवालों में वह उलझ गया. पुलिस की सख्ती करने पर फिर उस ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया.
अजब सिंह ने बताया कि उसी ने नाराज हो कर अपनी प्रेमिका कल्पना की गोली मार कर हत्या की थी. उस की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बाइक और तमंचा तथा अजब सिंह का मोबाइल भी बरामद कर लिया.
19 मार्च को प्रैस कौन्फ्रैंस में एसपी अविनाश पांडेय ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया. शादीशुदा और 2 बच्चों के पिता आरोपी अजब सिंह और मृतका के बीच प्रेम संबंध थे.
कल्पना की शादी तय होने की जानकारी मिलने के बाद अजब सिंह बौखला गया था. उस ने कल्पना के सामने हमेशा साथ रहने की फरमाइश रख दी. जब इस बात पर वह राजी नहीं हुई तो उस ने उस की गोली मार कर हत्या कर दी.
इस घटना को औनर किलिंग का मामला बनाने के लिए उस ने ड्रामा रचा, लेकिन पुलिस ने सर्विलांस के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया. इस संबंध में जो खौफनाक कहानी बताई, वह इस प्रकार थी—
कल्पना का पिता फेरू सिंह दिल्ली में काम करता है. अवधपाल की गांव में खुद की जमीन कम होने के कारण वह उगाही पर गांव के लोगों की जमीन ले कर खेती करता था. गांव के ही अजब सिंह की छोटी उम्र में ही शादी हो गई थी. वह 2 बच्चों का पिता है. खेतीकिसानी के कारण उस के कल्पना के घर वालों के साथ अच्छे संबंध थे. उस का कल्पना के घर भी आनाजाना था.
एक दिन अजब सिंह की नजर उस पर पड़ी. कल्पना सुंदर थी. वह उस की सुंदरता देख ठगा सा रह गया. उस ने उसी क्षण उस से दोस्ती करने का निर्णय ले लिया.
अजब सिंह टकटकी लगाए उसे निहारता रहा. कल्पना को भी इस बात का अहसास हो गया कि अजब सिंह उसे देख रहा है. अजब सिंह कसी हुई कदकाठी का युवक था. जवानी की दलहीज पर पहुंची कल्पना का दिल भी उस पर रीझ गया. उसे देख कल्पना का दिल तेजी से धड़कने लगा था.
अब जब भी अजब सिंह कल्पना के घर आता, वह पीने के लिए पानी मांगता. जब कल्पना उसे पानी का गिलास देती वह उस का धीरे से हाथ दबा देता. कल्पना उस के मन की बात जान कर मुसकरा देती. धीरेधीरे दोनों की दोस्ती हुई फिर प्यार हो गया.
दोनों ने एकदूसरे को अपने फोन नंबर दे दिए थे, जिस से फोन पर भी उन की बातें होने लगीं. इस के बाद उन का प्यार और गहराता गया. उन के प्रेम संबंधों की किसी को भनक तक नहीं लगी.
अजब सिंह के शादीशुदा होने से कल्पना के परिजनों को उस पर शक नहीं हुआ. इसी आड़ में वह लगातार कल्पना से मिलताजुलता रहा और उस पर काफी पैसा खर्च करने लगा.
कल्पना अब जवान हो गई थी. घर वालों को उस की शादी की चिंता होने लगी. घर वालों ने भागदौड़ कर कल्पना की शादी तय कर दी थी. इस की जानकारी अजब सिंह को हो गई थी.
17 मार्च की सुबह साढ़े 5 बजे अजब सिंह ने मैसेज कर कल्पना को मिलने खेत पर बुलाया. वह भी अपने खेतों की सिंचाई के बहाने बाइक से वहां पहुंच गया था.
कुछ ही देर में कल्पना भी आ गई. अजब सिंह ने उस से कहा, ‘‘कल्पना, मैं तुम से बहुत प्यार करता हूं. लेकिन अब मैं देख रहा हूं कि जब भी फोन करता हूं तुम्हारा फोन बिजी मिलता है. तुम शायद अपने मंगेतर से ज्यादा बातें करती हो. कल्पना, तुम अपने मंगेतर से बात करना बंद कर दो.’’
अजब सिंह और कल्पना के बीच पिछले 4 साल से दोस्ती थी. दोनों के बीच गहरे प्रेम संबंध थे. अजब सिंह अपनी 2 बीघा जमीन भी प्यार की भेंट चढ़ा चुका था. वह कल्पना पर बहुत पैसा खर्च करता था. उस ने 4 सालों में कई मोबाइल फोन भी ला कर उसे दिए थे.
सब कुछ ठीक चल रहा था. कल्पना के घर वालों ने कल्पना की शादी तय कर दी थी. यह बात प्रेमी अजब सिंह को नागवार गुजरी. उस ने कल्पना से कहा, ‘‘कल्पना, मैं तुम्हें पहले की तरह प्यार करता रहूंगा. तुम्हारी शादी जरूर हो रही है लेकिन तुम शादी के बाद भी मुझ से संबंध खत्म मत करना.’’
‘‘देखो, मेरे और तुम्हारे बीच अब तक जो कुछ था, वह अब सब खत्म हो गया है. अब तुम मुझे फोन और मुझ से मिलने की कोशिश भी मत करना. क्योंकि मेरी शादी होने वाली है. और हां, मैं अपने मंगेतर से बात करनी बंद नहीं करूंगी.’’ कल्पना ने जवाब दिया.
अपनी प्रेमिका की इस बेरुखी से अजब सिंह बौखला गया. उसे डर था कि शादी के बाद उस की मोहब्बत उस से छिन जाएगी. इसी बात को ले कर दोनों के बीच बहस होने लगी. गुस्से में उस ने कल्पना की बांह मोड़ दी, जिस से वह दर्द से कराह उठी और खेत में गिर गई.
इसी बीच अजब सिंह ने तमंचा निकाल कर उस की कनपटी पर रख कर गोली चला दी. कुछ देर तड़पने के बाद कल्पना ने दम तोड़ दिया. इस के बाद अजब सिंह बाइक से वहां से चला गया.
आरोपी अजब सिंह गजब का ड्रामेबाज निकला. उस ने कल्पना के घर वालों को औनर किलिंग में फंसाने के लिए पूरा घटनाक्रम तैयार किया था. उस ने हत्या करने के बाद कुछ दूरी पर अपना मोबाइल तो कुछ दूर जा कर तमंचा फेंक दिया. इस के बाद सीने पर अपने नाखूनों से खरोंच करने के बाद सिर पत्थर पर मार कर खुद को घायल किया.
फिर उस ने कानपुर नगर के बिल्हौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रास्ते में जा रहे राहगीरों की मदद से अपने ऊपर गांव के कुछ युवकों द्वारा मारुति वैन में डाल कर पीटने और यहां फेंकने की बात कह कर स्वास्थ्य केंद्र में भरती हो गया. वहां से खुद को कन्नौज के एक अस्पताल में रेफर कराया, जहां से अपनी ससुराल फर्रुखाबाद आ गया.
अपने ऊपर हमले की झूठी अफवाह फैलाई. पुलिस को उस की यह कहानी समझ नहीं आई थी. कल्पना के घर वालों को फंसाने में वह कामयाब होता, इस से पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने अजब सिंह को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया. इस प्रकार 2 निर्दोष भाई जेल जाने से बच गए. कल्पना ने एक बालबच्चेदार व्यक्ति से मोहब्बत कर जो भूल की थी, उस का खामियाजा उसे अपनी जान दे कर चुकाना पड़ा.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित