वह 12-13 मई, 2019 की रात थी. समय रात के डेढ़ बजे. गांवों में यह समय ऐसा होता है, जब लोग गहरी नींद सोए होते हैं. लेकिन उस रात गांव तिंदौली में काफी लोग जाग रहे थे. वजह थी, तिंदौली गांव के निवासी सीताराम कोरी की बेटी पिंकी और गांव महुलहरा के रहने वाले रामदुलार के बेटे सुरेंद्र की शादी. बीती शाम को ही सुरेंद्र की बारात तिंदौली आई थी, जिस का धूमधाम से स्वागत हुआ था.

शादी की रात दूल्हे दुलहन की आखों से नींद उड़ जाती है. दिलों में मिलन की चाह होती है, भविष्य के सपने बुने जाते हैं. लेकिन पिंकी और सुरेंद्र के पास उस वक्त सोचने, कल्पना करने या रोमांटिक होने का समय नहीं था. दोनों शादी की रस्मों में व्यस्त थे.

ज्यादातर रस्में हो चुकी थीं. उस वक्त लावा मांगने की रस्म की तैयारी चल रही थी. तभी मंडप के पास बैठे दूल्हे सुरेंद्र को लघुशंका आई तो उस ने पास बैठे एक दोस्त के कान में कुछ कहा और उस के साथ पास के खेत में चला गया. वह खेत गांव के भोला सिंह का था. उस का साथी खेत के बाहर खड़ा रहा.

सुरेंद्र ने खेत में 3 लोगों को बैठे देखा. लेकिन वह यह सोच कर आगे बढ़ गया कि घराती होंगे. उसी समय उन तीनों ने सुरेंद्र को दबोच लिया और एक युवक उस के पेट पर कैंची से वार करने लगा. दूल्हे सुरेंद्र के साथ आए उस के दोस्त ने उसे बचाने की कोशिश की तो शेष 2 युवकों ने उसे पकड़ लिया. उन्होंने उस का मुंह दबा लिया ताकि वह चीख न सके. सुरेंद्र को मरणासन्न स्थिति में पहुंचा कर तीनों लोग भाग गए. उन के जाने पर सुरेंद्र के दोस्त ने शोर मचाया.

शोर सुन कर लोग खेतों की ओर दौड़े. उन्होंने सुरेंद्र की हालत देखी तो सन्न रह गए. आननफानन में रक्तरंजित सुरेंद्र को खंडासा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन डाक्टरों ने उसे देख कर मृत घोषित कर दिया. सुरेंद्र के पिता रामदुलार कोरी बेटे की लाश से लिपट कर रोने लगे.

वह बेटे को ब्याह कर बहू ले जाने के लिए आए थे, लेकिन अब उन्हें बेटे की रक्तरंजित लाश घर ले जानी थी. उस समय तक यह बात उन के गांव तिंदौली पहुंच गई थी और वहां गांव भर में मातम का माहौल छा गया था. बहू आने की आस लगाए बैठीं औरतों के चीत्कार से गांव के कणकण में उदासी छा गई थी.

उधर तिंदौली के ग्रामप्रधान कल्लू सिंह ने घटना की सूचना थाना कुमारगंज को दे दी थी. सूचना मिलते ही कुमारगंज के थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ तिंदौली पहुंच गए. सूचना मिलने पर सीओ मिल्कीपुर रुचि गुप्ता, सीओ सदर वीरेंद्र विक्रम पुलिस टीमों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. दरअसल, कत्ल दूल्हे का हुआ था वह भी ससुराल में. ऐसे में स्थिति बिगड़ने की आशंका थी.

गांवों में अच्छी हो या बुरी, बातें ढकीछिपी नहीं रहतीं. इस मामले में भी सुरेंद्र का कत्ल करने वाले तीनों युवकों के नाम उजागर हो गए. इन में एक कामाख्या उर्फ लड्डू था, दूसरा पिंटू पासी था और तीसरा संदीप पासी. तीनों तिंदौली के ही रहने वाले थे. पुलिस ने मृतक के पिता रामदुलार की तहरीर पर तीनों के खिलाफ भादंवि की धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज कर लिया. पुलिस की टीमें उन तीनों की तलाश में लग गईं.

पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश शुरू हुई तो कामाख्या उर्फ लड्डू कोरी और पिंटू पासी को तिंदौली गांव से ही गिरफ्तार कर लिया गया. घटना के बाद दोनों गांव में ही छिप गए थे. इन का इरादा था कि माहौल ठंडा होने पर दोनों कहीं भाग जाएंगे.

जब इन दोनों को पुलिस ने पकड़ा तब दोनों के कपड़े खून से लथपथ थे. कामाख्या की निशानदेही पर बांस के एक कोठ से हत्या में इस्तेमाल कैंची बरामद कर ली गई.

पुलिस ने जब कामाख्या उर्फ लड्डू कोरी से हत्या का कारण जानना चाहा तो उस ने पिंकी से प्रेम करने की बात स्वीकारते हुए बताया कि वह उस से प्रेम करता था, जिस के लिए वह अपनी जान दे भी सकता था और किसी की जान ले भी सकता था.

जब उस से पूछा गया कि क्या पिंकी भी उस से प्यार करती थी तो वह कोई जवाब देने के बजाए सिर झुका कर खड़ा हो गया. सुरेंद्र की हत्या की वजह उस ने यह बताई कि वह अपने प्यार को किसी और के हाथों में जाते नहीं देख सकता था. जबकि इस संदर्भ में सीओ मिल्कीपुर रुचि गुप्ता का कहना था कि कामाख्या युवती से प्रेम करता था, जिस की शादी को ले कर वह नाराज था.

पूछताछ में पिंकी ने कामाख्या से प्रेमसंबंध न होने की बात कही. पिंकी के अनुसार, कामाख्या आतेजाते समय उसे घूर कर देखा करता था. कई बार उस ने उस का रास्ता भी रोकने की कोशिश की थी, लेकिन किसी को आते देख वह रास्ते से हट जाता था.

लोकलाज से पिंकी ने यह बात किसी को नहीं बताई थी. उस ने खुद भी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया था. उसे डर था कि इसे ले कर गांव में शोर मचा तो उस की और परिवार की बेवजह परेशानी बढ़ जाएगी और बदनामी भी होगी. उसे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि जिस बात को वह हलके में ले रही है, वही आगे जा कर उस के लिए इतनी घातक साबित होगी.

दूल्हे सुरेंद्र की हत्या के मामले में फरार चल रहे नामजद तीसरे अभियुक्त संदीप पासी उर्फ बिट्टू को पुलिस ने 16 मई को इलाके के संगम ढाबा हलियापुर से गिरफ्तार कर लिया. वह कहीं भागने की फिराक में था.

पकड़े गए अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि उन की सुरेंद्र से कोई रंजिश नहीं थी. उन्होंने जो भी किया, वह कामाख्या के कहने पर किया. उन्हें इस बात का आभास भी नहीं था कि कामाख्या सुरेंद्र की कैंची से गोद कर हत्या करने की तैयार से आया है. पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में अयोध्या जेल भेज दिया गया.

बहरहाल हत्या के पीछे जो भी सच्चाई रही हो, अभियुक्तों की जो भी स्वीकारोक्ति रही हो, लेकिन हकीकत पर गौर करें तो इस एकतरफा प्यार में एक सीधेसादे युवक की मौत ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं.

कहानी सौजन्यसत्यकथा,  जुलाई 2019

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...