सरदार हरविंदर सिंह और उन के परिवार के अन्य लोग 27 फरवरी, 2019 को दिल्ली एयरपोर्ट पर आस्ट्रेलिया से आने वाली फ्लाइट का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. क्योंकि उस दिन सरदार हरविंदर सिंह की चहेती बेटी रवनीत कौर शादी के बाद पहली बार आस्ट्रेलिया से इंडिया आ रही थी. शादी के बाद से ही रवनीत अपने पति जसप्रीत सिंह के साथ आस्टे्रलिया जा कर बस गई थी. उस की एक 4 साल की बेटी नवसीरत कौर भी उस के साथ आ रही थी. उस का जन्म भी आस्टे्रलिया में ही हुआ था.
रवनीत के आने की खुशी में उस के मायके और ससुराल वालों ने स्वागत की पूरी तैयारियां कर रखी थीं. अपने निर्धारित समय पर प्लेन ने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड किया और पंजाब से आया यह काफिला रवनीत और उस की बेटी को दिल्ली से ले कर सेक्टर-47 चंडीगढ़ की ओर रवाना हो गया. रवनीत उस समय करीब 5 महीने की गर्भवती थी.
रवनीत कौर की ससुराल चंडीगढ़ में ही थी. इसलिए उस का पहला हक ससुराल जाने का ही बनता था. बहरहाल रवनीत के आने की खुशी में ससुराल में जश्न मनाया गया, अगले दिन बाहर से आए सभी रिश्तेदार अपनेअपने घरों को लौट गए थे. रवनीत के पिता हरविंदर सिंह भी अपनी पत्नी और बेटे के साथ अपने गांव चले गए थे. यह बात 28 फरवरी, 2019 की है.
सरदार हरविंदर सिंह पंजाब के जिला फिरोजपुर के गांव बग्गे के पीपल के निवासी थे. यह गांव फिरोजपुर से करीब 8 किलोमीटर दूर है. हरविंदर सिंह बेहद शरीफ और मिलनसार इंसान थे. वह गांव बग्गे के पीपल की कोऔपरेटिव सोसाइटी के सेक्रेटरी भी थे.
उन के पास रुपएपैसे की कमी नहीं थी. उन के पास कई एकड़ उपजाऊ भूमि भी थी. परिवार में पत्नी के अलावा उन के 2 बच्चे थे. बड़ी बेटी रवनीत कौर और बेटा जश्नीत सिंह. दोनों की वह शादी कर चुके थे.
हरविंदर सिंह ने लगभग 6 साल पहले रवनीत की शादी चंडीगढ़ निवासी रावल सिंह के बेटे जसप्रीत सिंह के साथ की थी. जसप्रीत आस्टे्रलिया में रहता था. वहां उस का होटल का व्यवसाय था. शादी के कुछ महीने बाद जसप्रीत ने रवनीत को भी अपने पास आस्टे्रलिया बुला लिया. बाद में वे दोनों वहां के स्थाई नागरिक बन गए थे.
शादी के 2 साल बाद रवनीत ने एक बेटी को जन्म दिया जिस का नाम नवसीरत रखा गया. सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. पतिपत्नी के अलावा दोनों के परिवार भी आपस में बहुत खुश थे.
रवनीत को आस्टे्रलिया से आए 15 दिन हो चुके थे और वह अपनी ससुराल चंडीगढ़ में ही थी. रवनीत के पिता सरदार हरविंदर ने एक दिन अपने बेटे से कहा, ‘‘पुत्तर रवनीश को आए 15 दिन हो गए हैं. हम चाहते हैं कि उसे तुम बुला लाओ जिस से वह कुछ दिन यहां रह सके.’’
‘‘जी पापाजी, मैं आज ही चंडीगढ़ जा कर रवनीत को ले आता हूं.’’ जश्नीत ने कहा और वह उसी दिन चंडीगढ़ में बहन की ससुराल जा कर उसे अपने साथ लिवा लाया. मायके में आ कर रवनीत की खुशी और बढ़ गई. अपने मातापिता और बचपन की सहेलियों से मिल कर वह बहुत खुश हुई. रवनीत के आने से केवल हरविंदर के परिवार वाले ही नहीं बल्कि गांव में उस के जानने वाले भी खुश थे.
14 मार्च, 2019 की बात है. वक्त करीब 11 बजे का होगा. रवनीत के घर के सभी लोग बैठक में बैठे आपस में हंसीमजाक कर रहे थे कि उसी समय रवनीत के मोबाइल पर आस्ट्रेलिया से उस के पति जसप्रीत की वीडियो काल आई. रवनीत परिवार वालों से बात करना छोड़ कर पति से बातें करने लगी.
फोन पर न जाने कैसी बातें चल रही थीं कि उसे इस बात का अंदेशा ही नहीं रहा कि वह फोन पर बात करतेकरते अपने घर से बाहर निकल आई और अपने पिता के खेतों की ओर चल दी.
वह वहां घूमते हुए पति से बातें करने में मशगूल थी. वहीं खेतों के पास एक कार खड़ी थी. उस कार के नजदीक 2 लोग भी मौजूद थे. फोन पर बातें करते हुए रवनीत जैसे ही उस कार के पास पहुंची तो दोनों लोगों ने रवनीत को उठा कर कार में डाला और वहां से फरार हो गए.
यह नजारा दूर खेत में काम करते केवल एक आदमी ने देखा था. इधर जब आधे घंटे से भी ज्यादा समय हो गया और रवनीत फोन पर बातें कर के घर में नहीं लौटी तो परिजनों को चिंता हुई कि आखिर फोन पर बातें करते हुए वह कहां चली गई.
सब ने उस की तलाश शुरू कर दी, इस बीच जिस व्यक्ति ने रवनीत को कार में ले जाते देखा था, उस ने आ कर पूरी बात सरदार हरविंदर सिंह को बताई तो सब के पैरों तले से जमीन खिसक गई.
आखिर वो कौन लोग थे जो रवनीत को जबरदस्ती उठा कर ले गए थे. सीधी सी बात यह थी कि वह लोग रवनीत का अपहरण कर के ले गए थे. यह बात कुछ ही देर में पूरे गांव में फैल गई. इस के बाद तो पूरा गांव रवनीत की तलाश में जुट गया. पर न तो कार मिली और न ही रवनीत का कोई पता चला. अंत में सभी गांववासी इकट्ठे हो कर थाना फिरोजपुर पहुंचे.
सरदार हरविंदर सिंह ने एसएचओ गुरचरण सिंह को बेटी के अपहरण होने की सारी बात विस्तार से बता दी. सरदार हरविंदर सिंह की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ रवनीत के अपहरण का मामला दर्ज कर उस की तलाश शुरू कर दी थी.
क्योंकि मामला एक ऊंचे रसूखदार और जमींदार की एनआरआई बेटी से जुड़ा था. इसलिए एसएचओ गुरचरण सिंह ने इस घटना की सूचना अपने उच्चाधिकारियों को भी दे दी. सूचना मिलते ही एसएसपी संदीप गोयल, एसपी बलजीत सिंह सिद्धू क्राइम टीम के साथ मौके पर पहुंच गए.
एसएसपी के निर्देश पर शहर के बाहर जाने वाली सभी सड़कों पर नाकेबंदी कर दी गई थी. एकएक गाड़ी की तलाशी ली जाने लगी पर कोई फायदा नहीं हुआ. शायद अपहर्त्ता पुलिस की नाकेबंदी से पहले ही सीमा पार कर चुके थे. फिर भी पुलिस ने रवनीत का फोटो जिले के सभी थानों में भेजवा दिया था.
रवनीत को अगवा हुए 24 घंटे से भी ज्यादा बीत चुके थे पर अभी तक पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा था. पुलिस मामले में लापरवाही बरत रही थी. तब परिजन और गांव वाले रवनीत की तलाश के लिए एसएसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. कई दिनों तक चले इस आंदोलन के बाद एसएसपी ने धरने पर बैठे लोगों को भरोसा दिया कि पुलिस बहुत जल्दी केस का खुलासा कर देगी. तब कहीं जा कर 19 मार्च, 2019 को उन्होंने धरना खत्म किया.
एसएसपी ने एसपी बलजीत सिंह की निगरानी में एक टीम गठित की. पुलिस ने हरविंदर सिंह से बात करने के बाद कुछ लोगों के फोन सर्विलांस में लगा दिए थे तथा रवनीत के पति जसप्रीत सिंह और अन्य लोगों के फोन नंबरों की काल डिटेल्स निकलवा ली थी. 19 मार्च को ही पुलिस को जानकारी मिली क कुछ लोग कार से एक महिला की लाश भाखड़ा नहर में फेंक कर फरार हो गए थे.
पुलिस ने इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए भाखड़ा नहर में दूरदूर तक जाल डलवा दिया. पुलिस की यह कोशिश रंग लाई और एक महिला की लाश नहर से बरामद कर ली. जिस की पुष्टि रवनीत कौर के रूप में हुई. जरूरी काररवाई कर पुलिस ने लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी.
एसपी बलजीत सिंह के नेतृत्व में गठित टीम इस मामले की जांच कर रही थी. पुलिस टीम ने पीडि़त परिवार द्वारा दी गई कुछ जानकारी के अधार पर जांच आगे बढ़ाई तो सफलता मिल गई.
दरअसल रवनीत के अपहरण के बाद हरविंदर सिंह ने यह खबर आस्टे्रलिया में अपने दामाद जसप्रीत सिंह को दे कर फौरन इंडिया आने के लिए कहा था पर वह हर बार टालमटोल करता रहा. कभी कहता कि अभी वीजा नहीं मिल रहा है तो कभी कोई और बहाना बना देता.
जब हरविंदर सिंह ने आस्ट्रेलिया एंबेसी से संपर्क किया तो पता चला कि जसप्रीत ने वीजा एप्लाई किया ही नहीं है. इन सब बातों से हरविंदर और अन्य रिश्तेदारों को शक हुआ कि ऐसी क्या मजबूरी है जो बीवी का अपहरण हो जाने की खबर मिलने के बाद भी जसप्रीत सिंह आराम से अपने घर बैठा रहा. उन्होंने अपने तौर पर जांच पड़ताल शुरू की.
इधर पुलिस ने भी अपने मुखबिरों का जाल बिछा रखा था. और साइबर क्राइम की टीम ने शक की सुई का रुख सीधा आस्टे्रलिया की तरफ मोड़ दिया था. आस्ट्रेलिया से जसप्रीत की इंडिया में पत्नी के अलावा और जिस नंबर पर ज्यादा बातें होती थीं, वह नंबर पटियाला के समाना की तरनजीत कौर का था. तरनजीत कौर के अलावा एक नंबर संदीप सिंह का भी था. संदीप सिलवर सिटी समाना का निवासी था.
इन दोनों नंबरों पर जसप्रीत की घंटों बातें होती थीं. इस मामले को हल करने के लिए पुलिस ने कई पहलुओं पर जांच शुरू कर दी थी. पुलिस ने यह पता लगाया कि जिस दिन रवनीत कौर के पास उस के पति जसप्रीत सिंह का आस्टे्रलिया से फोन आया था उस दिन जसप्रीत ने किनकिन लोगों से बात की थी.
पुलिस ने सभी के फोन नंबरों की लोकेशन टे्रस की इसी जांच के सहारे पुलिस समाना की रहने वाली तरनजीत कौर तक पहुंच ही गई.
पुलिस ने तरनजीत कौर को 24 मार्च, 2019 को हिरासत में ले कर पूछताछ शुरू कर दी. तरनजीत कौर को पकड़ने से पहले पुलिस ने आरोपितों की आपस में हो रही टेलीफोन पर बातचीत व उन की एक्टिविटी पर नजर रखी.
पूछताछ में तरणजीत कौर ने कई खुलासे किए, जिस से तरनजीत कौर की निशानदेही पर ही पुलिस को रवनीत का शव बरामद करने के साथ मामले का खुलासा करने में बड़ी सफलता मिल गई थी.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जसप्रीत सिंह ने अपनी प्रेमिका किरणजीत कौर के साथ मिल कर अपनी पत्नी रवनीत कौर की हत्या करवाई थी. इस में किरणजीत की बहन तरनजीत कौर और संदीप सिंह नामक युवक ने साथ दिया था. संदीप सिंह तरनजीत कौर की बुआ का बेटा है. पुलिस ने तरनजीत को कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया.
पूछताछ में तरनजीत की निशानदेही पर उस की बुआ के बेटे संदीप सिंह को भी 26 मार्च को गिरफ्तार कर लिया.
रिमांड के दौरान पूछताछ में यह बात सामने आई कि जसप्रीत सिंह के शादी से पहले से ही किरणजीत कौर के साथ अवैध संबंध थे. जसप्रीत सिंह और किरणजीत कौर ने आस्टे्रलिया से कनाडा भाग कर कथित तौर पर शादी कर ली थी. किरणजीत कौर वहां किसी अस्पताल में नर्स की नौकरी करती है और जसप्रीत सिंह एक रेस्टोरेंट में काम करता था. दोनों के बीच संबंध होने के कारण ही रवनीत कौर को ठिकाने लगाया गया था.
अवैध संबंधों में बाधा बन रही पत्नी को रास्ते से हटाने के लिए ही जसप्रीत ने प्रेमिका किरणजीत के साथ मिल कर आस्टे्रलिया में ही रवनीत की हत्या की साजिश रची थी. पत्नी रवनीत के भारत पहुंचने के कुछ दिन बाद उस ने प्रेमिका किरण को भी आस्ट्रेलिया से भारत भेज दिया था.
इस के बाद उस ने प्रेमिका के रिश्तेदारों की मदद से पत्नी की हत्या करवा दी. हत्या के अगले ही दिन किरणजीत कौर सिंगापुर के रास्ते वापस आस्टे्रलिया लौट गई थी.
एनआरआई महिला रवनीत कौर की हत्या के आरोप में फिरोजपुर पुलिस ने पटियाला जिले की समाना निवासी तरनजीत कौर व उस के रिश्तेदार संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने रवनीत कौर की हत्या 14 मार्च को उस के अगवा करने के कुछ देर बाद उसी दिन समाना में ले जा कर कर दी थी. इस के बाद शिनाख्त मिटाने के लिए शव को भाखड़ा नहर में फेंक दिया था. जिसे फिरोजपुर पुलिस ने बरामद कर लिया था.
जसप्रीत सिंह ने अपनी जिस प्रेमिका के लिए पत्नी रवनीत कौर की हत्या करवा दी. वह पहले से ही शादीशुदा है. हत्याकांड को अंजाम देने व सबूत मिटाने में संदीप सिंह शामिल रहा.
एनआरआई महिला रवनीत कौर की हत्या कैसे की गई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. बताया जाता है कि मृतका रवनीत कौर 5 महीने की गर्भवती थी. रवनीत कौर की हत्या में शामिल 2 एनआरआई सहित 4 जनों के खिलाफ मामला दर्ज कर काररवाई शुरू कर दी.
पुलिस ने एनआरआई जसप्रीत सिंह, किरणजीत कौर, तरनजीत कौर और संदीप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर एनआरआई जसप्रीत सिंह और किरणजीत कौर को विदेश से मंगवाने के लिए भी कानूनी काररवाई शुरू कर दी. जबकि तरनजीत और संदीप सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. वारदात में प्रयुक्त सफेद रंग की बीट कार नंबर एचआर51एजी-5522 भी बरामद कर ली गई.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित
सौजन्य- सत्यकथा, जुलाई 2019