सुबह के यही कोई 7 बजे थे, तभी धार जिले के अमझेरा थानाप्रभारी रतनलाल मीणा को थाना इलाके में एक युवक द्वारा आत्महत्या करने की खबर मिली.  सूचना पाते ही टीआई मीणा के निर्देश पर एसआई राजेश सिंघाड पुलिस टीम को ले कर मौके पर पहुंच गए, जहां कमरे की छत पर लगभग 28 वर्षीय अजय भायल की लाश  छत में लगे कुंदे के सहारे फांसी पर लटकी थी.

घटना के समय घर में अजय की पत्नी मंजू मौजूद थी, जिस ने शुरुआती पूछताछ में बताया कि रात को हम दोनों खाना खा कर अपने बिस्तर पर सो गए थे. जिस के बाद सुबह उठ कर उस ने पति को फांसी पर लटका देखा तो उस ने लोगों को घटना की जानकारी दी.

एसआई सिंघाड को मंजू के हावभाव कुछ अजीब लगे. क्योंकि मंजू बेबाक हो कर घटना की जानकारी दे रही थी. जबकि एक जवान पति के मरने के बाद किसी भी औरत का इस तरह बात करना असंभव था. वह भी तब जब उस के पति का शव उस के सामने फांसी के फंदे पर झूल रहा हो. एसआई राजेश सिंघाड ने यह बात अपने ध्यान में नोट कर शव को फंदे से उतारा. उन्होंने पूरी स्थिति से टीआई रतनलाल मीणा को अवगत कराया. शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने से पहले उन्होंने पूरे घर की अच्छी तरह से तलाशी ली, पर वहां कहीं भी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. यह बात 26 अगस्त, 2020 की है.

यह आत्महत्या है या अजय की हत्या की गई है, यह तय करने के लिए पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार था. तब तक मामला संदिग्ध था. इस दौरान प्रारंभिक पूछताछ में अजय के घर वालों ने अपने बेटे की मौत को हत्या  बताते हुए उस की पत्नी मंजू पर शक जाहिर किया.

उन का कहना था कि मंजू का चालचलन ठीक नहीं था, जिस के कारण पतिपत्नी में आए दिन झगड़ा होता रहता था. इतना ही नहीं, जिस रात अजय का शव फांसी पर लटका मिला उस रात भी उस की पत्नी और अजय के बीच झगड़ा होने की बात पुलिस की जानकारी में आई, मगर मंजू ने इस बात से इनकार कर दिया.

उस का कहना था कि उस के पति कई दिनों से परेशान रहने लगे थे. मैं ने उन से परेशानी का कारण भी जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं बताया.

जांच अधिकारी एसआई राजेश सिंघाड ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले ही जांच कर पता कर लिया था कि मृतक अजय और उस की पत्नी दोनों न केवल शराब पीने के शौकीन थे, बल्कि गांव में अवैध रूप से शराब का धंधा भी करते थे.

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जाहिर सी बात है जहां शराब का धंधा होता हो, वहां लड़ाईझगड़ा होना कोई अजूबा नहीं है. इसलिए दोनों के झगडे़ पर कोई ध्यान नहीं देता था.

इस बीच पुलिस को अजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई, जिस में साफ बताया गया कि अजय की मौत फांसी लगने के पहले ही हो चुकी थी. बात साफ थी कि उस की हत्या करने के बाद उसे आत्महत्या साबित करने की गरज से फांसी पर लटकाया गया था.

चूंकि अजय का शव घर के अंदर मिला था और रात में उस की 25 वर्षीय बेहद खूबसूरत पत्नी मंजू उस के साथ में थी. इसलिए टीआई मीणा जानते थे कि यह संभव नहीं है कि पत्नी घर में सोती रहे और कोई बाहर से आ कर पति की हत्या कर के चला जाए.

इसलिए उन के निर्देश पर जांच अधिकारी एसआई सिंघाड ने मृतक की पत्नी मंजू से बारबार पूछताछ की, जिस में एक समय ऐसा आया कि वह खुद अपने बयानों में उलझ गई, जिस से उस ने अपने 2 प्रेमियों मनोहर और सावन निवासी राजपुरा के साथ मिल कर पति की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली.

पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर छापे मार कर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया, जिस के बाद अपने दोनों प्रेमियों के साथ मिल कर हत्या कर दिए जाने की कहानी इस प्रकार से सामने आई.

अजय मध्य प्रदेश के जिला धार के गांव नालापुरा में अपनी पत्नी मंजू के साथ रहता था. अजय के पास आय का कोई साधन नहीं था. इसलिए अजय ने घर पर छोटीमोटी किराने की दुकान खोल रखी थी, जिस से उस का मुश्किल से ही गुजारा हो पाता था.

अजय की पत्नी मंजू जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही दिमाग से तेज भी थी इसलिए उस ने अजय को सलाह दी कि अकेला गुड़, तेल बेचने से उन की दालरोटी नहीं चलने वाली, इसलिए हम किराने की ओट में शहर से शराब ला कर बेचना शुरू कर देते हैं, जिस से काफी कमाई हो सकती है. इस काम में अजय ने पुलिस का डर होने की बात कही तो मंजू ने कहा कि यह बात तुम मुझ पर छोड़ दो.

अजय पत्नी की बात पर राजी हो गया, जिस से उस ने शहर से शराब ला कर दुकान में रख कर बेचनी शुरू कर दी थी. कहना नहीं होगा कि शराब पीने वाले रेट के चक्कर में नहीं पड़ते, इसलिए गांव के शौकीन लोग मंजू से मुंहमांगे दाम पर शराब खरीदने लगे.

गांव का संपन्न किसान मनोहर पडियार भी शराब का शौकीन था. इसलिए जब उसे पता चला कि मंजू और अजय गांव में शराब बेचने लगे हैं, तब से मनोहर ने शहर से शराब खरीदनी ही बंद कर दी.

मंजू जानती थी कि शराब के शौकीन मजबूरी में ही महंगी शराब उस से खरीदते हैं, वरना लोग शहर से ही अपने लिए शराब खरीद कर लाते थे. लेकिन मनोहर उस का रोज का ग्राहक था. इसलिए एक दिन मंजू ने मनोहर से पूछ लिया, ‘‘अब शहर से शराब खरीद कर नहीं लाते क्या?’’

‘‘मेरा यहां रोजरोज आना तुम्हें अच्छा नहीं लगता क्या?’’ मनोहर ने उलटा उसी से सवाल कर दिया.

‘‘नहीं, यह बात नहीं है, बस ऐसे ही पूछ लिया.’’ वह बोली.

‘‘अब पूछ लिया है तो कारण भी सुन लो. तुम जिस बोतल को हाथ लगा देती हो न, उस बोतल का नशा और भी बढ़ जाता है. इसलिए मुझे तुम्हारे यहां की शराब अच्छी लगती है.’’  मनोहर ने मंजू की प्रशंसा करते हुए कहा.

‘‘ऐसा है क्या?’’ मनोहर की बात सुन कर मंजू ने मुसकराते हुए बोली.

‘‘हां, क्योंकि तुम्हारे छू भर लेने से शराब में तुम्हारा नशा भी घुल जाता है.’’ मनोहर ने मुसकराते हुए कहा और शराब की बोतल पकड़ते समय मंजू की अंगुलियां दबा दीं.

मंजू बच्ची तो थी नहीं, जो इस का मतलब न समझती हो. लेकिन वह अपने रोज के ग्राहक को नाराज नहीं करना चाहती थी, इसलिए मुसकराते हुए बोली, ‘‘क्या बात है मनोहर बाबू, आज पीने से पहले ही चढ़ गई क्या?’’

‘‘हां, तुम से चार बातें जो हो गईं.’’ मनोहर ने उस से कहा और अपनी बोतल ले कर चला गया.

उस दिन के बाद से मनोहर और मंजू के बीच अनकहे तौर पर नजदीकी बढ़ने लगी. जिस से कुछ दिनों बात मनोहर मंजू के घर में ही बैठ कर शराब पीने लगा.

मंजू भी शराब पीने की शौकीन थी, सो एक दिन वह भी मनोहर के साथ पेग से पेग भिड़ाने लगी. जिस के चलते शराब के नशे में दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए.

मंजू खूबसूरत और जवान थी. मनोहर को उस की जरूरत थी और मंजू को मनोहर के पैसों की. इसलिए मनोहर उस पर पैसे लुटाते हुए लगभग रोज ही मंजू के साथ उस वक्त समय बिताने लगा, जब उस का पति अजय दुकान का सामान लेने शहर गया होता था.

राजपुरा गांव का रहने वाला सावन हेयर कटिंग सैलून चलाता था. वह शराब का शौकीन भी था और मनोहर का दोस्त भी. इसलिए कभीकभार वह मनोहर के साथ मंजू के यहां शराब पीने चला जाया करता था.

इस दौरान वह जल्दी ही समझ गया कि मनोहर और मंजू के बीच शारीरिक संबंध भी हैं तो मौके का फायदा उठा कर उस ने मनोहर से कहा कि वह उसे भी मंजू संग सोने का मौका दिलवा दे.

मनोहर ने मंजू से सावन को एक बार खुश करने को कहा तो मंजू थोड़ी नानुकुर के बाद मान गई. लेकिन इस के बाद कुछ ऐसा हुआ कि मनोहर के अलावा सावन के साथ भी मंजू के स्थाई अवैध संबंध बन गए.

चूंकि मनोहर और सावन दोनों दोस्त थे और साथ में ही शराब पीया करते थे, इस कारण कई बार वे दोनों एक साथ मंजू के संग अय्याशी कर चुके थे. लेकिन कोरोना के कारण देश में लौकडाउन लग जाने से अजय का सामान खरीदने के लिए शहर जाना बंद हो गया. दूसरा उस के पास शराब का स्टौक भी खत्म हो गया.

इस से अजय और मंजू की कमाई पर ब्रेक तो लगा ही, साथ ही मंजू के संग मनोहर और सावन की अय्याशी पर भी ब्रेक लग गया. जिस से दोनों दोस्त मंजू से मिलने के लिए परेशान होने लगे. इस बीच एक दिन गांव में अपने दोस्तों के साथ अजय को ताश खेलते देख मनोहर और सावन मंजू के घर पहुंच गए और एक साथ मंजू के संग वासना का खेल खेलने लग गए. इसी बीच अजय के घर आ जाने से तीनों रंगेहाथ पकड़े गए.

पत्नी को अय्याशी का घिनौना खेल खेलते देख अजय पागल हो कर गुस्से में उस की पिटाई करने लगा. जिस के बाद तो यह आए दिन का काम होने लगा. अजय बातबात पर उस की अय्याशी का ताना दे कर उसे पीटने लगा. इस से मंजू तंग आ गई. उस ने यह बात अपने प्रेमियों को बताई तो वे अजय के साथ रंजिश रखने लगे.

इस दौरान लौकडाउन फिर से हट जाने से मंजू अवैध शराब बेचने लगी, मनोहर शराब लेने उस की दुकान पर अभी भी जाया करता था. लेकिन अब पहले जैसी अय्याशी संभव नहीं थी. इसलिए मनोहर और सावन दोनों ही अजय को रास्ते से हटाने की सोचने लगे थे.

आरोपियों ने बताया कि घटना की रात अजय फिर मंजू को उस के अवैध संबंध को ले कर उस के साथ मारपीट कर रहा था. इस बात की जानकारी मंजू ने मनोहर को फोन पर दी तो मनोहर सावन को ले कर मंजू के घर पहुंच गया. जहां उस ने अजय को समझाबुझा कर अपने साथ शराब पीने को राजी कर लिया.

इस के बाद उस ने अजय से ही खरीद कर उसे खूब शराब पिलाई और जब उस ने देखा कि पर्याप्त नशा हो गया है तो सावन, मंजू और मनोहर तीनों ने मिल कर गला दबा कर अजय की हत्या कर दी. उस के बाद लाश को फांसी पर लटका दिया ताकि पुलिस समझे कि उस ने आत्महत्या की है.

लेकिन टीआई रतनलाल मीणा के नेतृत्व में एसआई राजेश सिंघाड की सटीक जांच से तीनों आरोपी हफ्ते भर में ही कानून की गिरफ्त में आ गए.

मंजू के बारे में बताया जाता है कि पति की हत्या करने के बाद उसे कानून का जरा भी डर नहीं था. इसलिए दोनों प्रेमियों संग मिल कर पति की हत्या के बाद उस के शव को फंदे पर लटका कर दोनों प्रेमियों संग मस्ती करते हुए शराब पीने के बाद खाना भी खाया और फिर जिस कमरे में पति की लाश लटकी थी, उसी कमरे में सो गई थी.

उस ने पुलिस को बताया कि सुबह उठने के बाद उस ने मोहल्ले वालों को बुला कर पति द्वारा आत्महत्या करने की बाद बताई.

पुलिस ने मंजू और उस के दोनों प्रेमियों मनोहर व सावन को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

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