छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का एक छोटा सा नगर है अभनपुर. यहां अशोक कुमार साहू वार्ड नंबर 15, बड़े उरला में अपने छोटे से परिवार के साथ रहते थे. वह 31 जुलाई, 2021 सुबह घर के निकट स्थित एटीएम में जा कर कुछ पैसे निकालने लगे. और जब उन के हाथ में परची आई तो वह दंग रह गए. उन्होंने देखा कि उन के अकाउंट में लगभग 65 लाख रुपए की रकम की जगह सिर्फ एक लाख रुपए ही शेष बचे हुए हैं.
उन्होंने परची को फिर गौर से देखा और घबरा कर इधरउधर देखने लगे. उन के हिसाब से उन के भारतीय स्टेट बैंक अभनपुर के अकाउंट में लगभग 65 लाख रुपए की रकम होनी चाहिए थी मगर परची में तो एक लाख बैलेंस दिखा रहा था. वह पसीनापसीना हो गए. जल्दीजल्दी घर पहुंचे और छोटे बेटे राजेश को आवाज दी, ‘‘बेटा आओ, देखो तो यह क्या है?’’
उन का बड़ा बेटा किशोर साहू का हाल ही में कोरोना से संक्रमित हो कर निधन हो गया था. अब पतिपत्नी और बेटे राजेश व उस की पत्नी और एक बच्चा ही उन का परिवार था. राजेश ने पिता की आवाज सुनी तो पास आ गया और पूछा, ‘‘क्या हो गया है पापा?’’
घबराए पसीने से लथपथ अशोक कुमार साहू ने परची बेटे राजेश को देते हुए कहा, ‘‘बेटा, देखो. बैंक में कुछ गड़बड़ हो गई है, देखो, इस में तो एक लाख रुपए के आसपास ही बैलेंस बता रहा है, लगता है हम बरबाद हो गए.’’
राजेश ने परची को गौर से देखा तो वह भी आश्चर्यचकित रह गया. मगर उस ने पिता को धैर्य बंधाते हुए कहा, ‘‘कभीकभी बैंक में कोई गलती हो जाती है, मैं बैंक जा कर के पता कर आता हूं कि मामला क्या है.’’
‘‘हांहां बेटा, तुम चले जाओ. बल्कि रुको, मैं भी साथ चलता हूं. मुझे जब तक इस का सच पता नहीं चलेगा, मुझे चैन ही नहीं आएगा, चलो मैं चलता हूं.’’
राजेश साहू अपने पिता अशोक कुमार साहू जोकि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल में पर्यवेक्षक औडिटर के रूप में लगभग 40 साल की नौकरी के बाद हाल ही में रिटायर हुए थे को ले कर के स्टेट बैंक औफ इंडिया की शाखा मेन रोड अभनपुर की ओर बढ़ चला. राजेश ने देखा पिता अभी भी बहुत घबराए हुए हैं. उस ने पिता को आश्वस्त किया, मगर अशोक कुमार साहू का पूरा ध्यान अपने बैंक अकाउंट को ले कर के चिंता में था.
वह यह नहीं समझ पा रहे थे कि इतने सारे रुपए होने के बाद जोकि सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अपने इसी अकाउंट में जमा करवा रखे थे, कहां गायब हो गए.
राजेश पिता के साथ जब बैंक पहुंचा और वहां बैंक मैनेजर से मिल कर एटीएम से निकली परची दिखा कर के बैंक बैलेंस की जानकारी ली, जवाब सुन कर तो मानो अशोक कुमार साहू और राजेश साहू को काठ मार गया.
मैनेजर एस.के. शर्मा ने उन्हें बताया कि आप के अकाउंट में अब लगभग एक लाख रुपए की राशि शेष है और लगभग 2 माह पहले 64 लाख रुपए से अधिक की राशि आप के एकाउंट में थी. इस बीच लगातार 2 लाख रुपए से ले कर के 50 हजार रुपए की राशि तक 25 दफा अलगअलग तारीखों को औनलाइन निकाली गई है.
उन्होंने राजेश साहू को स्टेटमेंट निकाल कर के हाथ में थमा दिया, जिस के अनुसार 63,33,439 रुपए उन के एकाउंट से छूमंतर हो चुके थे.
यह सब देखसमझ कर राजेश साहू हतप्रभ रह गया, वहीं अशोक कुमार साहू सिर पकड़ कर बैठ गए और रोआंसा हो कर के बैंक मैनेजर से बोले, ‘‘सर, हम ने कोई भी रुपया का लेनदेन नहीं किया है, मेरे अकाउंट से लाखों रुपए पता नहीं किस ने निकाल लिया है, मैं तो बरबाद हो गया. आप इस पर कुछ काररवाई करिए.’’
इस पर स्टेट बैंक मैनेजर ने विनम्रतापूर्वक कहा, ‘‘अगर आप को लगता है कि आप के साथ किसी ने गलत तरीके से बैंक से पैसे निकलवा लिए हैं तो अब आप के सामने एक ही विकल्प बचता है, आप हमें एक पत्र लिख कर दे दीजिए. और आज ही पुलिस में जा कर के अपनी कंप्लेंट करिए.’’
इस पर अशोक कुमार साहू भड़क गए और चिल्ला कर के कहने लगे, ‘‘यह कैसा बैंक है और कैसी व्यवस्था है. हम ने भी 40 साल विद्युत मंडल में नौकरी की है, मैं औडिटर था, मगर एक रुपए भी इधरउधर कभी नहीं होता था. और आज बैंक में मेरे लाखों रुपए किसी ने निकाल लिए और मुझे खबर भी नहीं हुई.’’
भारतीय स्टेट बैंक मैनेजर शर्मा ने उन्हें शांत करते हुए बैठाया पानी पिलाया और विनम्रतापूर्वक कहा, ‘‘साहूजी, अब जो हो गया, उस का रोना छोड़ कर आगे की सुध लीजिए.
आप चिंता बिल्कुल मत करिए अगर आप ने पैसे नहीं निकाले हैं तो आप के सारे पैसे यह समझिए कि सुरक्षित बैंक में रखे हुए हैं और जो भी कहीं चूक या गलती हुई है अथवा फ्रौड हुआ है तो पुलिस उन को पकड़ कर जेल में डाल देगी. आप बिल्कुल निश्चिंत रहिए.’’
सुन कर के अशोक कुमार साहू को ढांढस बंधाया और वे बेटे राजेश के साथ थाना अभनपुर पहुंचे, जहां अपने कक्ष में इंसपेक्टर बोधन साहू प्रतिदिन का कार्य संपादित कर रहे थे.
अशोक कुमार साहू और राजेश ने उन के कक्ष में अनुमति ले कर प्रवेश किया और सामने की कुरसियों पर बैठ गए. बोधन साहू ने बुजुर्गवार अशोक कुमार साहू की ओर देखा और कहा, ‘‘बताइए, आप लोगों का कैसे आना हुआ है?’’
इस पर राजेश साहू ने कहा, ‘‘सर, मेरा नाम राजेश कुमार साहू है और यह मेरे पिता अशोक कुमार साहू हैं जोकि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल में औडिटर के पद पर कार्यरत थे. मार्च 2021 में आप रिटायर हुए हैं. सेवानिवृत्ति के बाद लगभग 65 लाख रुपए स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा में इन्होंने जमा किए थे, जो अचानक गायब हो गए हैं. हम लोग अभी बैंक मैनेजर से भी मिले हैं और वहां अपनी कंप्लेंट लिखवाई है, हम आप के पास भी कंप्लेंट के लिए आए हुए हैं.’’
63 लाख रुपए के बड़ी रकम की ठगी की बात सुन कर के बोधन साहू के कान खड़े हो गए.
उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए अशोक कुमार साहू से कहा, ‘‘आप लोग सारी घटना एक कागज पर लिख कर के दीजिए. मैं एफआईआर दर्ज करवाता हूं. आप लोग निश्चिंत रहें. जल्द से जल्द आप अपराधियों को जेल की हवा खाते देखेंगे.’’
राजेश ने नगर निरीक्षक बोधन साहू के कक्ष में बैठेबैठे ही एक तहरीर लिखी और अपनी सारी स्थिति को अवगत कराते हुए पुलिस अधिकारियों से यह आग्रह किया कि इस मामले पर संज्ञान लिया जाए और अपराधियों को पकड़ लिया जाए.
अभनपुर थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद बोधन साहू ने अपने उच्च अधिकारी एडिशनल एसपी लखन पटले से बातचीत कर के उन्हें साइबर क्राइम की इस संपूर्ण घटना से अवगत कराया.
63 लाख रुपए गायब होने की खबर सुन कर लखन पटले ने उन्हें निर्देश दिया कि मामला अभनपुर पुलिस और साइबर क्राइम शाखा के साथ मिल कर के डिटेक्ट करें और बीचबीच में मेरे समक्ष प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
रायपुर पुलिस के एसएसपी अजय यादव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अभनपुर थाने के जांच अधिकारी बोधन साहू और साइबर क्राइम शाखा के वीरेंद्र चंद्रा को इस मामले की जांच का प्रभार देते हुए 12 सदस्यीय टीम बनाई, जिसे इस मामले को जल्द से जल्द हल करने का आदेश दिया गया.
अशोक कुमार साहू ने पुलिस को बताया कि 31 मार्च, 2021 को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के परीक्षण पर्यवेक्षक पद से रिटायर हुआ हूं. इसी दरमियान अप्रैल में बड़े बेटे किशोर कुमार साहू की अचानक मृत्यु हो गई. इसी अवसाद के समय में उन के पास एक काल आई थी, जिस के बाद से उन के साथ यह ठगी का कारनामा अंजाम दिया गया है.
अशोक कुमार साहू ने बताया कि 17 जून को एक अज्ञात व्यक्ति का काल आया. उस ने कहा, ‘‘हैलो, क्या आप अशोक साहू बोल रहे हैं?’’
अशोक कुमार साहू ने कहा, ‘‘जी हां, मैं अशोक कुमार ही बोल रहा हूं.’’
दूसरी तरफ से कहा गया, ‘‘मैं भारतीय स्टेट बैंक अभनपुर से फूल दास बोल रहा हूं. सर, आप के बेटे किशोर साहू की मृत्यु हो गई है. आप के बेटे की कोरोना से हुई मृत्यु के कारण भारत सरकार की योजना अंतर्गत 5 लाख रुपए मिलेंगे.’’
यह सुन कर अशोक कुमार साहू खुश हो गए. बोले, ‘‘ऐसा है तो बताइए, मैं यह रकम कैसे पा सकता हूं? बैंक आ जाऊं?’’
‘‘नहींनहीं, आप को बैंक आने की अभी जरूरत नहीं है, यहां तो बहुत भीड़ रहती है जब समय आएगा हम आप को स्वयं बुला लेंगे. अब तो मोबाइल में बड़ी सुविधा है, बात भी हो सकती है. और ओटीपी भी हम पूछ सकते हैं. इसलिए आप घर में आराम से रहें, वैसे भी कोरोना वायरस चल रहा है.’’
यह सुनकर के अशोक कुमार साहू को महसूस हुआ कि फूल दास सही कह रहा है अभी करोना काल में कहीं भी बाहर जाना उचित नहीं है. और जब घर बैठे काम हो रहा है तो भला घर से क्यों निकलूं.
फूल दास ने बड़े ही मधुर आवाज में कहा, ‘‘साहूजी आप बहुत सज्जन आदमी लगते हैं क्या करते हैं आप?’’
‘‘मैं अब तो रिटायर हो गया हूं. वैसे विद्युत मंडल में मैं औडिटर हुआ करता था.’’ उन्होंने बड़े गर्व के साथ बताया.
‘‘अरे वाह! आप तो बहुत ही पढ़ेलिखे सम्मानित व्यक्ति नजर आते हैं, औडिटर का पद तो बहुत ही सम्मान का है. यह सुन कर के हमारी निगाह में आप का सम्मान और भी बढ़ गया है हमारे लिए आप रेस्पेक्टेड परसन हैं.’’
इस तरह की मीठी बातें कर के फूल दास ने अशोक कुमार साहू को अपने शीशे में उतार लिया. और बातोंबातों में ओटीपी नंबर भी ले लिया.
फूल दास ने अशोक कुमार साहू से कहा कि बहुत जल्द आप को अपने अकाउंट में 5 लाख रुपए घर बैठे ही अकाउंट में मिल जाएंगे, यह मेरी जिम्मेदारी है. बस आप, मैं जैसे ही काल करूं, आप फोन रिसीव कर लिया करें.’’
अशोक कुमार साहू ने उस की बात से सहमति व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हां, आप हमें सहयोग करते रहें.’’
अशोक कुमार साहू के बेटे किशोर साहू की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई थी, स्वयं भी बुजुर्ग हो गए थे और कुछ दिनों बाद कोरोना पौजिटिव हो गए थे. इस बीच लगातार काल आता, वह बात करते और ओटीपी बता दिया करते. फूल दास आश्वस्त करता, शीघ्र ही आप के खाते में 5 लाख रुपए आ जाएंगे.
इस बीच अशोक कुमार साहू कोरोना कोविड-19 से लंबे समय तक परेशान रहे और उन का सब कुछ अस्तव्यस्त हो गया. इधर देखते ही देखते उन के खाते से छोटीछोटी रकम कर के लाखों रुपए ट्रांसफर कर दिए गए. जिस की उन को भनक तक नहीं लगी.
साइबर ठगी के इस मामले में बी.एम. साहू और वीरेंद्र चंद्रा की टीम ने जब जांच को आगे बढ़ाई तो उन्हें यह जान कर बहुत आश्चर्य हुआ कि जो पैसे अशोक कुमार साहू के अकाउंट से निकाले गए थे, वे दूसरे अकाउंट से तीसरे फिर चौथे फिर पांचवें से छठवें अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए गए थे.
उन्हें यह समझते देर नहीं लगी थी कि उन का ट्रांजैक्शन साइबर क्राइम के शातिर ठगों ने किया है. जांच में यह तथ्य भी सामने आता चला गया कि सारी ठगी का खेल जामताड़ा, झारखंड से चलता रहा है.
पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर 12 साइबर क्राइम एक्सपर्ट और पुलिस अधिकारियों की एक टीम आरोपियों को पकड़ने के लिए जामताड़ा के लिए 8 अगस्त, 2021 को रायपुर से रवाना हुई.
जामताड़ा के एसपी कार्यालय में आमद देने के बाद बी.एम. साहू ने जिले के उच्च अधिकारियों को लाखों रुपए के साइबर क्राइम की जानकारी दी और आरोपियों तक पहुंचने के लिए सहयोग की गुजारिश की तो पुलिस अधिकारियों ने अपनी एक टीम बना कर के उन के साथ लगा दी.
पुलिस टीम ने जब जांच आगे बढ़ाई तो यह तथ्य सामने आया कि जामताड़ा के नारायणपुर मौलीडीह गांव के फूल दास, अशोक दास, दुलाल दास इन 3 लोगों का हाथ है.
पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया, मगर वे लोग गायब हो जाते थे. उन के रहनसहन को देख कर के जांच अधिकारी बी.एम. साहू, वीरेंद्र चंद्रा और टीम के सदस्य आश्चर्यचकित थे.
इन में फूल दास और दुलाल दास दोनों सगे भाई हैं जिन्हें उन के भव्य आवास से आखिरकार 10 अगस्त की रात हिरासत में ले लिया गया. उसी रात अशोक दास को भी झारखंड पुलिस की मदद से हिरासत में ले लिया गया.
इस तरह अंतत: बड़ी मशक्कत के बाद तीनों कथित आरोपियों को ले कर के छत्तीसगढ़ पुलिस जिला जामताड़ा से रायपुर, छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुई.
छत्तीसगढ़ प्रदेश की सब से बड़ी साइबर ठगी के इस मामले में सब से महत्त्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस ठगी में 221 सिम कार्ड आरोपियों ने इस्तेमाल किए, जोकि पश्चिम बंगाल से लाए गए थे.
वहीं एक सब से बड़ी कमी भारतीय स्टेट बैंक की भी उजागर हो गई. जबजब पैसे अशोक कुमार साहू के अकाउंट से ट्रांसफर हुए तो उन के अकाउंट में आखिरकार पैसे ट्रांसफर की सूचना का मैसेज क्यों नहीं आया.
कहां गड़बड़ हुई. पुलिस के लिए यह भी जांच का विषय हो गया कि क्या बैंक का कोई कर्मचारी इस मामले में संलिप्त तो नहीं है.
अभनपुर जिला रायपुर की पुलिस ने 11 अगस्त को रायपुर में एक प्रैस कौन्फ्रैंस करते हुए मीडिया के समक्ष केस का खुलासा किया. एडिशनल एसपी लखन पटले ने मीडिया से रूबरू हो कर बताया कि 63,33,439 रुपए के बड़े ठगी के चैलेंजिंग मामले में पुलिस को किस तरह सफलता हासिल की है और आरोपियों को शीघ्र ही न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा.
पुलिस ने आरोपियों का इकबालिया बयान दर्ज किया है, जिस में उन्होंने बताया है कि किस तरह वे लोगों को भरमा कर के मीठी बातें करते थे.
अपना संबंध बनाने के बाद उन्हें लालच देते हुए लाखों रुपए अकाउंट में भिजवाने की बात कहते थे और ओटीपी ले लिया करते थे. और दूसरी तरफ अपने अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर लिया करते थे.
पुलिस ने धारा 420,120बी भादंवि के तहत 11 अगस्त 2021 को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर के रिमांड पर लिया.
महत्त्वपूर्ण तथ्य यह है कि ठगी के शिकार अशोक कुमार साहू को इस कथा के लिखे जाने तक एक रुपए भी वापस नहीं मिला था, क्योंकि यह एक लंबी प्रक्रिया है. आरोपियों के पास से सिर्फ लगभग 30 हजार रुपए ही बरामद हुए हैं.
अब सवाल यह है कि 63 लाख रुपए की बड़ी रकम आखिर अशोक कुमार साहू को किस तरह मिल पाएगी और मिल भी पाएगी या फिर कानून की लंबी लड़ाई और इंतजार में वे परेशान हलकान रहेंगे.
मगर, अशोक कुमार साहू और उन के बेटे राजेश साहू को यह संतोष है कि उन के साथ ठगी करने वाले आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए और एक न एक दिन, उन्हें उन का पैसा मिलेगा.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. कथा में बैंक मैनेजर का नाम काल्पनिक है.