नए साल में दूसरे रविवार का दिन था. तारीख थी 9 जनवरी. कोट्टायम जिले के करुक्चल थाने में करीब 30 वर्षीया रमन्ना (बदला हुआ नाम) सुबहसुबह अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने आई थी.
उस ने थानाप्रभारी से कहा, ‘‘साहब, मुझे पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करानी है.’’ यह सुनते ही चाय पीते हुए थानाप्रभारी झल्ला गए.
उन्होंने समझा कि कोई घरेलू हिंसा या दहेज आदि का मसला होगा. महिला की आगे की बातें सुनने के बजाय उन्होंने उसे डपट दिया, ‘‘जाओ, घर जाओ और पति या घर के किसी सदस्य को साथ ले कर आना. सुबहसुबह पति से झगड़ कर आ गई हो. समझा दूंगा उसे…’’
रमन्ना वहीं खड़ीखड़ी थानाप्रभारी को चाय पीते देखती रही. थानाप्रभारी फिर बोले, ‘‘समझदार दिखती हो. पढ़ीलिखी भी लगती हो. घरेलू झगड़े को क्यों बाजार में लाना चाहती हो?’’
‘‘साहबजी, आप जो समझ रहे हैं, बात वह नहीं है. किसी लेडी पुलिस से मेरी शिकायत लिखवा दीजिए. ‘भार्या माट्टल’ की शिकायत है.’’
रमन्ना की गंभीरता भरी बातों के साथ मलयाली शब्द भार्या माट्टल सुन कर थानाप्रभारी चौंक गए. इन शब्दों का अर्थ था बीवियों की अदलाबदली. दरअसल, ये 2 शब्द पुलिस के लिए अपराध की गतिविधियों में शामिल थे. भार्या माट्टल यानी वाइफ स्वैपिंग या बीवियों की अदलाबदली.
उन्होंने महिला को सामने की कुरसी पर बैठने को कहा. उस के बैठने पर पूछा, ‘‘चाय पियोगी, मंगवाऊं?’’
‘‘हां,’’ कहते हुए सिर हिला दिया.
थानाप्रभारी ने कांस्टेबल को आवाज लगाई, ‘‘अरे, सुनो जरा एक कप चाय और लाना. और हां, एसआई मैडम को भी डायरी ले कर बुला लाना.’’
थोड़ी देर में एक लेडी पुलिस सबइंसपेक्टर थानाप्रभारी के पास आ चुकी थीं. चाय की एक प्याली भी महिला के सामने रखी थी. थानाप्रभारी ने उसे पीने के लिए इशारा किया और लेडी एसआई को उस की शिकायत लिखने को कहा. फिर वह कुरसी से उठ खड़े हुए. जातेजाते पूछा, ‘‘तुम्हारा नाम क्या है?’’
‘‘रमन्ना.’’
‘‘टाइटल क्या है?’’
‘‘नायर…रमन्ना नायर.’’
‘‘ठीक है, तुम आराम से चाय पियो और मैडम को पूरी बात बताओ,’’ यह कह कर थानाप्रभारी वहां से चले गए.
थोड़ी देर बाद थानाप्रभारी, लेडी एसआई और दूसरे पुलिसकर्मियों की मीटिंग हुई. तब तक रमन्ना थाने में ही ठहरी रही.
रमन्ना ने जो बात महिला एसआई को बताई थी, वह बड़ी गंभीर थी. सुन कर थानाप्रभारी भी आश्चर्यचकित हो गए थे कि क्या एक पति ऐसा भी कर सकता है.
उन्होंने यह जानकारी डीएसपी (कांगनचेरी) आर. श्रीकुमार को दी तो डीएसपी ने इस मामले में उचित काररवाई करने के निर्देश दिए. थानाप्रभारी ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम बनाई. आरोपियों की गिरफ्तारियां भी जरूरी थी, ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके.
मामला बेहद संवेदनशील था. संभ्रांत व्यक्तियों के चरित्र हनन, निजी संबंधों के साथसाथ पार्टनर एक्सचेंज रैकेट के अलावा अननेचुरल सैक्स से भी जुड़ा हुआ था. इसी शिकायत में मैरिटल रेप भी शामिल था.
उल्लेखनीय है कि इस से पहले केरल के कायमकुलम में भी साल 2019 में ऐसा ही मामला सामने आ चुका था. उन दिनों कायमकुलम से 4 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी.
उस वक्त भी गिरफ्तार लोगों में से एक की पत्नी ने ही शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसे पति ने ही 2 लोगों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया था. पति ने उसे दूसरे अजनबियों के साथ सोने के लिए दबाव बनाया था.
रमन्ना द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत भी काफी चौंकाने वाली थी. उस ने पति के खिलाफ शिकायत लिखवाई थी कि वह पति के दबाव में आ कर दूसरे मर्दों के साथ सोने को विवश हो गई थी, जबकि पति के साथ प्रेम विवाह हुआ था.
शिकायत में यह भी कहा कि उस के साथ अप्राकृतिक सैक्स भी किया गया. एक समय में 3 मर्दों के साथ हमबिस्तर होना पड़ा. इसे अनैतिक यौनाचार की भाषा में गु्रप सैक्स कहना ज्यादा सही होगा.
इस तरह से वह पति के अतिरिक्त कुल 9 अलगअलग मर्दों के सैक्स की सामग्री बन चुकी थी. वे सारे मर्द उस के पति के दोस्त थे. रमन्ना ने साफ लहजे में कहा कि पति को इस के बदले में पैसे मिले थे.
कोट्टायम जिले की पुलिस ने मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए तुरंत छापेमारी की योजना बनाई और देखते ही देखते 7 लोगों को धर दबोचा. उस के बाद जो बड़े पैमाने पर सैक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, वह काफी सनसनीखेज और चौंकाने वाला था. उस की पूरे देश में चर्चा होने लगी.
एक के बाद एक हुई गिरफ्तारियों के बाद एक बड़े सैक्स रैकेट का परदाफाश हुआ, जो सोशल साइट के विभिन्न प्लेटफार्मों के जरिए पतियों के ग्रुप द्वारा चलाए जा रहे थे.
रिपोर्ट के मुताबिक करुक्चल में 7 लोगों को बीवियों की अदलाबदली के आरोप में 9 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन में रमन्ना का पति भी था. गिरफ्तार किए गए लोग केरल के अलाप्पुझा, कोट्टायम और एर्नाकुलम के रहने वाले हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक इस रैकेट में बाकायदा वाट्सऐप पर ग्रुप बनाए गए थे, जिस से सैकड़ों लोग जुड़े हुए थे. इसी ग्रुप में आगे की योजना बनाई जाती थी. हैरानी की बात यह भी थी कि इस ग्रुप में केरल के एलीट क्लास के कई लोग भी शामिल थे.
इस पूरे मामले की तहकीकात के बाद चांगनचेरी के डिप्टी एसपी आर. श्रीकुमार ने बताया कि पहले तो वे इन ग्रुप्स में शामिल हो कर एकदूसरे से मिलते थे. बाद में निर्धारित ठिकाने पर सैक्स के लिए जुटते थे. इस के पीछे एक बड़ा रैकेट है. इस में कई और दूसरे लोगों की तलाश भी की जा रही है.
पुलिस के अनुसार महिलाओं सहित भले ही कुछ समान विचारधारा वाले हों, लेकिन कुछ महिलाओं को उन के पतियों ने इस में जबरदस्ती शामिल कर रखा था. गिरफ्तार लोगों ने पूछताछ में बताया कि वे पहले टेलीग्राम और दूसरे मैसेंजर ग्रुप्स में शामिल होते हैं, और फिर 2 या 3 कपल आपस में मुलाकात करते हैं. इस के बाद महिलाओं की अदलाबदली होती है.
इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने ‘पार्टनर एक्सचेंज रैकट’ की तह में जा कर पता लगाया. पुलिस ने तहकीकात की तो पता चला कि ‘पार्टनर एक्सचेंज रैकेट’ के नेटवर्क का मुख्य आधार टेलीग्राम और मैसेंजर ऐप था, जिस में एक गिरोह के 1000 से अधिक कपल बताए जा रहे हैं. उन के द्वारा सैक्स के लिए बड़े स्तर पर महिलाओं की अदलाबदली की जा रही थी.
इस रैकेट में पैसों का भी औनलाइन लेनदेन होता है. कई लोग पैसों के लिए अपनी पत्नियों को सिंगल पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करते हैं, जबकि इस सैक्स में 2-3 पुरुष ही होते हैं.
पुलिस को जांच में पता चला कि इस रैकेट में राज्य के हर हिस्से के लोग शामिल थे, जिन में अधिकतर सदस्य धनवान और सुखीसंपन्न थे.
सवाल सामान्य लोगों के जेहन में उठता रहता है कि पत्नियों की अदलाबदली क्यों और कैसे? वाइफ स्वैपिंग का एक पुराना इतिहास बहुपत्नी प्रथा के जमाने से रहा है. किंतु इस ने नए रूपरंग में 80-90 के दशक में एक यौन आनंद के तौर पर पैर पसारना शुरू कर दिया था.
हालांकि इस में संभ्रांत किस्म के कपल ही शामिल हुए. इस के लिए उन्होंने बाकायदा पार्टियों का सहारा लिया. केरल का मामला भी बीवियों की अदलाबदली का ही है, लेकिन इसे पतियों ने कमाई का धंधा बना दिया, जिस में बीवी के नाम पर दूसरी सैक्स वर्कर को भी शामिल कर लिया गया था.
केरल की शिकायतकर्ता महिला रमन्ना की लव मैरिज हुई थी. खुशहाल जिंदगी गुजर रही थी. 2 बच्चे भी हुए. सब कुछ अच्छा चल रहा था. इस बीच पति की गल्फ में नौकरी लगी और वह विदेश चला गया. वहां पति को वाइफ स्वैपिंग के बारे में पता लगा.
जब वापस केरल लौटा तब उस ने इस बारे में अपनी पत्नी को बताया. पत्नी ने इनकार कर दिया, लेकिन पति नहीं माना. उस ने काफी मना किया कि वह किसी और के साथ सैक्स नहीं करेगी, लेकिन पति के दबाव में आ कर ऐसा करने को राजी हो गई. पति द्वारा खुद को मारने की धमकी के इमोशनल ब्लैकमेलिंग के चलते न चाहते हुए भी मान गई.
उस के बाद से पति के दोस्तों के साथ सैक्स करने का सिलसिला शुरू हो गया. इस खेल के शुरू होते ही पति ने उसे डराधमका कर इसे कारोबार बना लिया. विरोध करने पर पति दूसरों के साथ किए गए उस के सैक्स वीडियो परिवार को दिखाने की धमकी दे दी.
एक रोज पानी सिर से ऊपर तब चला गया, जब पति ने एक साथ 3 पुरुषों के साथ सैक्स करने के लिए भेज दिया. अप्राकृतिक सैक्स की पीड़ा से उस का शरीर जितना जख्मी हुआ, उस से कहीं अधिक उस का अंतरमन पीडि़त हो गया. और उस ने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी.
रमन्ना ने यह भी बताया कि उस जैसी कई पत्नियों को उन की इच्छा के विरुद्ध ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया, जो आत्महत्या कर सकती हैं. यहां तक कि उन पर ऐसा करने के लिए जबरन दबाव बनाया जाता है.
इस स्तर पर जांच में पुलिस ने भी पाया कि डाक्टरों और वकीलों के अलावा कई पेशेवर इन सोशल मीडिया ग्रुप में शामिल थे और उन्होंने अपनी फरजी पहचान बना रखी थी.
इन में से कई ग्रुप में 5,000 से अधिक सदस्य शामिल थे, जहां से ग्राहक मिलते थे. सभी फेक अकाउंट के साथ जुड़े हुए थे. इन में सिंगल लोगों को दूसरे सदस्यों की पत्नियों को शेयर करने के लिए मोटी रकम देनी पड़ती थी.
केरल के लिए वाइफ स्वैपिंग का मामला कोई नया नहीं है. इस के पहले भी साल 2013 में नेवी अफसरों की पत्नियों की अदलाबदली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
यह घटना साल 2012 की है, जब एक लेफ्टिनेंट की पत्नी ने पति और सीनियर अफसर पर सैक्सुअल-मेंटल हैरेसमेंट और वाइफ स्वैपिंग के गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि बाद में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलने की वजह से मामला शांत पड़ गया था.
दरअसल अपने पति को बचाने के लिए कोई भी महिला किसी और के खिलाफ मुंह नहीं खोल पाती है. लेकिन इस बार के नए मामले में पूरी तरह से एक बड़ा गिरोह सक्रिय हो चुका था. केरल में यह सब पिछले 3 सालों से चल रहा था.
बौक्स एक नजर वाइफ स्वैपिंग पर वाइफ स्वैपिंग ही बीवियों की अदलाबदली है, जो पतिपत्नी की रजामंदी से होता है. सैक्स के दौरान बीवियां बदलने का चलन गैरकानूनी और गैर सामाजिक हो कर भी छिपे रूप में बना हुआ है.
अब लोगों ने इसे पैसा कमाने का एक जरिया भी बना लिया है. इस में सैक्शुअल रिलेशनशिप बनाने के लिए बीवियों को एक रात या फिर कुछ रातों के लिए अदलाबदली कर लिए जाते हैं.
इसे अपनाने के कई तरीके अपनाए जाते हैं, जिस में लकी ड्रा महत्त्वपूर्ण होता है. इस के लिए कपल एक ही जगह पर जुटते हैं और अपनीअपनी गाडि़यों की चाबी एक जगह डाल देते हैं. फिर अंधेरे में सब एकएक कर चाबी उठाते हैं. ऐसे में हर किसी के हाथ में किसी और की चाबी आ जाती है.
जिसे जो चाबी हाथ लगती है वह उस की बीवी के साथ सैक्स करने के लिए आजाद होता है. इसी तरह से हर व्यक्ति दूसरे की बीवी को ले कर अलगअलग कमरों में चले जाते हैं. कुछ मामले में यह खेल एक ही हाल में एक साथ ग्रुप सैक्स के रूप में भी होता है. मजे की बात यह है इस के लिए बीवियां भी पहले से मन बनाए होती हैं.
इस से जुड़े लोगों का तर्क होता है कि ऐसा कर वे एकदूसरे की सैक्शुअल डिजायर को पूरी करते हैं. कुछ कपल्स का मानना है कि इस से उन के वैवाहिक जीवन की नीरसता में ताजगी वापस आ जाता है. दोनों में इस बात का कोई मलाल नहीं होता है कि दूसरे की पार्टनर के साथ सैक्स कर चुके हैं. इसे वे प्यार के नजरिए से नहीं, बल्कि सैक्स की अनुभूति के रूप में लेते हैं. इसे वैसे लोगों के लिए वरदान कहा जाता है, जो कभी एक वक्त में एक रिलेशन में नहीं रह पाते हैं.
बताया जाता है कि वाइफ स्वैपिंग की शुरुआत 16वीं सदी से बताई जाती है. सब से पहले जौन डी और एडवर्ज केल ने वाइफ स्वैपिंग की थी. ये दोनों ही ब्लैक मैजिक करते थे या कहें खुद को सेल्फ डिक्लेयर्ड स्पिरिट मीडियम बताते थे.
इस स्वैपिंग में जौन की पत्नी जेन प्रेगनेंट भी हो गई थी. अधिकतर पश्चिमी देशों में यह आम बात हो चुकी है. भारत में इसे यौन अपराध की श्रेणी में रखा गया है. खासकर भारतीय समाज में तो यह किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है. चाहे आपसी रजामंदी हो या नहीं.
वाइफ स्वैपिंग को यदि एक शादीशुदा महिला की इच्छा के बगैर कराया जाए और एक से अधिक लोगों के साथ संबंध बनाने पर मजबूर किया जाए तो मजबूर कराने वाले लोगों पर आईपीसी की धारा 323, 328, 376, 506 के तहत केस दर्ज किया जाता है.
यदि उत्पीडि़त महिला की आपबीती पुलिस नहीं सुने, तो 156 (3) सीआरपीसी में जुडीशियल मजिस्ट्रैट के सामने एप्लिकेशन दे कर ऊपर दी गई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए जा सकते हैं.
इस मामले में पति पर रेप की धारा (376 आईपीसी) छोड़ कर बाकी सभी धाराओं में काररवाई की जा सकती है. सारे अपराध गैरजमानती होते हैं और इन अपराधों में महिला के सिर्फ यह कहने पर कि उस के साथ बिना सहमति के जोरजबरदस्ती से संबंध बनाए गए हैं, उस की गिरफ्तारी की जा सकती है.
ऐसे अधिकतर मामलों में यह एक ट्रायल का विषय होता है, जिस में गवाही और क्रौस एग्जामिनेशन के बाद अदालत आरोपियों को सजा दे सकती है, या फिर सजा दे कर बरी भी कर सकती है.
उदाहरण के लिए यदि स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दंड के संबंध में 328 आईपीसी का इस्तेमाल होता है, जिस में नशीले पेय की मदद से महिला से शारीरिक संबंध स्थापित किया गया हो तो अधिकतम 10 साल तक की सजा और जुरमाना किया जा सकता है.
इसी तरह से 376डी आईपीसी में गैंगरेप के मामलों में सजा मिलती है. इस कृत्य में शामिल हर व्यक्ति को न्यूनतम 20 साल तक की सजा मिल सकती है.