मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की सोहागपुर तहसील में जमीनों के दाम उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़े हैं, क्योंकि यह सैरसपाटे की मशहूर जगह पचमढ़ी के नजदीक है. इस के अलावा सोहागपुर से चंद किलोमीटर की दूरी पर एक और जगह मढ़ई तेजी से सैलानियों की पसंद बनती जा रही है. इस की वजह वाइल्ड लाइफ का रोमांच और यहां की कुदरती खूबसूरती है. सैलानियों की आवाजाही के चलते सोहागपुर में धड़ल्ले से होटल, रिसोर्ट और ढाबे खुलते जा रहे हैं.
दिल्ली के पौश इलाके वसंत विहार की रहने वाली 40 साला लीना शर्मा का सोहागपुर अकसर आनाजाना होता रहता था, क्योंकि यहां उस की 22 एकड़ जमीन थी, जो उस के नाना और मौसी मुन्नीबाई ने उस के नाम कर दी थी.
लीना शर्मा की इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपए में थी, लेकिन इस में से 10 एकड़ जमीन उस के रिश्ते के मामा प्रदीप शर्मा ने दबा रखी थी. 21 अप्रैल, 2016 को लीना शर्मा खासतौर से अपनी जमीन की नपत के लिए भोपाल होते हुए सोहागपुर आई थी.
23 अप्रैल, 2016 को पटवारी और आरआई ने लीना शर्मा के हिस्से की जमीन नाप कर उसे मालिकाना हक सौंपा, तो उस ने तुरंत जमीन पर बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया.
दरअसल, लीना शर्मा 2 करोड़ रुपए में इस जमीन का सौदा कर चुकी थी और इस पैसे से दिल्ली में ही जायदाद खरीदने का मन बना चुकी थी. 29 अप्रैल, 2016 को बाड़ लगाने के दौरान प्रदीप शर्मा अपने 2 नौकरों राजेंद्र कुमरे और गोरे लाल के साथ आया और जमीन को ले कर उस से झगड़ना शुरू कर दिया.
प्रदीप सोहागपुर का रसूखदार शख्स था और सोहागपुर ब्लौक कांग्रेस का अध्यक्ष भी. झगड़ा इतना बढ़ा कि प्रदीप शर्मा और उस के नौकरों ने मिल कर लीना शर्मा की हत्या कर दी.
हत्या चूंकि सोचीसमझी साजिश के तहत नहीं की गई थी, इसलिए इन तीनों ने पहले तो लीना शर्मा को बेरहमी से लाठियों और पत्थरों से मारा और गुनाह छिपाने की गरज से उस की लाश को ट्रैक्टरट्रौली में डाल कर नया कूकरा गांव ले जा कर जंगल में गाड़ दिया.
लाश जल्दी गले, इसलिए इन दरिंदों ने उस के साथ नमक और यूरिया भी मिला दिया था. हत्या करने के बाद प्रदीप शर्मा सामान्य रहते हुए कसबे में ऐसे घूमता रहा, जैसे कुछ हुआ ही न हो. जाहिर है, वह यह मान कर चल रहा था कि लीना शर्मा के कत्ल की खबर किसी को नहीं लगेगी और जब उस की लाश सड़गल जाएगी, तब वह पुलिस में जा कर लीना शर्मा की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा देगा. लेकिन उस ने ऐसा नहीं किया.
लीना शर्मा की जिंदगी किसी अफसाने से कम नहीं कही जा सकती. जब वह बहुत छोटी थी, तभी उस के मांबाप चल बसे थे, इसलिए उस की व उस की बड़ी बहन हेमा की परवरिश मौसी ने की थी.
मरने से पहले ही मौसी ने अपनी जमीन इन दोनों बहनों के नाम कर दी थी. बाद में लीना शर्मा अपनी बहन हेमा के साथ भोपाल आ कर परी बाजार में रहने लगी थी.
लीना शर्मा खूबसूरत थी और होनहार भी. लिहाजा, उस ने फौरेन ट्रेड से स्नातक की डिगरी हासिल की और जल्द ही उस की नौकरी अमेरिकी अंबैसी में बतौर कंसलटैंट लग गई. लेकिन अपने पति से उस की पटरी नहीं बैठी, तो तलाक भी हो गया. जल्द ही अपना दुखद अतीत भुला कर वह दिल्ली में ही बस गई और अपनी खुद की कंसलटैंसी कंपनी चलाने लगी.
40 साल की हुई तो लीना शर्मा ने दोबारा शादी करने का फैसला कर लिया, लेकिन शादी के पहले वह सोहागपुर की जमीन के झंझट को निबटा लेना चाहती थी, पर रिश्ते के मामा प्रदीप शर्मा ने उस के मनसूबों पर पानी फेर दिया.
लीना शर्मा की हत्या एक राज ही बन कर रह जाती, अगर उस के दोस्त उसे नहीं ढूंढ़ते. जब लीना शर्मा तयशुदा वक्त पर नहीं लौटी और उस का मोबाइल फोन बंद रहने लगा, तो भोपाल में रह रही उस की सहेली रितु शुक्ला ने उस की गुमशुदगी की खबर पुलिस कंट्रोल रूम में दी.
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदीप शर्मा से संपर्क किया, तो वह घबरा गया और भांजी के गुम होने की रिपोर्ट सोहागपुर थाने में लिखाई, जबकि वही बेहतर जानता था कि लीना शर्मा अब इस दुनिया में नहीं है. देर से रिपोर्ट लिखाए जाने से प्रदीप शर्मा शक के दायरे में आया और जमीन के झगड़े की बात सामने आई, तो पुलिस का शक यकीन में बदल गया.
मामूली सी पूछताछ में प्रदीप शर्मा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया, लेकिन शक अब लीना शर्मा की बहन हेमा पर भी गहरा रहा है कि वह क्यों लीना शर्मा के गायब होने पर खामोश रही थी? कहीं उस की इस कलयुगी मामा से किसी तरह की मिलीभगत तो नहीं थी? इस तरफ भी पुलिस पड़ताल कर रही है, क्योंकि अब उस पर सच सामने लाने का दबाव बढ़ता जा रहा है.
लीना शर्मा के दिल्ली के दोस्त भी भोपाल आ कर पुलिस के आला अफसरों से मिले और सोहागपुर भी गए. हेमा के बारे में सोहागपुर के लोगों का कहना है कि वह एक निहायत ही झक्की औरत है, जिस की पागलों जैसी हरकतें किसी सुबूत की मुहताज नहीं. खुद उस का पति भी स्वीकार कर चुका है कि वह एक मानसिक रोगी है.
अब जबकि आरोपी प्रदीप शर्मा अपना जुर्म कबूल कर चुका है, तब कुछ और सवाल भी मुंहबाए खड़े हैं कि क्या लीना शर्मा का बलात्कार भी किया गया था, क्योंकि उस की लाश बिना कपड़ों में मिली थी और उस के जेवर अभी तक बरामद नहीं हुए हैं?
आरोपियों ने यह जरूर माना कि लीना शर्मा का मोबाइल फोन उन में से एक ने चलती ट्रेन से फेका था. लाश चूंकि 15 दिन पुरानी हो गई थी, इसलिए पोस्टमार्टम से भी बहुत सी बातें साफ नहीं हो पा रही थीं. दूसरे सवाल का ताल्लुक पुश्तैनी जायदाद के लालच का है कि कहीं इस वजह से तो लीना शर्मा की हत्या नहीं की गई है?
प्रदीप शर्मा ने अपनी भांजी के बारे में कुछ नहीं सोचा कि उस ने अपनी जिंदगी में कितने दुख उठाए हैं और परेशानियां भी बरदाश्त की हैं. लीना शर्मा अगर दूसरी शादी कर के अपना घर बसाना चाह रही थी तो यह उस का हक था, लेकिन उस की दुखभरी जिंदगी का खात्मा भी दुखद ही हुआ.