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नोएडा के खोड़ा कालोनी के वंदना एनक्लेव स्थित 4 मंजिला मकान में कुल 33 कमरे थे. सभी कमरों में नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में काम करने वाले किराएदार रह रहे थे. इन में से कुछ लोग अपने परिवार के साथ रहते थे. लेकिन ज्यादातर लोग ऐसे थे जो अकेले ही रहते थे. चूंकि सभी लोग नौकरीपेशा थे, इसलिए वे सुबह ही अपनी ड्यूटी पर चले जाते और देर शाम या रात को वापस अपने कमरों पर लौटते थे.

12 जून, 2018 की रात करीब 11 बजे की बात है. उस समय अधिकांश लोग अपने कमरों में सोने की तैयारी में थे. तभी कुछ लोगों को भयंकर बदबू आई. बदबू कहां से आ रही है, यह जानने के लिए कुछ किराएदार अपने कमरों से बाहर निकल आए. उसी समय एक युवक चौथी मंजिल से एक बड़े आकार का भूरे रंग का ट्रौली बैग अपने साथ ले कर सीढि़यों से उतरता दिखा.

वहां रहने वाले उस युवक के बारे में केवल इतना जानते थे कि वह ऊपर की मंजिल पर रहता है. उस का नाम किसी को मालूम नहीं था. ट्रौली बैग ले कर वह जिधर जा रहा था, उधर ही बदबू बढ़ती जा रही थी.

लोगों को शक हुआ कि उस के बैग में ऐसा क्या है जो इतनी बदबू आ रही है. एकदो लोगों ने उस से इस बारे में पूछा भी, लेकिन उस ने ठीक से कोई जवाब देने के बजाए उन्हें झिड़क दिया. इस के बाद उन लोगों को उस पर और भी ज्यादा शक बढ़ गया और वे उत्सुकतावश नीचे ग्राउंड फ्लोर पर आ गए.

दरअसल, पिछले 2 दिनों से उस मकान में एक अजीब तरह की सड़ांध आ रही थी. कई किराएदारों ने सड़ांध का पता लगाने की कोशिश की थी लेकिन कुछ भी पता नहीं चल पाया था. लेकिन ट्रौली बैग देख कर वे लोग समझ गए कि सड़ांध उसी बैग से आ रही है.

ग्राउंड फ्लोर पर उतरने के बाद वह युवक लाल रंग की कार की तरफ बढ़ रहा था, तभी लोगों ने इस की सूचना उस मकान के केयरटेकर राधेमोहन त्रिपाठी को दे दी. राधेमोहन त्रिपाठी उस ट्रौली बैग वाले युवक के पास पहुंचे. वह उस युवक को पहचान गए. वह युवक चौथी मंजिल पर रहने वाला किराएदार शिवम विरदी था.

राधेमोहन ने शिवम से बैग के बारे में पूछा तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका. इस पर राधेमोहन ने उसे कार में बैठने से रोक लिया और नोएडा पुलिस के कंट्रोलरूम को फोन कर दिया. जो किराएदार नीचे उतर आए थे, वे उस लाल रंग की कार के आगे खड़े हो गए ताकि वह कार ले कर वहां से न भाग सके. तब तक शिवम वह ट्रौली बैग ले कर कार में बैठ चुका था. उस ने कार का हौर्न बजा कर सामने खडे़ लोगों से हट जाने का संकेत किया. लेकिन वे नहीं हटे तो शिवम के चेहरे पर घबराहट दिखाई देने लगी.

शिवम ने जब देखा इतने सारे लोग उस के पीछे पड़ गए हैं तो वह कार से उतरा और उसे लौक कर के वहां से पैदल ही भाग खड़ा हुआ. लोग उस के पीछे भागे भी पर वह किसी की पकड़ में नहीं आया.

थोड़ी देर में खोड़ा थाने के थानाप्रभारी धर्मेंद्र कुमार वहां आ गए. लोगों ने उन्हें पूरी बात बताई. कार के सामने पहुंच कर वह उस का मुआयना करने लगे. कार के दरवाजे लौक थे, इस के बावजूद कार से कुछ बदबू बाहर आ रही थी. उन्होंने साथ में आए स्टाफ से कार का शीशा तोड़ कर कार में रखा ट्रौली बैग बाहर निकालने को कहा.

पुलिसकर्मियों ने कार का शीशा तोड़ कर ट्रौली बैग बाहर निकाला तो उस में से बहुत तेज बदबू आ रही थी. इस से थानाप्रभारी ने बैग खुलवाया तो उन की शंका सच साबित हुई. उस में एक लड़की की लाश थी.

लाश काफी खराब अवस्था में थी. लाश देख कर लोगों ने बताया कि लाश शिवम की पत्नी ज्योति की है. ज्योति कई दिनों से दिखाई भी नहीं दे रही थी. लाश का मुआयना करने पर थानाप्रभारी ने देखा उस पर घाव के निशान थे. थानाप्रभारी धर्मेंद्र कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों को फोन कर के मामले की सूचना दे दी और जरूरी काररवाई कर के लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी. उन्होंने लाल रंग की स्विफ्ट कार अपने कब्जे में ले ली.

मकान के केयरटेकर राधेमोहन त्रिपाठी से पुलिस ने पूछताछ की तो उस ने बताया कि कार छोड़ कर फरार हुआ शिवम लुधियाना, पंजाब का रहने वाला है और पिछले 8 महीने से वह अपनी पत्नी ज्योति के साथ यहां रह रहा था. केयरटेकर को साथ ले कर थानाप्रभारी चौथी मंजिल स्थित शिवम के कमरे पर पहुंचे.

कमरे पर ताला लगा हुआ था. ताला तोड़ कर पुलिस टीम अंदर पहुंची तो देखा फर्श की अच्छी तरह सफाई कर दी गई थी. कमरे की तलाशी में पुलिस को कुछ कागजात मिले, उन में से एक में ज्योति के भाई का पता और फोन नंबर मिल गया.

थानाप्रभारी ने उस के भाई को फोन कर के बताया कि उस की बहन के साथ अनहोनी हो गई है, इसलिए वह जितनी जल्दी हो सके, नोएडा के खोड़ा थाने पहुंच जाए. उस कमरे को सील कर के पुलिस टीम थाने लौट गई.

अगले दिन सुबह फरार शिवम का हुलिया पता कर के नोएडा के बसस्टैंड तथा मैट्रो स्टेशन पर उस की तलाश की गई, मगर वह कहीं नहीं मिला. उधर थानाप्रभारी को बेसब्री से ज्योति के भाई के आने का इंतजार था. उस के आने के बाद ही आगे की काररवाई की जानी थी.

12 जून, 2018 की शाम को ज्योति का भाई लोधी सिंह वर्मा खोड़ा थाने पहुंच गया. थानाप्रभारी ने सब से पहले उसे अस्पताल में रखी लाश दिखाई. लाश देखते ही वह रोने लगा. उस ने उस की शिनाख्त अपनी छोटी बहन ज्योति के रूप में कर दी. लोधी सिंह की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया.

पुलिस ने लोधी सिंह से पूछताछ की तो उस ने बताया कि उस की बहन पिछले साल अक्तूबर में दिल्ली के एक सैलून में जौब मिलने की बात बता कर लुधियाना से नोएडा चली आई थी.

चूंकि उस ने परिवार को अच्छी सैलरी मिलने की बात बताई थी, वैसे भी ज्योति तेजतर्रार थी, इसलिए उस के दिल्ली आने पर किसी ने ऐतराज नहीं किया था.

नौकरी लग जाने पर उस ने बताया था कि वह दिल्ली में अपनी एक सहेली के साथ किराए पर कमरा ले कर रहती है. यहां आने के बाद भी वह प्रतिदिन अपने घर फोन कर के अपने बारे में जानकारी देती रहती थी. जब तक वह यहां रही, परिवार का कोई सदस्य उसे देखने के लिए नहीं आया.

इस वारदात के बाद लोधी सिंह को पता लगा कि वह किसी सहेली के साथ नहीं बल्कि शिवम के साथ रह रही थी. लोधी सिंह से बात करने के बाद थानाप्रभारी ने फरार शिवम को तलाशने के लिए मुखबिर लगा दिए.

13 जून, 2018 की शाम को खोड़ा के कुछ लोगों ने नोएडा के लेबर चौक के पास शिवम को खड़े देखा. वह शायद किसी गाड़ी के इंतजार में वहां खड़ा था. पुलिस को सूचना देने से पहले ही लोगों ने उसे पकड़ लिया और इस की सूचना खोड़ा पुलिस को दे दी.

शिवम के पकड़े जाने की बात सुन कर थानाप्रभारी धर्मेंद्र कुमार फौरन पुलिस टीम के साथ लेबर चौक पहुंच गए. वहां कुछ लोग शिवम को दबोचे खड़े थे. पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया. थाने ला कर जब उस से उस की पत्नी ज्योति की हत्या के बारे में पूछताछ की गई तो उस ने बताया कि ज्योति की हत्या उस ने नहीं की है, बल्कि उस ने आत्महत्या की थी.

शिवम ने बताया कि 9 जून की रात को वह शराब पी कर घर लौटा तो ज्योति उस से नाराज हो गई. दोनों के बीच कहासुनी हुई तो ज्योति गुस्से में बाथरूम में गई और फंदा बना कर लटक गई.

आधी रात होने पर जब उस का नशा उतरा तो उस ने ज्योति को ढूंढना शुरू किया. वह उसे ढूंढते हुए बाथरूम में पहुंचा तो उस की लाश फंदे में झूल रही थी. यह देख कर वह घबरा गया और पुलिस से बचने के डर से उस ने 2 दिनों तक उस की लाश कमरे में ही छिपाए रखी. कल जब वह उसे ठिकाने लगाने के लिए जा रहा था, तभी लोगों ने उसे घेर लिया और लाश ठिकाने नहीं लगा सका.

यह सब बतातेबताते शिवम थानाप्रभारी से बारबार नजरें चुरा रहा था. यह देख कर थानाप्रभारी को उस की बातों पर विश्वास नहीं हुआ. इस के बाद उन्होंने शिवम से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया. उस ने स्वीकार कर लिया कि ज्योति की हत्या उस ने ही की थी. उस ने ज्योति की हत्या के पीछे की जो कहानी बताई, वह इस प्रकार निकली—

26 वर्षीय शिवम लुधियाना के फतेहपुर अवाना राजगुरू नगर में अपने पिता जगदीश विरदी और मां के साथ रहता था. उस के पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे. 2 साल पहले वह लुधियाना के एक मौडर्न सैलून के सामने से गुजर रहा था, तो उस की मुलाकात ज्योति से हुई. ज्योति उसी सैलून में नौकरी करती थी.

पहली ही नजर में ज्योति की खूबसूरती उस के दिल को भा गई. उस ने उत्सुकतावश पूछ लिया कि इस सैलून में लेडीज और जेंट्स दोनों की हेयर सेटिंग होती है? इस पर ज्योति ने उसे बताया कि यहां दोनों के लिए अलगअलग सैलून हैं और वह भी इसी सैलून में काम करती है. अगर उसे कभी जरूरत हो तो उसे फोन कर के आ जाए.

इस के बाद उस ने अपना फोन नंबर बताया तो शिवम ने जल्दी से उस का नाम पूछ कर उस का नंबर अपने मोबाइल में सेव कर लिया. इस के बाद उस ने अपना नाम और नंबर भी ज्योति को बता दिया. यह उन दोनों की पहली मुलाकात थी. इस के बाद तो आए दिन किसी न किसी बहाने से दोनों की मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया जो जल्दी ही प्यार में बदल गया.

दोनों का जब भी दिल करता, आपस में प्यार की मीठीमीठी बातें कर अपनी चाहतों का इजहार करने से नहीं चूकते थे. धीरेधीरे 2 साल गुजर गए. इस बीच शिवम ने लुधियाना के नामी इंस्टीट्यूट से बीसीए का कोर्स भी पूरा कर लिया. अब उसे भी नौकरी की तलाश थी. वह जल्द से जल्द अपने पैरों पर खड़ा हो कर ज्योति को अपनी दुलहन बनाना चाहता था.

ज्योति के परिवार में उस के पिता की कुछ साल पहले ही मौत हो चुकी थी. इस समय घर में 2 बडे़ भाई धर्मेंद्र सिंह वर्मा और लोधी सिंह वर्मा तथा 5 बहनें थीं. बहनों में वह सब से छोटी थी.

दोनों को ऐसा लगता था कि उन की शादी में परिवार वाले बाधक नहीं बनेंगे. फिर भी दोनों फूंकफूंक कर कदम रख रहे थे. मजे की बात यह थी कि काफी समय गुजर जाने के बाद भी उन के परिवार वालों को उन के अफेयर की जानकारी नहीं थी.

इस बीच एक दिन जब दोनों मिले तो शिवम ने उसे बताया कि वह नौकरी की तलाश में दिल्ली जा रहा है और नौकरी मिलते ही उसे भी वहां बुला लेगा. ज्योति इस के लिए पहले से ही राजी थी, इसलिए उस ने शिवम के प्रस्ताव पर फौरन हामी भर दी.

ज्योति के साथ नया जीवन गुजारने की उमंग में वह मन में नएनए सपने बुनता हुआ नोएडा आ गया. यहां उसे वीवो कंपनी में नौकरी मिल गई. वह कंपनी के कस्टमर केयर डिपार्टमेंट में काम करने लगा.

6 महीने बाद उस ने ज्योति को भी फोन कर के अपने पास बुला लिया. अक्तूबर में ज्योति नोएडा आ गई. साथ रहने के लिए दोनों ने खोड़ा कालोनी के वंदना एनक्लेव में वन रूम सेट किराए पर ले लिया और लिवइन में रहने लगे. वहां शिवम ने ज्योति को अपनी पत्नी बताया था. कुछ दिन बाद ज्योति वर्मा को भी गाजियाबाद के वसुंधरा एनक्लेव के एक ब्यूटीपार्लर में ब्यूटीशियन की नौकरी मिल गई. चूंकि दोनों ही नौकरी कर रहे थे, इसलिए उन्हें अब किसी तरह की टेंशन नहीं थी. दोनों खुश थे.

ज्योति और शिवम के शुरुआत के 3-4 महीने बेहद खुशनुमा थे, लेकिन परेशानी तब शुरू हुई, जब ज्योति शिवम के जल्दी शादी करने के प्रस्ताव को किसी न किसी बहाने टालने लगी. यह देख कर शिवम मन ही मन बहुत परेशान रहने लगा. इस के अलावा उन दोनों की सैलरी में भी भारी अंतर था. शिवम को जहां 14 हजार रुपए मिलते थे, वहीं ज्योति की सैलरी 22 हजार रुपए महीने थी.

इस के अलावा ज्योति ने अप्रैल महीने से घर लेट पहुंचना शुरू कर दिया था. इस से शिवम ने मन में सोचा कि ज्योति को कोई अमीर आशिक मिल गया है, इसलिए वह उस से किनारा करना चाह रही है. अपना शक दूर करने के लिए वह रोज ज्योति के घर लौटने पर उस का मोबाइल चैक करने लगा.

शिवम को अपना मोबाइल चैक करते देख कर ज्योति लपक कर उस से मोबाइल छीन लेती थी, साथ ही ऐसा करने से मना भी करती थी. इस के बाद शिवम का शक और बढ़ गया. नतीजतन आए दिन दोनों के बीच रोज लड़ाई होने लगी. शिवम को अब पक्का यकीन हो गया कि ज्योति जरूर किसी के साथ डेट पर जाने लगी है.

9 जून, 2018 की शाम शिवम विरदी ने शराब पी. उस ने सोचा कि आज वह ज्योति का मोबाइल छीन कर उस के वाट्सऐप और फेसबुक की फ्रैंडलिस्ट चैक करेगा. देर शाम जब ज्योति घर लौटी तो पहले से गुस्से में भरे बैठे शिवम ने उस से मोबाइल छीन लिया. जब ज्योति ने इस का पुरजोर विरोध किया तो दोनों के बीच जम कर लड़ाई हो गई.

गुस्से में शिवम रसोई से चाकू उठा लाया और उस के पेट पर कई वार कर दिए. थोड़ी देर तड़प कर ज्योति ने दम तोड़ दिया. ज्योति के मरने के बाद शिवम को लगा, उस से बहुत बड़ी गलती हो गई. लेकिन अब क्या हो सकता था. वह 72 घंटों तक लाश को एक ट्रौली बैग में बंद कर के रखे रहा और उसे ठिकाने लगाने के बारे में सोचता रहा.

12 जून को उस ने दिल्ली के लक्ष्मीनगर से एक सेल्फ ड्राइव स्विफ्ट कार किराए पर ली और उसे वंदना एनक्लेव स्थित मकान के सामने ले आया. जब वह ट्रौली बैग को उस में रखने जा रहा था, उसी समय ज्योति की लाश से निकलने वाली बदबू के कारण उस का भांडा फूट गया और वह खोड़ा के थानाप्रभारी के हत्थे चढ़ गया.

14 जून, 2018 को नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण, एसपी आकाश तोमर ने नोएडा स्थित अपने औफिस में प्रैस कौन्फ्रैंस कर मीडिया को ज्योति वर्मा मर्डर केस का खुलासा होने की जानकारी दी.

उसी दिन आरोपी शिवम विरदी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

तमाम युवक और युवतियां लिवइन में रहते हैं और अपनीअपनी नौकरी करते हैं, लेकिन सभी के अनुभव अच्छे नहीं होते. इस की वजह होती है दोनों की अंडरस्टैंडिंग ठीक न बन पाना. ज्योति और शिवम के मामले में भी यही हुआ.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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