बताते हैं कि इस का राहुल पर कोई असर नहीं हुआ, उलटे उस ने दिशा को तलाक देने की बात कही. इस पर दिशा ने तत्काल अपना पाला बदल लिया. दिशा भी व्यापारी परिवार की बेटी थी, इसलिए किस रास्ते पर जाने से फायदा और किस पर नुकसान, इस का बोध करने में उस ने देर नहीं की.
पति को बचाने के लिए दिशा ने चली चाल
दिशा को हर हालत में अपना परिवार बचाना था, इसलिए यह इस रिश्ते में राहुल को बेगुनाह और वैशाली को मर्दखोर लड़की साबित करने पर उतर आई. इस के लिए उस ने कालोनी की महिलाओं में यह बात फैला दी कि राहुल के न चाहते हुए भी वैशाली उस के पीछे पड़ी है. इस से वैशाली का कालोनी में बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया.
बेटी को परेशान देख कर बलवंत सिंह ने राहुल के पिता और अपने पुराने दोस्त नरेश से बात की जिस पर नरेश नवलानी ने बलवंत सिंह को भरोसा दिलाया कि अब राहुल उन की बेटी की खुशियों के बीच नहीं आएगा.
अवैध रिश्ते में पुरुष को सब से बड़ा डर अपनी पत्नी का होता है. लेकिन यह डर राहुल को नहीं था, क्योंकि दिशा को अपना परिवार बचाने की चिंता थी. इसलिए वह समझदारी दिखाते हुए पति को सही और वैशाली को गलत साबित करने लगी थी. पिता की चेतावनी के बाद भी राहुल वैशाली का पीछा नहीं छोड़ रहा था. इस से वैशाली काफी परेशान थी.
परेशान तो वैशाली के मातापिता भी थे, लेकिन उन्हें राहुल के पिता नरेश नवलानी की बात पर भरोसा भी था. मगर सब ठीक होने के बजाए वैशाली की जिंदगी लगातार
मुश्किल में पड़ती जा रही थी. यहां तक कि कालोनी में लोगों की चुभती निगाहों से बचने के लिए उस ने घर से निकलना तक कम कर दिया था.
इतना सब होने के बाद भी राहुल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. दरअसल, पत्नी दिशा राहुल के पक्ष में थी, इसलिए वह वैशाली जैसी खूबसूरत युवती को अपने जाल से आजाद नहीं होने देना चाहता था.
वैशाली और उस का परिवार समझ चुका था कि राहुल आगे भी कोई हरकत कर सकता है. इसलिए कुछ समय पहले वैशाली की मुलाकात फिर मैट्रीमोनियल साइट पर मिले मितेश गौर से हुई. मूलरूप से अहमदाबाद निवासी मितेश कैलिफोर्निया की एक कंपनी में उच्च पद पर काम करता था.
यह मुलाकात भी रंग लाई, जिस के चलते मितेश के संग वैशाली का रिश्ता तय हो गया. राहुल फिर कोई विवाद न कर दे, इसलिए वैशाली की इस सगाई को पूरी तरह गुप्त रखा गया.
बलवंत ठक्कर परिवार ने निर्णय लिया कि पहले वैशाली और मितेश कोर्ट मैरिज करेंगे, इस के बाद इस रिश्ते को सार्वजनिक कर धूमधाम से दोनों की शादी का समारोह आयोजित कर दिया जाएगा.
20 अक्तूबर को मितेश और वैशाली की इंदौर एडीएम कोर्ट में शादी होने वाली थी, जिस के लिए मितेश हफ्ते भर पहले इंदौर आने वाला था, लेकिन वैशाली यहां एक गलती फिर कर गई.
शादी से कुछ रोज पहले वैशाली ने सोशल मीडिया पर मितेश के संग अपनी सगाई की एक फोटो स्टोरी पोस्ट कर दी, जिस की खबर लगते ही राहुल ने मितेश से संपर्क कर उसे अपने और वैशाली के रिश्ते के बारे में बताते हुए वैशाली से शादी न करने की सलाह दी.
मितेश ने इस बारे में वैशाली से बात की, जिसमें वैशाली ने अपना पक्ष रखा, जिससे संतुष्ट हो कर मितेश राहुल की धमकी के बाद भी शादी के लिए इंदौर आने पर राजी हो गया.
दूसरी तरफ जब राहुल ने देखा कि सब कुछ जानने के बाद भी मितेश वैशाली से शादी करने जा रहा है, तब उस ने वैशाली को धमकी देनी शुरू कर दी कि अगर उस ने उसे छोड़ कर मितेश से शादी की तो वह उसे समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा.
इस धमकी से वैशाली काफी डर गई थी. दूसरे मितेश को शादी के लिए अब तक इंदौर पहुंच जाना था, लेकिन वह किसी कारण से तय तारीख पर इंदौर नहीं आया.
इस से वैशाली को लगने लगा कि अभिनंदन की तरह मितेश भी उस से शादी न करने का मन बना चुका है. इस से वह बेहद परेशान हो गई.
वैशाली जो कभी चमकदमक की दुनिया में जीती थी. सड़कों पर हजारों प्रशंसक उस की झलक देखने को बेताब रहते थे, उसे अपनी जिंदगी में ऐसे जिल्लत भरे वक्त की उम्मीद कभी नहीं रही थी. इसलिए उस ने दिशा और राहुल की जुगलबंदी से परेशान हो कर मौत का रास्ता चुन लिया.
घटना के संबंध में एसीपी मोतीउर रहमान का कहना है कि मृतका के सुसाइड नोट के आधार पर राहुल एवं उस की पत्नी दिशा को आरोपी बनाया गया है. सुसाइड नोट से साफ है कि आरोपी मृतका को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहा था.
मृतका के सुसाइड नोट के अलावा डायरी में भी ऐसे ही संकेत मिले थे. आरोपी ने अपने मोबाइल और आईपैड का डाटा डिलीट कर दिया था, जिसे पुलिस रिकवर कराने की कोशिश करेगी. इस में नए तथ्य मिलने पर उस के खिलाफ और भी धाराएं बढ़ सकती हैं. द्य