थाना गोहपारू क्षेत्र में आने वाले गांव खन्नोदी का रहने वाला वृद्ध रामदीन रजक थाने आकर थानाप्रभारी डीएसपी (ट्रेनी) सोनाली गुप्ता से मिला. उस ने बताया कि उस की बेटी प्रीति करीब साल भर पहले अपने पति को छोड़ कर गंजबासोदा, जिला विदिशा निवासी हेमंत विश्वकर्मा के साथ गांव में रहने लगी थी. प्रीति का घर उस के मायके के पास ही था.
रामदीन ने आगे बताया कि बीती रात उस ने प्रीति और हेमंत के लड़नेझगड़ने की बातें सुनी थीं. सुबह को उन के घर में ताला पड़ा देखा तो सोचा कि सुबहसुबह दोनों कहां जा सकते हैं. शक हुआ तो उस ने खिड़की से झांक कर अंदर देखा. शक सही निकला. अंदर प्रीति की लाश पड़ी थी. जबकि हेमंत गायब था. यह देख कर वह थाने चला आया.
मामला वाकई गंभीर था. डीएसपी (ट्रेनी) सोनाली गुप्ता पुलिस ले कर रामदीन के साथ गांव खन्नोदी के लिए रवाना हो गईं. वहां पहुंच कर उन्होंने हेमंत के मकान का ताला तुड़वाया तो अंदर प्रीति की लाश पड़ी मिली. सोनाली ने इस की सूचना एसपी सत्येंद्र शुक्ला और एएसपी प्रतिभा मैथ्यू को दे दी. प्रीति का शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया.
पुलिस अधिकारियों ने इस केस की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी. छानबीन में पता चला कि हेमंत करीब 14-15 महीने पहले प्रीति के साथ खन्नोदी आ कर रहने लगा था.
दोनों में कुछ दिनों तक तो अच्छी बनी, लेकिन बाद में उन के बीच लड़ाईझगड़े आम बात हो गए थे. उन के बीच झगड़ा किस बात को ले कर होता था, इस बारे में लोगों ने साफसाफ तो कुछ नहीं कहा, लेकिन कुछ लोगों ने दबी जुबान में यह बात मानी कि प्रीति की गांव के कुछ लड़कों से दोस्ती थी. संभवत: इसी बात को ले कर हेमंत और उस के बीच विवाद होता था.
पता चला कि 26 फरवरी की रात हेमंत घर में था, लेकिन 27 की सुबह जब प्रीति की लाश देखी गई तब घर के दरवाजे पर बाहर से ताला पड़ा था. हेमंत चूंकि लापता था, इसलिए पुलिस का सीधा शक उसी पर गया. थानाप्रभारी सोनाली गुप्ता के नेतृत्व में बनाई गई टीम में शामिल एएसआई नागेंद्र प्रताप सिंह, हैडकांस्टेबल महेंद्र झा, कांस्टेबल राजेंद्र तिवारी, गिरीश कसाना, आलोक सिंह और सतीश की टीम हेमंत की खोज में जुट गई.
चूंकि हेमंत विदिशा जिले की गंजबासोदा तहसील का रहने वाला था, इस टीम ने गंजबासोदा के अलावा विदिशा, गुना और शहडोल में उस के ठिकानों पर छापेमारी की. लेकिन वह हाथ न आया. अंतत: थानाप्रभारी ने मुखबिरों की मदद से 3 फरवरी को घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में हेमंत पहले तो प्रीति की हत्या करने से इनकार करता रहा, लेकिन जब पुलिस ने उस के साथ सख्ती की तो उस ने मान लिया कि प्रीति की कई लड़कों से दोस्ती के कारण आपस में विवाद होता था.
घटना वाली रात उस ने गुस्से में प्रीति की हत्या कर दी. हत्या के बाद रात में ही वह दरवाजे पर बाहर से ताला लगा कर शहडोल भाग गया था. पुलिस ने उस की निशानदेही पर शहडोल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर लाइनों के नीचे छिपा कर रखी दरवाजे की चाबी भी बरामद कर ली. पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
सांवली मगर तीखे नाकनक्श वाली प्रीति अपनी चंचलता के कारण तभी गांव के युवकों की चहेती बन गई थी, जब वह किशोरावस्था के दौर से गुजर रही थी. छोटी उम्र में ही गांव के कई युवकों के साथ उस की दोस्ती हो गई थी. स्थिति यहां तक पहुंची कि उस के चक्कर में कई युवकों में आपस में मारपीट भी हो जाती थी.
जब प्रीति की वजह से गांव में बदनामी होने लगी तो उस के पिता ने जवानी की पहली पायदान पर पहुंचते ही उस की शादी पास के गांव में कर दी.
नासमझी की उम्र में प्रीति को जो चस्का लगा था, वह ससुराल जा कर भी नहीं छूटा. नतीजा यह निकला कि ससुराल में भी कई युवक उस के दीवाने बन गए. करीब 3 साल पहले प्रीति को फेसबुक का शौक लग गया. वह दिनदिन भर फेसबुक पर लगी रह कर नएनए दोस्त बनाने लगी.
इसी दौरान करीब 2 साल पहले फेसबुक पर उस की दोस्ती गंजबासोदा निवासी हेमंत विश्वकर्मा से हुई, जो टेलरिंग का काम करता था.
फेसबुक पर पहली चैटिंग में ही प्रीति ने हेमंत से पूछा, ‘‘क्या करते हो?’’
‘‘लेडीज टेलर हूं.’’ हेमंत ने जवाब दिया.
‘‘अरे वाह, तब तो लड़कियों का नाप भी लेते होगे? खूब मजे होंगे तुम्हारे.’’
‘‘ऐसा नहीं है जैसा समझ रही हो, सब लड़कियां नाप नहीं देतीं.’’
‘‘फिर उन के कपड़े कैसे सिलते हो?’’ प्रीति ने इसी विषय पर बात बढ़ा दी.
‘‘आंखों से नाप ले कर साइज समझ जाता हूं.’’ हेमंत ने भी छलिया की तरह जवाब दिया.
‘‘मेरी फोटो देखी है?’’
‘‘रोज देखता हूं.’’
‘‘तो मेरा साइज बताओ?’’
‘‘एकदम सही या अंदाज से?’’
‘‘सही.’’
‘‘इस के लिए बिना ब्लाउज वाली फोटो भेजो तो एकदम सही नाप बता दूंगा.’’
‘‘नहीं बता पाओगे.’’ प्रीति बात खत्म करना नहीं चाहती थी.
‘‘और बता दिया तो?’’
‘‘तो जो कहोगे, मानूंगी.’’
‘‘तो फोटो भेजो, फिर देखना मेरा कमाल.’’ हेमंत ने बातों में रस भर दिया.
‘‘कल भेजूंगी.’’ कह कर प्रीति ने बात समाप्त कर दी.
पहली ही चैटिंग में प्रीति से इतनी खुल कर बात की थी, जिस से हेमंत समझ गया कि लड़की आसानी से हाथ आ जाएगी. उस की सोच सच ही निकली.
अगले ही दिन वाट्सऐप नंबर ले कर प्रीति ने वैसी फोटो भेज दी, जैसी उस ने मांगी थी. फोटो देख कर हेमंत ने लिख दिया 36 नंबर है. वह प्रीति की फोटो देख कर रोमांचित हो रहा था.
‘‘अरे वाह, एकदम सही. तुम तो कमाल के हो यार. देख कर ही नाप बता दिया.’’ प्रीति ने जवाब में लिखा.
‘‘तुम चीज ही ऐसी हो. सच कहूं तो मैं ने आज तक किसी लड़की की इतनी खूबसूरत बनावट नहीं देखी.’’
‘‘तुम झूठ बोल रहे हो. लेडीज टेलर हो, ऐसा हो ही नहीं सकता.’’
‘‘सच, हजारों लड़कियों का नाप ले चुका हूं, लेकिन ऐसी सुंदर बौडी नहीं देखी. मन करता है तुम्हारी इस सुंदरता को जी भर कर प्यार करूं.’’
‘‘लेडीज टेलर के साथसाथ रसिया भी हो, लेकिन मैं हाथ आने वालों में नहीं हूं.’’ प्रीति ने हेमंत को छेड़ा.
‘‘अपनी शर्त मत भूलो. याद है, तुम ने कहा था कि अगर मैं शर्त जीत गया तो जो मैं कहूंगा तुम करोगी.’’
‘‘कह दिया तो क्या हुआ, हंसीमजाक में सब चलता है.’’ प्रीति ने जानबूझ कर बात हवा में उड़ानी चाही.
लेकिन हेमंत भी कम नहीं था. उस ने मन ही मन सोच लिया था कि प्रीति के ब्लाउज के पार जा कर ही रहेगा. उस ने बात आगे बढ़ाने के लिए कहा, ‘‘तुम्हारे दोनों नंबर हैं मेरे पास. वहां तक तो जरूर पहुंचूंगा.’’
‘‘मतलब,’’ प्रीति ने अनजान बनने की कोशिश की.
‘‘मतलब यह कि मेरी शर्त पूरी करो.’’
‘‘ठीक है, किसी दिन आ कर अपनी शर्त पूरी कर लेना.’’ प्रीति ने हेमंत से कहा तो वह फूला नहीं समाया.
इस के 15 दिन बाद हेमंत गंजबासोदा से कई सौ किलोमीटर दूर शहडोल में प्रीति के गांव जा पहुंचा. लेकिन फोन पर बात करने के बावजूद वह प्रीति को केवल देख भर सका. उन्हें मिलने का मौका नहीं मिल पाया.
इस के बाद प्रीति और हेमंत के बीच फोन पर देर रात तक अश्लील बातें होने लगीं. इसी सब के चलते प्रीति हेमंत के प्यार में ऐसी खोई कि उस ने डेढ़ साल पहले पति का घर छोड़ दिया.
यह जान कर हेमंत खन्नौदी पहुंचा, जहां दोनों बिना शादी किए ही साथ रहने लगे. इस के बाद दोनों के दिन सोने के और रातें चांदी की बन कर गुजरने लगीं. हेमंत ने टेलर की दुकान खोल ली, जिस से दोनों का खर्च चलने लगा.
प्रीति को पा कर केवल हेमंत ही खुश नहीं था, गांव के ऐसे कई युवक भी प्रीति के वापस आने से खुश थे, जिन्होंने किशोरावस्था में प्रीति के संग रंगरलियां मनाई थीं.
हेमंत की हो जाने के बाद प्रीति ने कुछ दिनों तक तो पुराने संगीसाथियों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जल्दी ही उसे फिर से पुरानी बातें याद आने लगीं. जल्दी ही फेसबुक पर उसे उन में से युवकों के नंबर मिलने लगे. उन से प्रीति की फेसबुक और फोन पर बात भी होने लगी.
गांव में कुछ युवक ऐसे भी थे, जो किशोर उम्र में प्रीति को पाने के लिए पापड़ बेल चुके थे. लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी, इसलिए जब उन्होंने देखा कि प्रीति अपने पुराने यारों को भी चारा डालने लगी है, तो उन में कुछ युवकों ने बातोंबातों में हेमंत को प्रीति की पुरानी प्रेम कहानियों के बारे में बता दिया.
इस के बाद हेमंत प्रीति पर नजर रखने लगा. उसे जल्द ही यह बात समझ में आ गई कि प्रीति की गांव के कई युवकों से खास किस्म की दोस्ती है. जब उस ने प्रीति पर लगाम कसने की कोशिश की तो दोनों के बीच आए दिन विवाद होने लगा.
हेमंत ने बताया कि घटना की रात जब वह घर आया, तब प्रीति किसी से फोन पर बात कर रही थी. उस ने मुझे देख कर फोन काट दिया. जब मैं ने इस बारे में पूछा तो उस ने कुछ भी बताने से साफ मना कर दिया. इतना ही नहीं, उस ने अपने फोन को भी हाथ नहीं लगाने दिया. इस बात पर दोनों में विवाद हुआ, जिस के चलते गुस्से में उस ने प्रीति का गला दबा दिया.
हेमंत ने बताया कि वह उस की हत्या करना नहीं चाहता था, लेकिन अनजाने में ही प्रीति की मौत हो गई तो वह बुरी तरह डर गया और दरवाजे में ताला लगा कर वहां से भाग गया.
सौजन्य: सत्यकथा, मई 2020