हरियाणा के पहलवानों ने ओलिंपिक खेलों में मैडल जीत कर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है. पहलवानी से यहां के लोगों का इतना ज्यादा लगाव है कि जगहजगह देशी अखाड़े खुले हुए हैं. वहां के कोच या खलीफा या गुरुजी अपने शिष्यों को पहलवानी के दांवपेंच सिखाते हैं. पर कई बार ऐसे अखाड़ों में दबदबे का ऐसा घिनौना खेल खेला जाता है कि पूरा कुश्ती जगत शर्मसार हो जाता है.
हरियाणा के रोहतक में शुक्रवार, 12 फरवरी की शाम हुए एक हत्याकांड से पूरे राज्य में मानो हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि एक कालेज के पास बने अखाड़े के संचालन को ले कर हुए झगड़े के चलते यह वारदात हुई और गोलीबारी की गई.
इस हत्याकांड में 5 लोगों की मौत हो गई और 2 घायल बताए गए. मरने वालों में 2 कोच और एक महिला पहलवान शामिल थी.
मरने वालों के नाम मनोज मलिक, उन की पत्नी साक्षी मलिक, प्रदीप मलिक उर्फ फौजी, सतीश दलाल और मथुरा, उत्तर प्रदेश की पूजा हैं. मनोज मलिक और साक्षी मलिक का एक 3 साल का बच्चा और पहलवान अमरजीत सिंह घायल हुए. मनोज मलिक और प्रदीप मलिक उर्फ फौजी नैशनल लैवल के खिलाड़ी रह चुके थे.
मारे गए मनोज मलिक जाट कॉलेज में डीपीई थे और वे इस अखाड़े का भी संचालन करते थे. उन की हत्या करने का आरोप अखाड़े में ट्रेनर का काम करने वाले सुखविंदर पर लगा. बताया जा रहा है कि सुखविंदर् इस अखाड़े में हिस्सेदारी की मांग कर रहे था, जबकि मनोज मलिक इस के लिए तैयार नहीं थे.
इसी बात को ले कर मनोज मलिक और सुखविंदर के बीच झगड़ा हुआ और सुखविंदर ने कथिततौर पर मनोज समेत 5 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी. इस के बाद वह फरार हो गया लेकिन अगले ही उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया. उस पर एक लाख रुपए का इनाम भी रखा गया था.
इस गोलीकांड के बाद जो बातें सामने आ रही हैं, उन के मुताबिक सुखविंदर के खिलाफ अखाड़े में कुश्ती करने वाली कई महिला पहलवानों के परिवार वालों ने मनोज मलिक से शिकायत की थी. इस के चलते मनोज मलिक ने सुखविंदर को अखाड़े से हटा दिया था.
इस के अलावा अखाड़े में आने वाले कुछ पहलवानों का कहना है कि सुखविंदर का कहना था कि मनोज मलिक और उन की साक्षी मलिक पत्नी को नौकरी मिल चुकी है. ऐसे में अगर अखाड़े का संचालन उसे मिल जाता है तो उस की गुजरबसर आसान हो जाएगी.
इसी तनातनी को शांत करने के लिए शु्क्रवार, 12 फरवरी, 2021 को समझौते के लिए सुखविंदर ने मनोज मलिक और दूसरे लोगों को अखाड़े के पास बने कमरे में बुलाया था. आरोप है कि वहीं पर उस ने पिस्तौल से सब को गोली मार दी. इस से कमरे में मौजूद 5 लोगों की मौत हो गई और 2 लोग घायल हो गए. आरोपी सुखविंदर कमरे को ताला लगा कर भाग गया.
नीचे अखाड़े में प्रैक्टिस कर रहे पहलवानों को जब गोलियां चलने की आवाज आई तो वे ऊपर पहुंचे, लेकिन वहां ताला लगा हुआ था. कमरे से मनोज मलिक और साक्षी मलिक के छोटे बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी, जिस के बाद वे पहलवान ताला तोड़ कर अंदर घुसे. वहां खून से सनी 5 लाशें पड़ी हुई थीं.
इस के बाद वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी और घायलों को अस्पताल पहुंचाया. आरोपी ने सभी को सिर और गले में गोली मारी थी.
गोली लगने से घायल हुआ मनोज मलिक का 3 साल का बच्चा इलाज के दौरान कोमा में चला गया, जबकि घायल अमरजीत सिंह को बेहतर इलाज के लिए गुरुग्राम के बड़े अस्पताल रैफर किया गया.
आप को फिल्म ‘कमांडो-3’ तो याद ही होगी. उस फिल्म की शुरुआत में ही अखाड़े का एक सीन था, जिस में पहलवानी करने वाले लड़के स्कूल जाती लड़कियों से छेड़छाड़ करते हैं. उन लोगों से पूरा महल्ला डरता है. इस सीन में स्कूली लड़की की स्कर्ट को एक पहलवान खींचता है, जिस के बाद हीरो विद्युत जामवाल उन पहलवानों से भिड़ कर लड़की की बेइज्जती का बदला लेता है.
इस सीन को ले कर सोशल मीडिया पर काफी विवाद हुआ था और कई नामी पहलवानों ने इस सीन को अखाड़े और पहलवानी करने वालों की बेइज्जती बताया था. उन की दलील थी कि पहलवान अखाड़े में कोई जुर्म नहीं कर सकते हैं, पर रोहतक वाले मामले ने उन की इस दलील पर पानी फेर दिया.
और कांड भी हुए हैं
साल 2019 के नवंबर महीने में हरियाणा की रहने वाली नैशनल लैवल की ताइक्वांडो खिलाड़ी सरिता जाट को कुश्ती के एक खिलाड़ी सोमवीर जाट ने गोली मार दी थी.
सोमवीर जाट सरिता से प्यार करता था और उस से शादी करना चाहता था, पर सरिता के मना करने पर वह बहुत ज्यादा गुस्सा हो गया था और उस ने सरिता की मां के सामने ही उस की छाती में गोली ठोंक दी थी.
इस वारदात के तकरीबन एक साल बाद आरोपी सोमवीर जाट को पुलिस ने राजस्थान के दौसा इलाके से गिरफ्तार किया था.
साल 2015 में रोहतक के कबड्डी खिलाड़ी रह चुके सन्नी देव उर्फ कुक्की के सिर भी एक खून का इलजाम लगा था. कुक्की नैशनल लैवल का कबड्डी खिलाड़ी था. विरोधी पक्ष के हत्थे जब कुक्की नहीं लगा तो उस ने कुक्की के छोटे भाई और नैशनल लैवल के कबड्डी खिलाड़ी सुखविंदर नरवाल को गोलियों से भून डाला था.
हरियाणा के लिए क्रिकेट खेल चुका सुरजीत रंगदारी के मामले में पुलिस के हत्थे चढ़ा था. वह रंगदारी से पैसा इकट्ठा कर के फिर से क्रिकेट खेलना चाहता था, लेकिन पैसे कमाने का उस का यह तरीका उसे जुर्म की राह पर ले गया.
दिल्ली का जितेंद्र उर्फ गोगी वौलीबाल का नैशनल लैवल का खिलाड़ी था. उस का उठनाबैठना बदमाशों के साथ हो गया और उस ने खेल छोड़ कर दिल्ली, सोनीपत, पानीपत व दूसरी कई जगहों पर वारदात करनी शुरू कर दीं.
ऐसे अपराधी खिलाड़ियों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है. बहुत बार तो खेल में मनमुताबिक कामयाबी न मिलने पर बहुत से खिलाड़ी अपराध की दुनिया में कदम रख देते हैं. वे सेहतमंद होते हैं और बदन से ताकतवर भी, खासकर कुश्ती और कबड्डी से जुड़े लोग, जो अपने दबदबे से लोगों में डर पैदा करने में कामयाब हो जाते हैं.
इस सिलसिले में रोहतक के एक वकील नीरज वशिष्ठ का कहना है, ‘सभ्य समाज में ऐसे अपराध की कोई जगह नहीं है और जब अपराध खेल जगत में अपने दबदबे के लिए दस्तक देने लगे तो हमें जरूर सोचना चाहिए. जिस खेलकूद से हम अपने बच्चों का भविष्य जोड़ कर देखते हैं, उस में अगर ‘मैं ही सबकुछ’ की जिद हावी हो जाती है तो उस से न केवल खेल, बल्कि उस में शामिल सभी का नुकसान ही होता है.
‘हम सब को इस आपराधिक सोच को रोकना होगा, नहीं तो खेल जगत में जो नाम हमारे देशप्रदेश ने हासिल किया है उसे धूल में मिलते देर नहीं लगेगी.’
‘अर्जुन अवार्ड’ विजेता पहलवान और कोच कृपाशंकर बिश्नोई ने इस हत्याकांड पर दुख और रोष जाहिर किया. मारे गए पहलवान प्रदीप मलिक उन्हीं की तरह रेलवे से जुड़े थे और रतलाम मंडल में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
कृपाशंकर बिश्नोई के मुताबिक, ‘यह खेल दुनिया खासकर कुश्ती जगत के लिए बड़ा नुकसान है, जिस की भरपाई नहीं हो पाएगी.’
जब से देश में कुश्ती दोबारा मशहूर हुई है तब से अखाड़ों में रौनक बढ़ने लगी है, पर बहुत से अखाड़े नामचीन पहलवान बनाने के चक्कर में खुल तो गए हैं, लेकिन मानकों पर खरे नहीं उतर पाते हैं.
एक खबर के मुताबिक रोहतक जिले में ही 40 अखाड़ों में से 10 अखाड़े मानकों पर खरे उतरे हैं. बाकी का तो रजिस्ट्रेशन तक नहीं हुआ है. मतलब ये अब कमाई का जरीया बन गए हैं. इसी कमाई के चक्कर में यह हत्याकांड हुआ है.