आजकल भोजपुरी में एक्शन और थ्रिलर फिल्मों का जबरदस्त बोलबाला है. अब भोजपुरी में भी एक्शन, थ्रिलर फिल्में बन रही हैं. इन फिल्मों की कहानियां भी रोमांच पैदा करने के आधार पर लिखी जा रही हैं. इस के अलावा इन फिल्मों में नेपाल और साउथ के एक्शन मास्टर एक्शन सीन का निर्देशन कर रहे हैं, जिस से फिल्म के एक्शन जबरदस्त रोमांच पैदा करते हैं.
साल 2022 में भोजपुरी में एक्शन और थ्रिलर पर आधारित कई फिल्में रिलीज हुईं, लेकिन उन में से जिस फिल्म ने सब से ज्यादा सुर्खियां बटोरीं, उस का नाम है ‘रण’. भोजपुरी में बनी फिल्म ‘रण’ का एक्शन और कहानी दोनों ही दमदार हैं, जिस में भोजपुरी स्टार आनंद ओझा और अभिनेत्री काजल राघवानी की जोड़ी ने दर्शकों पर अपनी अलग ही छाप छोड़ी.
इस फिल्म का एक्शन डबल डोज से भरा है और एक्टर आनंद ओझा का इस में खतरनाक रूप देखने को मिला, जो बुराइयों को खत्म करने का काम करते हैं. इसी के साथ ही फिल्म में उन की और काजल राघवानी की रोमांटिक कैमिस्ट्री भी दर्शकों को खूब पसंद आई थी.
फिल्म की कहानी में हीरो यानी आनंद ओझा और काजल राघवानी कि जोड़ी बचपन में बिछड़ जाती है. आनंद सेना में अधिकारी बनने के बाद जब वापस आते हैं तो वह काजल राघवानी से फिर से मिलने की कोशिश करते हैं. इसी बीच फिल्म में विलेन नरेना खड़का, जो नेपाली फिल्म के जानेमाने अभिनेता हैं, का भाई देव सिंह भी काजल राघवानी के पीछे पड़ जाता है.
फिर विलेन और हीरो में जबरदस्त मारधाड़ शुरू हो जाती है. जहां इस फिल्म का एक्शन डराने वाला है वहीं फिल्म का विलेन काजल राघवानी के भाई को किडनैप कर लेता है.
हीरो आनंद ओझा विलेन से लड़ कर उस के चंगुल से काजल के भाई को छुड़ा तो लेते हैं, लेकिन बौखलाया हुआ विलेन काजल राघवानी सहित उन के पूरे परिवार की
हत्या कर देता है. इस के बाद विलेन के गैंग से जुड़े सभी लोगों की एकएक कर हत्याएं होने लगती हैं.
इस की जांच की जिम्मेदारी पुलिस अधिकारी बने अयाज खान और मनोज सिंह टाइगर को मिलती है. लेकिन ये हत्याएं इतनी चालाकी से की जाती हैं, जिस की तह तक पुलिस का पहुंचना मुश्किल हो जाता है. आखिर में हीरो आनंद ओझा विलेन के गैंग का सफाया कर वापस सेना में चला जाता है.
फिल्म ‘रण’ की हुई काफी चर्चा
4 जनवरी, 2023 को अयोध्या में संपन्न हुए चौथे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में जहां पारिवारिक और मसाला फिल्मों का बोलबाला रहा, वहीं मारधाड़, एक्शन और अपराध वाली फिल्मों ने भी अपनी अमिट छाप छोड़ी.
इस अवार्ड में जिन फिल्मों से नौमिनेशन मिले थे, उन में से वैयक्तिक रूप से भोजपुरी फिल्म ‘रण’ से एक्टर सी.पी. भट्ट का नौमिनेशन शामिल किया गया था. इस फिल्म में किए गए अभिनय को देखते सी.पी. भट्ट को बेस्ट एक्टर इन कौमिक रोल का अवार्ड दिया गया.
बेस्ट एक्टर इन कौमिक रोल के अवार्ड से नवाजे गए एक्टर सी.पी भट्ट इस फिल्म में के गजनी के किरदार में न केवल गुदगुदाते हुए नजर आए हैं, बल्कि वह हीरो को कई जगह मुसीबतों से बचाते भी हैं. सी.पी. भट्ट ‘रण’ फिल्म में अपने किरदार में पूरी तरह से ढले हुए नजर आए हैं.
फिल्म में विलेन नरेना खड़का और आनंद ओझा का खतरनाक एक्शन, अलगअलग तेवर में काफी रोमांचित करने वाला है. फिल्म पूरी तरह से साउथ एक्शन के पैटर्न पर बनाई गई है. यह फिल्म प्यार, मोहब्बत, रोमांस और रोमांच से भरपूर है.
इस के आलावा अवार्ड शो में ‘ससुरा बड़ा पैसा वाला’, ‘दिदिया के देवर’ जैसी फिल्मों की झोली में भी कई अवार्ड गए. इन फिल्मों की कहानी और एक्शन भी रोमांच पैदा करने वाला रहा है.
अगर भोजपुरी में एक्शन और थ्रिलर वाली अन्य फिल्मों की बात करें तो इस में सब से ऊपर ‘वध’ का नाम लिया जा सकता है. साल 2022 में रिलीज हुई भोजपुरी फिल्म ‘वध’ काफी चर्चा में रही, क्योंकि इस फिल्म को बौलीवुड के जानेमाने डायरेक्टर सुभाष घई की कंपनी मुक्ता आर्ट्स ने लगभग 200 मल्टीप्लेक्स में एक साथ रिलीज किया. और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में पहली बार हुआ कि इतने बड़े लेवल पर किसी भोजपुरी फिल्म को रिलीज किया गया हो.
विराज भट्ट की सभी फिल्मों की तरह इस फिल्म में भी एक्शन और मारधाड़ है. इस फिल्म में विराज भट्ट ने एक पुलिस वाले का किरदार निभाया है. हीरो विराज भट्ट के एरिया का एक बहुत बड़ा गुंडा है, जिस के आतंक से लोग हमेशा परेशान रहते हैं, उसी से इन की दुश्मनी हो जाती है. लेकिन वह गुंडा इन को मार देता है. और फिर उन की पत्नी यानी रक्षा गुप्ता फिर उस गुंडे से बदला लेती हैं. और फिर विराज भट्ट का दूसरा रोल आता है और फिर वह उस गुंडे का वध करते हैं.
‘पकड़ुआ बियाह’ ने किया सामाजिक कुप्रथा पर वार
‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में साल 2022 की सर्वाधिक चर्चित भोजपुरी सीरीज में शुमार रही ‘पकड़ुआ बियाह’ जो बिहार की एक कुप्रथा पर आधारित है. भरपूर एक्शन, सस्पेंस और क्राइम पर आधारित इस फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है.
यशी फिल्म्स के बैनर तले बनी ‘पकड़ुआ बियाह’ की कहानी उत्तर प्रदेश, बिहार के इलाकों में हो रही जबरन शादी जैसी कुप्रथा पर आधारित है. इस सीरीज में अंकुश राजा, अनारा गुप्ता और रक्षा गुप्ता लीड रोल में हैं. इस भोजपुरी सीरीज में अनारा गुप्ता निगेटिव रोल में नजर आई हैं.
फिल्म की कहानी बिहार में अपराध का पर्याय माने जाने वाले पकड़ुआ बियाह पर आधारित है, जिस के तहत दूल्हे को अगवा कर उस की शादी रचाने का चलन है. बेगूसराय से सटे पटना जिले के हिस्से मोकामा, पंडारख, बाढ़, बख्तियारपुर जैसे इलाकों में एक समय इस का खूब चलन था.
पकड़ुआ बियाह में गांव या परिवार के दबंग लोग इलाके के किसी पढ़ेलिखे और धनसंपदा से संपन्न शादी योग्य युवक का अपहरण कर लेते हैं. इस के बाद जबरन उस की शादी किसी लड़की से करा दी जाती है. विरोध करने पर युवक की पिटाई भी की जाती है. हथियार वगैरह दिखा कर युवक को डरायाधमकाया भी जाता है.
इतना ही नहीं, शादी कराने वाले दबंग दूल्हे और उस के घर वालों को इतना डराधमका देते हैं कि वह मजबूरी में जबरिया विवाह को स्वीकार कर लेते हैं. आमतौर पर दबंग पहला बच्चा होने तक दूल्हा और उस के परिजनों पर नजर रखते हैं.
चौपाल ओटीटी ऐप पर 10 दिसंबर को रिलीज हुई थी भोजपुरी ओरिजिनल वेब सीरीज ‘पकड़ुआ बियाह’ में मुख्यरूप से अंकुश, राजा, रक्षा गुप्ता, अनारा गुप्ता, विनीत विशाल, विष्णु शंकर बेलू, बिजेंद्र सिंह बिब, साहिल शेख और जनार्दन पांडेय ने भूमिका निभाई है.
इस वेब सीरीज के निर्देशक विवेक तिवारी ने बताया कि इस फिल्म में अपराध, रहस्य और रोमांच दर्शकों को अंत तक बांधे रखते हैं. उन्होंने बताया कि वेब सीरीज ‘पकड़ुआ बियाह’ मनोरंजन के साथसाथ एक सामाजिक संदेश भी देती है.
इस की कहानी आधुनिक भारतीय समाज की रूढि़वादी सोच को सामने लाती है और लोगों को उन के तर्कहीन और अंधविश्वासी व्यवहार से अवगत कराती है.
कभी शादीविवाह और घरपरिवार की कहानियों के इर्दगिर्द ही भोजपुरी फिल्मों की कहानियां घूम कर रह जाती थीं, जिस में गानों की भरमार के साथ ही गांव, घरों के झगड़े दिखाए जाते थे. लेकिन हाल के सालों में सैकड़ों ऐसी भोजपुरी फिल्में बनीं, जिन में अपराध, रहस्य और रोमांच का तड़का देखने को मिला. इन फिल्मों को दर्शकों ने पारिवारिक फिल्मों से ज्यादा तवज्जो दी.
यही वजह है कि भोजपुरी की ‘वध’ जैसी फिल्में 200 से अधिक मल्टीपलेक्स में रिलीज हुईं तो वेब सीरीज‘पकड़ुआ बियाह’ को चौपाल ओटीटी ऐप पर खूब देखा जा रहा है.
समारोह में फिल्म ‘डोली सजा के रखना’ को जहां बेस्ट मूवी का अवार्ड दिया गया तो वहीं इसी फिल्म से बेस्ट ऐक्ट्रैस का अवार्ड आम्रपाली दूबे को, विनोद मिश्र को
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर, प्रफुल्ल तिवारी को बेस्ट गीतकार, शर्मिला सिंह को बेस्ट निर्मात्री, रजनीश मिश्र को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर, जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू को बेस्ट एडिटर, आर.आर. प्रिंस को बेस्ट सिनेमैटोग्राफी, समर्थ चतुर्वेदी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर क्रिटिक, संतोष पहलवान को स्पैशल मेंशन, प्रसून यादव को बेस्ट कोरियोग्राफर, रक्षा गुप्ता को बेस्ट डेब्यू एक्ट्रैस का अवार्ड दिया गया. द्य