बिहार में भोजपुर जिले की पुलिस ने 14 नवंबर, 2022 की देर रात 2 बजे के करीब सोहरा गांव से एक लाश बरामद की थी. लाश एक युवक की थी, जिस के शरीर पर चोट के कई निशान थे.
सुबह होने पर उस की पहचान 25 वर्षीय चंदन तिवारी के रूप में हुई, जो उस गांव का रहने वाला नहीं था. उस के बारे में पुलिस द्वारा गांव वालों से पूछताछ करने पर पर मालूम हुआ कि वह करीब 35 किलोमीटर दूर गांव धमवल का रहने वाला था, लेकिन इन दिनों वह बनारस में रह रहा था.
उस की लाश जहां पाई गई थी, उस के पास का एक घर में धमवल गांव की रहने वाली रूबी देवी की ससुराल थी. उस की शादी राजू पासवान से साल 2018 में हुई थी.
रूबी गुलाब पासवान की बेटी है. मृतक चंदन की बाइक रूबी की ससुराल के पास ही झाड़ी से बरामद की गई थी. फिर क्या था, संदेह के आधार पर पुलिस ने रूबी देवी और उस की ससुराल वालों को पूछताछ के लिए कृष्णागढ़ थाने ले आई.
घटना की जानकारी एसएचओ अरविंद कुमार के नेतृत्व में जुटाई गई. मृतक के शरीर पर जख्म के कई निशान पाए गए. मामला पूरी तरह से हत्या का था, इसलिए पुलिस ने लाश फोरैंसिक जांच कराने के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय आरा के अस्पताल में भेज दी. साथ ही चंदन तिवारी के घर वालों को भी थाने बुला कर जांच का सिलसिला आगे बढ़ाया.
उन से पूछताछ में पता चला कि चंदन तिवारी उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में एक आचार्य के साथ रह कर पूजापाठ का काम करता था. वहीं पढ़ाई भी कर रहा था. परिवार में चंदन अपने भाई दिलीप, अंजनी और 2 बहनों से छोटा था. गांव की रहने वाली रूबी से उस की बचपन से जानपहचान थी. वह साधारण कद और सामान्य रूपरंग की युवती थी.
चंदन के घर वालों के मुताबिक वह बनारस से 14 नवंबर, 2022 को जन्मदिन में शामिल होने के लिए बाइक से निकला था. उसे सोहरा गांव के दोस्त ने बुलाया था. दरअसल, रूबी के पति राजू पासवान से उस की पुरानी जानपहचान थी. रात के अंधेरे में वह रूबी की ससुराल कैसे पहुंचा, इस बारे में पुलिस ने रूबी से पूछताछ की.
रूबी ने भी यह स्वीकार कर लिया कि उस की चंदन से पुरानी जानपहचान ही नहीं थी, बल्कि वह उस का पूर्व प्रेमी था. इसी के साथ उस ने बताया कि अब उस के संबंध खत्म हो चुके हैं. शादी के बाद से वह उस से कभी भी मिलना नहीं चाहती थी. वही उस से मिलने को बेचैन रहता था. घटना के दिन भी वह उस से मिलने आया था.
चंदन और रूबी अलगअलग जाति के थे. उन के बीच सामाजिक तो क्या पारिवारिक मेल तक नहीं बैठने वाला था. इस कारण वे एकदूसरे से प्रेम करने के बावजूद शादी करने के लिए परिजनों से बात तक नहीं कर पाए, किंतु उन के बीच बचपन में पनपा प्रेम कितना गहरा बना हुआ था, इस बारे में रूबी कुछ भी बताना नहीं चाहती थी. जबकि लोगों से पता चला कि रूबी शादी के बाद भी पुराने प्रेम को नहीं भूल पाई थी.
सख्ती से पूछताछ करने के बाद उस ने चंदन की हत्या करने की जो कहानी बताई, वह इस प्रकार है—
बात साल 2018 के मई महीने की है. धमवल गांव में रूबी के घर बारात आने वाली थी. शादी से एक सप्ताह पहले बाजार से लौट रही रूबी को गांव के युवक चंदन ने बीच राह रोक लिया. रूबी तपाक से बोल पड़ी, ‘‘अब हमारी शादी होने वाली है, ऐसे अकेले में मत रोकाटोका करो…’’
‘‘क्यों न रोकूंटोकूं… तुम्हारी शादी होने वाली है तो अब मैं गैर बन गया?’’ चंदन ने भी उसी लहजे में जवाब दिया.
‘‘बात समझो. हमारी और तुम्हारी जाति अलग है और हम गरीब परिवार के हैं, जरा सी बात पर हमारी इज्जत पर बन आती है,’’ रूबी बोली.
‘‘…और हमारी इज्जत नहीं है क्या?’’ चंदन बोला.
‘‘तुम्हारा तो हमारे से अधिक मानसम्मान है समाज में. तुम्हें हम से अच्छी और एक से बढ़ कर एक लड़की मिल जाएगी,’’ रूबी समझाने की कोशिश करने लगी.
‘‘कुछ भी हो, हम तुम्हें अपने दिल से नहीं निकाल सकते,’’ कहते हुए चंदन ने रूबी का हाथ पकड़ लिया, जबकि रूबी एक झटके के साथ हाथ छुड़ा कर जाने लगी, ‘‘मेरा हाथ मत पकड़ो, तुम्हारे साथ मेरा कोई मेल नहीं है, समझे?’’
‘‘कुछ भी हो, मैं तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ने वाला…’’ चंदन तैश में बोला.
‘‘देखो, शादी के दिन कोई हरकत नहीं कर बैठना,’’ रूबी नाराजगी दिखाती हुई बोली.
‘‘अरे, उस रोज तो देखना तमाशा होगा… तमाशा. पूरी दुनिया देखेगी हमारातुम्हारा तमाशा,’’ कहते हुए चंदन ने अपनी बाइक स्टार्ट कर ली.
‘‘दारू पी कर तो आना ही मत. दारू बंद है. हंगामा करोगे तुम और पुलिस पकड़ेगी हमारे घर वालों को,’’ रूबी डांटती हुई बोली.
कुछ पल बाद भावुक हो कर चंदन बोला, ‘‘मैं तुम्हें एक बार अपनी बाहों में पाना चाहता हूं.’’
रूबी उस की बात सुन कर स्तब्ध रह गई. उस की मंशा सुन कर डर गई. सोच में पड़ गई इस बारे में किस से बात करे? किसी को उस की बात बताए या नहीं?
शादी के ठीक एक दिन पहले उसे मालूम हुआ कि चंदन बनारस चला गया है. शादीब्याह का लगन तेज होने के कारण उसे बनारस के एक आचार्य ने अपने साथ रख कर पूजापाठ और विवाह आदि का विधिविधान सिखाने के लिए बुलाया था.
आचार्य उस के पिता दयाशंकर तिवारी के जानने वाले थे, इसलिए उन्होंने चंदन को उन के पास भेज दिया था. रूबी ने यह जान कर राहत की सांस ली. वह निश्चिंत हो गई कि उस की धमकी के अनुसार शादी के दिन उस की तरफ से कोई हंगामा नहीं होगा.
जैसा रूबी ने सोचा था वही हुआ. उस की शादी शांति से संपन्न हो गई और वह अपनी ससुराल आ कर रहने लगी. एक साल के दरम्यान उस का मायके भी आनजाना हुआ, लेकिन चंदन से उस की मुलाकात नहीं हुई. हां, सहेलियों से मालूम हुआ कि वह गांव कभीकभार आताजाता रहता है.
किंतु यह क्या मायके से विदा होने की सुबहसुबह ही चंदन उस के दरवाजे पर आ धमका था. एकदम शांत था. उस ने पति राजू पासवान से मुलाकात की. उस का हालचाल लिया. दोनों ने दोस्ती का हाथ मिलाया. एकदूसरे का मोबाइल नंबर लिया और चला गया.
दिन, सप्ताह और महीने साल बीतते गए. इसी में कोरोना काल भी आया. चंदन अपने कामकाज में व्यस्त हो गया, लेकिन उस के जेहन में रूबी बसी रही.
उस का कारण था कि वह जब भी अपने गांव आता, रास्ते में पहले रूबी की ससुराल का गांव आता था. वहां से गुजरते हुए उस का प्रेम ताजा हो जाता था. अपने गांव आतेआते उस का पुराना प्रेम लहलहा उठता था, लेकिन रूबी के ससुराल में होने की जानकारी मिलते ही बेचैन हो जाता था.
एक दिन चंदन जब अपने गांव में था, तब उसे मालूम हुआ कि रूबी को उस का पति सताता है. वह शराब के नशे में उस की पिटाई तक कर देता है. यह जानकारी झूठी भी हो सकती थी, लेकिन चंदन इस की पुष्टि रूबी से मिल कर करना चाहता था. उस के पास रूबी का मोबाइल नंबर भी नहीं था, जो उस से बात कर पाता. इस कारण वह मन मसोस कर रह गया था.
उन्हीं दिनों उस का एक शादी समारोह में जाना हुआ. वहीं रूबी का पति राजू पासवान भी आया हुआ था. उस ने शराब पी रखी थी. लड़खड़ाता हुआ एक कुरसी पर बैठ गया. चंदन उसे नशे में धुत देख कर समझ गया कि उस ने रूबी के सताने के बारे में जो कुछ सुना है, वह गलत नहीं हो सकता. पहले तो चंदन ने प्यार से पूछा, ‘‘इस प्रोग्राम में रूबी भी आई है क्या?’’
‘‘तुम्हें रूबी से क्या मतलब? अच्छा उस की याद सता रही है, अब भूल जाओ अपनी आशिकी को वरना…’’ राजू लड़खड़ाती आवाज में बोला.
चंदन समझ गया कि राजू को उस के और रूबी के प्रेम संबंधों के बारे में मालूम हो गया है. कुछ देर वह शांत बना रहा, फिर बोला, ‘‘तुम ने शराब पी है और नशे में धमकी दे रहा है. मुझे सब पता है, तुम रूबी को मारतेपीटते भी हो…’’
‘‘मैं उसे मारूं या पीटूं, कुछ भी करूं उस के साथ, तुम कौन होते हो बीच में टांग अड़ाने वाले? कल का यार था उस का, अब नहीं है. समझा रे पंडित, हरामजादा आशिक कहीं का.’’ राजू नशे में धुत था और वह चंदन की हर बात का जवाब गालियों से देने लगा था.
चंदन को भी गुस्सा आ गया, उस ने भी गुस्से में कहा, ‘‘हां, हूं मैं रूबी का प्रेमी, लेकिन तुम्हारी तरह हरामी की औलाद नहीं जो बीवी की इज्जत न करूं. अगर तूने उस के साथ आगे मारपीट की, तब मैं तुझे गोली मार दूंगा.’’
उन के बीच बात इतनी अधिक बढ़ गई कि दोनों हाथापाई पर उतर आए. कहीं से चंदन के हाथ रसोई में सब्जी काटने वाला चाकू हाथ लग गया. उस ने गुस्से में राजू पर वार कर दिया.
चाकू मजबूत था और वार तेज, नतीजा राजू का हाथ जख्मी हो गया. उन के झगड़े को शांत करने के लिए पुलिस को आना पड़ा. राजू को नशे की हालत में पा कर उसे थाने ले आई. उस पर शराबबंदी के नियम के मुताबिक मुकदमा दर्ज कर लिया गया, जबकि चंदन पर भी हथियार से वार कर उसे घायल करने की धाराएं लगा दी गईं.
किसी तरह से उन के घर वालों ने थाने में उन के बीच सुलह करवा दी. पुलिस ने भी उन के बीच समझौता करवा कर मामले को वहीं खत्म कर दिया. किंतु राजू और चंदन के बीच एक दुश्मनी की तलवार खिंच गई थी.
अगले दिन ही राजू ससुराल से रूबी को ले कर अपने गांव लौट गया था. उन के जाते समय चंदन ने दोनों से मुलाकात की थी. राजू से उस रोज की घटना पर एक बार फिर सौरी बोला और हाथ मिलाया. रूबी से कुछ नहीं बोला.
रूबी के ससुराल जाने के बाद चंदन ने उस से फोन पर बात की और उसे राजू के साथ हुई मारपीट की घटना के बारे में विस्तार से बताया. रूबी ने सिर्फ इतना कहा कि वह उसे उस के हाल पर छोड़ दे. वह एक बच्चे की मां है.
उस के बाद ही पहली बार मार्च 2020 में कोरोना का लौकडाउन लग गया. चंदन की पढ़ाई से ले कर पूजापाठ का काम भी ठप हो गया. वह बनारस से गांव आ गया. वहां रूबी की याद सताने लगीं, तब वह दोबारा बनारस चला गया. बीच में रूबी से फोन पर बात कर लेता था.
रूबी उस से इसलिए भी बात कर लेती थी क्योंकि वह उस के मायके का था. उसे चंदन के जरिए गांव में उस के परिवार वालों का भी हालचाल मालूम हो जाता था.
बीते साल 2022 के सितंबर में रूबी को चंदन के जरिए ही मालूम हुआ कि मायके में उस के परिवार और चंदन के परिवार के बीच जमीन को ले कर झगड़ा हो गया. मामला थानापुलिस और कोर्टकचहरी तक जा पहुंचा है. रूबी यह जान कर चिंतित हो गई.
उसे समझाते हुए चंदन बोला कि वह उस बारे में मिल कर ही समझा सकता है कि विवाद में दोषी कौन है? झगड़ा किस बात की है? चंदन का कहना था कि दोनों परिवार बेवजह झगड़ रहे हैं. गांव में पंचायत कर मामला आपस में सुलझाया जा सकता है. इसी के साथ उस ने बताया कि छठ के मौके पर वह गांव जाएगा, तब इस मामले को सुलझा देगा.
चंदन 14 नवंबर की शाम को बाइक से अपने गांव की ओर निकला था. उस ने अपने दादा को फोन पर ही बताया था कि गांव में पहले अपने कुछ दोस्तों के यहां जन्मदिन की पार्टी में शमिल होगा.
लेकिन रास्ते में उसे न जाने क्या सूझी कि उस ने पहले रूबी से मिलने की सोची. पहले उस ने फोन पर उस से बात की. मालूम हुआ कि घर के लोग किसी शादी समारोह में गए हैं. चंदन अपने गांव जाने से पहले रूबी की ससुराल जा पहुंचा.
उस रोज चंदन के हावभाव से ऐसा लग रहा था, मानो उस का दिमाग तेजी से चल रहा हो. कई बातें एक साथ उमड़घुमड़ रही हों. अपनी बाइक उस ने रूबी की ससुराल के पास झाडि़यों में छिपा दी थी.
लोगों की नजरों से छिपताछिपाता हुआ चंदन जब वह अचानक रूबी की ससुराल पहुंचा तो वह चौंक पड़ी. उस ने झट से उस का हाथ खींच कर कमरे में कर लिया. फिर किवाड़ों को भिड़ा कर बोली, ‘‘यहां क्यों आए हो, कोई देख लेगा तो अनर्थ हो जाएगा. तुम अभी के अभी यहां से चले जाओ.’’
‘‘अभी तुरंत कैसे चला जाऊं? कम से कम एक गिलास पानी तो पिला दो, प्यास लगी है,’’ चंदन बोला.
‘‘लाती हूं.’’ बोलती हुई रूबी नीचे आंगन के पास रसोई में गई. तभी बगल के कमरे से उस की ददिया सास की आवाज आई, ‘‘ऊपर कौन गया है, लगता है चोर है.’’
‘‘दादी कोई नहीं, मैं ही तो हूं.’’ रूबी बोली.
‘‘बाहर वाला दरवाजा ठीक से बंद कर ले.’’
‘‘जी अच्छा,’’ रूबी बोली और पानी का गिलास ले कर अपने कमरे में जाने के लिए सीढि़यां चढ़ने लगी. 3-4 सीढ़ी ही चढ़ पाई थी कि उस के ससुर की आवाज आई, ‘‘बहू बाहर का दरवाजा ऐसे खुला छोड़ती हो, रात हो चुकी है, कुत्ताबिल्ली घुस आएगा अांगन, रसोई में…’’
अपने ससुर की आवाज सुन कर रूबी समझ गई कि घर के लोग शादी से वापस लौट आए हैं. वह घबरा गई. भाग कर कमरे में गई. वहां पहले से चंदन था. उस ने पानी का गिलास पकड़ाया और जल्दी से पी कर चले जाने को कहा.
तब तक रूबी का पति राजू और देवर भी आ गए. जैसे ही चंदन कमरे से बाहर निकला, राजू अपने कमरे के सामने आ चुका था. हल्की रोशनी में चंदन का चेहरा देखते ही बोल पड़ा, ‘‘अरे कमीना, तू यहां भी आ पहुंचा?’’
दौड़ कर उस ने चंदन का हाथ पकड़ लिया, लेकिन चंदन हाथ छुड़ाता हुआ छत की थोड़ी जगह में इधरउधर भागने लगा. अंत में जब भागने का कहीं रास्ता नहीं मिला, तब दूसरी मंजिल पर चढ़ कर वहां से नीचे कूद गया.
तब तक राजू ने चोरचोर का शोर मचा दिया. तुरंत परिवार के सदस्य समेत गांव के कुछ लोग लाठीडंडों के साथ घर के बाहर जमा हो गए.
घर के पिछवाड़े झाडि़यों में गिरा चंदन जख्मी हो गया था. वह उठ नहीं पा रहा था. इसी बीच लोगों ने उसे देख लिया और उस पर लाठीडंडों की बरसात कर दी.
लाठियां चंदन के शरीर पर कहांकहां लगीं, किसी ने नहीं देखा. जब वह बेजान हो गया, तब सभी अपने अपने घर की ओर लौट गए. राजू ने भी घर आ कर रूबी की खूब खैरखबर ली. घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई कि एक चोर मारा गया.
इस की सूचना शाहपुर थाने को भी मिल गई. पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस को मृतक चंदन तिवारी के दादा शिवजी तिवारी ने बताया कि वह धमवल के भुवनेश्वर पासवान, मुटन पासवान, गुड्डू पासवान और बिहारी पासवान ने उन के पोते को बर्थडे पार्टी में चलने के लिए बुलाया था. वह यहां कैसे पहुंच गया, नहीं मालूम.
इसी के साथ उन्होंने रूबी के परिवार वालों पर उस की हत्या करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि धमवल गांव में उस के और रूबी के परिवार वालों के बीच जमीन का भी विवाद चल रहा था. हो न हो रूबी ने उसे उस की हत्या करवाने के इरादे से यहां बुलवाया हो. उन्होंने चंदन और रूबी के बीच प्रेम संबंध की बात को गलत बताया.
चंदन की पीटपीट कर हत्या के मामले में पुलिस ने रूबी देवी के साथ उस के पति राजू पासवान, देवर सचिन पासवान और ससुर वीर बहादुर पासवान सहित 7 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. पुलिस ने रूबी, राजू पासवान, सचिन पासवान और वीर बहादुर पासवान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उन के साथ जेल जाने वालों में ढाई साल का एक बच्चा भी था.
ढाई वर्षीय बच्चा अपनी मां के बगैर नहीं रह सकता था, इसलिए आरोपी रूबी देवी के साथ वह भी जेल भेजा गया, वैसे रूबी 8 माह की गर्भवती भी थी. द्य
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित