रेखा धुर्वे भले ही 28 साल की हो गई थी, लेकिन जवानी उसके बदन से फूट रही थी. जब वह काम पर जाने के लिए बनसंवर कर झोपड़ी से निकलती, तब उसे भाभी कहने वाले लड़कों से ले कर उस की दोगुनी उम्र के लोगों के दिलों पर भी सांप लोटने लगता था.

कुछ तो मजाक कर उसे छेड़ देते थे, लेकिन कइयों के मन की बात दबी रह जाती थी. वैसे वे उस के पति मलखान के पसंद की तारीफ करते भी नहीं थकते थे.

इसी के साथ एक सच यह भी था कि पिछले कुछ समय से रेखा की मलखान से अनबन चल रही थी. मलखान के साथ उस की पारिवारिक और सामाजिक रीतिरिवाज के साथ शादी नहीं हुई थी.

रेखा अपने मांबाप, रिश्तेदार और समाज के सामने सिंदूर दान करने वाले पति को छोड़ कर मलखान के प्रेम में सिर्फ कसमेवादे के चंद लफ्जों में बंधी हुई थी. 12 सालों से उस के साथ लिवइन में रह रही थी. वही उस का पति था, उस की नजर में और समाज की नजर में भी. जबकि उस के पहले पति से 2 बच्चे भी थे.

वह नर्वदापुरम जिले की सिवनी मालवा तहसील स्थित आईटीआई के पास सीमेंट गोदाम में काम करती थी. वैसे वह मूल निवासी टिमरनी तहसील के गांव डोडरामऊ की थी. अपने पति को छोड़ कर वह दिसंबर, 2022 के पहले सप्ताह में काम के लिए सिवनी मालवा आई थी. घर के नाम पर एक टेंट था. उसी में वह मलखान के साथ रह रही थी. मलखान एक सीमेंट गोदाम में काम करता था.

मलखान सिंह पिपरिया के पास सररा लांजी गांव का रहने वाला था. रेखा उस से करीब 12 साल पहले मिली थी. मुलाकात जल्द ही जानपहचान में बदल गई. रेखा की जवानी पर मलखान फिदा हो गया, जबकि वह मलखान की हमदर्दी से उस की ओर खिंची चली गई. …और फिर उन का बारबार मिलनाजुलना मजबूत प्रेम में बदल गया.

एक दिन मलखान रेखा के सिर पर हाथ रख कर बोला, ‘‘तुम जब मेरे पास आओ, तब दुखी मन से उदास मत रहा करो. उस से तुम्हारी सुंदरता कम हो जाती है.

जब तुम हंसती हो तो बहुत अच्छी लगती हो…’’

‘‘क्या करूं मलखान, एक तुम्हीं हो जो मेरे मन की बात समझते हो. मैं किसी और के सामने तो दूर, अपने निखट्टू शराबी पति से भी उतना खुल कर बातें नहीं करती, जितनी तुम्हारे साथ कर लेती हूं.’’ कह कर रेखा सुबकने लगी.

‘‘शराबी तो मैं भी हूं. देखो, मैं ने अभी भी पी रखी है,’’ कहते हुए मलखान अपना मुंह रेखा के काफी करीब ले आया.

‘‘तुम शराब पी कर भी होश में बातें करते हो, लेकिन उसे तो…’’ रेखा बोली.

‘‘कोई बात नहीं, अगर तुम चाहो तो मेरे साथ रह सकती हो. सच कहूं तो मुझे तुम से प्यार हो गया है.’’ मलखान भावुक हो गया था.

रेखा कुछ बोल नहीं पा रही थी, लेकिन उस ने इशारे में इस की हामी जता दी थी. सिर्फ 2 शब्द बोल पाई थी, ‘‘मैं भी…’’

रेखा जाने लगी, तब मलखान ने उस के चेहरे को दोनों हाथों से हौले से पकड़ कर माथे को चूम लिया, ‘‘मैं तुम्हारे साथ जीनेमरने की कसम खाता हूं.’’

उस के बाद से दोनों ने साथ रहने का मन बना लिया. मलखान के वादे के साथ रेखा ने अपने पति का घर छोड़ दिया. उस के साथ ही बिनब्याहे रहने लगी. काम के सिलसिले में मलखान जहां जाता, रेखा उस के साथ चली जाती.

उन का कोई स्थाई घर नहीं था. वे अस्थाई झोपड़े या फिर टेंट के घर में रहते हुए अपनी जिंदगी गुजारने लगे थे. उन के बीच 12 साल तक तो सब कुछ अच्छा चला, लेकिन बाद में उन के बीच विवाद हो गया था.

मलखान के शराब पीने की लत काफी बढ़ गई थी. वह दिन में ही शराब पी कर काम पर चला जाता था. नशे की हालत में अनापशनाप बकता रहता था. इस कारण उस के साथ काम करने वाले परेशान रहने लगे थे. कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता था, जब रेखा की मलखान के साथ बहस नहीं होती थी. यही नहीं, वह रेखा को भी अपने साथ बैठा कर शराब पिलाने लगा था. रेखा इस कारण भी परेशान रहने लगी थी.

देर रात तक उन के बीच लड़ाईझगड़े होते रहते थे, गालीगलौज होती थी. गालियां देने में दोनों की जुबान काफी तेज थी. छूटते ही मांबहन की गालियां बकना शुरू कर देते थे. जब मलखान गुस्से में होता, तब यहां तक कह देता, ‘‘जा चली जा अपने पति के पास. तू तो मेरी रखैल है, जब जरूरत होगी बुला लूंगा.’’

यह सुन कर रेखा और भी तिलमिला जाती. वह भी गुस्से में बोल देती, ‘‘हां चली जाऊंगी उसी के पास. लेकिन वहीं क्यों मेरे चाहने वाले और भी मर्द हैं, मेरी जवानी के प्यासे हैं. देख, आज भी मेरे यौवन में कोई कमी आई है क्या?’’

दिसंबर, 2022 की 18 तारीख को शाम ढलते ही मलखान अपने टेंट के घर में शराब पीने लगा था. इस बीच बारबार रेखा को आवाज भी लगा रहा था. वह चिल्लाता हुआ बाजार से कोई नमकीन लाने को बोल रहा था.

मलखान कभी उसे बाजार जा कर सब्जियां लाने को कहता तो कभी उबले अंडे ला कर फ्राई करने का आदेश देता था. रेखा उस की फरमाइशें सुनसुन कर परेशान हो गई थी. गुस्से में उसे गालियां भी दे रही थी.

उन के बीच की ये सारी बातें पड़ोस के दूसरे लोग भी सुन रहे थे, लेकिन कोई उस में दखलंदाजी नहीं कर रहा था. उन्हें मालूम था कि उन का यह नाटक 1-2 घंटे चलेगा और फिर वे शराब के नशे में शांत हो जाएंगे. उन की सोच के मुताबिक ऐसा ही हुआ. रात के एक बजे तक टेंट में सन्नाटा पसर गया था.

सुबह जब उस के पड़ोसी श्याम ने रेखा के टेंट में नजर दौड़ाई तो उस के पैरों तले से जैसे जमीन खिसक गई. उस ने जो कुछ देखा, उसे बयां करने के लिए मुंह से शब्द ही नहीं निकल रहे थे. वह कुछ पल के लिए बेसुध सा खड़ा रहा, फिर अचानक उस के मुंह से चीख निकल गई.

उस की चीख सुन कर दूसरे मजदूर वहां आ गए. उन्होंने भी टेंट का मंजर देखा. वे हैरान हो गए. उन की आंखों के सामने रेखा कंबल में लिपटी खून से सनी पड़ी थी. उस की स्थिति देख कर सभी ने समझ लिया कि वह मर चुकी है. कारण, सिर बुरी तरह से कुचला हुआ था. उस के आसपास खून भी फैला हुआ था, जो सूख कर काला हो चुका था.

किसी ने इस दिल दहला देने वाली वारदात की सूचना सिवनी मालवा थाना पुलिस को दे दी. सोमवार के दिन 19 दिसंबर, 2022 की सुबह के 9 बजे के करीब एसएचओ जितेंद्र यादव इस वारदात की सूचना पा कर घटनास्थल पर जा पहुंचे. उन के साथ पुलिस की पूरी टीम थी. महिला की निर्मम हत्या का मामला था.

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ ने तत्काल घटना से एसडीपीओ आकांक्षा चतुर्वेदी को भी अवगत करवा दिया. वह भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गईं. जितेंद्र यादव और पुलिस टीम ने घटनास्थल की बारीकी से जांच की.

वहां मौजूद लोगों ने बताया कि मृतका रेखा मलखान के साथ लिवइन रिलेशन में रहती थी. मलखान फरार था. पुलिस को घटनास्थल पर एक बड़ा सा पत्थर मिला, जिस पर खून एवं रजाई के धागे लगे थे. जिस से यह स्पष्ट था कि इसी पत्थर से रेखा की हत्या की गई होगी.

एसएचओ घटना को देखते ही समझ गए थे कि यह वारदात प्यार में अवश्य ही बेवफाई और चरित्र की शंका को ले कर हुई होगी.  उन्होंने आसपास रहने वाले लोगों और मृतक के जानपहचान वालों से पूछताछ की.

उन्हें मालूम हुआ कि वे आपस में लड़तेझगड़ते रहते थे. मृतका की पहचान तो हो गई, लेकिन हत्यारा फरार हो चुका था. पड़ोसियों के मुताबिक वह उस का प्रेमी मलखान भी हो सकता था. हालांकि इस बारे में दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता था.

घटनास्थल पर बिखरी हुई चीजों में 2 गिलास और 2 शराब की बोतलें भी थीं. पूछताछ में पड़ोसी श्याम ने पुलिस के रेखा की बहन के बारे में बताया, जो पास में ही रहती थी.

जब उस से भी पूछताछ की गई, तब उस ने बताया कि बीती रात को उस की तबीयत थोड़ी खराब थी, इसलिए वह दवाई खा कर सो गई थी. उसे सुबह को इस घटना की जानकारी मिली.

इस वारदात की तहकीकात के लिए पुलिस ने एफएसएल टीम के साथ डौग स्क्वायड, फिंगरपिं्रट एक्सपर्ट एवं फोटोग्राफर के माध्यम से गहन जांचपड़ताल कर सबूत एकत्र किए. इस के बाद पुलिस ने घटनास्थल की काररवाई पूरी कर लाश पोस्टमार्टम के लिएभेज दी.

मृतका रेखा की बहन ने पुलिस को बताया कि वह मलखान के साथ बिना शादी किए आपसी समझौते से साथ रह रही थी. उन के बीच काफी प्रेम था, लेकिन पता नहीं अचानक क्या हो गया जो उस की ऐसी निर्मम हत्या हो गई. उस ने हत्या का शक मलखान पर जता दिया.

पुलिस के सामने मृतक का पूरा अतीत उस की बहन ने बयां कर दिया था. फिर भी हत्यारे की मंशा और वारदात के पूरे घटनाक्रम का परदाफाश होना बाकी था.

एसडीपीओ आकांक्षा चतुर्वेदी ने बिना समय गंवाए एसएचओ जितेंद्र यादव को मलखान सिंह की तलाश में लगा दिया. उन्होंने पुलिस टीम को उस के मूल निवास के गांव पिपरिया की ओर रवाना कर दिया.

एसडीपीओ को लगातार इस की हर घंटे की अपडेट मिलती रही. इसी बीच मुखबिर की सूचना से पता चला कि मलखान सिंह सररा लांजी गांव की ओर देखा गया है.

उस सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने फरार आरोपी को घेराबंदी कर दबोच लिया. उसे थाने ला कर सख्ती से पूछताछ की गई. पूछताछ में वह जल्द ही टूट गया और रेखा का सिर कुचल कर हत्या करने की बात कुबूल कर ली.

इस के बाद उस के खिलाफ थाना सिवनी मालवा में आईपीसी की धारा 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई.

इस तरह घटना के 24 घंटे के अंदर ही पुलिस टीम को सफलता मिल गई. हत्या का कारण पूछने पर मलखान ने बताया कि वह पिछले कई महीने से छोटीछोटी बातों पर झगड़ने लगी थी. उस की रोजरोज की चिकचिक से वह तंग आ गया था.

इस कारण उस ने शराब भी पहले से अधिक पीनी शुरू कर दी थी. उस ने बताया कि रेखा उसे हमेशा उस के दोस्तों के सामने भी गालियां दे देती थी.

इसी के साथ मलखान ने संदेह जताया कि रेखा ने किसी दूसरे युवक के साथ अवैध संबंध बना लिए थे. हालांकि इस बारे में वह सिर्फ शक ही जता पाया था. इस का कोई सबूत नहीं दे पाया. उस ने अपने बयान में बताया कि उसे यह चिंता होने लगी थी कि रेखा उसे छोड़ कर किसी और के साथ न चली जाए.

घटना के दिन वह शराब के नशे में अपना होश खो बैठा और दरम्यानी रात काफी झगड़ा होने लगा था, जिस से गुस्से में आ कर उस ने पत्थर से सिर पर वार कर दिया था. उस की तुरंत मौत हो जाने के बाद वह घबरा गया था और डर कर मौके से फरार हो गया था.  द्य

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित है

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