जयपुर के रहने वाले चरण सिंह शेखावत उस दिन घरेलू काम में व्यस्त थे, तभी उन के मोबाइल फोन की घंटी बजी. उन्होंने मोबाइल की स्क्रीन पर नजर डाली. जिस नंबर से फोन आ रहा था, वह नंबर उन का जानापहचाना नहीं था. उन्हें वह नंबर राजस्थान से बाहर का लगा. उन का बात करने का मन नहीं था, फिर भी उन्होंने यह सोच कर अनमने मन से फोन रिसीव किया कि फोन किसी परिचित का न हो. फोन रिसीव कर के उन्होंने जैसे ही कान से लगाया, दूसरी ओर से युवती की खनकती सी आवाज आई, ‘‘सर, आप जयपुर से चरण सिंह शेखावतजी बोल रहे हैं न?’’
‘‘जी, मैं चरण सिंह ही बोल रहा हूं.’’ उन्होंने युवती के सवाल पर सहज भाव से जवाब दिया.
‘‘सर, मैं नोएडा से इंडो सफायर जर्नीज लिमिटेड कंपनी से बोल रही हूं,’’ दूसरी ओर से युवती ने कहा, ‘‘हमारी कंपनी शेयर मार्केट से जुड़ी हुई है. हमारी कंपनी की नजर में ऐसी कुछ कंपनियां हैं, जिन में निवेश करने पर आप का पैसा एक साल में ही लगभग दोगुना हो सकता है.’’
एक साल में पैसा दोगुना होने की बात में दिलचस्पी लेते हुए चरण सिंह ने युवती से कई सवाल पूछे. उन के हर सवाल का जवाब उस ने आत्मविश्वास से दे कर उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, ‘‘सर, आप पूरी तरह से निश्चिंत रहिए, आप का पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा. फिर भी अगर आप को किसी तरह की कोई शंका है तो मैं आप की बात कंपनी के बौस से करा दूंगी.’’
‘‘ठीक है, आप मेरी बात अपनी कंपनी के किसी बड़े औफिसर से करा देना. उस के बाद मैं विचार करूंगा.’’ चरण सिंह ने कहा. इसी के साथ नोएडा से आया फोन कट गया.
यह बात कोई दोढाई साल पहले की है. नोएडा से आए उस फोन के एकदो दिन बाद ही चरण सिंह शेखावत के मोबाइल पर फिर फोन आया. इस बार नंबर दूसरा था. दूसरी ओर से अनजान युवती बड़ी ही शिष्टता से हिंदी और अंगरेजी में बोल रही थी. चरण सिंह के हैलो कहते ही उस युवती ने कहा, ‘‘सर, मैं नोएडा से इंडो सफायर जर्नीज लिमिटेड कंपनी से बोल रही हूं. मैं कंपनी की वाइस चेयरपरसन हूं. एकदो दिन पहले आप की हमारी कंपनी की एग्जीक्यूटिव से बात हुई थी.’’
‘‘जी, नोएडा से एक फोन आया था,’’ चरण सिंह ने कहा, ‘‘एक लड़की बता रही थी कि शेयर कंपनियों में निवेश करने पर एक साल में ही रकम दोगुनी हो जाएगी.’’
‘‘सर, हमारी एग्जीक्यूटिव ने आप को बिलकुल सही बताया है.’’ दूसरी ओर से उस वाइस चेयरपरसन युवती ने कहा.
‘‘ऐसा कैसे संभव है कि एक साल में ही हमारा पैसा दोगुना हो जाएगा?’’ चरण सिंह ने थोड़ा हैरानी से पूछा.
युवती ने चरण सिंह की शंका को दूर करते हुए कहा, ‘‘सर, आप को पता ही होगा कि शेयर मार्केट में लिस्टेड कई कंपनियां ऐसी हैं, जिन के शेयरों के भाव एक साल में ही दोगुने से भी ज्यादा हो जाते हैं. हमारी कंपनी ने शेयर मार्केट के कई विशेषज्ञ हायर किए हुए हैं. वही विशेषज्ञ हमें बताते हैं कि आजकल किन कंपनियों में निवेश करने का अच्छा मौका है. हम आप जैसे लोगों से पैसा जुटा कर वैसी ही कंपनियों में निवेश करते हैं. उस के बदले जो रिटर्न मिलता है, वह हम अपने कस्टमर को दिलाते हैं. हमारी कंपनी इस काम का केवल कमीशन लेती है. यह आप के लिए अच्छा मौका है. आप हमारी कंपनी के साथ जुड़ कर शेयर मार्केट में निवेश कर के अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.’’
‘‘ठीक है, मैं इस विषय पर सोच कर एकदो दिन में आप को बताता हूं.’’ चरण सिंह ने कहा.
अधेड़ उम्र के चरण सिंह शेखावत को शेयर मार्केट के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं थी, लेकिन इतना तो पता ही था कि शेयर मार्केट में ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन के शेयरों के भाव बहुत तेजी से चढ़तेगिरते रहते हैं. उन्होंने इस बारे में अपने एकदो परिचितों से बात की तो उन्होंने भी यही कहा कि शेयर कंपनियों में निवेश करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन कोई भी निवेश करने से पहले उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह से पता जरूर कर लेना.
चरण सिंह शेखावत कुछ समय पहले ही सरकारी नौकरी से रिटायर हुए थे. वह राजस्थान सरकार की सैकेंड ग्रेड की नौकरी में थे. रिटायर होने पर उन्हें ग्रैच्युटी एवं पीएफ वगैरह की एक बड़ी रकम मिली थी. वह रकम उन के बैंक खाते में जमा थी, जिसे वह कहीं निवेश करना चाहते थे. वह चाहते थे कि किसी ऐसी कंपनी में उन का पैसा निवेश किया जाए, जिस से उन्हें अच्छा रिटर्न मिलता रहे, ताकि बुढ़ापे में उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो और जिंदगी आराम से गुजर सके.
कुछ दिनों बाद नोएडा की उस कंपनी से एक बार फिर चरण सिंह के मोबाइल पर फोन आया. इस बार तीसरे नंबर से फोन किया गया था. फोन करने वाली युवती ने अपना परिचय दे कर पूछा, ‘‘सर, आप ने शेयर बाजार की कंपनियों में निवेश के बारे में क्या विचार किया?’’
‘‘निवेश तो हम कर देंगे, लेकिन इस बात पर कैसे भरोसा किया जाए कि मुझे एक साल में करीब दोगुना रिटर्न मिल जाएगा?’’ चरण सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए पूछा.
‘‘सर, आप निश्चिंत रहिए. हमारी कंपनी बाकायदा आप को लिखित पेपर्स देगी, जिस में साफ लिखा होगा कि हम आप के पैसों का शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों में निवेश करेंगे और अच्छा रिटर्न दिलवाएंगे.’’ युवती ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा.
‘‘चलो ठीक है, आप की बात मान लेता हूं. लेकिन हमें करना क्या होगा?’’ चरण सिंह ने पूछा.
‘‘सर, आप को पहले हमारी कंपनी में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.’’ युवती ने कहा.
‘‘ठीक है, आप हमारा रजिस्ट्रेशन कर दीजिए.’’ चरण सिंह ने कहा.
‘‘सर, कंपनी में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आप को 12 हजार रुपए जमा कराने होंगे.’’ युवती ने कहा, ‘‘आप चाहें तो यह पैसा हमारी कंपनी के बैंक खाते में औनलाइन जमा करा सकते हैं. आप हमारा बैंक एकाउंट नंबर नोट कर लीजिए.’’
चरण सिंह ने बैंक एकाउंट नंबर नोट करते हुए कहा, ‘‘ठीक है, मैं एकदो दिन में आप की कंपनी के खाते में रजिस्ट्रेशन फीस के 12 हजार रुपए जमा करा दूंगा.’’
चरण सिंह ने युवती द्वारा बताए बैंक एकाउंट में 12 हजार रुपए औनलाइन जमा करा दिए. पैसे जमा कराने के कुछ समय बाद ही उन के मोबाइल पर मैसेज आ गया कि उन का कंपनी में रजिस्टे्रशन हो गया है. उन्हें कंपनी की ओर से एक रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिया गया.
कंपनी में रजिस्ट्रेशन होने के बाद चरण सिंह को कंपनी से फोन कर के शेयर मार्केट की अलगअलग लिस्टेड कंपनियों के नाम बता कर उन्हें निवेश की सलाह देते हुए रकम की मांग की जाती रही. इस में खास बात यह रही कि चरण सिंह के पास जब भी नोएडा की उस कंपनी से फोन आता था, नए नंबर से ही आता था. चरण सिंह ने इस बात पर कभी ध्यान नहीं दिया. उन्होंने भरोसा करते हुए अलगअलग समय पर 42 लाख रुपए से ज्यादा की रकम नोएडा की उस कंपनी के बैंक खातों में जमा करा दी.
इस बीच कूरियर से चरण सिंह के पास कागजात भी आते रहे. उन कागजातों में बताया गया था कि कंपनी ने उन की रकम का निवेश शेयर मार्केट की कंपनियों में कर दिया है. बारबार मोटी रकम जमा कराने के बाद जब समय पर रिटर्न नहीं मिला तो चरण सिंह परेशान हुए.
उन्होंने न जाने कितनी बार उन नंबरों पर फोन किया, जिन से उन के पास फोन आते थे. उन नंबरों पर बात करने से चरण सिंह को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. हर बार उन्हें यह कह कर टरका दिया जाता था कि आप को जल्दी ही अच्छा रिटर्न मिल जाएगा. आप का पैसा जल्दी ही आप के बैंक खाते में आ जाएगा.
लंबे इंतजार के बाद भी जब चरण सिंह को कोई रिटर्न नहीं मिला तो उन्हें शक हुआ. उन्होंने अपने रिश्तेदारों और परिचितों से इस बारे में सलाह ली, तब परिचितों ने ठगी की आशंका जताते हुए पुलिस से मदद लेने की सलाह दी.
इसी साल 24 अप्रैल को चरण सिंह अपने कुछ परिचितों के साथ जयपुर दक्षिण के थाना अशोक नगर पहुंचे और थानाप्रभारी को सारी बात बताई. उन की बात सुन कर थानाप्रभारी को तुरंत अहसास हो गया कि चरण सिंह के साथ ठगी हुई है. उन्होंने उसी दिन उन की रिपोर्ट भादंवि की धारा 420 एवं 120बी के तहत दर्ज कर ली.
शेयर मार्केट में निवेश के बाद अच्छे रिटर्न का औफर दे कर लोगों से ठगी करने के इस तरह के एकदो अन्य मामले कुछ दिनों पहले ही जयपुर पुलिस की जानकारी में आए थे. चरण सिंह के साथ 42 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी हुई थी. जयपुर के पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने अपने मातहत अधिकारियों को इस तरह सूचना प्रौद्योगिकी की नई तकनीकों के जरिए आर्थिक अपराध करने वालों का पता लगाने का आदेश दिया.
पुलिस कमिश्नर के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) प्रफुल्ल कुमार एवं पुलिस उपायुक्त (अपराध) डा. विकास पाठक ने कार्ययोजना बना कर पुलिस की एक टीम गठित की. इस टीम में सहायक पुलिस आयुक्त (अन्वेषण) पुष्पेंद्र सिंह, इंसपेक्टर राजकुमार, मुकेश चौधरी, एसआई मनोज कुमार, कृष्ण कुमार, हरि सिंह के अलावा सिपाही राजेश, अभिमन्यु कुमार सिंह, महेंद्र कुमार, बसंत सिंह, बिश सिंह, श्रीमती नीरज एवं श्रीमती मुकेश को शामिल किया गया.
इस टीम में क्राइम ब्रांच की तकनीकी शाखा एवं संगठित अपराध शाखा के अधिकारियों को भी शामिल किया गया. इस टीम ने कई दिनों की जांच के बाद पता लगा लिया कि अभियुक्त संगठित तरीके से कालसैंटर की आड़ में अपराधों को अंजाम दे रहे हैं. ये अभियुक्त सफेदपोश बन कर अलगअलग कंपनियों की आड़ में नोएडा में कालसैंटर चला कर धोखाधड़ी कर लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर रहे हैं.
व्यापक जांच के बाद जयपुर पुलिस की टीम ने 15 जून, 2017 को नोएडा पुलिस की मदद से नोएडा के सेक्टर-2 स्थित प्लौट नंबर ए-74 में बनी बिल्डिंग से संचालित इंडो सफायर जर्नीज लिमिटेड कंपनी के कालसैंटर पर छापा मारा. वहां 2 दरजन से ज्यादा लड़कियां काम कर रही थीं.
पुलिस ने जांच के बाद इस कंपनी के 5 निदेशकों को गिरफ्तार कर लिया, जिन में मोहम्मद इकराम निवासी शाहीन बाग, ओखला, नई दिल्ली, मोहम्मद आमिर निवासी बाटला हाउस, जामियानगर, नई दिल्ली, शाहिद खान एवं मोहम्मद यामीन निवासी ग्राम शीलपुर, पोस्ट कुबाकी, जिला मुरादाबाद तथा मेहराज आलम निवासी इंदिरापुरम, गाजियाबाद शामिल थे.
जयपुर कमिश्नरेट ने इस कालसैंटर पर छापे के दौरान सिम सहित 37 मोबाइल फोन एवं 24 सिम अलग से, 5 लैपटौप, 1 लाख रुपए नकद, 23 इंटरकौम फोन व वौकीटौकी, कई मोहरों सहित ढेर सारे दस्तावेज बरामद किए थे.
नोएडा से पांचों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर पुलिस जयपुर ले आई. पुलिस ने इन से कड़ी पूछताछ के आधार पर सुनील कुमार देवतवाल को गिरफ्तार किया. सुनील कुमार मूलत: राजस्थान के करौली जिले के टोडाभीम कस्बे का रहने वाला था. आजकल वह जयपुर में जगतपुरा में रह रहा था. इन सभी अभियुक्तों से पूछताछ में जो कहानी उभर कर सामने आई, वह इस प्रकार थी—
सुनील कुमार देवतवाल कुछ सालों पहले आईसीआईसीआई बैंक में दिल्ली के स्टेट हैड मार्केटिंग के पद पर काम करता था. इस से पहले उस ने आदित्य बिड़ला, अमेरिकन एक्सप्रैस, यस बैंक आदि में भी काम किया था. आईसीआईसीआई बैंक में जब वह स्टेट हैड मार्केटिंग था, तब मोहम्मद इकराम उस के पास सहायक के रूप में काम करता था.
बाद में सुनील कुमार ने आईसीआईसीआई बैंक की नौकरी छोड़ दी और दिल्ली में स्टार ट्रैवल्स नाम से कंपनी खोली. यह कंपनी ज्यादा नहीं चली. इस में उसे घाटा होने लगा तो उस ने यह कंपनी बंद कर दी. इस के बाद उस ने जयपुर की पौश कालोनी सी स्कीम के सुभाषमार्ग पर 506 अलौकिक हाइट्स में एक्सरोस टूर्स एवं एक्सपीयर मैक्स ट्रैवल्स नामक कंपनी खोली.
दूसरी ओर मोहम्मद इकराम ने भी सुनील कुमार के नौकरी छोड़ने के बाद आईसीआईसीआई बैंक की नौकरी छोड़ दी थी. फिर भी दोनों एकदूसरे के संपर्क में बने रहे. चूंकि सुनील कुमार देवतवाल कई नामी बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों में काम कर चुका था, इसलिए उस के पास इन कंपनियों का करोड़ों कस्टमर्स का डाटाबेस था. इन के अलावा भी उस ने कई कंपनियों का डाटा जुटा रखा था. इस तरह करीब 20 कंपनियों का डाटाबेस उस ने अवैध तरीके से हासिल किया हुआ था.
मोहम्मद इकराम को पता था कि सुनील कुमार के पास करोड़ों लोगों का डाटाबेस है. इस में उन लोगों के नामपते व फोन नंबरों के अलावा उन की वित्तीय स्थिति का आकलन था. इकराम शातिर दिमाग था. उस ने आसान तरीके से लोगों को ठग कर पैसा कमाने की योजना बना डाली. इस के लिए उस ने कुछ साथियों की मदद से सुनील से वह डाटाबेस खरीद लिया. करोड़ों लोगों का डाटाबेस हाथ में आने के बाद उस ने अपने भरोसे के साथियों के साथ मिल कर औनलाइन ठगी का धंधा शुरू कर दिया.
पहले उन्होंने छोटे स्तर पर ठगी का धंधा शुरू किया. इस के लिए उन्होंने इंडो सफायर जर्नीज लिमिटेड, सेमटेक्स ट्रैवल, सेमटेक्स फाइनेंसर्स, इंडो सफायर कंसडिंग प्रा.लि. आदि कंपनियां बनाईं. शेयर मार्केट की कंपनियों में निवेश के नाम पर लोगों को ठगने का उन का धंधा चल निकला तो इन्होंने नोएडा के सेक्टर-2 में एक कालसैंटर बना लिया. इस कालसैंटर के आलीशान दफ्तर से 3 दरजन से ज्यादा लड़केलड़कियों को नौकरी पर रखा गया.
ये लड़केलड़कियां लोगों को फोन कर के अपनी लच्छेदार बातों से शेयर मार्केट में निवेश के लिए फांसते थे. ये सभी अवैध तरीके से जुटाए बैंकों व वित्तीय संस्थाओं के डाटा के जरिए ऐसे लोगों को तलाशते थे.
ऐसे लोगों की जानकारी हासिल कर के ये उसे अपने कालसैंटर के जरिए फोन करते और लगातार संपर्क में रह कर उसे निवेश करने के लिए प्रेरित करते. कालसैंटर से जो फोन किए जाते थे, वे फरजी आईडी से हासिल सिम से किए जाते थे, ताकि पुलिस इन तक पहुंच न सके. जयपुर के रहने वाले चरण सिंह शेखावत को इस कालसैंटर के जरिए 24 अलगअलग मोबाइल नंबरों से फोन किए गए थे.
कोई भी आदमी जब इन की बातों में फंस जाता था तो सब से पहले वे उस से कंपनी में रजिस्ट्रेशन के नाम पर 12 हजार रुपए अपने बैंक खाते में औनलाइन जमा कराते थे. इस के बाद फाइल चार्ज और फिर धीरेधीरे निवेश के नाम पर रकम ऐंठते रहते थे. अपने शिकार से ये पूरी रकम औनलाइन ही ट्रांसफर कराते थे. ठगी की राशि जमा कराने के लिए इन लोगों ने सैंट्रल बैंक औफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीबीजे, इंडसइंड बैंक, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक और स्टेट बैंक औफ इंडिया में खाते खुलवा रखे थे. ये सभी खाते अभियुक्तों ने खुद और परिवार वालों के नाम खुलवा रखे थे.
पुलिस जांच में पता चला है कि इन लोगों ने 23 बैंक खातों में पिछले 6 महीने में लगभग 6 करोड़ रुपए की रकम जमा करवाई थी. शिकार से बैंक खाते में रकम जमा कराने के बाद ये चैक से रकम निकाल लेते थे. सभी खातों से ज्यादातर रकम निकाल ली गई थी. पुलिस ने अभियुक्तों के बैंक खातों में जमा 12 लाख 50 हजार रुपए की रकम सीज कराई है.
पूछताछ में पता चला है कि पकड़े गए लोगों ने पिछले करीब एक साल में राजस्थान सहित देश के 23 राज्यों में 256 फरजी मोबाइल नंबरों से 4 हजार 879 से अधिक फोन किए थे. इन में 414 फोन राजस्थान में किए गए थे. राजस्थान का एक भी ऐसा जिला नहीं बचा, जहां इन लोगों ने फोन कर के ठगी न की हो.
इन के पास से डेबिटक्रैडिट कार्ड होल्डर्स, डाक्टर्स, इंश्योरेंस, एटीएम, इनवेस्टर्स, एनआरआई, बजाज अलायंज, सिटी बैंक, होंडा और हुंडई गाड़ी खरीदने वालों के डाटा भी मिले हैं.
गिरफ्तार किए गए सुनील कुमार से इलैक्ट्रौनिक डिवाइस में सैकड़ों फाइलें मिली हैं, जिन में एकएक फाइल में 6 लाख से 20 लाख लोगों तक का डाटा है. एक फाइल में एयरटेल पोस्टपेड मोबाइल धारक 20 लाख उपभोक्ताओं का डाटा मिला है. इन फाइलों में ऐसी भी जानकारी है कि किस आदमी ने किस बैंक या इंश्योरेंस कंपनी से कौन सी पौलिसी करवाई है. वह उस का कितना प्रीमियम देता है. उस आदमी का नामपता, मोबाइल नंबर के साथ अन्य जानकारियां भी हैं.
पूछताछ में सुनील कुमार ने बताया कि वह भी नोएडा जैसा कालसैंटर जयपुर में खोलना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. सुनील कुमार ने जयपुर में ट्रैवल एजेंसी के नाम से ठगी की थी. वह जयपुर के अशोकनगर एवं थाना ज्योतिनगर में सन 2016 में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है.
– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. पीडि़त का नाम बदला हुआ है.