वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी, 2023 का दिन था. नालासोपारा इलाके में भी इस समय अच्छीखासी चहलपहल थी. लोग रोजमर्रा के कामों में व्यस्त थे. शाम के समय वहां के निवासियों को सीता सदन बिल्डिंग से बदबू आती हुई महसूस हुई तो किसी अनहोनी की आशंका से उन्होंने इस की सूचना इलाके के तुलिंज थाने में फोन कर के दे दी.
यह सूचना सुन कर पुलिस सीता सदन बिल्डिंग की तरफ निकलने की तैयारी करने लगी. इसी दौरान कर्नाटक से एक महिला ने इसी थाने में फोन कर के सूचना दी कि सीता सदन में रहने वाली उस की भतीजी मेघा का कत्ल हो गया है. उसे यह बात स्वयं कातिल हार्दिक ने वाट्सऐप पर मैसेज कर के बताई है.
कुछ देर पहले पुलिस को सीता सदन में ही बदबू आने की काल मिली थी, अब उसी बिल्डिंग में हत्या किए जाने की काल मिलने पर इंसपेक्टर शैलेंद्र नगरकर समझ गए कि दोनों ही काल एक ही घटना की हो सकती हैं. इसलिए वह पुलिस टीम के साथ घटनास्थल की तरफ निकल गए. जब वह वहां पहुंचे तो देखा कि मुख्य दरवाजे पर ताला लगा था. उन्होंने ताला तुड़वा कर कमरे में प्रवेश किया तो कमरे में एक बैड पड़ा था, जिस के अंदर से भयंकर बदबू आ रही थी. बैड का बौक्स खोला गया तो उस के अंदर सड़ीगली हालत में एक महिला की लाश मिली.
लाश की खराब हालत को देख कर ऐसा लगता था जैसे उस की हत्या लगभग 2 से 3 दिन पहले की गई होगी, क्योंकि शव सड़ने लगा था और उस से तेज बदबू बाहर निकल रही थी.
घर के अन्य कमरों की तलाशी लेने पर वहां घरगृहस्थी का कोई अन्य सामान नहीं मिला. लाश की सभी एंगल से फोटोग्राफी करवाने और फिंगरप्रिंट लेने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया गया.
इंसपेक्टर शैलेंद्र नगरकर ने पड़ोसियों से घटना के बारे में पूछताछ कर मालूम करने की कोशिश की तो पता चला कि कोई एकाध महीने पहले एक दंपति यहां किराए पर रहने के लिए आया था. पड़ोसियों को इस मकान के अंदर से अकसर उन के लड़ने की भी आवाजें आती थीं, जिस से लगता था उन के आपसी संबंध ठीक नहीं रहे होंगे.
चूंकि पड़ोसियों को उन के व्यक्तिगत मामले से कुछ लेनादेना नहीं था, शायद इसलिए किसी ने उन के पर्सनल मामले में हस्तक्षेप करना ठीक नहीं समझा था. मृतक मेघा के साथ रहने वाला युवक हार्दिक गायब था. यह देख कर पुलिस ने अनुमान लगाया कि इस की हत्या उस के पति हार्दिक ने ही की होगी. क्योंकि उसी ने मेघा की चाची को वाट्सऐप पर मैसेज भेज कर मेघा का कत्ल करने की बात कही थी.
अब पुलिस को पूछताछ के लिए उस युवक की तलाश थी, लेकिन पड़ोसियों में से किसी ने भी उसे फरार होते हुए नहीं देखा था. आखिरकार, मकान मालिक और रियल स्टेट एजेंट को बुला कर इस में रहने वाले युवक के बारे में पूछताछ की गई.
इस जांच में केवल इतना पता लगा कि युवक का नाम हार्दिक शाह और महिला का नाम मेघा धन सिंह थोरवी था. लेकिन पूछताछ में सब से अच्छी बात यह हुई कि पुलिस को मकान मालिक से हार्दिक का मोबाइल नंबर मिल गया.
सीता सदन को सील कर इंसपेक्टर शैलेंद्र नगरकर की टीम वापस थाने लौट गई. उसी रात यानी 14 फरवरी, 2023 को मेघा की हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया.
मोबाइल फोन से मिला सुराग
मामला दर्ज करने के बाद पुलिस आरोपी हार्दिक की तलाश में जीजान से लग गई. इंसपेक्टर शैलेंद्र नगरकर ने अपनी टीम को घर के आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज खंगालने का आदेश दिया. साथ ही आरोपी हार्दिक के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा कर उस की लोकेशन को ट्रेस करना शुरू किया तो 12 फरवरी को उस के ट्रेन द्वारा मुंबई से राजस्थान के लिए रवाना होने का पता चला. इस वक्त वह ट्रेन में सवार था.
इंसपेक्टर शैलेंद्र नगरकर ने मुंबई के मीरा भायंदर वसई विरार की अपराध शाखा और मध्य प्रदेश के नागदा स्थित आरपीएफ पुलिस को आरोपी के बारे में सूचित कर दिया. आरपीएफ की मदद से हार्दिक को यात्रा के दौरान ही मध्य प्रदेश के नागदा रेलवे स्टेशन से उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह ट्रेन की बोगी में यात्रा कर रहा था.
अपराध शाखा की टीम ने आरोपी हार्दिक को नागदा से ला कर तुलिंज थाने के इंसपेक्टर शैलेंद्र नगरकर को सौंप दिया.
इंसपेक्टर शैलेंद्र नगरकर ने हार्दिक से पूछताछ शुरू की तो हार्दिक ने मेघा की हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया. अपने इकबालिया बयान में आरोपी हार्दिक ने जो कुछ बताया, वह इस प्रकार है—
हार्दिक शाह एक मौडर्न खयाल का युवक था. वह मुंबई में मलाड के एक नामचीन हीरा व्यापारी संपत भाई का बेटा था. घर में दौलत की कमी नहीं थी, इसलिए उस का सारा दिन सैरसपाटे और मौजमस्ती में गुजर जाता था. जैसा कि आमतौर पर देखा गया है कि आजकल लड़के की कोई न कोई गर्लफ्रैंड जरूर होती है. हार्दिक शाह को भी सोशल मीडिया पर चलने वाले विभिन्न ऐप पर नई लड़कियों से दोस्ती कर उन के साथ चैटिंग करने में बड़ा मजा आता था.
बात सन 2018 की है. एक डेटिंग ऐप पर हार्दिक शाह की मुलाकात मेघा धन सिंह तोरवी से हुई. 34 वर्षीया मेघा तोरवी मूलरूप से केरल की निवासी थी, लेकिन इन दिनों नालासोपारा के एक अस्पताल में नर्स की नौकरी करती थी. इन दिनों लड़के हों या लड़कियां, अपने से बड़ी उम्र के पार्टनर के साथ इश्क करने से गुरेज नहीं करते.
हार्दिक और मेघा तोरवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. हार्दिक शाह की उम्र 24 साल थी, जबकि मेघा तोरवी 34 की थी. वह हार्दिक से लगभग 10 साल बड़ी थी. लेकिन प्रेमिका के बड़ी उम्र के होने से हार्दिक को कोई परेशानी नहीं थी.
कुछ दिनों तक आपस में चैटिंग करने के बाद उन का मिलनाजुलना शुरू हो गया. धीरेधीरे दोनों एकदूसरे के इतने करीब आ गए कि उन्हें अब एकदुसरे से दूर रह पाना मुश्किल लगने लगा. आखिरकार उन्होंने लिवइन रिलेशनशिप में रहने का फैसला कर लिया.
हार्दिक मलाड स्थित अपने पैतृक घर से दूर आ कर विजय नगर में एक मकान ले कर मेघा के साथ रहने लगा. हार्दिक जैसे मालदार प्रेमी का साथ पा कर मेघा अपने जीवन को धन्य समझने लगी. हार्दिक ने मेघा के सामने अपने पिता की दौलत को ले कर ढेर सारे कसीदे पड़े थे, जिसे सुन कर मेघा सपनों की सतरंगी दुनिया में विचरने लगी थी. उसे लगता था कि हार्दिक के साथ उस की बाकी की जिंदगी बड़े आराम से गुजरेगी.
हार्दिक को खुश रखने के लिए वह अपनी सारी कमाई उस पर लुटाने लगी. उसे खुश रखने में मेघा कभी कोई कोरकसर बाकी नहीं छोड़ती थी.
मेघा के साथ लिवइन में रहने लगा हार्दिक
हालांकि हार्दिक भी मेघा को दिलोजान से चाहता था. वह मेघा के लिए नएनए तोहफे लाया करता और उस की हर सुखसुविधा का बहुत खयाल रखता था. मेघा जब नौकरी के लिए जाती तो वह उसे छोड़ने और छुट्टी के समय उसे लेने जाता था. हार्दिक के पिता उसे जेब खर्च के लिए हरेक महीने 20 हजार रुपए देते थे. दोनों की जिंदगी मजे में गुजर रही थी.
तभी 2019 के मार्च महीने में कोरोना फैलने के डर से पूरे देश में लौकडाउन लगा दिया गया. इस लौकडाउन से लोगों के कामधंधे छूट गए. हार्दिक और मेघा भी इस से बच नहीं सके और उन की भी जिंदगी परेशानी में घिर गई.
कुछ दिनों के बाद हार्दिक ने फिर भी डेटा कलेक्शन का काम कर के घर की स्थिति को संभाल लिया. 2022 में जब देश में लौकडाउन हटाने की घोषणा हुई तो मुंबई का जनजीवन सामान्य होने लगा. इस के बाद जब हालात ठीक हो गए तो मेघा ने फिर से अपनी नौकरी पर जाना शुरू कर दिया. उन के घर में खुशियां पहले की बहाल हो गईं.
सब कुछ ठीक ही चल रहा था. हार्दिक बीचबीच में मलाड स्थित अपने पिता के घर भी चला जाता था. अभी तक हार्दिक ने अपने घर में मेघा के साथ रहने की बात नहीं बताई थी. उसे मालूम था कि उस के पिता मेघा को अपने घर की बहू के रूप में कभी स्वीकार नहीं करेंगे.
एक बार किसी काम में हार्दिक ने पिता के 40 लाख रुपए गंवा दिए. इस से उस के पिता बहुत नाराज हुए थे. करीब 8 महीने बाद अगस्त में हार्दिक ने मेघा से शादी कर ली और विजय नगर से नालासोपारा के सीता सदन में रहने चला आया. यहां हार्दिक
और मेघा ने लोगों को यही बताया कि वे पतिपत्नी हैं.
अभी दोनों को यहां रहते हुए कुछ ही समय गुजरा था कि हार्दिक के पिता को बेटे के मेघा के साथ रहने की जानकारी हुई तो वह उस से इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने हार्दिक को अपनी पूरी जायदाद से हमेशा के लिए बेदखल कर दिया. इस के साथ उन्होंने हार्दिक को महीने का मिलने वाला 20 हजार रुपए देना बंद कर दिया.
मेघा की कमाई पर करने लगा ऐश
पिता द्वारा उठाए इस सख्त कदम से हार्दिक की आर्थिक हालत खस्ता हो गई. दरअसल, अभी तक वह पिता की दौलत पर ही ऐश कर रहा था. लेकिन अब जब पिता ने उस की हरकतों से तंग आ कर उसे बेदखल किया तो अपने पैर पर खड़े होने की बजाय वह मेघा की कमाई पर ऐश करने लगा. उसे लगता था कि मेघा उस के बेरोजगार पड़े रहने पर कुछ नहीं कहेगी.
पहले तो मेघा ने उसे समझाबुझा कर अपने योग्य कोई ढंग का काम या कोई नौकरी तलाशने का सुझाव दिया. पर मेघा की बात पर हार्दिक ने रत्ती भर भी ध्यान नहीं दिया.
वह मेघा की कमाई पर ऐश करने लगा, जिस से मेघा को घर का खर्च पूरा करने में परेशानी होने लगी. हार्दिक के हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहने से घर चलाने की पूरी जिम्मेदारी मेघा के नाजुक कंधों पर आ गई. रुपएपैसे की किल्लत के कारण उन के घर में क्लेश रहने लगा. हार्दिक मामले की नजाकत को नहीं समझा और मेघा के पैसों पर ऐश करना जारी रखा.
आखिर में 11 और 12 फरवरी, 2023 की रात हार्दिक के बेरोजगार रहने को ले कर बात बढ़ जाने पर हार्दिक अपना आपा खो बैठा और तौलिए से मेघा का गला घोट कर मार डाला. मेघा की लाश को छिपाने के लिए उस ने उस की लाश बिस्तर में लपेट कर बैड के बौक्स में रख दी.
पुलिस द्वारा पकड़े जाने से बचने के लिए वह यहां से बहुत दूर चला जाना चाहता था. लेकिन उस के पास पैसे नहीं थे, इसलिए अगले दिन उस ने घर के सभी महंगे सामान कम कीमत पर बेच कर कुछ रुपए इकट्ठा किए.
12 फरवरी को फरार होने से पहले हार्दिक ने कनार्टक में रहने वाली मेघा की चाची को फोन कर बता दिया कि रोजरोज के झगड़े तंग आ कर उस ने मेघा की हत्या कर दी है और उस की लाश बैड के बौक्स में छिपा दी है. अब वह आत्महत्या करने हरिद्वार जा रहा है.
इस के बाद वह घर के दरवाजे पर ताला लगा कर रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया. वहां से उस ने राजस्थान जाने के लिए ट्रेन पकड़ी मगर पुलिस ने 15 फरवरी, 2023 को बीच रास्ते से ही उसे गिरफ्तार कर लिया.
उसे मुंबई के वसई की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 21 फरवरी, 2023 तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. द्य