बिजनौर जिले में एक कस्बा है नगीना. इसी कस्बे के भीड़भाड़ वाले इस इलाके में रात के 9 बजे एक युवती सड़क पर अचानक चिल्लाने लगी, ‘‘पकड़ो… पकड़ो… भाग गया… बदमाश भाग गया… ले कर भाग गया.’’
उस के चीखनेचिल्लाने की आवाज सुन कर कुछ लोग उस के पास आ गए. पूछा, ‘‘अरे, क्या हुआ? क्यों चिल्ला रही हो?’’
‘‘बदमाश भाग गया… मेरा बच्चा ले कर भाग गया?’’ युवती बोली और सामने की ओर अंगुली उठा दी.
‘‘लेकिन उस ओर तो कोई नहीं दिख रहा और आगे का रास्ता भी बंद है.’’ एक व्यक्ति बोला.
‘‘अरे, वहीं पहले की गली में बाइक से भागा है बदमाश. मेरी गोद से बच्चा झपट्टा मार कर छीन ले गया,’’ युवती बोली और सिर पकड़ कर बैठ गई.
वहां मौजूद लोगों को हैरानी हुई. अभी तक राह चलती महिला के पर्स या गहने छीन कर भागने की बातें तो सुनी थीं, लेकिन बच्चा छीनने की बात पहली बार सुनने को मिली थी. एक व्यक्ति ने पूछा, ‘‘कितना बड़ा बच्चा था?’’
दूसरा बोला, ‘‘कौन लोग थे? कितने लोग थे? वे तुम्हारे जानने वाले थे…या कोई और?’’
‘‘आप लोग मुझ से ही सवाल करते रहोगे या कुछ करोगे भी,’’ देखने में अच्छीभली दिख रही युवती बिफरती हुई बोली.
उसी वक्त रात की गश्त पर निकली पुलिस कुछ लोगों की भीड़ देख कर पहुंच गई. पुलिस को लोगों ने युवती के साथ कुछ समय पहले की घटित घटना के बारे में बताया.
युवती ने भी पुलिस को वही सब बताया. वह अपने 6 महीने के बच्चे को गोद में लिए डाक्टर के पास जा रही थी. उस के पास अचानक एक बाइक आ कर रुकी. उस पर 2 लोग बैठे थे. वे हेल्मेट लगाए हुए थे. मेरे कुछ कहनेपूछने से पहले बाइक के पीछे बैठा बदमाश मेरी गोद से बच्चे को झपट्टा मार कर छीन लिया और फिर वे बाइक भगा ले गए.
‘‘तुम कहां से आ रही थी?’’ बाइक से गश्त लगाने वाली पुलिस ने पूछा.
‘‘जी, लाहौरी सराय मोहल्ले से.’’ युवती बोली.
‘‘तुम्हारा क्या नाम है?’’
‘‘खुदशिया तामजी, लेकिन परिवार में मुझे अफशा के नाम से जानते हैं. वहां मेरी ससुराल है. मेरे बेटे का नाम अरहान है.’’ युवती ने बताया.
‘‘बाइक का नंबर देखा था?’’ पुलिस वाले का अगला सवाल था.
‘‘जी नहीं.’’
‘‘कैसी बाइक थी?’’
‘‘काले रंग की. उसे चलाने वाला जींस पहने हुए मटमैला शर्ट पहने हुए था. पीछे बैठे बदमाश ने भी उसी तरह के कपड़े पहन रखे थे.’’
युवती से पूरी जानकारी नोट कर गश्त लगाने वाली पुलिस ने तुरंत इस घटना की सूचना नगीना थाने को भेज दी. उस वक्त एसएचओ प्रिंस शर्मा थाने पर ही मौजूद थे. सूचना मिलते ही वह एसआई देवेंद्र सिंह, कुलदीप राणा और 2 सिपाहियों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने भी अफशा से पूछताछ की. वह एक ही रट लगाए हुए थी, ‘‘मेरे अरहान को बदमाश ले कर भाग गए.’’
पुलिस ने कर दी नाकेबंदी
उस के इस बयान पर उन्होंने भी बच्चे के अपहरण का मामला दर्ज कर लिया. एसएचओ ने इस घटना की जानकारी एसपी (बिजनौर) दिनेश सिंह और एसपी (सिटी) प्रवीन रंजन सिंह को भी दे दी. यह बात 31 अगस्त, 2022 की है.
एसपी का निर्देश पा कर थाना पुलिस हरकत में आ गई. आसपास के नाकों पर अपनी निगाह गड़ा दी. मामला बच्चे के अपहरण का था. प्रिंस शर्मा ने अपहृत बच्चे की मां अफशा से पूछा, ‘‘देखो, मुझ से कुछ मत छिपाना. तुम्हारी अगर किसी से दुश्मनी है तो साफसाफ उस के बारे में बताओ. उस की पूरी जानकारी दो, तभी हम बच्चे को वापस ला पाएंगे.’’
इस बारे में अफशा कुछ नहीं बोली. उस की चुप्पी पर उन्होंने फिर पूछा, ‘‘तुम्हारी हालत देख कर तो ऐसा नहीं लगता है कि बच्चे का अपहरण फिरौती के लिए किया गया है. फिर भी बताओ, तुम्हारी पारिवारिक स्थिति कैसी है? तुम्हारे शौहर क्या करते हैं? परिवार में कौनकौन है? तुम्हारे परिवार में कोई ऐसा तो नहीं, जिसे लंबे समय से कोई औलाद न हुई हो?’’
इतने सारे सवालों से अफशा घबरा गई. सामान्य होने पर बताया कि उस का शौहर नौकरी के लिए सऊदी गया हुआ है. शादी से पहले से वहीं रहता है. सिर्फ शादी करने के लिए 2 साल पहले आया था और शादी के तुरंत बाद वापस लौट गया था. वहां जाते ही कोरोना का लौकडाउन लग गया था. पूरे साल भर बाद आया और कुछ दिन रह कर फिर चला गया.
अफशा की बातों से एसएचओ समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर बच्चे के अपहरण का क्या मकसद रहा होगा. उस की बातचीत से उन्हें उस के द्वारा गुमराह करने का भी संदेह हो रहा था. खैर, उस वक्त उसे बच्चा जल्द सकुशल वापस लाने का आश्वासन दे कर घर भेज दिया.
अगले दिन पहली सितंबर, 2022 की सुबह पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को चैक करवाया. उन की फुटेज में अफशा दिख गई. उस के साथ एक 8-9 साल की लड़की भी थी. उस के हाथ में एक बच्चा भी था. अगली फुटेज में वह बच्चे को बहते नाले में फेंकती दिखाई दी, जो उस के घर से 200 मीटर दूर बारात घर के पास था.
पुलिस तुरंत नाले के पास जा पहुंची. बच्चा वहीं नाले में पड़ा मिल गया. वह बहते हुए पानी के साथ प्लास्टिक कचरे के सहारे किनारे पर अटका हुआ था. उसे तुरंत बाहर निकाला गया. वह मर चुका था.
एसएचओ को मामला समझते हुए देर नहीं लगी. उन्होंने अफशा को तुरंत पूछताछ के लिए थाने बुलवा लिया. पुलिस उस के साथ सख्ती दिखाते हुए जबरदस्त झाड़ लगाई और सीसीटीवी फुटेज के बारे में जानकारी दी.
सच्चाई आई इस तरह सामने
कैमरे में उस की वीडियो रिकौर्डिंग देख कर वह डर गई. उस ने हाथ जोड़ लिए. वह महिला पुलिस के पैरों पर गिर कर रोने लगी. गिड़गिड़ाने लगी. उस की इस हालत को देख कर थोड़ी देर के लिए पुलिस समझ नहीं पाई कि उस का रोनाधोना बच्चे के मरने के कारण है या फिर उस की चोरी और हरकत पकड़े जाने की वजह से है.
वह जल्द ही सामान्य हो गई. एसएचओ ने उसे अपने सामने कुरसी पर बिठा कर सचसच बताने के लिए कहा.
अफशा के पछतावे के आंसू देख कर एसएचओ प्रिंस शर्मा ने कहा कि उस के सच बताने पर उस ने जो भी जुर्म किया होगा, उस की सजा कम हो सकती है. माफी भी मिल सकती है.
कहते हैं न मरता क्या नहीं करता. ऐसी स्थिति अफशा की थी. उस ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया और सब कुछ बताने को तैयार हो गई. उस के बाद जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार निकली—
अफशा निकाह कर 2 साल पहले अपनी ससुराल नगीना के लाहौरी सराय आई थी. उस का शौहर आसिफ बीते 5 सालों से सऊदी अरब में काम कर रहा था. वह बीचबीच में साल में एक बार घर आ जाता था और हफ्ते 2 हफ्ते रुक कर अपने काम पर चला जाता था. घटना के 6 माह पहले ही अफशा उस के बच्चे की मां बनी थी.
अफशा बच्चा पा कर बहुत खुश थी. उस का शौहर भी यह खबर सुन कर बहुत खुश हो गया. आसिफ की गैरमौजूदगी में आसिफ के परिवार वालों ने बच्चे के जन्म की खुशी में दावत का आयोजन किया था. उस समय उस का नाम अरहान रखा गया था. उस की वजह से पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई थी.
शौहर सऊदी में, बीवी कैसे संभाले जवानी
सिर्फ परिवार में किसी के आने का इंतजार तो आसिफ का था. उसे सऊदी में छुट्टी नहीं मिल पा रही थी. अफशा मन मसोस कर रह गई थी. उस के दिन तनहाई में बीत रहे थे. महीनों से पुरुष संसर्ग से वंचित थी. बच्चे के जन्म के बाद उस का बदन और खिल उठा था. तंदुरुस्त दिखने लगी थी. देह की मांसलता, सुंदरता और सैक्स अपील किसी की निगाह में तुरंत आ जाती थी.
वैसे उस का मायका मुरादाबाद के ऊमरीकलां गांव में था. लेकिन मायके वाले मुरादाबाद के मंगल बाजार में रहते थे. शादी से पहले से ही अफशा पूरे मोहल्ले में इधरउधर घूमती रहने के चलते लड़कों के बीच चर्चित थी. कुछ लोगों को उस का चालचलन ठीक नहीं लगता था.
वहीं उस के चाहने वाले भी कम नहीं थे. उन्हीं में एक सलीम भी था, जो ऊमरीकलां का ही रहने वाला था. उस ने शादी से पहले अफशा से अपने दिल की बात कही थी, लेकिन तब तक उस का निकाह तय हो चुका था. सलीम उस का एक तरह से सच्चा प्रेमी था, उस ने अपनी प्रेमिका के अच्छे भविष्य और विदेश में नौकरी करने वाले पति के लिए अपने दिल पर पत्थर रख लिया था.
जबकि सच तो यह था कि सलीम और अफशा एकदूसरे के प्रेम को भूल नहीं पाए थे. सलीम अकसर अफशा की ससुराल लाहौरी सराय चला जाता था. वह मायके वालों की तरफ से परिवार से मिलता था और अफशा से अपने दिल की बातें किया करता था. सलीम अफशा के ससुराल वालों की नजर में भाईजान बना हुआ था. दोनों कई बार मौका देख कर नैनीताल आदि घूम आए थे. वहां उन्हें होटलों में ठहरने का मौका मिल गया था.
यह सिलसिला अफशा के मां बनने के बाद भी चलता रहा. उस के बाद से तो मानो ससुराल वालों की तरफ से उन दोनों को छूट मिल गई थी. एक बार सलीम बोला, ‘‘अरे यार, हम लोग कब तक ऐसे बहाने बना कर और छिपते हुए मिलते रहेंगे. मैं चाहता हूं कि तुम से निकाह कर हमेशा के लिए तुम्हें बना लूं.’’
‘‘अब कैसे मुमकिन है? मेरी गोद में आसिफ का बच्चा भी है.’’ अफशा बोली और बगल में बेफिक्री से सो रहे बच्चे पर एक नजर डाली.
‘‘उस के बारे में भी सोचता हूं.’’ सलीम यह कहता हुआ होटल के कमरे से बाहर निकल गया.
थोड़ी देर में ही कुछ खाने का सामान ले कर वापस लौट आया. उस वक्त अफशा बच्चे को दूध पिला रही थी. उस ने मजाक किया, ‘‘पूरे डेढ़ महीने बाद हमारा मिलना हुआ है. और तुम हो कि बच्चे में ही उलझी हो…’’
‘‘क्या करूं, यही मेरे दिल का टुकड़ा है.’’
‘‘और मैं?’’
‘‘अरे तुम तो मेरा दिल हो, जिस में मेरी जान बसती है,’’ अफशा भी सलीम से मजाकिया अंदाज में बोली.
‘‘हमारे आज के रोमांस का क्या होगा?’’ सलीम ने प्रश्न किया. तभी बच्चा रोने लगा. अफशा उसे चुप कराने लगी. लेकिन वह चुप ही नहीं हो रहा था.
‘‘हमारे प्यार में तुम्हारा बेटा ही बाधक बन गया है,’’ सलीम रोते बच्चे को देख कर बोला.
‘‘तो क्या करूं इस का? लगता है इसे कुछ तकलीफ है. कल सुबह डाक्टर को दिखाना होगा.’’
‘‘…और आज रात हमारी यूं ही कटेगी..’’ सलीम सांसें लेता हुआ बोला और वहीं पास बिछावन पर लेट गया. आधी रात को दोनों आलिंगनबद्ध थे कि बच्चा अचानक फिर से रोने लगा. ऐसे में उन का संसर्ग अधूरा रह गया. दोनों खिन्न हो गए. उन के चेहरे पर बच्चे को ले कर सवाल उभर आया था. सलीम ने सिर्फ इतना कहा, ‘‘इस का कुछ करो वरना!’’
मिलन में खलल बना बच्चा
अगले रोज अफशा बच्चे के साथ ससुराल आ गई. सलीम भी अपने घर लौट गया. दोनों के मन पर एक बोझ बना हुआ था. अफशा से विदा होते हुए सलीम ने पूछा, ‘‘बच्चे को कहीं ठिकाने नहीं लगाया जा सकता?’’
इस पर कुछ बोले बगैर अफशा अपनी ससुराल आ गई, लेकिन उस के दिमाग में बच्चे को ठिकाने लगाने का सवाल बना रहा. सलीम के साथ गुजारी उस रात में बच्चे को ले कर आई बाधा उस के दिमाग से निकल ही नहीं रही थी. उस बारे में सोचसोच कर वह उलझती ही जा रही थी. एक तरफ विदेश में बैठा उस का शौहर था तो दूसरी तरफ उस पर प्यार न्यौछावर करने वाला प्रेमी सलीम. वह अफशा पर दिल खोल कर खर्च करता था. उस के लिए मर मिटने की कसमें खाता था.
शादीशुदा अफशा भी आशिकी में कुछ भी करने को तैयार थी. सलीम की बच्चे को ठिकाने लगाने वाली बात उस के दिमाग से निकल ही नहीं पा रही थी. इसी बीच दिमाग में एक सवाल उभरा, ‘‘कैसे?’’
इसी के साथ उस ने पास में सो रहे बच्चे पर एक नजर डाली. दिमाग में खुराफाती विचार आए और उस ने तुरंत एक योजना बना ली.
अगले पल ही उस ने सलीम को फोन किया और उसे साजिश की योजना बता दी. अफशा की योजना सुन कर सलीम भी उछल पड़ा. फोन पर ही बोला, ‘‘इस से तो सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी.’’
योजना के मुताबिक, अफशा 31 अगस्त, 2022 की रात साढ़े 8 बजे बेरहम बन गई. दिल को मजबूत किया. इश्क का भूत उस के दिलोदिमाग पर इस कदर हावी था कि उस ने गहरी नींद में सो रहे बच्चे का गला दबा दिया. चंद मिनटों में ही बच्चा बेजान हो गया.
उस के बाद योजना के मुताबिक घर में काम करने वाली नौकरानी सुमैया से बच्चे को डाक्टर से दिखाने के लिए साथ चलने को बोली. घर से थोड़ी दूर पर जा कर उस ने नौकरानी को घर वापस जाने के लिए कहा.
नौकरानी के चले जाने के बाद अफशा ने मृत बच्चे को नाले में फेंक दिया. फिर उस ने योजना के मुताबिक थोड़ी दूर भीड़ वाली जगह पर जा कर बाइक सवार द्वारा बच्चा छीन कर ले भागने का शोर मचा दिया.
इस पूरे मामले की कहानी को पुलिस ने कलमबद्ध कर लिया और उस के बयानों के आधार पर अगली काररवाई शुरू कर दी. बच्चे अरहान के चाचा बिलाल ने अपनी भाभी अफशा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी. उस दिन पहली सितंबर, 2022 को उसे हिरासत में ले लिया गया.
कथा लिखे जाने तक उस का प्रेमी सलीम पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया था. पुलिस ने खुदशिया तामजी उर्फ अफशा से पूछताछ करने के बाद उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया. द्य
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित