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एसपी स्वाति भंगालिया की नजरों में प्रकाश अलबेला की कहानी में झोल नजर आ रहा था. चूंकि प्रकाश अलबेला एक जानामाना डायरेक्टर था, इसलिए एसपी स्वाति भंगालिया पहले बहुत बारीकी से प्रकाश की बताई कहानी की जांचपड़ताल कर लेना चाहती थीं.

पुलिस टीम प्रकाश को ले कर घटनास्थल महिषरेखा पुलिया के लिए निकल पड़ी. एसपी भंगालिया अपनी कार से पुलिस वैन के पीछे आ रही थीं. महिषरेखा पुल बगनान क्षेत्र में था, वहां पहुंच कर उस स्पौट पर जांच का काम शुरू हुआ, जहां लुटेरों ने प्रकाश अलबेला की कार को घेर कर प्रकाश पर हमला किया था.

प्रकाश अलबेला उस स्थान पर खड़ा पुलिस की जांच का काम देखता रहा. एसपी स्वाति भंगालिया ने बहुत बारीकी से घटनास्थल की तहकीकात शुरू की.

उस जगह जहां प्रकाश अलबेला ने 3 लुटेरों के साथ मारपीट होने की बात की थी. वहां की सड़क किनारे उगी घास और जंगली झाड़झंखाड़ अपनी प्राकृतिक अवस्था में थे, न वे कुचले गए थे और न किसी रगड़ से उन्हें क्षति पहुंची थी.

एसपी ने हर चीज को संदेह की नजर से खंगाला तो यह बात निकल कर सामने आई कि प्रकाश की सुनाई गई लूटपाट की वारदात झूठी थी. फिर भी उन्होंने अपनी जांच को अंतिम रूप नहीं दिया.

जिस स्पौट पर ईशा आलिया को गोली मारी गई थी, वहां खून के धब्बे अवश्य मिलने चाहिए थे, लेकिन वहां ऐसा कुछ नहीं था. यानी प्रकाश अलबेला पुलिस के शक के दायरे में आ गया.

इस के बाद पुलिस प्रकाश को ले कर कुलगाछिया पिरताला स्थित एएससीसी मैडिकल कालेज पहुंची, जहां उस ने ग्रामीणों की मदद से घायल ईशा को ले जाने की बात कही थी. वहां पता चला कि आज सुबह ईशा आलिया नाम की गोली लगने वाली पेशेंट मैडिकल कालेज में नहीं लाई गई थी. इस का मतलब यह हुआ कि प्रकाश अलबेला सरासर झूठ बोल रहा है.

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