लक्ष्य सिंह भी बन गया मौडल
23 वर्षीय लक्ष्य सिंह लाठर सुंदर और स्वस्थ युवक था. वह मौडलिंग के क्षेत्र के लिए किसी भी मायने में कम नहीं था. लेकिन जिस की जड़ें मजबूत न हों, वह भला कितना मजबूत हो सकता है. मां के फैशन डिजाइनर और मौडलिंग में माहिर होने के कारण लक्ष्य को मौडलिंग में काफी लाभ मिला. उसे अभिनेता रणधीर कपूर और फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने काफी सहयोग दिया.
मौडलिंग का यह सूरज धीरेधीरे ऊपर चढ़ ही रहा था कि घर के माहौल और वातावरण ने उसे भी अपनी चपेट में ले लिया. वह प्रतिबंधित ड्रग्स लेने लगा. इस ड्रग्स का इस्तेमाल यौन संबंधों और बौडी बनाने के लिए किया जाता है. ऐसे ही माहौल के एक रेव पार्टी में लक्ष्य की मुलाकात ऐशप्रिया बनर्जी और निखिल से हुई. निखिल मुंबई का रहने वाला था, जबकि ऐशप्रिया बनर्जी का परिवार बंगाल का था, जो जादूटोना और काला जादू जैसी बातों पर विश्वास करता था.
रेव पार्टी में जब ये तीनों मिले तो यह एकदूसरे के गहरे दोस्त बन गए. लक्ष्य सिंह लाठर और ऐशप्रिया बनर्जी एकदूसरे के प्रति आकर्षित हो गए. धीरेधीरे दोनों एकदूसरे से प्यार करने लगे, जिस की वजह से ऐशप्रिया अकसर लक्ष्य सिंह लाठर के घर आनेजाने लगी थी. ऐशप्रिया बनर्जी के व्यवहार और प्रेम को देख कर सुनीता सिंह ने उसे अपनी बहू के रूप में स्वीकार कर लिया था.
मांबेटे हो गए ड्रग एडिक्ट
सुनीता सिंह लाठर की तरफ से रास्ता साफ होने के कारण ऐशप्रिया बनर्जी अधिकतर सुनीता के फ्लैट में लक्ष्य के साथ रहने लगी. कभीकभी उस का दोस्त निखिल भी वहां पहुंच जाता था. लक्ष्य अपने इन दोस्तों के साथ अपने फ्लैट में जम कर ड्रग्स की पार्टी करता था, जिस में सुनीता सिंह लाठर भी शामिल हो जाती थी. इस पार्टी में किसी तरह का भेदभाव या मर्यादा नहीं होती थी.