मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में होने वाले यौन शोषण को ले कर केरल सरकार ने 7 साल पहले हेमा कमेटी गठित की थी. इस कमेटी की रिपोर्ट के आते ही इस से जुड़े लोगों के चेहरों से शराफत का नकाब उतर गया है. इंडस्ट्री में भूचाल आ गया. 'मी टू आंदोलन’ के जोर पकडऩे से फिल्म निर्मातानिर्देशकों की ऐसीऐसी करतूतें सामने आ रही हैं कि...
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केरल में मलयालम सिनेमा की एक चर्चित अभिनेत्री भावना मेनन के लिए 17 फरवरी, 2017 की रात एक बुरे सपने की तरह थी. वह एक पुरस्कार विजेता अभिनेत्री है, जिस ने मलयालम, कन्नड़, तमिल और तेलुगु में 90 से अधिक फिल्मों में काम किया है. लेकिन उस रात कोच्चि में वह जिन से भी मिली, उन से वह दोबारा मिलने की कल्पना से ही सिहर जाती है. कारण, उस के साथ जो कुछ हुआ था, वह एक सुनियोजित था. वह कोच्चि से त्रिशूर स्थित अपने घर जाने की तैयारी कर रही थी. शाम घिर आई थी और उसे करीब 90 किलोमीटर की दूरी कार से तय करनी थी. एक गाने की रिकौर्डिंग का काम पूरा हो चुका था. इस के बाद उसे वापस अपने घर लौटना था.
शाम के करीब 7 बजे उस के ड्राइवर मार्टिन ने जैसे ही तैयार हो जाने के लिए कहा, वह फटाफट अपने छोटे से बैग में जरूरी सामान, पर्स, मोबाइल चार्जर आदि को चैक करने लगी. अपना पर्सनल वैनिटी बौक्स भी चैक किया. कुछ समय में ही वह अपनी गाड़ी में कोच्चि जाने के लिए बैठ चुकी थी. उस के ड्राइवर ने एक नजर अपने सामने लगे शीशे में देखा और पूछा, ''मैडम रेडी, चलूं?’’