28 वर्षीय देवोलीना भट्टाचार्य असम के गुवाहाटी के शिवसागर की रहने वाली थी. खूबसूरत देवोलीना जितनी पढ़ाई लिखाई में होशियार थी, उतनी ही महत्त्वाकांक्षी थी. उस ने गुवाहाटी से हाईस्कूल तक शिक्षा लेने के बाद दिल्ली से बीकौम की डिग्री हासिल की थी. नृत्य, गायन, चित्रकला और खाना पकाना उस का शौक था.
देवोलीना बौलीवुड की सितारा बन कर चमकना चाहती थी. उस के पिता बंगाली और मां असमिया थीं. पिता की मृत्यु के बाद मां उस के इस सपने को मरने नहीं देना चाहती थी. वह बेटी को कदम कदम पर प्रोत्साहित किया करती थी. देवोलीना अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई आ गई थी, जहां उस की मुलाकात सचिन पवार से हुई. सचिन पवार ने देवोलीना की काफी मदद की.
सचिन पवार की सहायता और देवोलीना के कड़े परिश्रम से 2010 में उसे जी टीवी के प्रोग्राम डांस इंडिया डांस सीजन-2 के लिए चुन लिया गया. इस के बाद 2011 में उसे टीवी सीरियल ‘सावरे सब के सपने’ और पंजाबी सीरियल ‘प्रीतो’ में गुलाबी ढिल्लो उर्फ वानी की भूमिका मिली थी. छोटा मोटा काम मिलने से उस का उत्साह और बढ़ गया. वह और मेहनत करने लगी.
इस सब के अलावा देवोलीना भट्टाचार्य ने मुंबई की एक नामी कंपनी गिली इंडिया लिमिटेड में आभूषण डिजाइनर के रूप में अपना जलवा दिखाया था. लेकिन उस का सितारा स्टार टीवी के सीरियल ‘साथ निभाना साथिया’ से चमका. देखते ही देखते वह गोपी बहू के किरदार में घरघर की एक संस्कारी बहू बन गई. मगर घरघर की यह संस्कारी बहू एक ऐसे मर्डर के मामले में फंस गई कि उस के चाहने वाले भी आश्चर्यचकित रह गए.