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रा अधिकारी से भी ली मदद

नफीसा कमरे से निकल रही थी, तभी पुलिस आ जाती है. उनेजा का आदमी पुलिस पर गोली चला देता है. पुलिस उसे मार देती है. उनेजा नफीसा को जाने के लिए कह कर पुलिस पर फायरिंग करने लगती है. पर तभी तारा आ जाती है और उनेजा को गोली मार देती है.

कबीर नफीसा के पीछे भागता है. पर नफीसा अस्पताल के कमरे में छिप गई थी, जहां वह टीवी पर देखती है कि जरार के मातापिता ने उसे बहुत पहले छोड़ दिया था. वह सही में आतंकवादी है.

इस के बाद वह कबीर से मिलती है और बता देती है कि जरार उस का ढाका में इंतजार कर रहा है. वह सब कुछ कर सकती है, पर अपने देश को धोखा नहीं दे सकती. वह जरार को पकडऩे के लिए कहती है.

इस के लिए वह पुलिस की मदद करने को भी तैयार हो जाती है. पर तारा कहती है कि यह संभव नहीं है, क्योंकि इस के लिए सीमा पार औपरेशन करना होगा और इस के लिए सेना और रा का अप्रूवल चाहिए.

कबीर तारा को रा से अप्रूवल लेने के लिए मना लेता है. तारा रा के अधिकारी से बात करती है. अधिकारी कहता है कि इस के लिए मिनिस्ट्री से बात करनी होगी. जरार बारबार नफीसा को फोन कर रहा होता है. कबीर रफीक के आदमी से कहलवा देता है कि नफीसा आ रही है. नफीसा की जरार से भी बात करवा दी जाती है, जिस से उसे शक न हो.

पुलिस कमिश्नर जयदीप मिनिस्टर से इस औपरेशन के लिए बात करते हैं. होम मिनिस्टर हां तो कर देता है, पर शर्त रखता है कि अगर कबीर वहां पकड़ा जाता है तो वह उसे जानने से मना कर देंगे, क्योंकि ऐसे में उन्हें दूसरे देशों को जवाब देना पड़ता है.

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