आठवें एपीसोड के शुरू में दिखाया जाता है कि पारुल अस्पताल से घर आ जाती है और खुद को शीशे में देखती है तो रोने लगती है. अब उस की जिंदगी बदल चुकी थी. दूसरी ओर पुलिस स्टेशन में रश्मि को ला कर उस की ठीक से धुलाई की जाती है कि वह ऐसा क्यों कर रही थी. पर वह कुछ भी बताने को राजी नहीं थी.
बाद में वह रवि को बताती है कि पारुल अपनी जूठन आशीष को उसे देना चाहती थी. इसी बात से नाराज हो कर बदला लेने के लिए वह पारुल की फोटो लगा कर लड़कों से चैटिंग करने लगी थी. बाद में उसे इस में मजा आने लगा था, इसलिए अब भी वह उन से बातें कर रही थी. लेकिन पारुल पर एसिड फेंकने में उस का कोई हाथ नहीं था. तब रवि उसे जाने देता है. रश्मि का रोल हिबा कमर ने किया है.
सिपाही यादव साइबर कैफे से उन लोगों की लिस्ट लाता है, जो लोग साइबर कैफे में आते थे. इस में एक नाम नितिन का भी था, जिस ने अपनी बहन पर ही एसिड अटैक किया था. नितिन का रोल ओंकार भूषण नौटियाल ने किया है. नितिन से एक अस्पताल के बारे में पता चलता है, जहां लड़कियों का एबार्शन किया जाता था.
अस्पताल की डाक्टर बताती है कि लड़कियों की जिंदगी बचाने के लिए वह ऐसा करती थी. वहां से एक लड़के मनु के बारे में पता चलता है. मनु को पकड़ने के चक्कर में मुठभेड़ में कई सिपाही मारे जाते हैं, साथ ही विपक्ष का वह नेता भी जो गृहमंत्री मिश्रा की वीडियो पुलिस वालों से मांग रहा होता है.