एपिसोड- 9
वेब सीरीज 'रंगबाज फिर से’ के नवें और आखिरी एपिसोड का नाम 'सरेंडर’ यानी कि आत्मसमर्पण रखा गया है. शुरुआत में पुलिस की जीपें दिखाई गई हैं और बारबार मुख्यमंत्री सावित्री सिंह का यह कथन पहले और बारबार दोहराया गया है कि जो कुछ भी करो, कानून के दायरे में रह कर करना.
मुख्यमंत्री सावित्री सिंह सुंदर सिंह से मिलती है और फिर पुलिस कमिश्नर व संजय मीणा को बुलवा कर आदेश देती है कि अमरपाल का खात्मा कर दो, कानून के दायरे में.
यहां पर लेखक और निर्देशक ने फिर एक एसटीएफ के चीफ संजय मीणा को असहाय सा दिखा डाला है, जो राजनेताओं के आदेश को गवर्नर और न्यायाधीश से भी अधिक तवज्जो देने वाला एक मजबूर पुलिस अधिकारी है, जबकि वह यह काम करने के लिए मना भी कर सकता था.
यहां पर लेखक और निर्देशक ने यह साफ करने की कोशिश की है कि एसएसपी संजय मीणा शुरू से ही यानी कि छात्र जीवन से ही अमरपाल सिंह का प्रशंसक रहा है, इसलिए समयसमय पर वह उस की मदद करता रहता था. उस के बाद एपिसोड को कास्टिंग शुरू हो जाती है.
अमरपाल और उस के साथी हथियार ले लेते हैं. एसपी मीणा अपने भारी पुलिस दस्ते को किलेनुमा कोठी के चारों ओर और छत पर फैला देता है.
संजय मीणा कोठी में दाखिल होता है तो उसे अमरपाल के वही रूप फिर से सामने आते हैं. छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में फूल मालाएं पहने, कालेज टौपर की ट्रौफी अपने हाथों में उठाए, आईपीएस का एग्जाम पास करते हुए. तभी अमरपाल एक पुलिसकर्मी को ढेर कर देता है. फिर एसएसपी मीणा अपनी पूरी पुलिस फोर्स को गोली चलाने का आदेश दे देता है. उस के बाद काफी संख्या में पुलिस वाले ढेर हो जाते हैं.