दूसरी ओर मनोवैज्ञानिक का कहना है कि रजिस्टर में 2 लोगों की राइटिंग मिली है. एक तो भुवन की राइटिंग से मेल खाती है और दूसरी जवाहर सिंह यानी भुवन के पिता की राइटिंग से. इस बात पर सभी को हैरानी होती है. पर मनोवैज्ञानिक का कहना है कि यह मामला रेयर में रेयरिस्ट है.
अक्षय साधना की बात पढऩे के बाद अन्या अपनी टीम के साथ भुवन के राजस्थान स्थित पुश्तैनी मकान पर जाती है. मजे की बात यह है कि भुवन जब वहां पहुंचा था, तब भी पानी बरस रहा था और अन्या की टीम पहुंचती है, तब भी पानी बरस रहा था.
घर की तलाशी में अन्या को अक्षय साधना वाला वह पुराना कागज मिल जाता है, जिस से सभी की हत्या का खुलासा हो जाता है. उस कागज में लिखे अनुसार भुवन सभी से कहता है कि अक्षय साधना के लिए हाथ पीछे बांध कर गले में फंदा डाल कर स्टूल पर खड़े हो कर मंत्र जाप करना है.
इसी के साथ बीच में एक कटोरी में पानी रखा रहेगा, जिस का रंग पिताजी के आने पर बदल जाएगा. लेकिन जब पूरे परिवार ने ऐसा किया तो कटोरी में रखे पानी का रंग नहीं बदला, जिसे देख कर भुवन घबरा गया था. वह मां के कमरे में जाता है और मां से कहता है कि सब खत्म हो गया. इस के बाद मां के पैर में रस्सी बांधने के साथ सभी के स्टूल के नीचे रस्सी डाल कर खींच लेता और सभी बरगद की जटाओं की तरह झूल जाते हैं. इस तरह 11 लोगों की मौत का सच सामने आ जाता है.