नौ दिसंबर को प्रदर्शित होने जा रही संजय मिश्रा व नीना गुप्ता के अभिनय से सजी थ्रिलर फिल्म ‘‘वध’’ की कहानी काफी रोचक है. इसमें अपने बेटे की वजह से परेशानियां झेल रहे बुजुर्ग शिक्षक शंभूनाथ मिश्रा (संजय मिश्रा) को हालातों के चलते मजबूरन प्रजापति पांडे (सौरभ सचदेव) का वध करना पड़ता है, उसके बाद क्या होता है, यह तो फिल्म देखने पर पता चलेगा. लेकिन इस फिल्म में शिक्षक मिश्रा ही नहीं पुलिस के अफसर भी ‘‘दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन’’ की मशहूर पत्रिका ‘‘मनोहर कहानियां’’ पढ़ते हुए और इस पत्रिका को लेकर चर्चा करते नजर आएंगे.

जब इस फिल्म का टीजर, ट्रेलर के अलावा पोस्टर जारी किया गया था, तभी से सवाल उठ रहे थे कि इसमें अभिनेता संजय मिश्रा ‘मनोहर कहानियां’ पत्रिका पढ़ते हुए क्यों नजर आ रहे हैं? आज जब हमने फिल्म देखी,तो हमें काफी कुछ समझ में आ गया. लेकिन हमारे दिमाग में सवाल उठा कि आखिर इस फिल्म में किसी अन्य पत्रिका की बजाय ‘‘मनोहर कहानियां’’ को ही निर्माता निर्देशक व लेखक ने क्यों चुना?
इस सवाल का जवाब पाने के लिए हमने फिल्म के एक लेखक व निर्देशक जसपाल सिंह संधू से बात की.

लेखक, निर्देशक व अभिनेता जसपाल संधू का नाम सिनेमा जगत में नया नही है. वह इससे पहले अंग्रेज, लव पंजाब, लाहोरिया, वेख बरातन चालियां, भलवान सिंह, गोलक बुगनी बैंक ते बटुआ, अफसर जैसी पंजाबी फिल्मों का निर्माण तथा ‘अंग्रेज’ और ‘उड़ा ऐडा’ जैसी पंजाबी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं.

अब जसपाल सिंह संधू ने अब राजीव बरनवाल के साथ मिलकर हिंदी फिल्म ‘‘वध’’ का लेखन व निर्देशन करने के साथ साथ इसमें विधायक का अहम किरदार भी निभाया है. इस फिल्म को कोविड के ही दौर में सभी नियमों का पालन करते हुए फिल्माया गया. कुछ सीन बाद में फिल्माए गए. पहले इस फिल्म का नाम ‘ग्वालियर’ था. लेकिन ‘मनोहर कहानियां’ को इस फिल्म के साथ जोड़ने के साथ ही फिल्म का नाम बदलकर ‘‘वध’’ कर दिया गया.

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