फिल्म इंडस्ट्री में परदे के पीछे बहुत कुछ होता है, जैसे राजनीति, कास्टिंग काउच, नेपोटिज्म और भी न जाने क्याक्या? बेव सीरीज 'शो टाइम’ में बौलीवुड की दुनिया, प्रोडक्शन हाउस और वहां काम करने के तरीके को डिटेल से दिखाया गया है.

कलाकार: इमरान हाशमी, महिमा मकवाना, नसीरुद्दीन शाह, श्रिया सरन, विजय राज, मौनी राय, विशाल वशिष्ठ आदि

निर्देशक: मिहिर देसाई, अर्चित कुमार, निर्माता: करण जौहर, लेखक: जेहान हांडा, प्लेटफार्म: डिज्नी प्लस हौटस्टार.

साल 2020 में कोविड काल के बाद फिल्म इंडस्ट्री के अंदर और बाहर में बहुत कुछ बदला है. जो गासिप मुंह दबा कर की जाती थीं, वो अब सोशल मीडिया के जरिए खुल कर बाहर आने लगी हैं. टैबलायड्स के ब्लैक गासिप्स की तरह कुछ कलाकार सोशल मीडिया में नाम लिए बिना इंडस्ट्री और साथी कलाकारों की आलोचना करते रहते हैं. नेपोटिज्म और इनसाइडर-आउटसाइड की बहस भी अकसर सोशल मीडिया में छाई रहती है. और तो और, रिश्वत दे कर फिल्मों के रिव्यूज प्रभावित करने के आरोप तो अब खुल कर लगने लगे हैं. साउथ फिल्मों का दबदबा और बौलीवुड के खत्म होने की कहानियां अकसर सुनने को मिलती हैं.

साउथ ने दर्शकों की नब्ज पकड़ ली है और बौलीवुड अभी भी स्टारडम के मकडज़ाल में उलझा है, ये बातें भी रहती हैं. करण जौहर निर्मित वेब सीरीज 'शो टाइम’ सोशल मीडिया की ऐसी ही सारी बहसों, किस्सेकहानियों और हैशटैग्स का स्क्रीन अडाप्टेशन है, जिन के निशाने पर वह खुद भी रह चुके हैं. सीरीज 'शो टाइम’ फिल्म इंडस्ट्री के अंदर होने वाली केकड़ा पौलिटिक्स को भी दिखाती है.

एपिसोड नंबर-1

वेब सीरीज 'शो टाइम’ में रघु खन्ना (इमरान हाशमी), दिग्गज फिल्ममेकर और विक्ट्री स्टूडियोज के मालिक विक्टर खन्ना (नसीरुद्ïदीन शाह) का बेटा है. कमर्शियल फिल्मों का सफल प्रोड्यूसर है, जो 100 करोड़ की फिल्में देने के लिए जाना जाता है, मगर कंटेंट के लिए उस की फिल्मों की आलोचना भी खूब होती है. फिल्म की कामयाबी के लिए वो हर तरह का हथकंडा अपनाता है. उस के काम का सब से बड़ा आलोचक उस का पिता विक्टर खन्ना ही है, जिसे बेटे रघु खन्ना की कमर्शियल फिल्में बिलकुल भी पसंद नहीं हैं. रघु भी पिता के ओल्ड स्कूल विचारों को पसंद नहीं करता, जिस के चलते दोनों बापबेटे में टकराव होता रहता है. विक्टर खन्ना को प्रोस्टेट कैंसर है. कहानी एक नामी फिल्म स्टूडियो विक्ट्री के इर्दगिर्द बुनी गई है.

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