कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

जब अर्जुन भाटिया और नीलेंदु बंगाली हीरा ले रहे होते हैं, तब पुलिस वहां छापा मार कर सभी को गिरफ्तार कर ले जाती है. जहां गिरफ्तारी होती है वहां गुप्त स्थान पर दोनों छिपे होते हैं. अर्जुन और नीलेंदु यह जान जाते हैं कि पुलिस के पास उन के हुलिए का स्कैच मौजूद है.

हालांकि स्कैच बनाते वक्त हीरा कारोबारी फिल्मी मैग्जीन के चेहरे देख कर हुलिया पुलिस को नोट करा देता है. यह बात छिपे अर्जुन और नीलेंदु नहीं जानते थे. इस कारण नीलेंदु फोन लगा कर एयरहोस्टेस से वापस जाने का समय पूछता है. उसी वक्त दोनों भी एयरपोर्ट पहुंच जाते हैं.

यहां एयरहोस्टेस के पर्स में मौका मिलते ही अर्जुन भाटिया हीरा छिपा देता है, जिसे नीलेंदु हवाई जहाज के शौचालय में ही एयरहोस्टेस के पर्स से निकाल लेता है. वह उस के साथ ही एयरहोस्टेस के घर जाता है.

यह बात अर्जुन भाटिया फोन कर के जगन सेठ को बता देता है. उस वक्त राजेंद्र प्रताप सिंह भी वहां मौजूद होता है. यहां शंकरी देवी उस को कहती है कि जगन सेठ के सामने वह कमजोर साबित हो रहा है. इसलिए कोई चालाकी करनी होगी. जिस के बाद पुलिस की रेड पड़ती है. जहां रेड पड़ती है, वहां नीलेंदु बंगाली एयरहोस्टेस के कमरे में होता है. पुलिस को आते हुए अर्जुन भाटिया देखता है और वह नीलेंदु को बचाने के लिए कूद पड़ता है.

अर्जुन भाटिया पुलिस वालों के पैरों में गोली मारता है. इसी बीच एक गोली पुलिस वाले के सिर पर जा कर लगती है. लेकिन, वह अर्जुन भाटिया की गन से नहीं चलती. वह कुछ समझता, तब तक नीलेंदु तो भाग जाता है और अर्जुन भाटिया पुलिस की पकड़ में आ जाता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...