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राजेंद्र प्रताप सिंह को फिल्म डायरेक्टरों ने पूरी तरह से नग्न दिखाया है. उसे नग्न हालत में संजना भी देख कर वहां से चली जाती है. इस के बाद वह सीधे अर्जुन भाटिया के घर पहुंचती है, जहां उसे प्रीति मिलती है. उधर, इटावा पहुंचने पर अर्जुन भाटिया और नीलेंदु बंगाली को पुलिस दबोच लेती है.

पुलिस दोनों का एनकाउंटर करती, उस से पहले जेल से जिसे छुड़ाया गया था, वह उन्हें बचाने में कामयाब हो जाता है. यहां पुलिस अधिकारी राज भी उजागर करता है कि उसे मारने के लिए जगन सेठ से टिप मिली थी. यह सब कुछ दर्शकों के सामने बहुत जल्दीजल्दी में बिना निरंतरता के साथ परोसा गया है. इसलिए सातवें एपिसोड में भी कहानी दर्शकों को जोड़ने में कामयाब नहीं रहती है.

इटावा जाते वक्त पुराने भाप के इंजन को दिखाया गया है, जिसे 90 के दशक में चलने वाली डीजल इंजन के जरिए चलते हुए आसानी से देख सकते हैं.

'सुलतान औफ दिल्ली’ वेब सीरीज का आठवां एपिसोड 'फ्यूड’ नाम से बनाया गया है, जिस में दिल्ली के स्थानीय माफिया मना करने के बावजूद दबाव में उस की छत्रछाया में काम करने के लिए राजी हो जाते हैं. अब जगन सेठ के बजाय दिल्ली की माफिया मंडी में अर्जुन भाटिया का सिक्का चलने लगता है. यह सब कुछ अर्जुन भाटिया की पत्नी की गोद भराई में होता है.

इसी कार्यक्रम में रक्षा सचिव को भी बुलाया जाता है. वह उसे पटना में उस का एक काम करने के लिए बोलता है, जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी नीलेंदु बंगाली को मिलती है. लेकिन इस दौरान वह कुछ ऐसा बोलता है कि रक्षा सचिव को वह बात चुभती है. अफसर के जाने के बाद थोड़ी नोंकझोंक अर्जुन भाटिया के साथ नीलेंदु की होती है.

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