वेब सीरीज 'बजरी माफिया’ बजरी (रेत) खनन माफिया के पुलिस और राजनीति के सफेदपोश चेहरों की मिलीभगत से अपनी जेब भरने का खुला खेल दिखाती है.

एक्टर्स : नीर राव, कृतिका माथुर, पवन कुमार, अंतरिक्ष नागरवाल, अलीशा सोनी, अल्ताफ खान, शुभम पारीक, कपूर करण, अशोक व्यास, अशिमा सुथार, अमरदान चारण, हिमांशी जैन, दीपक गुर्जर, देवा शर्मा

डायरेक्टर : जतिन सूर्यवंशी,  मोहित बोस, भरत सैन
एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर: विमल रावतिया
लेखक: जतिन सूर्यवंशी, पार्थ दीक्षित,  भरत सैन,
म्यूजिक: एम.एस. रूपर्ट
एडिटर: तरुण कुंदानी
प्लेटफार्म: एयरटेल एक्सट्रीम

बजरी ठेकेदारों को सरकार एक निश्चित दायरे  में बजरी खनन का सरकारी टेंडर देती है. लेकिन ठेकेदार निश्चित दायरे से बाहर रेत खनन करते रहे हैं और करते रहेंगे, यह दायरे से बाहर जा कर पचासों नहीं सैकड़ों गुना बजरी खुदाई करते हैं. टेंडर की आड़ में बजरी ठेकेदार अवैध खनन कर के न केवल सरकार को चूना लगाते हैं, बल्कि नदियों और प्रकृति का भी विनाश करते हैं. यह सब संबंधित विभागों की मिलीभगत से चलता रहता है.

निर्मातानिर्देशक जतिन सूर्यवंशी इस सीरीज के लेखक भी हैं, मगर लगता है कि उन्होंने बजरी माफिया पर रिसर्च नहीं किया. वेब सीरीज को 3 राइटर जतिन सूर्यवंशी, पार्थ दीक्षित और भरत सैन ने लिखा है. 6 एपिसोड की सीरीज का एकएक एपिसोड करीब 27-28 मिनट का है. सीरीज की कहानी उबाऊ लगती है. कुछ घटनाएं सत्य हैं. बाकी पूरी सीरीज किसी थर्ड क्लास के सीरियल से भी गईगुजरी लगती है.

इस सीरीज में बजरी माफिया गजेंद्र सिंह (अल्ताफ खान) और धीरेन सिंह को भाई दिखाया गया है. दोनों किसी भी हद तक जाने वाले यानी धीरेन सिंह को वेश्यागामी और पुलिस अधिकारी इंसपेक्टर की हत्या करते दिखाया है. वहीं बजरी माफिया गजेंद्र सिंह एसपी, थानेदार तक को गैंग से मरवा डालते हैं.

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