नौवें एपिसोड में सादिक कादरी का जनाजा ले जाने के साथ वेब सीरीज शुरू होती है. जिस के बाद पठान गैंग डर के साए में जीने लगता है. उसे हाजी मकबूल समझाता है कि पिछली बार दोस्त और उस की पत्नी को मारने के बाद बंबई जल रही थी, इस बार तो सादिक कादरी जो दारा कादरी का भाई है, उसे मारा है.
पठान गिरोह ऐसा बोलने पर हाजी मकबूल को अश्लील गालियां देते हुए अपने रिश्ते खत्म कर लेता है. हाजी मकबूल यहां से निकल कर दारा कादरी से मिल जाता है. वह सादिक कादरी को मारने वाले गन्या सुर्वे के सारे राज को उजागर कर देता है.
दूसरी तरफ इंसपेक्टर रणवीर मलिक पर सीनियर अधिकारियों का दबाव बनता है. वह बंबई में हो रहे गैंगवार के चलते मर्डर को ले कर उन्हें फटकारता है. जिस के बाद इंसपेक्टर मलिक और दारा कादरी के बीच मुलाकात होती है. इस दौरान दारा कादरी और इंसपेक्टर के बीच गन्या सुर्वे के एनकाउंटर की पटकथा लिखी जाती है.
अन्ना को मारते हुए डायरेक्टर ने 2 से 3 मिनट में खात्मा होते हुए दिखा दिया. पठान और उस के करीबी को निपटा दिया जाता है. यहां से हारून नाम का एक गुर्गा जो पठान के लिए काम करता है, वह बच कर भाग जाता है. जिस की आड़ में कहानी को लंबा किया जाता है.
वह भाग कर पुलिस अधिकारियों से मदद मांगता है, जिस के बाद दारा और अब्दुल्ला तय करते हैं कि जेल के भीतर उस को मारा जाए. कहानी अगले सीन की तरफ शिफ्ट की जाती है. जहां अधेड़ उम्र का आदमी एक महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने जा रहा होता है, तभी वहां नए किरदार की एंट्री के रूप में उस का प्रेमी आ जाता है. उस का नाम छोटा बब्बन होता है.