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नेटफ्लिक्स पर जुलाई, 2023 में प्रदर्शित वेब सीरीज ‘कोहरा’ दर्शकों को पूरी तरह से गुमराह करने के लिए बनाई गई फिल्म है. पहले सीजन में यह 6 एपिसोड के साथ रिलीज हुई है. इस की शुरुआत से ही डायरेक्टर रणदीप झा की कमजोरियां दिख रही हैं.

फिल्म एक मर्डर मिस्ट्री पर बनी है. हालांकि इस में सस्पेंस जैसा शुरू से ही कुछ नहीं होता है. वेब सीरीज के आखिर में उसे पंजाब पुलिस के 2 अधिकारियों पर बना दिया गया है.

इस की कहानी एक खेत से शुरू होती है, जहां लडक़ा लडक़ी सेक्स कर रहे होते हैं. इस से साफ है कि दर्शकों को आखिर तक जोड़े रखने के लिए एक जबरिया उत्साह पैदा किया गया है. जबकि आलिंगन होने के दौरान पुरुष कभी भी अपने पार्टनर को यूं ही नहीं छोड़ता है, जब तक उसे कोई खतरा महसूस न हो.

लेकिन फिल्म में सेक्स कर रहा लडक़ा कुत्ते के भौकने की आवाज सुन कर उसे भगाने जाता है. तब वहां उसे एक लाश दिखती है. वह पुलिस को फोन कर के बुलाता है. मौके पर तफ्तीश करने पहुंचे पुलिस के अमले को एक लावारिस कार मिलती है, जिस के आधार पर उस की पहचान होने को दिखाया गया है.

लाश एनआरआई लडक़े की होती है. जिस व्यक्ति की लाश दिखाई गई, उस की भूमिका विशाला हांडा ने निभाई है. फिल्म में उस का नाम पौल बताया गया है. वह शादी करने के लिए विदेश से अपने दोस्त के साथ इंडिया आता है. पौल की जिस दिन शादी होनी थी, उस से एक रात पहले उस का कत्ल कर दिया जाता है.

अगले सीन में पुलिस विभाग का दर्शकों के सामने मजाक परोस दिया गया. थाने में संदेहियों से पूछताछ करते समय पुलिस वाले बातचीत के दौरान गाली देते हुए दिखते हैं. थाने में सीनियर पुलिस अधिकारी की भूमिका शिवेंद्र पाल विक्की निभा रहे हैं. उन का फिल्म में बलवीर सिंह नाम है. उन के साथ वरुण सोबती ने सहायक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है. वह फिल्म में गरूंडी सिंह नाम से पुकारे जाते हैं.

फिल्म में हिंदी भाषा का कम पंजाबी का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है. वेब सीरीज में डायरेक्टर की ही तरह इस के स्क्रीन प्ले लिखने वाले भी कमजोर साबित हुए, जिस को गुंजित चोपड़ा और दिग्गी सिसोदिया ने लिखा है. दर्शकों के दिमाग में कोई डायलौग घर कर जाए, ऐसा वेब सीरीज में कुछ भी नहीं है. यहां डायरेक्टर ने दर्शकों के सामने सिर्फ अभद्र गालियां परोसी हैं वह भी पंजाबी भाषा में लिखी गई है. जबकि वेब सीरीज डायलौग के कारण सुर्खियां बटोरती हैं.

वेब सीरीज के पहले एपिसोड में डायरेक्टर की दूसरी बड़ी भूल उजागर हुई है. विदेश से आए पौल का कमरा फिल्माते वक्त यह उजागर हुआ है. वेब सीरीज के पहले एपिसोड में साफ हो जाता है कि पौल और उस के दोस्त के बीच मर्डर में सीधा कनेक्शन है, लेकिन गफलत पैदा करने के लिए उस के कमरे में लडक़ों के जूतों के साथ लडक़ी के शूज भी दिखाए जाते हैं.

पूरी वेब सीरीज और पुलिस तफ्तीश में डायरेक्टर यह साफ नहीं कर पाए कि वह शूज किस के थे और कैसे वहां पहुंचे. मतलब पुलिस जांच को भी डायरेक्टर ने काफी हलके में लिया.

जबरिया डाले सेक्स सीन

भटकी हुई कहानी और डायरेक्शन के नाम पर पहले एपिसोड में डायरेक्टर रणदीप झा ने फिर जबरिया सेक्स सीन डाल दिया. यह सीन पहले ही एपिसोड के 22 मिनट बाद अचानक दर्शकों के सामने आ जाता है. इस में लाश मिलने के बाद फिल्म की शुरुआत में मौके पर पहुंचने वाले गरूंडी सिंह को आलिंगनबद्ध दिखाया गया है.

वह जिस के साथ सेक्स कर रहे होते हैं, उस महिला के बारे में पहले एपिसोड में कोई सीन ही नहीं हैं, जिस से यह पता चल सके कि संभोग कर रही महिला कौन है और वह पुलिस अधिकारी के साथ ऐसा क्यों कर रही है. जबरिया मिस्ट्री पैदा करने का यहां डायरेक्टर ने प्रयास किया. वेब सीरीज के दूसरे एपिसोड में वह फिल्म में फिर आती है और पता चलता है कि सेक्स करने वाले पुलिस अधिकारी की वह भाभी है.

वेब सीरीज देखने से साफ है कि डायरेक्टर से सामाजिक बुराई वाला यह घिनौनी मानसिकता को दर्शाने वाला सीन डाला गया है. ऐसा डायरेक्टर ने सीरीज को लंबा करने के लिए किया है, यह साफ पता चलता है. गरूंडी सिंह की जब पुलिस में नौकरी लगती है, तब उस का बड़ा भाई रिश्वत देने के लिए 5 लाख रुपए देता है. वह भी इस लालच के साथ कि वह पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कभी नहीं कराएगा.

बदले में उस का बड़ा भाई पत्नी को हमबिस्तर होने के लिए राजी करता है. ऐसा करने पर उस की पत्नी फिल्म में विरोध भी नहीं करती है. यानी भारतीय संस्कृति को डायरेक्टर ने विकृत करने के उद्देश्य से अपने गंदे नजरिए को दर्शकों पर थोप दिया है. वेब सीरीज में दूसरे एपिसोड तक यह साफ नहीं होता है कि देवरभाभी के अवैध रिश्तों पर यह फिल्म बनी है या फिर हत्याकांड को सुलझाने के विषय पर इसे बनाया गया है.

पूरे एपिसोड में शराब का सेवन बहुतायत में दिखाया गया है. कहानी में शराब पीने को ले कर भी कोई ठोस विषय की कमी दिखाई देती है. वेब सीरीज में सीनियर अधिकारी बने बलवीर सिंह की कहानी भी डायरेक्टर ने हास्यास्पद तरीके से दर्शकों को थोप दी.

फ्लैशबैक में बलवीर सिंह को पत्नी को प्रताडि़त करने के आरोपों से घिरा दिखाया गया है. उस के खिलाफ पुलिस केस होने के बावजूद अधिकारी बनने की डायरेक्टर ने अपने खुराफाती दिमाग से प्रस्तुत किया है. भरती के लिए बलवीर सिंह एक मंत्री के कहने पर केस को रफादफा करते हुए दिखाया गया है. डायरेक्टर मंत्री और पुलिस अधिकारी के बीच कनेक्शन को प्रदर्शित करने में नाकाम साबित हुए हैं.

यदि आप चुइंगम चबाते हैं तो एक समय बाद वह फीकी हो जाती है. ऐसा ही बेव सीरीज ‘कोहरा’ में आप को देखने को मिलेगा. सीनियर पुलिस अधिकारी और मंत्री के बीच रिश्तों को सही तरीके से बताने में फेल हुए डायरेक्टर रणदीप झा फिर जबरिया हास्यास्पद मोड़ लाने का प्रयास करते हैं. मंत्री और पुलिस अधिकारी के बीच डील दिखाई गई है.

सीरीज में सस्पेंस का दिखा अभाव

‘कोहरा’ वेब सीरीज देखने के बाद लगता है कि डायरेक्टर के पास पैसों की तंगी आ गई थी, क्योंकि पूरे एपिसोड में मंत्री दर्शकों को तलाशने पर भी नहीं मिलेगा. उस के पात्र को बलवीर सिंह मुंहजुबानी बताता है, जिस से फिल्म में बजट की कमी उजागर हो गई. मंत्री और पुलिस अधिकारी की डील के बाद कहानी फिर खींची गई है. दरअसल, पुलिस अधिकारी का एक खबरी दिखाया गया है.

खबरी के भी फिल्म में सिर्फ 2 सीन रखे हैं. उसे मारने की सुपारी मंत्री ही देता है. ऐसा उस से इसलिए कराया जाता है कि पुलिस का खबरी मंत्री के काले कारनामों की जानकारी रखता था. जिस के चलते उसे एनकाउंटर में मारा जाना दिखाया गया है.

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